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Patiala147105

पुरानी रंजिश में एक युवक को घेरकर पीटा, बचाव करने आए लोगों पर हमलावरों ने की फायरिंग

Aug 13, 2024 17:25:37
Patran, Punjab

शहर के जाखल रोड बाईपास पर एक युवक को निजी रंजिश के चलते कुछ लोगों ने घेरकर मारपीट की। हमलावरों से बचने के लिए युवक ने हवाई फायर किया और वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन बाद में हमलावरों ने उसे भरे बाजार में लोहे की रॉड से पीटा। युवक को बचाने के लिए आगे आए दो लोगों पर भी हमलावरों ने फायरिंग की, जिसमें एक व्यक्ति की टांग में गोली लगी और दूसरा व्यक्ति एक दुकान में घुसकर अपनी जान बचाने में सफल रहा। घायलों को तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पातड़ां में भर्ती कराया गया।

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Dec 26, 2025 08:55:57
Tulsipur, Uttar Pradesh:थाना तुलसीपुर क्षेत्र स्थित मदरसा जामिया अरबिया अनवारुल उलूम में फर्जी नियुक्ति व सरकारी धनराशि के गबन के मामले का बलरामपुर पुलिस ने खुलासा करते हुए एक वांछित अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से सहायक अध्यापक की नियुक्ति दर्शाकर फर्जी उपस्थिति के आधार पर लगातार मासिक वेतन बिल प्रस्तुत किए गए और सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित टीम ने अपर पुलिस अधीक्षक व क्षेत्राधिकारी तुलसीपुर के पर्यवेक्षण में कार्रवाई करते हुए अभियुक्त मो. अहमद अंसारी को गिरफ्तार कर न्यायालय रवाना किया। पूछताछ में अभियुक्त ने मदरसे में पढ़ाने न जाने के बावजूद वेतन प्राप्त होने की बात स्वीकार की।
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ASAshok Singh Shekhawat
Dec 26, 2025 08:52:38
Sikar, Rajasthan:Sikar मुख्यमंत्री दौरे से पहले छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध आंदोलन की चेतावनी, छात्र संगठन एसएफआई का एसपी कार्यालय पर प्रदर्शन का ऐलान, एसएफआई के कार्यकर्ता रैली निकाल कर एसपी ऑफिस पर करेंगे प्रदर्शन。 पिछले दिनों 24 दिसंबर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शेखावाटी दौर के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से पहले दिन रात के समय छात्र संगठन एसएफआई और एनएसयूआई के पदाधिकारी को पकड़कर पुलिस थाने में बैठाने का मामला लगातार अब तूल पकड़ता जा रहा है। सीकर के फतेहपुर, सालासर व सुजानगढ़ में मुख्यमंत्री के दौरे से पहले रात के समय घर से छात्र संगठन एसएफआई सहित अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं को घर से उठाकर पुलिस थाने ले जाने के मामले में छात्र संगठन एसएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष जाखड़, जिला अध्यक्ष महिपाल गुर्जर, जिला सचिव राकेश मुवाल व राजकीय कला महाविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष राजू गुर्जर ने मीडिया से रूबरू होते हुए पुलिस की कार्रवाई के घोर निंदा की है。 एसएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष जाखड़ ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा के कुछ नेताओं के इशारे पर पुलिस की इस तरह की कार्रवाई लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। पुलिस प्रशासन की कार्रवाई को लेकर आज दोपहर बाद कलेक्ट्रेट स्थित सीकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर छात्र संगठन एसएफआई के कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जाखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान सिर्फ कार्यकर्ता विद्यार्थियों की जायज मांगों को लेकर ज्ञापन देने की मांग कर रहे थे लेकिन पुलिस ने तानाशाही तरीके से पुलिस ने रात के समय कार्यकर्ताओं को उनके घर से उठा लिया। इस तरह का पुलिस प्रशासन का रवैया काफी निंदनीय है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रदेश