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Baghpat250609

बागपत में I LOVE MOHAMMAD बाइक चालान: नंबर प्लेट और पार्किंग कारण बताए

KCKULDEEP CHAUHAN
Oct 08, 2025 04:45:49
Baghpat, Uttar Pradesh
बागपत में I LOVE MOHAMMAD लिखी बाइक का ट्रैफिक चालान चर्चा का विषय बना हुआ है। चालान का विरोध करते हुए बाइक मालिक ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया जो अब सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग हो रहा है। इसके बाद बागपत पुलिस ने ट्वीट कर सफाई दी है। पुलिस का कहना है कि 'I LOVE MOHAMMAD' लिखने के कारण नहीं, बल्कि गलत नंबर प्लेट व गलत पार्किंग के चलते चालान किया गया था। वायरल वीडियो में दिख रहा पुलिस कर्मी भी लाइन हाजिर कर दिया गया है, जिसकी जानकारी पुलिस विभाग ने ट्वीट कर दी है। मोहम्मद लिखी बाइक के चालान को लेकर सोशल मीडिया पर घमासान मचा हुआ है। बताय़ा जा रहा है कि बागपत में एक युवक की बाइक पर 'I LOVE MOHAMMAD' लिखा था। ट्रैफिक पुलिस ने उस बाइक का 7500 रुपए चालान कर दिया। लेकिन मामला तब बढ़ा जब बाइक मालिक ने पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए पूरा वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। वीडियो वायरल होते ही लोगों में नाराज़गी और सवाल उठने लगे—क्या वाकई 'I LOVE MOHAMMAD' लिखने पर हुआ चालान? विवाद बढ़ता देख पुलिस हरकत में आई। बागपत पुलिस ने देर शाम अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से सफाई दी। पुलिस का दावा है कि 'I LOVE MOHAMMAD' लिखने की वजह से नहीं, बल्कि नंबर प्लेट में गड़बड़ी और गलत पार्किंग के चलते बाइक का चालान किया गया था। हालांकि, मामले के हाइलाइट होने के बाद संबंधित पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। यानी अब बागपत पुलिस ने खुद इस विवादित चालान की जांच शुरू कर दी है। वहीं सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं—कुछ लोग पुलिस की कार्रवाई को सही बता रहे हैं, तो कुछ इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़ रहे हैं。
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RSRandhir Singh
Oct 08, 2025 07:16:06
Ghatshila, Jharkhand:घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के साथ भाजपा और झामुमो नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। झामुमो प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने मंच से भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए हमला किया। भाजपा जिलाध्यक्ष चंडीचरण साव ने झामुमो के बयान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि चंपाई सोरेन झारखंड के निर्माण में अग्रणी रहे नेता हैं और उनके संघर्ष के कारण झारखंड बना। साव ने आरोप लगाया कि जब शिबू सोरेन दिल्ली अस्पताल में भर्ती थे, तब कुणाल ने क्या किया, यह बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुणाल देशद्रोही जैसी भाषा बोलते हैं और अगर उन्हें भाजपा से इतनी नफरत थी तो पार्टी से जुड़े रहने का क्या लाभ था। साव ने कहा कि कुणाल ने पहले चुनाव लड़ते हुए 60 हजार वोट हारे थे और यह हार उनके व्यक्तिगत छवि की थी। वर्ष 201X के विधानसभा चुनाव के दौरान कुणाल ने बीहरागोड़ा में रथयात्रा निकाली और विधायक समीर मोहंती के खिलाफ अनगिनत बयानबाजी की। इसके बाद वे समीर के पीछे-पीछे घूमने लगे। पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष सौरव चक्रवर्ती ने भी कुणाल षाड़ंगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि चंपाई सोरेन उनके पिता के उम्र के नेता हैं और कुणाल को मुद्दों पर बात करनी चाहिए। चक्रवर्ती ने कहा कि घाटशिला की मुख्य सड़क, रोज़गार, पर्यटन, स्वास्थ्य आदि के विकास के बारे में भी स्पष्ट जवाब देने चाहिए। झामुमो के लोग पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के घाटशिला में सक्रिय होने से घबरा गए हैं।
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NPNavratan Prajapat
Oct 08, 2025 07:15:18
