Become a News Creator

Your local stories, Your voice

Follow us on
Download App fromplay-storeapp-store
Advertisement
Back
Bhilwara311001

आसींद के मालासेरी में बंदर का आतंक, 8-10 घायल, प्रशासन से कड़ाई से पकड़ो की मांग

MKMohammad Khan
Nov 05, 2025 09:43:17
Bhilwara, Rajasthan
आसींद के मालासेरी गांव में बंदर का आतंक, 8 से 10 लोग घायल, ग्रामीण परेशान आसींद क्षेत्र के मालासेरी गांव में पिछले तीन दिनों से एक आक्रामक बंदर का आतंक छाया हुआ है, जिससे ग्रामीण दहशत में हैं। इस बंदर ने अब तक लगभग 8 से 10 लोगों को घायल कर दिया है। गांव वालों ने बताया कि पिछले तीन दिनों से यह बंदर लगातार लोगों पर हमला कर रहा है और अब तक कई लोगों को काट कर घायल कर चुका है। घायलों में गणेश प्रजापत, उमा लाल, प्रभु, भोमा बलाई के साथ ही मंदिर के पुजारी भी शामिल हैं। बंदर के इस उत्पात के कारण गांव में भय का माहौल है। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से इस समस्या पर तुरंत ध्यान देने और जल्द से जल्द बंदर को पकड़ने की मांग की है ताकि लोगों को इस आतंक से निजात मिल सके।
0
comment0
Report

हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|

Advertisement
SDSurendra Dasila
Nov 05, 2025 11:37:23
Dehradun, Uttarakhand:एंकर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक तिलकराज बेहड़ का राजधानी को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। तिलक राज बेहड़ ने खुलकर कहा है कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया जा चुका है। अब ऐसे में उसे स्थाई राजधानी नहीं बनाया जा सकता है। तिलक राज बेहड़ ने खुलकर कहा है कि देहरादून में ही स्थाई राजधानी हो सकती है और कहीं नहीं। खबर के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ विधायक खजनदास की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। खजनदास ने कहा है कि कांग्रेस गैरसैंण के मुद्दे पर सिर्फ राजनीति करना जानती है। कांग्रेस ने 10 साल प्रदेश में शासन किया तब क्यों राजधानी घोषित नहीं किया। हरिश रावत कहते हैं 2027 में चुनाव जीतेंगे तो गैरसैंण कोई स्थाई राजधानी बनाएंगे जबकि तिलक राज बेहड़ का बयान इसके खिलाफ है। अब ऐसे में कांग्रेस पहले घर के अंदर तय कर ले कि राजधानी के मुद्दे पर क्या पार्टी की लाइन है
0
comment0
Report
JSJitendra Soni
Nov 05, 2025 11:37:15
0
comment0
Report
RVRaunak Vyas
Nov 05, 2025 11:37:03
Bikaner, Rajasthan:बीकानेर के करणी नगर स्थित होटल करणी भवन पैलेस के पास विला भोजवानी में रहने वाली जर्मनी रिटर्न डॉक्टर मोनिका भोजवानी का शव मिला है। डॉ. मोनिका के मकान से बुधवार दोपहर भयंकर बदबू आने पर क्षेत्रवासियों को अनहोनी की आशंका जाहिर की और पुलिस को सूचित किया। सूचना पर सीओ सदर अनुष्का कालिया व बीछवाल पुलिस थाने से टीम मौके पर पहुंचीं। जानकारी के अनुसार मकान अंदर से बंद था, जिसमें से भंयकर बदबू आ रही थी। पुलिस ने कारपेंटर को मौके पर बुलाकर गेट तुड़वाया और मकान के अंदर से डॉ. मोनिका का शव बरामद किया। पुलिस के अनुसार प्रथमदृष्टया शव 10 दिन पुराना है, जिसके कारण बॉडी पूरी तरह फुल चुकी है, जिसमें भयंकर दुर्गंध आ रही है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि डॉ. मोनिका की मौत किन कारणों के चलती हुई। एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया गया, टीम ने मौके से सबूत जुटाए। वहीं खिदमतगार खादिम सोसायटी व असहाय सेवा संस्थान की एंबुलेंस के जरिए शव को पीबीएम अस्पताल ले जाया गया। जानकारी के अनुसार पुलिस ने यह पूरी प्रक्रिया मृतका के रिश्ते में लगे वाले भाई व क्षेत्रवासियों की मौजूदगी में पूरी की। वहां रहने वाले लोगों का कहना है कि डॉ. मोनिका पिछले करीब तीन साल से एकांतवास में अपने मकान में रह रही थीं और कई दिनों से बाहर नहीं निकली थीं। पुलिस ने जर्मनी में रह रहे उनके भाई डॉ. संजय भोजवानी को घटना की जानकारी दे दी है, जो कल तक बीकानेर पहुंचेंगे।
