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भूमि रजिस्ट्री घोटाला: सागवाडा में जांच टीम के बाद कई सवाल
ASAkhilesh Sharma
Oct 18, 2025 07:03:06
Dungarpur, Rajasthan
कडाणा विभाग की करोडो की भूमि को निजी बताकर रजिस्ट्री करवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दो शिकायतकर्ताओं ने भूमाफिया पर कडाणा विभाग की फर्जी एनओसी बनाकर तहसीलदार से मिलीभगत करके उक्त भूमि की रजिस्ट्री करवाने के आरोप लगाए हैं। शिकायतकर्ताओं ने अब मामले की शिकायत जिला कलेक्टर को की है, जिसके बाद कलेक्टर ने पूरे मामले की जांच के लिए टीम बनाई है।
सागवाडा नगर में डूंगरपुर मुख्य मार्ग पर कडाणा बांध में विस्थापित लोगों के लिए जमीन कडाणा विभाग को दी थी। विभाग ने पात्र लोगों को जमीन देकर उन्हें पुनर्वास कॉलोनी में निवासित कर दिया। शेष पड़त जमीन का मालिकाना हक कडाणा विभाग के पास था, जिसने शेष जमीन कांग्रेस शासन में नगर पालिका सागवाडा को दे दी थी। इसके लिए तत्कालीन राजस्व अधिकारी के मार्गदर्शन में जमीन को नियमानुसार सागवाड़ा नगर पालिका को हस्तांतरित कर दिया गया था।
कथित एनओसी के आधार पर तहसीलदार ने रजिस्ट्री कर दी। इस जमीन में कुछ हिस्से को एक व्यक्ति अपनी पैतृक जमीन बताकर निर्माण स्वीकृति मांगने लगा। नगर पालिका सागवाडा ने इसे फर्जी मानते हुए पट्टा देने और निर्माण स्वीकृति से इनकार कर दिया। उसी भूमि की कडाणा विभाग की ओर से जारी कथित अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के आधार पर रजिस्ट्री कर दी गई, भले ही कागजों में जमीन की रजिस्ट्री 60 लाख में हुई हो, लेकिन मार्केट रेट करोडों में है। ऐसे में सरकार को दोंनो तरफ से नुकसान उठाना पड़ा।
शिकायतकर्ताओं ने नगरपालिका, कडाणा विभाग व कलेक्टर से मामले की शिकायत की। नगरपालिका ने कडाणा विभाग से लिखित जानकारी मांगी, तो विभाग ने स्पष्ट किया कि उक्त खसरा नंबर पर न तो कोई पट्टा जारी किया गया है और न ही कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र। जब हमने नगरपालिका व कडाणा विभाग से बात करनी चाही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। सागवाडा एसडीएम ने बताया कि मामले की शिकायत कलेक्टर से की गई है, जिसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर जाँच टीम बनाई गई है। जाँच रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
बयान-1 प्रदीप जोशी (शिकायतकर्ता); बयानी-2 श्याम भट्ट (शिकायतकर्ता); बयानी-3 सुबोध सिंह चौहान (एसडीएम, सागवाडा)।
बहरहाल जमीन के इस पूरे मामले की जांच के लिए कलेक्टर के निर्देश पर जांच टीम बनाई गई है। टीम ने अपनी जांच शुरू कर दी है। वहीं वर्तमान मालिक सागवाडा नगरपालिका व फर्जी एनओसी से हुई रजिस्ट्री के मामले में कडाणा विभाग ने करोड़ों की जमीन बचाने के लिए सागवाडा थाने में एफआईआर दर्ज कराने या रजिस्ट्री निरस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं की है। ऐसे में सागवाडा नगरपालिका, कडाणा विभाग और रजिस्ट्री करने वाले तहसीलदार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। अखिलेश शर्मा, जी मीडिया, डूंगरपुर
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