के मुखिया के सामने सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। अगर प्रदेश का मुखिया ही आम जनता की समस्या नहीं सुनेगा तो फिर प्रदेश में जनता की सुनने वाला कौन होगा। एसएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष जाखड़ ने पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े करते हुए चेतावनी देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को 1 अपराधी की तरह जबरन पड़कर लाया गया जबकि उनका कोई अपराध नहीं था इसी के विरोध में छात्र संगठन एसएफआई और विद्यार्थी वर्ग आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन करेगा। उन्होंने खुले शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि छात्र संगठन एसएफआई का कार्यकर्ता आगामी दिनों में मुख्यमंत्री का सीकर जिले में दौरा होने पर विद्यार्थियों की मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने करेगा, अगर सीकर पुलिस प्रशासन में इतना दम है तो आगे से किसी भी कार्यकर्ता को गिरफ्तार करके दिखाएं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी वर्ग अगर अपने परेशानी और मांगों को मुख्यमंत्री को नहीं बताएंगे तो किसको बताएंगे, मुख्यमंत्री सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री नहीं है वह पूरे प्रदेश की जनता के मुख्यमंत्री है। जिला प्रशासन का काम सिर्फ कानून व्यवस्था बनाना है और कानून व्यवस्था बनाए रखें এতে विद्यार्थी कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा लेकिन लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन करने वालों पर कार्रवाई भी बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री को सलाह देते हुए कहा कि जहां भी आम जनता उनसे मिलना चाहे तो उनसे मुख्यमंत्री मिले वरना आगामी निकाय चुनाव में प्रदेश का युवा और विद्यार्थी महत्व जवाब देगा। छात्र संगठन एसएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जाखड़ ने छात्र संघ चुनाव बहाल करने की मांग रखते हुए कहा कि प्रदेश का मुख्यमंत्री दिल्ली विश्वविद्यालय में जब एबीपी जीती है तो उन्हें बधाई संदेश देते हैं लेकिन राजस्थान में पिछले 3 साल से छात्र संघ के चुनाव नहीं हुए। पिछले 3 साल से विद्यार्थी वर्ग छात्र संख्या चुनाव करवाने की मांग रख रहा है लेकिन फिर भी छात्र संघ चुनाव बोल नहीं किया जा रहे। इसलिए प्रदेश सरकार को राजस्थान में छात्र संघ चुनाव भी बहाल करने चाहिए。 बाइट - सुभाष जाखड़ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष छात्र संगठन एसएफआई。
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ASAkhilesh Sharma
Dec 26, 2025 08:51:46
Dungarpur, Rajasthan:जिला डूंगरपुर विधानसभा डूंगरपुर लोकेशन डूंगरपुर राज्य सरकार की वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के تحت स्पेशल ट्रेन की आज रवानगी हुई। ठंड के बावजूद सुबह होते ही तीर्थयात्र्री रेलवे स्टेशन पहुँच गए। तीर्थयात्रियों के पहले रजिस्ट्रेशन किया गया। इसके बाद तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हुए तीर्थयात्रा के लिए शुभकामनाएं दी गई। ट्रेन के लोको पायलट का भी फूल माला पहनाकर अभिनंदन किया गया। समाजसेवी अशोक पाटीदार, नगर परिषद डूंगरपुर सभापति अमृतलाल कलासुआ, समाजसेवी विमल सोनी ने हरी झंडी दिखा कर ट्रेन को रवाना किया। सभी तीर्थयात्र्री रामेश्वरम की तीर्थयात्रा कर खुशहाली की कामना करेंगे। फूलों से सजी ट्रेन में सभी तीर्थ यात्री सवार हुए। सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग ऋषभदेव दीपिका मेघवाल ने बताया कि यात्रा रेल में बांसवाडा जिले के 224 एवं डूंगरपुर जिले के 280 तीर्थ यात्री सवार है। डूंगरपुर रेलवे स्टेशन से बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिले के कुल 504 यात्री यात्रा के लिए ट्रेन में सवार हुए। यात्रा