0
comment0
Report
VSVishnu Sharma
Nov 05, 2025 11:36:50
Jaipur, Rajasthan:क्या जिम्मेदार रोक पाएंगे सड़क हादसे ? सरकार ने विभागों की जिम्मेदारी की तय, पुलिस नोडल एजेंसी प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और सड़क सुरक्षा के लिए कोशिश तेज हो गई है। राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में शुरू किए गए सड़क सुरक्षा अभियान के लिए विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है। 18 नवंबर तक चलने वाले इस अभियान के लिए पुलिस महकमे को नोडल एजेंसी बनाया गया है। एसएमएस सवाल उठ रहा है कि क्या अब जिम्मेदार प्रदेश में सड़क हादसे रोक पाएंगे ? जैसलमेर, जौधपुर के मातोड़ा और जयपुर के हरमाड़ा में हुई सड़क दुर्घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 3 नवंबर को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सड़क दुर्घटना रोकने और सड़क सुरक्षा के लिए निर्देश दिए। इसके अगले ही दिन 4 नवंबर से 18 नवंबर तक 15 दिवसीय सड़क सुरक्षा अभियान शुरू किया गया। इस सड़क सुरक्षा अभियान में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना और मृत्यु दर घटाना यातायात नियमों के पालन को सख्ती से लागू करने वाहन चालकों और जनता में जागरूकता एवं जिम्मेदारी की भावना बढ़ाने सड़क संरचना एवं आपातकालीन सहायता प्रणाली को सुदृढ़ करने जैसे प्रमुख उद्देश्य को लेकर अभियान शुरू किया गया है। इस प्रदेशव्यापी अभियान के सफल संचालन के लिए अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारियां तय की गई है। जिसमें पुलिस महकमें को नोडल एजेंसी एवं फील्ड कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। आइए आपको बताते हैं कि किस विभाग को क्या जिम्मेदारी दी गई है... 1. पुलिस विभाग पूरे राज्य में अभियान का फील्ड-लेवल समन्वय एवं निगरानी सुनिश्चित करेगा。 शराब पीकर, तेज गति से, गलत दिशा में या खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वालों के खिलाफ विशेष प्रवर्तन अभियान शुरू किया जाएगा。 बिना रिफ्लेक्टर या नंबर प्लेट वाले वाहनों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी。 सभी हाइवे और प्रमुख सड़कों पर संबंधित थाना एवं यातायात टीमें प्रभावी कार्रवाई के लिए तैनात की जाएगी。 पुलिस अधीक्षक यह तय करें कि हाईवे मोबाइल यूनिट एवं एम्बुलेंस निर्धारित मानकों के अनुसार कार्यरत है, इसका DSP स्तर से सत्यापन कर रिपोर्ट भेजे。 सभी छह लेन राजमार्गों पर NH-48 मॉडल के अनुरूप लेन ड्राइविंग सिस्टम लागू किया जाए。 2. परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग ओवरलोडिंग, अवैध संचालन, फिटनेस उल्लंघन आदि पर सख्त कार्रवाई की जाए。 शराब सेवन अथवा दोहराए गए ओवरस्पीड मामलों में चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित, निरस्त किए जाए。 चालक एवं खलासी की उपलब्धता का नियमनुसार सत्यापन कर आवश्यक कार्रवाई की जाए。 जिला स्तर पर संयुक्त निरीक्षण दल गठित कर वाहन चेकिंग अभियान चलाया जाए。 