Churu, Rajasthan:चूरू जिले के रतनगढ़ में ट्रेन से महिला के पर्स चोरी के मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है। जीआरपी ने चोरी के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। ASI कुलदीप ने बताया कि 28 जून 2024 को नीमच निवासी शबनम कुरैशी माहमना एक्सप्रेस में बीकानेर जा रही थी जब श्रीडूंगरगढ़ के पास उसने अपना हैंडबैग संभाला, पर वह गायब हो गया। बैग में सोने की बालियां, 10 हजार रुपए नकद एवं मोबाइल फोन था। इसके बाद जीआरपी ने अज्ञात चोर के खिलाफ मामला दर्ज किया। गिरफ्तार व्यक्ति भोपाल के Ayodhya नगर निवासी 20 वर्षीय अतुल विश्वकर्मा ने किया है, जिसे अदालत में पेश करने के बाद एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
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STSumit Tharan
Oct 08, 2025 07:06:31
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HSHITESH SHARMA
Oct 08, 2025 07:05:46
Durg, Chhattisgarh:एंकर-दुर्ग से इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही है जहां भिलाई स्टील प्लांट के ठेका श्रमिकों को अब तक दीपावली का बोनस नहीं मिल पाया है इससे पूर्व यह बोल हर साल दशहरे के समय मिल जाया करता था लेकिन प्लांट पर उदासीन रवैया के कारण ठेका श्रमिकों के हाथ अभी खाली है इसके बाद ट्रेड यूनियन कर्मियों ने एक बार फिर बोरिया गेट पर सैकड़ो की संख्या में उपस्थित होकर इस्पात प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारे लगाए ट्रेड यूनियन के नेता संजय साहू का कहना है की एशिया के सबसे बड़े स्टील प्लांट भिलाई स्टील प्लांट में 70% ठेका मजदूर काम करते हैं जिन मजदूरों के कारण प्लांट लगातार प्रॉफिट में है भिलाई स्टील प्लांट में 70% योगदान ठेका मजदूरों का है लेकिन इन ठेका मजदूरों को अब तक दिवाली का बोनस नहीं मिला है प्लांट में अन्य सभी एंप्लोई को बोनस मिल गया है लेकिन अभी तक ठेका श्रमिकों को बोनस नहीं मिल पाया है इस लिए भिलाई स्टील प्लांट के ठेका श्रमिकों को 20% बोनस जल्द स्व जल्द दिया जाए और यदि दिवाली के पहले ठेका श्रमिकों को बोनस नहीं दिया गया तो आने वाले समय में ठेका श्रमिक हड़ताल पर भी जा सकते हैं.बाइट- संजय साहू (ट्रेड यूनियन नेता)
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PGPiyush Gaur
Oct 08, 2025 07:05:29
Ghaziabad, Uttar Pradesh:बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद प्रवासी बिहारी मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। चुनाव आयोग ने बताया है कि पहले चरण का मतदान 6 नवंबर, जबकि दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। गाजियाबाद और आसपास के इलाकों में काम करने वाले प्रवासी बिहारी मजदूरों व कर्मचारियों ने कहा कि वे इस बार किसी भी कीमत पर अपने गृह राज्य जाकर मतदान जरूर करेंगे। लोगों का कहना है कि लोकतंत्र के इस महापर्व में उनकी भागीदारी जरूरी है और वे अपने मत का प्रयोग कर “विकास की राजनीति” को आगे बढ़ाना चाहते हैं। महिलाओं में भी मतदान को लेकर उत्साह गाजियाबाद में रहने वाली कई प्रवासी महिलाओं ने कहा कि इस बार वे खुद वोट डालने जाएंगी। उनका मानना है कि विकास, शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर ही सही सरकार का चुनाव होना चाहिए。 रोजगार अब भी बड़ा मुद्दा मतदाताओं کا कहना है कि बिहार में रोजगार के साधनों की कमी आज भी सबसे बड़ी समस्या है, जिसके कारण उन्हें दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ता है। कई लोगों ने कहा कि अगर बिहार में रोजगार उपलब्ध कराया जाए, तो वे वहीं रहना पसंद करेंगे。 एक प्रवासी ने कहा, “पिछले कुछ सालों में विकास कार्य जरूर हुए हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी है।” तेजस्वी पर तंज, नीतीश पर भरोसा लोगों ने कहा कि इस बार भी “सुशासन बाबू” नीतीश कुमार उनकी पहली पसंद बने हुए हैं। वहीं, तेजस्वी यादव की छवि को लेकर मतदाताओं में संदेह दिखा। कुछ ने कहा, “हम आठवीं पास को वोट नहीं देंगे, पढ़े-लिखे व्यक्ति को ही चुनेंगे।” हालांकि, प्रशांत किशोर के मैदान में उतरने को लेकर लोगों ने माना कि वे कुछ वोट जरूर काटेंगे, पर बड़ा असर नहीं डाल पाएंगे。 राहुल गांधी के आरोपों को बताया निराधार कई मतदाताओं ने कहा कि बिहार में “वोट चोरी” जैसा कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। उन्होंने राहुल गांधी के आरोपों को “बिना सबूत और निराधार” बताते हुए कहा कि “जनता अब समझदार है, झूठे वादों में नहीं फंसने वाली。” कुल मिलाकर, गाजियाबाद में रह रहे प्रवासी बिहारी इस बार ‘विकास बनाम वादों’ के बीच अपने मताधिकार का प्रयोग करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं।