में सभी यात्रियों की देखरेख के लिए एक ट्रेन प्रभारी, प्रत्येक कोच में 2 सरकारी कर्मचारियों को अनुदेशक ओर चिकित्सा व्यवस्था के लिए एक डॉक्टर व 2 नर्सिंग अधिकारी भी रहनेगे जो यात्रा के दौरान यात्रियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे। ट्रेन में 8 दिन तक यात्रियों के रहने ओर खाने की सभी व्यवस्थाएं देवस्थान विभाग की ओर से की जाएगी। देवस्थान विभाग से यात्रा प्रभारी गिरीश व्यास, ऋतुराज सिंह चौहान, अवन शर्मा, अमर सिंह चौहान, विनय जोशी, जगदीप शर्मा, दुर्गा गमेती, चंद्रवीर सिंह ने यात्रियों के टिकट वितरण کا कार्य किया।
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DGDeepak Goyal
Dec 26, 2025 08:51:19
Jaipur, Rajasthan:आस्था के केंद्रों के संरक्षण और पूजा-सेवा को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से देवस्थान विभाग की ओर से दी जाने वाली सहायता अनुदान राशि का अधिकांश मंदिर आज भी राह देख रहे हैं। प्रदेशभर में 10 हजार 9 राजकीय सहायता प्राप्त मंदिर हैं.....चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले 15 वर्षों से जिन मंदिरों को अनुदान मिल रहा है, वह महज़ 100 प्रतिमाह है। यानी सालाना 1200 और प्रतिदिन सिर्फ 3.33 रूपए। इतनी राशि में न तो पूजा-पाठ की समुचित व्यवस्था संभव है और न ही मंदिरों के संरक्षण, सफाई या दीप-धूप की नियमित व्यवस्था। प्रदेश के मंदिरों के घंटियों की आवाज़ आज भी गूंजती है, लेकिन उनके भीतर की व्यवस्था खामोशी से बदहाली बयान कर रही है। देवस्थान विभाग की जिस सहायता अनुदान योजना को आस्था के केंद्रों का संबल बनना था, वह अब कागजों और फाइलों तक सिमटकर रह गई है। हालात यह हैं कि सरकार द्वारा चिन्हित करीब दस हजार नौ राजकीय सहायता प्राप्त मंदिरों में से गिने-चुने मंदिरों तक ही अनुदान पहुंच पा रहा है, जबकि राजकीय सहायता प्राप्त अधिकांश मंदिर आज भी भक्तों के भरोसे पूजा-सेवा और भोग की परंपरा निभाते हैं। आस्था का यह तंत्र सरकारी संरक्षण के बजाय दानपात्रों और स्थानीय सहयोग पर टिका हुआ है। विडंबना यह है कि जिन राजकीय सहायता प्राप्त मंदिरों को सरकार से सहायता मिल भी रही है....वहां राशि इतनी कम है कि उसे सहायता कहना भी कठिन हो जाता है। सालाना 1200 रूपए, प्रतिमाह सौ रुपये, यानी प्रतिदिन करीब तीन रूपए तैंतीस पैसे.....इतनी राशि में न तो ठाकुरजी का भोग संभव है और न ही पूजा की मूल सामग्री का प्रबंध........धूप-बत्ती तक की व्यवस्था उस रकम में मुश्किल हो जाती है.......जहां एक ओर पूजा सामग्री, तेल, घी, फूल और श्रमिक लागत में लगातार बढ़ोतरी हुई है, वहीं मंदिरों को मिलने वाली सहायता राशि पिछले डेढ़ दशक से जस की तस बनी हुई है। देवस्थान विभाग द्वारा करीब दस हजार राजकीय सहायता प्राप्त मंदिर चिन्हित किए गए हैं.....इनमें से बड़ी संख्या में ऐसे मंदिर हैं, जो वर्षों से सहायता अनुदान की प्रतीक्षा में हैं.......कहीं नाम दर्ज नहीं हो पाया, तो कहीं पुजारी के निधन के बाद नामांतरण की प्रक्रिया अटक गई। नियमों के तहत यह प्रक्रिया सीधे देवस्थान आयुक्त स्तर से होती है, जो ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के मंदिरों के लिए एक बड़ी बाधा बन चुकी है। कई पुजारी वर्षों तक कार्यालयों के चक्कर लगाने के बावजूद अपने नाम दर्ज नहीं करवा पाते और सरकारी सहायता से वंचित रह जाते हैं। अनुदान योजना से जुड़ी एक और बड़ी समस्या है हर साल उपयोगिता प्रमाण पत्र देने की अनिवार्यता। छोटे और साधनहीन मंदिरों के लिए यह प्रक्रिया आसान नहीं है। न तो उनके पास लेखा-जोखा संभालने की व्यवस्था होती है और न ही तकनीकी जानकारी। परिणामस्वरूप, कई मंदिर जानबूझकर या मजबूरी में सहायता अनुदान नहीं ले पाते हैं। जबकि जरूरत इस बात की है कि आस्था के इन केंद्रों को सम्मानजनक और सरल सहायता मिले, ताकि मंदिरों की मूल परंपराएं सुरक्षित रह सकें। करीब 