सड़क सुरक्षा कार्यशालाएं एवं जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं。 वाहन चालकों को जागरूक करते हुए रिफ्लेक्टर टेप आदि लगवाएं जाए。 3. सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) / NHAI / अन्य रोड एजेंसियां सभी राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर अवैध कट 15 दिनों में बंद कर रिपोर्ट भेजी जाए। डिवाइडर, मीडियन पर रेलिंग या सुरक्षा जाल लगाया जाए सड़क किनारे झाड़ियां हटाई जाए तथा पटरी एवं गड्ढों की मरम्मत कार्य शुरू किया जाए सभी सड़कों पर व्हाइट लाइनिंग कार्य 15 दिनों में पूर्ण किया जाए। नियमानुसार चेतावनी, संकेतक एवं साइन बोर्ड लगाए जाएं。 अवैध ढाबे, बस स्टैंड एवं अनाधिकृत संरचनाएं 15 दिनों में हटाकर पालना रिपोर्ट भेजी जाए। दुर्घटना संभावित आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थान पर भेजने की कार्ययोजना बनाकर कलेक्टर के सहयोग से लागू की जाए。 जहां सर्विस लेन नहीं है, वहां 6 माह में निर्माण की योजना 15 दिनों में प्रस्तुत की जाए। ट्रक चालकों के विश्राम स्थलों की समीक्षा 15 दिनों में की जाए。 4. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी वाहन चालकों की नेत्र परीक्षण अभियान चलाया जाए, जो एक माह में पूर्ण हो。 यदि किसी डॉक्टर ने गलत प्रमाणपत्र जारी कर लाइसेंस नवीनीकरण किया गया हो, तो संबंधित चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाए। ट्रॉमा सेंटर एवं निकटवर्ती अस्पतालों की तत्परता की समीक्षा की जाए。 एम्बुलेंस की उपलब्धता एवं संचालन का राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सत्यापन किया जाए。 5. नगरीय विकास एवं स्थानीय निकाय विभाग फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए。 ट्रैफिक सिग्नलिंग सिस्टम व रोड लाइटिंग व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए。 शहरी क्षेत्रों में भारी वाहनों की नो एंट्री सीमा एवं समय निर्धारण का पुनः परीक्षण किया जाए。 शहरों में जन-जागरूकता के लिए बैनर, पोस्टर, डिजिटल डिस्प्ले लगाए जाएं。 सड़कों पर छोड़े गए पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए。 6. श्रम विभाग ट्रांसपोर्ट कंपनियों द्वारा चालकों से अत्यधिक समय तक वाहन चलवाने की शिकायतों की जांच कर दंडात्मक कार्रवाई की जाए。 चालकों के कार्य घंटे व विश्राम समय का पालन सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण एवं जागरूकता अभियान चलाया जाए。 7. जिला प्रशासन कलेक्टर एवं SP संयुक्त रूप से जिला सड़क सुरक्षा समिति के माध्यम से अभियान की समग्र निगरानी करेंगे。 सभी संबंधित विभागों के साथ संयुक्त निरीक्षण दल गठित कर दैनिक समीक्षा की जाए। DRSC की बैठक कर विभागवार कार्ययोजना एवं प्रोफार्मा तैयार कर क्रियान्वयन किया जाए。 एनजीओ, स्वयंसेवी संस्थाए एवं स्थानीय युवाओं को अभियान में सक्रिय रूप से जोड़ा जाए। हेलमेट, सीट बेल्ट, मोबाइल उपयोग निषेध, डिपर उपयोग आदि पर विशेष प्रचार-प्रसार किया जाए। दुर्घटना पीड़ितों की सहायता करने वाले नागरिकों को सम्मानित किया जाए। अभियान की प्रतिदिन की रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक के साथ डीजी ट्रैफिक को भेजी जाए。 अभियान की प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट DRSC की ओर से IG, गृह विभाग की ईमेल आईडी पर भेजनी होगी।
0
comment0
Report
HUHITESH UPADHYAY
Nov 05, 2025 11:35:00
