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15 दिन के सड़क सुरक्षा अभियान में विभागों ने साझा जिम्मेदारी संभाली
VSVishnu Sharma
Nov 05, 2025 11:36:50
Jaipur, Rajasthan
क्या जिम्मेदार रोक पाएंगे सड़क हादसे ? सरकार ने विभागों की जिम्मेदारी की तय, पुलिस नोडल एजेंसी
प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और सड़क सुरक्षा के लिए कोशिश तेज हो गई है। राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में शुरू किए गए सड़क सुरक्षा अभियान के लिए विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है। 18 नवंबर तक चलने वाले इस अभियान के लिए पुलिस महकमे को नोडल एजेंसी बनाया गया है। एसएमएस सवाल उठ रहा है कि क्या अब जिम्मेदार प्रदेश में सड़क हादसे रोक पाएंगे ?
जैसलमेर, जौधपुर के मातोड़ा और जयपुर के हरमाड़ा में हुई सड़क दुर्घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 3 नवंबर को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सड़क दुर्घटना रोकने और सड़क सुरक्षा के लिए निर्देश दिए। इसके अगले ही दिन 4 नवंबर से 18 नवंबर तक 15 दिवसीय सड़क सुरक्षा अभियान शुरू किया गया।
इस सड़क सुरक्षा अभियान में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना और मृत्यु दर घटाना
यातायात नियमों के पालन को सख्ती से लागू करने
वाहन चालकों और जनता में जागरूकता एवं जिम्मेदारी की भावना बढ़ाने
सड़क संरचना एवं आपातकालीन सहायता प्रणाली को सुदृढ़ करने जैसे प्रमुख उद्देश्य को लेकर अभियान शुरू किया गया है।
इस प्रदेशव्यापी अभियान के सफल संचालन के लिए अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारियां तय की गई है। जिसमें पुलिस महकमें को नोडल एजेंसी एवं फील्ड कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। आइए आपको बताते हैं कि किस विभाग को क्या जिम्मेदारी दी गई है...
1. पुलिस विभाग
पूरे राज्य में अभियान का फील्ड-लेवल समन्वय एवं निगरानी सुनिश्चित करेगा。
शराब पीकर, तेज गति से, गलत दिशा में या खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वालों के खिलाफ विशेष प्रवर्तन अभियान शुरू किया जाएगा。
बिना रिफ्लेक्टर या नंबर प्लेट वाले वाहनों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी。
सभी हाइवे और प्रमुख सड़कों पर संबंधित थाना एवं यातायात टीमें प्रभावी कार्रवाई के लिए तैनात की जाएगी。
पुलिस अधीक्षक यह तय करें कि हाईवे मोबाइल यूनिट एवं एम्बुलेंस निर्धारित मानकों के अनुसार कार्यरत है, इसका DSP स्तर से सत्यापन कर रिपोर्ट भेजे。
सभी छह लेन राजमार्गों पर NH-48 मॉडल के अनुरूप लेन ड्राइविंग सिस्टम लागू किया जाए。
2. परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग
ओवरलोडिंग, अवैध संचालन, फिटनेस उल्लंघन आदि पर सख्त कार्रवाई की जाए。
शराब सेवन अथवा दोहराए गए ओवरस्पीड मामलों में चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित, निरस्त किए जाए。
चालक एवं खलासी की उपलब्धता का नियमनुसार सत्यापन कर आवश्यक कार्रवाई की जाए。
जिला स्तर पर संयुक्त निरीक्षण दल गठित कर वाहन चेकिंग अभियान चलाया जाए。
सड़क सुरक्षा कार्यशालाएं एवं जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं。
वाहन चालकों को जागरूक करते हुए रिफ्लेक्टर टेप आदि लगवाएं जाए。
3. सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) / NHAI / अन्य रोड एजेंसियां
सभी राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर अवैध कट 15 दिनों में बंद कर रिपोर्ट भेजी जाए।
डिवाइडर, मीडियन पर रेलिंग या सुरक्षा जाल लगाया जाए
सड़क किनारे झाड़ियां हटाई जाए तथा पटरी एवं गड्ढों की मरम्मत कार्य शुरू किया जाए
सभी सड़कों पर व्हाइट लाइनिंग कार्य 15 दिनों में पूर्ण किया जाए।
नियमानुसार चेतावनी, संकेतक एवं साइन बोर्ड लगाए जाएं。
अवैध ढाबे, बस स्टैंड एवं अनाधिकृत संरचनाएं 15 दिनों में हटाकर पालना रिपोर्ट भेजी जाए।
दुर्घटना संभावित आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थान पर भेजने की कार्ययोजना बनाकर कलेक्टर के सहयोग से लागू की जाए。
जहां सर्विस लेन नहीं है, वहां 6 माह में निर्माण की योजना 15 दिनों में प्रस्तुत की जाए।
ट्रक चालकों के विश्राम स्थलों की समीक्षा 15 दिनों में की जाए。
4. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
45 वर्ष से अधिक आयु के सभी वाहन चालकों की नेत्र परीक्षण अभियान चलाया जाए, जो एक माह में पूर्ण हो。
यदि किसी डॉक्टर ने गलत प्रमाणपत्र जारी कर लाइसेंस नवीनीकरण किया गया हो, तो संबंधित चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
ट्रॉमा सेंटर एवं निकटवर्ती अस्पतालों की तत्परता की समीक्षा की जाए。
एम्बुलेंस की उपलब्धता एवं संचालन का राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सत्यापन किया जाए。
5. नगरीय विकास एवं स्थानीय निकाय विभाग
फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए。
ट्रैफिक सिग्नलिंग सिस्टम व रोड लाइटिंग व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए。
शहरी क्षेत्रों में भारी वाहनों की नो एंट्री सीमा एवं समय निर्धारण का पुनः परीक्षण किया जाए。
शहरों में जन-जागरूकता के लिए बैनर, पोस्टर, डिजिटल डिस्प्ले लगाए जाएं。
सड़कों पर छोड़े गए पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए。
6. श्रम विभाग
ट्रांसपोर्ट कंपनियों द्वारा चालकों से अत्यधिक समय तक वाहन चलवाने की शिकायतों की जांच कर दंडात्मक कार्रवाई की जाए。
चालकों के कार्य घंटे व विश्राम समय का पालन सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण एवं जागरूकता अभियान चलाया जाए。
7. जिला प्रशासन
कलेक्टर एवं SP संयुक्त रूप से जिला सड़क सुरक्षा समिति के माध्यम से अभियान की समग्र निगरानी करेंगे。
सभी संबंधित विभागों के साथ संयुक्त निरीक्षण दल गठित कर दैनिक समीक्षा की जाए।
DRSC की बैठक कर विभागवार कार्ययोजना एवं प्रोफार्मा तैयार कर क्रियान्वयन किया जाए。
एनजीओ, स्वयंसेवी संस्थाए एवं स्थानीय युवाओं को अभियान में सक्रिय रूप से जोड़ा जाए।
हेलमेट, सीट बेल्ट, मोबाइल उपयोग निषेध, डिपर उपयोग आदि पर विशेष प्रचार-प्रसार किया जाए।
दुर्घटना पीड़ितों की सहायता करने वाले नागरिकों को सम्मानित किया जाए।
अभियान की प्रतिदिन की रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक के साथ डीजी ट्रैफिक को भेजी जाए。
अभियान की प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट DRSC की ओर से IG, गृह विभाग की ईमेल आईडी पर भेजनी होगी।
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