15 वर्ष पहले देवस्थान विभाग ने सहायता प्राप्त मंदिरों को न्यूनतम 1200 रुपए प्रतिवर्ष देने के आदेश जारी किए थे। उस समय प्रदेश में ऐसे हजारों मंदिर थे, जिन्हें 25 से लेकर 120 रुपए तक का अनुदान दिया जा रहा था। निर्णय लिया गया था कि सभी सहायता प्राप्त मंदिरों को कम से کم 1200 रुपए सालाना दिए जाएंगे, ताकि पूजा-सेवा में कुछ राहत मिल सके। लेकिन डेढ़ दशक बीत जाने के बावजूद आज भी अधिकांश मंदिरों को वही 100 रुपए प्रतिमाह की राशि मिल रही है, जो समय और महंगाई दोनों के हिसाब से बेहद अपर्याप्त है। आस्था के ये केंद्र केवल पूजा स्थल नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन की धुरी हैं। त्योहार, परंपराएं और लोकविश्वास इन्हीं से जुड़े हैं, लेकिन संरक्षण की जिम्मेदारी अब केवल भक्तों पर छोड़ दी गई है। जरूरत इस बात की है कि सरकार आस्था को योजना नहीं, संवेदनशीलता के नजरिए से देखे......अनुदान राशि को सम्मानजनक बनाए और नामांतरण और प्रक्रियाओं को सरल करें। तभी मंदिरों की घंटियों के साथ-साथ व्यवस्था की आवाज़ भी मजबूत हो सकेगी।
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Dec 26, 2025 08:51:01
Jodhpur, Rajasthan:फलोदी जिले को पर्यटन के क्षेत्र में विशेष पहचान दिलाने के उद्देश्य से फलोदी जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में कुरजां महोत्सव का दो दिवसीय आयोजन आज 26 दिसंबर से 27 दिसंबर को खींचन गांव में होने जा रहा है। कुरंजा महोत्सव की शुरुआत आज कुरंजा नगरी खीचन से की गई जहां से जिला प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व जनसाधारण के साथ आज सुबह खीचन गांव में स्थित कुरजा विचरण क्षेत्र, प्राचीन हवेलियों व ऐतिहासिक विरासतों, धरोहरों का भ्रमण कर उनकी मातृत्व का अवलोकन किया। बता दें कि फलोदी जिला बनने के बाद पहली बार आयोजित होने जा रहे इस कुरजा महोत्सव की पूर्व संध्या पर फलोदी दुर्ग, खींचन में दीपदान का कार्यक्रम आयोजित किया गया। आज सुबह खींचन गांव कुरंजा महोत्सव की शुरुआत की गई। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार लोक कलाकारों के संग खींचन हवेलियों का भ्रमण व कुरजां दृश्यावलोकन किया गया। इसके बाद आज मेजर शैतान सिंह स्टेडियम में शाम 4 बजे हस्तशिल्प उत्पाद एवं चित्रकला प्रदर्शनी का अवलोकन होगा। साथ ही cam camel डांस, कबड्डी प्रतियोगिता, मल्ला श्री सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आकर्षण का केंद्र रहेगी। 26 दिसंबर को मेजर शैतान सिंह स्टेडियम में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में प्रख्यात राजस्थानी गायक सवाई भाट व इंडियन आईडल फेम गायिका रेनू नागर की प्रस्तुति होगी। साथ ही स्थानीय लोककलाकारों की प्रस्तुति भी होगी। जिला कलक्टर ने बताया कि 27 दिसंबर को लटियाल माता मंदिर प्रांगण से रानीसर तालाब तक शोभा यात्रा का आयोजन प्रातः 10 से किया जाएगा। इसके बाद मेजर शैतान सिंह स्टेडियम में मनोरंजन प्रतियोगिताएं जैसे फैंसी ड्रेस, साफा बांध, मिस्टर एंड मिसेज फलोदी, मटका दौड़ का आयोजन किया जाएगा।
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SNShashi Nair
Dec 26, 2025 08:50:46
Hisar, Haryana:रेलूराम पूनिया हत्याकांड भारतीय अपराध इतिहास का एक कुख्यात मामला है, जो संपत्ति लालच, पारिवारिक विवाद और न्यायिक प्रक्रिया की जटिलताओं को उजागर करता है। यह घटना 23 अगस्त 2001 को हरियाणा के हिसार जिले के उकलाना मंडी के पास ल Litani मोड़ गांव प्रभुवाला में हुई। जहां पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया (उम्र 50 वर्ष), उनकी दूसरी पत्नी कृष्णा (41), बेटी प्रियंका (16), सौतेला बेटा सुनील (23), बहू शकुंतला (20), और तीन नाती-पोतियां-लोकेश (4), शिवानी (2), और प्रीति (1.5 महीने)-की लोहे की रॉड से निर्मम हत्या कर दी गई। हत्यारों में मुख्य आरोपी रेलू