Pratapgarh, Rajasthan:मतदाता सूची के शुद्धिकरण हेतु विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू प्रतापगढ़ में भी भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूची के शुद्धिकरण हेतु विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है. कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक बीएलओ द्वारा 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक घर-घर जाकर पात्र नागरिकों को परिगणना प्रपत्र वितरित किया जा रहा है. जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. अंजलि राजोरिया ने विधानसभा क्षेत्र धरियावद एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी विजयेश कुमार पंड्या ने विधानसभा क्षेत्र प्रतापगढ़ में विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण कर एसआईआर गतिविधियों का निरीक्षण किया और बीएलओ के कार्य की प्रगति की जानकारी ली. निरीक्षण के दौरान उन्होंने बीएलओ को यह निर्देश दिए कि प्रत्येक पात्र मतदाता तक परिगणना पत्र सुनिश्चित रूप से पहुंचे और कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रहे. जिले निर्वाचन अधिकारी ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि यदि किसी घर पर मतदाता अनुपस्थित पाया जाए, तो संबंधित बीएलओ कम से कम तीन बार भ्रमण कर परिगणना प्रपत्र उपलब्ध करवाएं. उन्होंने आमजन से अपील की कि वे निर्वाचन प्रक्रिया में सक्रिय सहयोग दें और लोकतंत्र को सशक्त बनाने में अपना योगदान सुनिश्चित करें।
0
comment0
Report
ASAshutosh Sharma1
Nov 05, 2025 11:34:45
Jaipur, Rajasthan:राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन RCA एक बार फिर आंतरिक विवादों के जाल में उलझ गया है। संगठन, जो पहले भी गुटबाज़ी और सत्ता संघर्ष के लिए चर्चा में रहा है, अब दो अलग-अलग रणजी टीमों के गठन को लेकर नए विवाद में फंस गया है। इस विवाद ने न केवल खिलाड़ियों और चयनकर्ताओं को उलझन में डाल दिया है, बल्कि राजस्थान क्रिकेट की साख पर भी गहरा असर डाला है。 RCA के अंदर लंबे समय से चल रही खींचतान अब मैदान तक पहुँच चुकी है। RCA के दो गुटों ने अपनी-अपनी रणजी टीमों की घोषणा कर दी है। एक तरफ एडहॉक कमेटी सदस्यों का गुट है, तो दूसरी तरफ एडहॉक कमेटी के कन्वीनर हैं। लेकिन राजस्थान क्रिकेट के लिए ये स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि रणजी ट्रॉफी जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में एक राज्य की दो टीमों का दावा न केवल नियमों के खिलाफ है, बल्कि इससे खिलाड़ियों का भविष्य भी दांव पर लग सकता है। अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि इस विवाद की जानकारी बीसीसीआई तक पहुँच चुकी है, और बोर्ड स्थिति पर नज़र रखे हुए है। यदि RCA जल्द समाधान नहीं निकालता, तो बीसीसीआई हस्तक्षेप कर सकता है। बाईट- डीडी कुमावत,आरसीए एडहॉक कमेटी कन्वीनर (2 c ) बाईट- धनंजय सिंह खींवसर, सदस्य एडहॉक कमेटी इन सबके बीच राजस्थान खेल परिषद अध्यक्ष नीरज के पवन ने साफ़ किया है कि RCA को लेकर दो टीम समेत हमारे पास अलग-अलग तरह की शिकायतें लगातार सामने आ रही है... और जरूरत पड़ने पर सभी शिकायतों की जांच करवाई जाएगी.. खेल विभाग को अगर जरूरत पड़ी तो खिलाड़ियों और खेल के लिए निर्णय लिए जा सकते हैं.. नीरज के पवन ने संकेत दिए हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो खेल मंत्री के निर्देश पर बनाई गई संचालन समिति के जरिए भी खेल कराए जा सकते हैं। बाईट - नीरज के पवन, अध्यक्ष राजस्थान खेल परिषद (2 c)
0
comment0
Report
DIDamodar Inaniya