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RBRAKESH BHAYANA
Oct 08, 2025 07:04:37
Panipat, Haryana:बिहार में बदली सियासी गणित — जन सुराज बना खेल बिगाड़ने वाला फैक्टर! बिहार तय करेगा दिल्ली की राजनीति की दिशा — सियासी जंग में नया मोर्चा हजारों बिहारी लौटेंगे वोट डालने — लोकतंत्र के प्रति जागरूक जनता! वोट चोरी का मुद्दा बकवास — जनता बोले, जो काम करेगा वही जीतेगा! बिहार में इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक तापमान तेज़ हो चुका है। जब देश के अन्य हिस्सों में चुनावी हलचल नहीं होती, उस समय बिहार की राजनीति पूरे जोश में नजर आती है। इस बार का चुनाव दो चरणों में होगा, और सबसे बड़ा बदलाव जो देखने को मिल रहा है, वह है प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का उभार। जन सुराज पार्टी ने बिहार की पारंपरिक राजनीति में एक नई लहर पैदा की है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार बिहार में मुकाबला सिर्फ एनडीए बनाम महागठबंधन का नहीं, बल्कि जन सुराज बनाम सभी पार्टियों का होगा। जनता बोले — “अबकी बार विकास वाला सरकार” ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान लोगों ने साफ कहा कि इस बार जनता जाति या पार्टी नहीं, बल्कि काम और विकास के मुद्दे पर वोट देने जा रही है। एक मतदाता ने कहा, प्रशांत किशोर जी ही इस बार निर्णायक भूमिका निभाने वाले हैं। उनकी पार्टी की सीटें काफी बढ़ सकती हैं। वो चाहे विपक्ष में रहें या पक्ष में, बिहार की राजनीति में उनका असर दिखेगा। दूसरे युवक ने कहा, जो अच्छा काम करेगा वही जीतेगा। हमें रोजगार चाहिए। जन सुराज पार्टी और बीजेपी — दोनों ने रोजगार पर बात की है। लेकिन आख़िरी पल में माहौल देखकर ही वोट देंगे। बस इतना चाहते हैं कि बिहार का विकास हो। रोजगार बना मुख्य मुद्दा बिहार के युवाओं के लिए सबसे बड़ा सवाल आज भी रोजगार का है। एक युवा ने कहा, हम तो सरकार से यही मांग करते हैं कि बिहार में रोजगार बढ़ाया जाए। ताकि हमें अपने राज्य में ही काम मिल सके, बाहर न जाना पड़े। जनता का मानना है कि बिहार में अब तक किसी भी सरकार ने स्थायी रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर पर पर्याप्त काम नहीं किया। पारंपरिक पार्टियों पर जनता की राय बिहार की राजनीति में अब भी नीतीश कुमार को एक ईमानदार मुख्यमंत्री माना जा रहा है, लेकिन प्रशांत किशोर के आने से समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। लोगों का कहना है कि अब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों के सामने नई चुनौती है। एक मतदाता के अनुसार, नीतीश जी में कोई शक नहीं है, लेकिन प्रशांत किशोर के आने से उनके लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। लालू और तेजस्वी की हवा अब नहीं रही। इस बार एनडीए को बहुमत मिल सकता है। वहीं एक महिला मतदाता ने कहा, अब नीतीश जी जीते या लालू जी, हमें तो कुछ फर्क नहीं पड़ता। आम लोगों को अब तक कुछ खास मिला नहीं। प्रवासी बिहारी भी लौटेंगे वोट डालने प्रवासी कामगारों में भी इस बार वोट डालने को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। लोगों ने बताया कि “हजारों की संख्या में लोग गाँव लौटेंगे और मतदान में हिस्सा लेंगे।” छठ पूजा के बीच चुनावी तारीखें आने के बावजूद लोग इसे लोकतंत्र का पर्व मानते हुए वोट डालने का मन बना चुके हैं。 वोट चोरी के आरोपों पर जनता ने कहा — “सब बकवास है” वोट चोरी के मुद्दे पर जनता का कहना है कि यह केवल राजनीतिक बयानबाज़ी है। एक मतदाता ने कहा, वोट चोरी जैसी कोई बात नहीं है। राहुल गांधी ऐसे मुद्दे बनाते रहते हैं। जो पार्टी अच्छा काम करेगी, वही वापस आएगी। बिहार तय करेगा देश की राजनीति की दिशा बिहार की जनता मानती है कि यूपी और बिहार दो ऐसे राज्य हैं जो केंद्र की राजनीति की दिशा तय करते हैं। लोगों का कहना है कि बिहार का यह चुनाव केवल राज्य का नहीं, बल्कि देश की राजनीति का सेमीफाइनल साबित होगा。 बहरहाल बिहार की सियासत इस बार विकास और रोजगार जैसे असल मुद्दों पर केंद्रित दिख रही है। जहाँ एक ओर नीतीश कुमार अपनी ईमानदार छवि के साथ मैदान में हैं, वहीं तेजस्वी यादव परफॉर्मेंस साबित करने की कोशिश में जुटे हैं। लेकिन सबसे दिलचस्प भूमिका निभाने जा रहे हैं प्रशांत किशोर, जिनकी जन सुराज पार्टी ने चुनावी मैदान में नया समीकरण बना दिया है。 Vox pox राकेश भयाना
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