राम की बड़ी बेटी सोनिया और उसका पति संजीव कुमार थे। फिलहाल दोनों आरोपी संजीव और सोनिया अंतरिम बेल पर 2 महीने के लिए बाहर आ गए हैं। स्टेट लेवल कमेटी को 2 महीने के अंदर ही अपनी रिपोर्ट देनी है। चर्चित रेलूराम हत्याकांड के वक्त उनकी विशालकाय कोठी भी खूब चर्चा में आई थी। आपको बता दें कि लितानी मोड़ पर गांव प्रभुवाला में यह कोठी लगभग दो एकड़ में बनी है और 1996 में उस वक्त भी कोठी में एक स्विमिंग पूल और ऊपर के फ्लोर पर गाड़ी के जाने के लिए सीधा एक लंबा गलियारा बनाया गया था। रेलूराम पूनिया के परिवार में छह भाई और एक बहन थे। रेलूराम की हत्या के बाद उनकी सारी संपत्ति उनके छह भाइयों के हिस्से में आई; उनके 6 भाई भी फिलहाल इस दुनिया में नहीं हैं और उनके परिवार के बच्चे फिलहाल इस कोठी में रह रहे हैं। आपको बता दें कि रेलूराम पूनिया एक गरीब परिवार से थे, जिन्होंने कड़ी मेहनत से संपत्ति अर्जित की। पहले गांव प्रभुवाला के निर्विरोध सर्वसम्मति से सरपंच बने फिर 1996 में वे विधायक बने। परिवार में संपत्ति के बंटवारे को लेकर तनाव था, खासकर सोनिया और उनके सौतेले भाई सुनील के बीच। 23 अगस्त 2001 को सोनिया के जन्मदिन पर हत्याकांड को अंजाम दिया गया। आरोप है सोनिया ने प्लान के तहत ड्रामा करके आत्महत्या का केवल प्रयास किया और गिरफ्तार हुई। अदालत ने संपत्ति हड़पने के इरादे से अपराध सिद्ध किया। 1996 में वे बरवाला विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते, जहां उनका नारा था "रेलूराम की रेल चलेगी, बिन पानी बिन तेल चलेगी"। वे पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल की हरियाणा विकास पार्टी का समर्थन करते थे और चौधरी देवी लाल व ओम प्रकाश चौटाला से जुड़े थे। रेलूराम पूनिया हत्याकांड के मुख्य आरोपी संजीव और सोनिया के अंतरिम बेल पर बाहर आने के बाद से यह मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। रेलूराम के भाइयों के बच्चों ने मुख्यमंत्री और सरकार से सुरक्षा की गुहार लगाई है । गाव प्रभुवाला में रेलू राम पूनिया के निवास के बाहर सुरक्षा की दृष्टि से एक पीसीआर तैनात की गई है। रेलूराम हत्याकांड को लेकर अभी भी गांव के लोगों में नाराजगी और गुस्सा है। हालांकि उस वक्त के बहुत से लोग अब नहीं हैं लेकिन गांव के लोगों का साफ तौर पर कहना है कि संजीव और सोनिया की अंतरिम बेल मिलने से उन्हें नाराज़गी है। फिलहाल इस मामले के फिर से उठने के बाद अब लोग भी रेलूराम के इस निवास स्थान पर आने लगे हैं। वहां पर मौजूद पूनिया खाप के लोगों का साफ तौर पर कहना है कि जरूरत पड़ी तो एक बार फिर से इस मामले को उठायेंगे। आपको बता दें कि पहले भी पूनिया और बेनैन खाप ने इस मामले को जोर-शोर से उठाया था। रेलूराम हत्याकांड को लेकर परिवार के वकील सीनियर एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि फिलहाल स्टेट लेवल कमेटी को इन 2 महीने के अंदर दोबारा से अपनी रिपोर्ट देनी है, लेकिन वह इस मामले को लेकर परिवार की तरफ़ से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी की तैयारी कर रहे हैं तथा रेनूराम पुनिया का परिवार भी सरकार से मांग कर रहा है कि सरकार भी सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी फाइल करें। कर्मचारियों के साथ 2004: हिसार सत्र न्यायालय- सोनिया-संजीव को 8 हत्याओं के लिए मौत की सजा। अप्रैल 2005: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट- मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। फरवरी 2007: सुप्रीम कोर्ट- मौत की सजा बहाल। अप्रैल 2013: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी- दया याचिका खारिज। आरोपी सोनिया भारत की पहली फांसी पाने वाली महिला बन सकती थीं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित कर दिया। 12 दिसंबर 2025: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया.