Nov 05, 2025 11:33:54
Nagaur, Rajasthan:तीन दिनों से कृषि महाविद्यालय के छात्र बैठे धरने पर. महाविद्यालय को जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के अधीन की मांग. मौलासर में वर्ष 2022–23 के बजट में स्वीकृत राजकीय कृषि महाविद्यालय मौलासर को लेकर क्षेत्र के विद्यार्थियों में गहरी नाराज़गी व्याप्त है। स्थानीय विधायक यूनुस खान द्वारा 7 माह पूर्व ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखे गए पत्र में स्पष्ट रूप से आग्रह किया गया था कि इस महाविद्यालय को जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के अधीन किया जाए, क्योंकि मौलासर भौगोलिक रूप से जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय से जुड़ा क्षेत्र है। फिर भी आज तक राज्य सरकार या उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं की गयी है। जनप्रतिनिधि की अनुशंसा के बावजूद विभागीय उदासीनता ने छात्रों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। मौलासर के छात्र तीन दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। छात्रों ने चेतावनी दी है कि जब तक कॉलेज को जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय में स्थानांतरित करने का आदेश जारी नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा। छात्रों ने मांग की है कि मौलासर कृषि महाविद्यालय को जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय से तत्काल सम्बद्ध किया जाए। स्थानीय युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए विभागीय स्तर पर शीघ्र निर्णय लिया जाए। यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो छात्र आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी गई है।
0
comment0
Report
HUHITESH UPADHYAY
Nov 05, 2025 11:33:27
Pratapgarh, Rajasthan:प्रतापगढ़ जिले के धरियावद उपखंड में बिजली विभाग की लापरवाही किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। ग्राम पंचायत नाड़ के कृषक नेतराम मीणा पिछले 17 महीनों से खेती के लिए विद्युत कनेक्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण अब तक उन्हें कनेक्शन नहीं मिल सका है। कृषक नेतराम मीणा ने बताया कि बिजली विभाग ने करीब डेढ़ साल पहले ठेकेदार के माध्यम से खेतों में बिजली लाइन डालने का कार्य शुरू कराया था। ठेकेदार ने जल्दबाजी में खेतों में 16 पोल खड़े कर दिए, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया। थोड़ी सी बरसात होते ही कई पोल सड़क किनारे गिर गए, जबकि कुछ अभी भी खेतों में झुके हुए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि विभागीय ठेकेदारों ने मानकों की अनदेखी करते हुए कार्य किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने कई बार धरियावद उपखंड कार्यालय और बिजली विभाग के अधिकारियों को शिकायत दी, लेकिन किसी ने भी गंभीरता नहीं दिखाई। हाल ही में खेत में ट्रांसफॉर्मर तो लगा दिया गया, परंतु अब तक कनेक्शन नहीं दिया गया है। इससे उनके खेती कार्यों पर सीधा असर पड़ रहा है, क्योंकि सिंचाई के लिए डीजल पंपों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे लागत बढ़ रही है। कृषक ने विभाग से मांग की है कि बिजली कनेक्शन शीघ्र जारी किया जाए और ठेकेदारों की लापरवाही की जांच कर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न हो।
0
comment0
Report
DRDamodar Raigar
Nov 05, 2025 11:33:10
0
comment0
Report
Advertisement
Back to top