Back
उम्मीद पोर्टल से वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता, विवाद बना सवाल
AVArun Vaishnav
Nov 06, 2025 13:24:22
Jaipur, Rajasthan
उम्मीद” से क्या “उम्मीद” बनेगी? — वक्फ संपत्तियों के डिजिटल पंजीकरण पर नई बहस
जयपुर
केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए “उम्मीद (UMEED) पोर्टल” और वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लागू किया है।
सरकार का दावा है कि यह पहल वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग, अवैध कब्ज़ों और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
लेकिन सवाल यह भी है — “उम्मीद से आखिर क्या उम्मीद बनेगी?”
क्या भू-mाफियाओं से वक्फ संपत्तियाँ वाकई वापस मिलेंगी और उनका लाभ गरीबों तक पहुँचेगा, या यह भी सिर्फ एक कागज़ी सुधार साबित होगा?
उम्मीद’ पोर्टल क्या है?
UMEED’ का पूरा नाम है — Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency and Development, यानी एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास।
इस पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों का ऑनलाइन पंजीकरण, जियो-टैगिंग, यूनिक आईडी और रिकॉर्ड अपडेट अनिवार्य किया गया है।
अब मुतवल्ली (Waqf Caretaker) या संबंधित अधिकारी को संपत्ति का पूरा विवरण ऑनलाइन अपलोड करना होगा।
केंद्र सरकार के फायदे में 6 प्रमुख बिंदु — नया वक्फ बिल 2025
1. डिजिटल रिकॉर्डिंग:
हर वक्फ संपत्ति का डेटा अब डिजिटल रूप में दर्ज होगा — फर्जी दावों और दोहरी रजिस्ट्रेशन पर रोक लगेगी।
2. जियो-टैगिंग अनिवार्य:
वक्फ भूमि का सटीक लोकेशन डेटा उपलब्ध रहेगा, जिससे कब्ज़ा या अतिक्रमण की पहचान आसान होगी।
3. पारदर्शिता और ट्रैकिंग:
वक्फ आय (rent, donation, lease) की निगरानी ऑनलाइन की जा सकेगी — misuse पर कार्रवाई संभव।
4. केंद्र–राज्य समन्वय:
पोर्टल के ज़रिए राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय मंत्रालय के बीच सीधा डेटा लिंक रहेगा।
5. तीन-स्तरीय सत्यापन:
Maker–Checker–Approver सिस्टम के तहत संपत्ति का पंजीकरण पूरी तरह जांचा-परखा जाएगा।
6. गरीबों के हित में उपयोग:
सरकार का दावा है कि इस सिस्टम से वक्फ संपत्तियों की आमदनी वास्तव में शिक्षा, स्वास्थ्य और अल्पसंख्यक कल्याण में इस्तेमाल होगी।
वक्फ बोर्ड کا मत
“उम्मीद पोर्टल वक्फ संपत्तियों के लिए एक पारदर्शी सिस्टम तैयार करेगा। अब हर जमीन की यूनिक आईडी बनेगी और गलत रजिस्ट्रेशन पर रोक लगेगी।”
लेकिन ज़मीनी हकीकत अब भी चुनौती
कई मुतवल्ली और स्थानीय धार्मिक ट्रस्ट इसे जटिल मान रहे हैं।
पुराने दस्तावेज़, सीमांकन और रिकॉर्ड के अभाव में कई जगहों पर पंजीकरण रुका हुआ है।
और सबसे अहम सवाल यही है —
क्या भू-माफियाओं से वक्फ की संपत्तियाँ मिलते ही गरीबों तक इसका असली फायदा पहुँचेगा?
या फिर “उम्मीद” सिर्फ एक ऑनलाइन पोर्टल बनकर रह जाएगी?
नतीजा
सरकार ने समयसीमा तय की है कि सभी मौजूदा वक्फ संपत्तियाँ जल्द से जल्द “उम्मीद पोर्टल” पर दर्ज होंगी।
अब देखने वाली बात यह होगी कि तकनीक और नीयत — दोनों मिलकर क्या वक्फ की जमीनी तस्वीर बदल पाएँगी?
क्योंकि सवाल अब भी कायम है — “उम्मीद” से आखिर कितनी “उम्मीद” की जा सकती है?
13
Report
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|
Advertisement
RKRANJAN KUMAR
FollowNov 06, 2025 15:16:070
Report
ASASHISH SHRIVAS
FollowNov 06, 2025 15:15:460
Report
DTDinesh Tiwari
FollowNov 06, 2025 15:15:330
Report
BSBhanu Sharma
FollowNov 06, 2025 15:15:180
Report
AAASHISH AMBADE
FollowNov 06, 2025 15:10:060
Report
KCKhem Chand
FollowNov 06, 2025 15:09:461
Report
2
Report
KHKHALID HUSSAIN
FollowNov 06, 2025 15:09:082
Report
JPJai Pal
FollowNov 06, 2025 15:08:392
Report
JPJai Pal
FollowNov 06, 2025 15:08:224
Report
ASArvind Singh
FollowNov 06, 2025 15:08:031
Report
AMALI MUKTA
FollowNov 06, 2025 15:07:561
Report
JPJai Pal
FollowNov 06, 2025 15:07:411
Report
JPJai Pal
FollowNov 06, 2025 15:07:202
Report
RVRajat Vohra
FollowNov 06, 2025 15:07:033
Report