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Jaipur302006

फरवरी-मार्च टकराव में राजस्थान बोर्ड भर्ती परीक्षाएं स्थगित

DTDinesh Tiwari
Dec 23, 2025 06:15:46
Jaipur, Rajasthan
जयपुर प्रदेश में फरवरी–मार्च माह में आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तिथियां आपस में टकरा गई हैं। इस स्थिति में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को तीन बड़ी भर्ती परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी हैं। चयन बोर्ड ने इन परीक्षाओं का शेड्यूल करीब छह माह पहले ही जारी कर दिया था, लेकिन अब बोर्ड परीक्षाओं के कार्यक्रम के चलते स्थिति बदल गई है। दरअसल, नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत 1 अप्रैल से प्रस्तावित होने के कारण राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस बार बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में आयोजित करने का निर्णय लिया है। बोर्ड के अनुसार कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 12 फरवरी से शुरू होकर 11 मार्च तक चलेंगी। इसी अवधि में कर्मचारी चयन बोर्ड की कई प्रतियोगी परीक्षाएं पहले से तय थीं, जिससे लाखों अभ्यर्थियों के सामने परीक्षा टकराव की समस्या खड़ी हो गई। चयन बोर्ड द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) स्नातक स्तर की परीक्षा 20 से 22 फरवरी के बीच आयोजित होनी थी। इसके अलावा प्रयोगशाला सहायक भर्ती परीक्षा 22 फरवरी तथा कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा 8 मार्च को प्रस्तावित थी। लेकिन शिक्षा विभाग की स्कूली बोर्ड परीक्षाओं की तिथियों से सीधा टकराव होने के कारण इन तीनों भर्तियों को स्थगित करना पड़ा है। चयन बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज ने स्पष्ट किया कि बोर्ड परीक्षाओं के बीच प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन संभव नहीं है। बड़ी संख्या में परीक्षा केंद्र और शिक्षक बोर्ड परीक्षाओं में व्यस्त रहते हैं, ऐसे में एक साथ दोनों तरह की परीक्षाएं कराना प्रशासनिक रूप से कठिन हो जाता है। इसके साथ ही अभ्यर्थियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि कई उम्मीदवार बोर्ड परीक्षा व्यवस्था से जुड़े होते हैं। विशेष रूप से प्रयोगशाला सहायक भर्ती परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में नाराजगी देखी जा रही है। यह परीक्षा दूसरी बार स्थगित की गई है। इससे पहले इसकी तिथि 2 नवंबर तय थी, लेकिन उस दिन ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा होने के कारण इसे टाल दिया गया था। बाद में नई तिथि 22 फरवरी घोषित की गई, जिसे अब एक बार फिर आगे बढ़ाना पड़ेगा। चयन बोर्ड ने भरोसा दिलाया है कि स्थगित की गई सभी परीक्षाओं की नई तिथियां जल्द घोषित की जाएंगी।
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YNYogesh Nagarkoti
Dec 23, 2025 07:47:29
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RRRakesh Ranjan
Dec 23, 2025 07:45:41
Noida, Uttar Pradesh:लोकेशन अल्मोड़ा एंकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी अल्मोड़ा के दो दिवसीय दौरे पर हैं। अपने दौरे के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने अल्मोड़ा जनपद के विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल और कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर रानीखेत में मॉर्निंग वॉक के दौरान स्थानीय लोगों से और पर्यटकों से बातचीत की। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पर्यटकों से उनकी यात्रा को लेकर फीडबैक लिया और पर्यटन को लेकर सुझाव भी पर्यटकों से लिए। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने रानीखेत में टी स्टॉल पर स्थानीय लोगों से चाय पीते हुए चर्चा की। इस दौरान चाय की चुस्कियां लेते हुए मुख्यमंत्री नए स्थानीय लोगों की समस्याओं और प्रशासनिक विकास कार्यों पर भी बातचीत की।
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ADAjay Dubey
Dec 23, 2025 07:45:18
Singrauli, Madhya Pradesh:मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के बैढ़न कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत चाचर गांव में जमीनी विवाद को लेकर एक बार फिर दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष देखने को मिला। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में लाठी-डंडों से जमकर मारपीट हुई, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें नजदीकी ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसी जमीनी विवाद में पूर्व में पीड़ित पक्ष के पिता की मौत हो चुकी थी। इसके बाद पीड़ित परिवार वर्षों से न्याय की उम्मीद में सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटता रहा, लेकिन विवाद का स्थायी समाधान नहीं हो सका। कुछ वर्षों बाद वही पुराना विवाद फिर भड़क उठा और आज उसने हिंसक रूप ले लिया। घायल पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि पूरा मामला पटवारी की लापरवाही का नतीजा है। पीड़ितों का कहना है कि यदि पटवारी ने समय रहते निष्पक्ष और सही तरीके से दस्तावेजों का निपटारा किया होता, तो यह जमीनी विवाद और खूनी संघर्ष की नौबत ही नहीं आती। फिलहाल, शासन चौकी पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू कर दी है। दोनों पक्षों को जिला चिकित्सालय ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है जहां पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और जांच के बाद आगे की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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NSNeeraj Sharma
Dec 23, 2025 07:35:22
New Delhi, Delhi:नाबालिग को बेरहमी से पीटने का मामला पुलिसकर्मी पर नशे में धूत होने के आरोप कई घंटों के बाद भी नहीं कराया गया मेडिकल स्थान : लाल बाग राजधानी दिल्ली के थाना आदर्श नगर इलाके में नाबालिग की पुलिसकर्मी द्वारा पिटाई का मामला सामने आया है, पीड़ित परिवार ने 112 पर कॉल कर आलाधिकारियों को सूचना दी और कार्यवाही की मांग की, बेवजह निर्दोष को मारने पर थाने आदेश नगर पर महिलाओं का बड़ा हुजूम देखने को मिला जो की आलाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाने पहुंचे थे। पीड़ित परिवार का कहना है घंटों बीत जाने पर भी पुलिस ने नाबालिग का मेडिकल नहीं कराया और बस थाने। ए पीड़ित परिवार पर शिकायत वापिस लेने का लगातार दबाव बनाया जा रहा था।
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AMANIL MOHANIA
Dec 23, 2025 07:34:39
Nalhar, Haryana:अरावली संरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री के नाम सौंपा गया ज्ञापन, पर्यावरणविदों व सामाजिक संगठनों ने जताई कड़ी नाराजगी पर्यावरणविदों ने कहा इस नई परिभाषा से अरावली का लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र कानूनी संरक्षण से हो जाएगा बाहर, जिससे पर्यावरणीय संतुलन को होगा गंभीर खतरा उत्पन्न। फिरोजपुर झिरका अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर मिशन सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट तथा विभिन्न सामाजिक व पर्यावरण संगठनों के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक ज्ञापन एसडीएम लक्ष्मीनारायण को सौंपा। नवाब शमशुदीन स्टेडियम से शुरू हुए शांतिपूर्ण मार्च के बाद लघु सचिवालय परिसर पहुंचकर सौंपा गया। मार्च के दौरान पर्यावरण संरक्षण से जुड़े नारे लगाए गए और अरावली को बचाने की मांग उठाई गई। 20 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरावली पर्वतमाला की परिभाषा को लेकर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओइएफसीसी) के नेतृत्व वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार किए जाने के विरोध में सौंपा गया। नई परिभाषा के अनुसार स्थानीय भू-आकृति से 100 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाली भूमि को ही अरावली पर्वत श्रृंखला का हिस्सा माना जाएगा। पर्यावरणविदों का कहना है कि इस नई परिभाषा से अरावली का लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र कानूनी संरक्षण से बाहर हो जाएगा, जिससे पर्यावरणीय संतुलन को गंभीर खतरा उत्पन्न होगा। यह निर्णय वर्ष 1992 की अरावली अधिसूचना और एनसीआर प्लान 2021 के तहत दिए गए संरक्षण को कमजोर करता है। अरावली पर्वतमाला उत्तर भारत के लिए जल, जमीन, जंगल और जैव विविधता की रीढ़ है। यदि इसके संरक्षण से छेड़छाड़ की गई तो इसके दुष्परिणाम आने वाली पीढ़ियों को भुगतने पड़ेंगे। डॉ. अशफाक आलम ने कहा कि अरावली का संरक्षण सीधे तौर पर जनस्वास्थ्य से जुड़ा हुआ विषय है। अरावली के जंगल व पहाड़ क्षेत्र को ठंडक प्रदान करते हैं और प्रदूषण को रोकने में सहायक हैं। यदि अरावली क्षेत्र में अंधाधुंध निर्माण और खनन को अनुमति दी गई तो तापमान में लगातार वृद्धि होगी, वायु प्रदूषण बढ़ेगा और इसके कारण दमा, हृदय रोग तथा अन्य गंभीर बीमारियों में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय असंतुलन का सबसे अधिक असर गरीब और ग्रामीण आबादी पर पड़ेगा。 सामाजिक कार्यकर्ता आरिफ खान बघोला ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अरावली संरक्षण के पक्ष में मजबूती से अपना पक्ष रखे और 100 मीटर ऊंचाई से संबंधित प्रावधान को समाप्त करवाए। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में केंद्र सरकार से मांग की कि अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और इसके प्राकृतिक स्वरूप, जैव विविधता तथा जल स्रोतों को बचाने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएं।
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