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KCKashiram Choudhary
Dec 26, 2025 08:50:23
Jaipur, Rajasthan:उत्तर-पश्चिम रेलवे में 1 जनवरी से लागू होगी ट्रेनों की नई समय सारिणी - नए शेड्यूल में 12 जोड़ी नई ट्रेनें शामिल, 4 जोड़ी ट्रेनों का किया गया है विस्तार - 66 ट्रेनों के समय में 30 मिनट या ज्यादा बदलाव, ट्रेनों की गति में वृद्धि और समय की बचत होगी जयपुर। उत्तर पश्चिम रेलवे की नई समय सारणी 1 जनवरी 2026 से लागू होगी। नई ट्रेनों के संचालन, ट्रेनों के विस्तार, फेरों में बढ़ोतरी, नए ठहराव और ट्रेनों की विभिन्न स्टेशनों पर आगमन/प्रस्थान समय में परिवर्तन लागू होंगे। उत्तर पश्चिम रेलवे पर हो रहे दोहरीकरण, विद्युतीकरण आदि आधारभूत संरचना के कार्यों के कारण ट्रेन संचालन की गति में वृद्धि होने के साथ ही समय में बचत हुई है। इसके फलस्वरूप ट्रेनों के संचालन की समय सारणी में बदलाव हुआ है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण के अनुसार ट्रेनों के संचालन की नई समय सारिणी 1 जनवरी 2026 को जारी की जा रही है। नई समय सारणी में नई ट्रेनों के संचालन, ट्रेनों के विस्तार, फेरों में वृद्धि, ट्रेन संख्या में बदलाव, नए ठहराव तथा विभिन्न स्टेशनों पर ट्रेनों के आगमन व प्रस्थान समय में हुए बदलाव को शामिल किया गया है। नई समय सारणी में 61 ट्रेनों के विभिन्न स्टेशनों पर 1 जनवरी 2026 से नए ठहराव भी शुरू होंगे। ये होंगे महत्वपूर्ण बदलाव - नई समय सारणी में 12 जोड़ी नई ट्रेनें शामिल - 4 जोड़ी ट्रेनों के विस्तार, 2 ट्रेनों के टर्मिनल स्टेशन में बदलाव होंगे - 2 जोड़ी ट्रेनों के फेरों में विस्तार, 12 ट्रेनों के नंबरों में बदलाव होंगे - 164 ट्रेनों के नए ठहराव, जिनमें से 61 ट्रेनों के नए ठहराव 1 जनवरी से होंगे - 2 ट्रेनों के मेल/एक्सप्रेस से सुपरफास्ट में परिवर्तन से समय में बचत होगी - 89 ट्रेनों की गति में वृद्धि के कारण ट्रेनों के आगमन-प्रस्थान समय बदलेंगे - 66 ट्रेनों के विभिन्न स्टेशनों पर आगमन व प्रस्थान समय में 30 मिनट या अधिक बदलाव
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SKSantosh Kumar
Dec 26, 2025 08:48:00
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PSPrabhanjan Singh
Dec 26, 2025 08:47:51
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RKRANJEET Kumar OJHA
Dec 26, 2025 08:47:32
Jamshedpur, Jharkhand:जमशेदपुर में सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह एवं बाबा फतेह सिंह की अद्वितीय शहादत को नमन करते हुए वीर बाल दिवस के अवसर पर भाजपा जमशेदपुर महानगर के तत्वावधान में एक चित्र प्रदर्शनी सह विचार गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. आयोजन का उद्देश्य शहीद साहिबजादों के बलिदान को स्मरण करते हुए युवाओं में देशभक्ति, त्याग और साहस की भावना को प्रोत्साहित करना था, कार्यक्रम में पूर्व सांसद एवं झारखंड भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता गीता कोड़ा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रही. इस अवसर पर साहिबजादों के जीवन, संघर्ष और शहादत से संबंधित चित्रों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी तथा विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित कर उनके बलिदान से समाज को प्रेरणा लेने का संदेश दिया गया.
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