Jaipur, Rajasthan:नोट— खबर की फीड 27 जुलाई के ओएफसी पर TEEJ_BT स्लग से भेजे गए
दामोदर प्रसाद
जयपुर
एंकर— राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी जयपुर में आज कुछ अलग हुआ,,,,, हरियाली तीज महोत्सव-2025 की शोभायात्रा केवल एक धार्मिक रस्म नहीं रही—यह लोक संस्कृति, महिला शक्ति और सामाजिक सहभागिता का जीवंत संगम बन गई,,,,, तीज माता की सवारी जब सिटी पैलेस के जनानी ड्योढ़ी से निकलकर त्रिपोलिया और चौगान स्टेडियम होते हुए तालकटोरा पहुंची, तो ऐसा प्रतीत हुआ मानो परंपराएं खुद चल पड़ी हो,,,,, साथ में थे लोक कलाकार, महिलाएं, श्रद्धालु, बच्चे, और वे सब जो सिर्फ दर्शक नहीं संस्कृति के हिस्सेदार थे,,,,,,
पीढ़ियों से चली आ रही विरासत को मंच—
राजस्थान की धरती पर परंपरा ने जब लोक संस्कृति का हाथ थामा, तब जन्म हुआ एक ऐसे पर्व का, जिसने न केवल श्रद्धा को सजाया, बल्कि लोक जीवन को नए सिरे से अर्थ दिया,,,,, हरियाली तीज महोत्सव-2025 के तहत सिटी पैलेस के जनानी ड्योढ़ी से निकली तीज माता की सवारी अब महज एक धार्मिक आयोजन नहीं रही यह बन गई है सांस्कृतिक पुनर्संवाद की जीवंत मिसाल,,,,, सैकड़ों लोक कलाकारों ने सिर्फ प्रस्तुति नहीं दी, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही विरासत को मंच दिया,,,,, कहीं कच्छी घोड़ी की थाप पर कदम थिरकते दिखे, तो कहीं कालबेलिया और चरी नृत्य ने पर्यटकों की आँखों में चमक भर दी,,,,, यह रंग-रूप, गीत-संगीत केवल मनोरंजन नहीं थे, वे संस्कृति की जीवित कड़ियाँ थीं, जो जयपुर की गलियों से गुजरते हुए पूरे राजस्थान को जोड़ रही थी,,,,, कालबेलिया, कच्छी घोड़ी, गैर, बहुरूपिया, कठपुतली इन पारंपरिक प्रस्तुतियों ने तीज की शोभा को रंगों से भर दिया,,,,, लेकिन ये रंग केवल आँखों के लिए नहीं थे, ये आत्मा की स्मृति थे, जो पीढ़ियों से चली आ रही हैं,,,,, राजू भाट, तेजपाल नागौरी और सपेरा पूरणनाथ जैसे नाम अब केवल कलाकार नहीं, जीवित विरासत हैं जो हर बार मंच पर आकर हमारी जड़ों की याद दिलाते हैं,,,,,
छोटी चौपड़ पर तीज माता की महाआरती—
हरियाली तीज के पावन अवसर पर राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय तीज महोत्सव में पारंपरिक रंगों, लोक कलाओं और श्रद्धा से सजी तीज माता की शोभायात्रा ने जयपुरवासियों सहित देशी-विदेशी पर्यटकों को भाव विभोर कर दिया,,,,, राज्यपाल हरिभाऊ बागडे की उपस्थिति में छोटी चौपड़ पर महाआरती का आयोजन हुआ,,,,, उपमुख्यमंत्री एवं पर्यटन, कला एवं संस्कृति मंत्री दिया कुमारी ने तीज माता की आरती कर वातावरण को आध्यात्मिक आभा से भर दिया,,,,,, इस आयोजन में सबसे सशक्त दृश्य था महिलाओं की भागीदारी,,,,,, पारंपरिक लहरिया में सजी, सिर पर कलश और हाथों में लोक गीतों की लय थामे, जब महिलाएं झांकियों के रूप में चलीं, तो लगा मानो स्त्री शक्ति ने संस्कृति को अपनी गोद में उठा लिया हो,,,,,, महिला पंडितों द्वारा संपन्न तीज माता पूजन ने सामाजिक मान्यताओं को एक नई दिशा दी जहां परंपरा और प्रगतिशीलता एक-दूसरे में समाहित होती दिखी,,,,,इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक, वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे,,,,,
फाइनल वीओ-
इस आयोजन की खास बात रही इसका व्यापक प्रसारण 200 स्थानों पर बड़ी स्क्रीन और टीवी प्रसारणों ने इसे एक नगर का नहीं, पूरे राजस्थान का पर्व बना दिया,,,,,, हर गली, हर घर में एक-सी धड़कन महसूस हुई जैसे जयपुर की सड़कों पर निकली तीज माता, हर घर में प्रवेश कर चुकी हो,,,,, तीज महोत्सव-2025, इस बार सिर्फ एक त्योहार नहीं था यह एक संवाद था परंपरा और भविष्य के बीच, एक सेतु था ग्रामीण लोक और शहरी मन के बीच, और एक अवसर था आत्मा से जुड़ने का, उस जड़ से, जिसे हम अक्सर व्यस्त जीवन में भूल जाते हैं,,,,,,
बाइट— वासुदेव देवनानी, अध्यक्ष विधानसभा राजस्थान
बाइट— सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री उत्तराखंड
बाइट— दिया कुमारी, उपमुख्यमंत्री राजस्थान (कृपया काटकर चलाएं)