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बलरामपुर में मिलावटी मिठाइयों का बड़ा पर्दाफाश, दो फैक्ट्रियों में गंदगी का खुलासा
PTPawan Tiwari
Oct 15, 2025 07:35:11
Balrampur, Uttar Pradesh
बलरामपुर जनपद के उतरौला क्षेत्र में दो फैक्ट्रियों में बनाई जा रही सस्ती और मिलावटी मिठाइयों का सच जी मीडिया की पड़ताल में सामने आया है। खुफिया कैमरे में कैद हुई तस्वीरें और वीडियो यह दिखा रहे हैं कि किस तरह भारत स्वीट्स और क्वालिटी स्वीट्स नामक दो फैक्ट्रियों में गंदगी के बीच मिठाइयां तैयार की जा रही हैं। क्वालिटी स्वीट्स की जो फैक्ट्री चल रही है वहां पर काफी मात्रा में गंदगी है किसी प्रकार की कोई साफ सफाई नहीं है इसके साथ ही उसी के बगल में मुर्गी फार्म संचालित हो रहा है। यह फैक्ट्री बिना किसी बोर्ड और सूचनाओं के संचालित की जा रही है।
फैक्ट्री में काम करने वाले वर्कर्स ने खुद माना कि अभी बनाई जा रही मिठाइयां खाने योग्य नहीं हैं। उनका कहना था कि “जब बनकर तैयार हो जाएगी तब ही खाने लायक होगी।” लेकिन इन तस्वीरों और हालातों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन दूषित मिठाइयों का स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। पड़ताल के दौरान पहले संचालक कुछ बताने से इनकार किया फिर बाद में जब विश्वास हो गया कि यह लोग व्यापारी है तब बताया कि डर लगा रहता है कि कही अधिकारी तो नहीं आ गए। जब हमने पूछा कि कही यह माल पकड़ा न जाए तो उसने बताया कि कोई दिक्कत नहीं है अब जांच हो गया है कोई नहीं आएगा।
जी मीडिया की पड़ताल में सामने आया कि इन दोनों फैक्ट्रियों में छेना पेड़ा, कलाकंद और बतीसा जैसे अन्य मिठाई उत्पाद बहुत सस्ते दामों में तैयार किए जा रहे हैं। कलाकंद और छेना की कीमत 80 प्रति किलो जबकि बतीसा 85 प्रति किलो है। फैक्ट्री में बनाए गए इन उत्पादों पर ना तो निर्मित दिनांक और ना ही एक्सपायरी डेट अंकित की गई है, जो खाद्य सुरक्षा नियमों के अनुसार गैरकानूनी है।
हैरानी की बात यह है कि भारत स्वीट्स पर एक दिन पहले भी दूषित मिठाइयों के मामले में कार्रवाई की जा चुकी है। कुछ दूषित मिठाइयों को नष्ट कराया जा चुका है।इसके बावजूद संचालक बिना किसी रोक-टोक के फिर से वही काम शुरू कर चुके हैं। फैक्ट्रियों में मौजूद मिठाइयों की मात्रा लगभग 50 कुंतल बताई जा रही है।
स्थानीय लोग चिंता जता रहे हैं कि इनके द्वारा बनाई गई ये मिलावटी मिठाइयां सीधे बच्चों और परिवारों की सेहत को प्रभावित कर सकती हैं। ग्रामीणों का कहना है, “हमारे बच्चे कैसे जिए, भूखे नहीं रह सकें, लेकिन अब जो मिठाइयां मिल रही हैं, वह तो नुकसान ही पहुंचा सकती हैं।”खाद्य सुरक्षा विभाग और प्रशासन को चाहिए कि वे तुरंत इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच और कार्रवाई तेज करें, ताकि लोगों की सेहत पर खतरा न बढ़े。
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