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मध्य प्रदेश में पाखंड का खेल: बाबाओं के दरबार से पैसे लूटने का सच
PSPradeep Sharma
Sept 16, 2025 09:00:36
Bhind, Madhya Pradesh
हेडर- जी मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ की खास पेशकश,"पाखंड"ओझाओ, तांत्रिकों और बाबाओ को सजने वाले ठगी के दरबारों की कहानीयां, किस तरह फंसाते हैं लोगों को जाल में, कैसे होता है इलाज।
एंकर- ज़ी न्यूज़ मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ लोगों को पाखंड और ढोंगी बाबाओं के खिलाफ जागरूक करने के लिए मुहिम शुरू कर रहा है जिसका नाम है, पाखंड, इस सीरीज के अंदर हम आपको दिखाएंगे प्रदेश भर में फैले ऐसे ओझाओं तांत्रिकों बाबाओं का जाल जिसमें भोले वाले लोग फंसकर सालों और महीनों बीमारी और भूत व्याधा ठीक होने के नाम पर परिक्रमा और चक्कर लगाते रहने के साथ-साथ अपना समय और पैसा दोनों बर्वाद हैं, ठीक होने के नाम पर उनको कहीं गण्डा,ताबीज, कलवा, तो कहीं भबूती देकर ठीक होने का दावा किया जाता है, आज हम दर्शकों को दिखाएंगे एक ऐसे ही तांत्रिक ओझा मुकेश कुमार का प्रति सोमवार को लगने वाले दरबार को जहां पर एक दो नहीं सैकड़ो भूत प्रेत बाधा और बीमारी से पीड़ित लोग पहुंच कर झाड़ फूंक करवाते हैं, जी मीडिया की टीम पहुंची है मध्य प्रदेश के भिंड में, जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर गोहद विधानसभा के अंतर्गत आने वाले भगवासा गांव में गांव से बाहर वैसली नदी के किनारे बना है कुंवर बाबा का मंदिर और मंदिर परिसर में भूत प्रेत बाधा और बीमारी से ठीक करने का दावा करने वाले मुकेश ओझा का बीते 18 सालों से प्रत्येक सोमवार को दरबार सजता है, दरबार में पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर पीड़ितों की रजिस्टर पर लिख कर अर्जी लगाई जाती है फिर एक-एक कर ओझा मुकेश कुमार के सामने पेशी होती है, इस दौरान आप देख सकते हैं, कभी ओझा के ऊपर कुंवर बाबा खेलते और झूमते हुए दिखाई देते हैं तो कभी भूत व्याधा से पीड़ित महिलाएं और पुरुष झूमते दिखाई देते है, भूत प्रेत बाधा से ग्रसित लोगों को ओझा मुकेश कुमार और उनके ऊपर आए कुंवर बाबा की सवारी पूछताछ करती है और उसका समाधान जानने की पश्चात भूत को उसके द्वारा मांगे गए दान पुण्य और गंगा स्नान का का आश्वासन दिया जाता है, जिसके उपरांत एक बताशा खिलाकर और कलावा बांधकर पांच परिक्रमा देने की बात कह कर पीड़ित को रवाना कर दिया जाता है, जी मीडिया की टीम ने कई लोगों से चर्चा की तो लोगों का दावा था कि कई लोगों की भूत प्रेत बाधा ठीक हो गई और कई लोग बीमारियां भी ठीक होने का दावा कर रहे थे, लोगों का कहना था कि जहां डॉक्टर के इलाज से फायदा नहीं मिलता है वहां ओझा द्वारा दी गई भभूति से बीमारी का निदान हो जाता है,तांत्रिक मुकेश कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि वह गांव से निकलकर छोटी सी उम्र में ही मंदिर पर आ गए थे और उन्होंने लोगों की सेवा का व्रत लिया और मंदिर पर ही रहने लगे, पहले मंदिर एक छोटी सी मठिया हुआ करती थी लेकिन अब काफी बड़ा मंदिर बन चुका है, मंदिर में विराजमान कुंवर बाबा के बारे में कहा जाता है कि बह ग्वालियर जिले के डबरा तहसील के अंतर्गत एक रियासत के राजा कुंवर साह थे जो अब भगवासा गांव में सिद्ध के रूप में विराजमान है और उन्हीं की गद्दी लगाई जाती है, तांत्रिक मुकेश कुमार का कहना है कि उन्हें अंदर से आभास होता है कि सामने आए हुए व्यक्ति के ऊपर यह व्याधा है, जिसको पीड़ित को बता कर उसका उपचार बताते हैं, जिसके एवज में वह कभी भी किसी भी श्रद्धालु और भूत व्याधा अथवा बीमारी से पीड़ित व्यक्ति से कोई भी फीस अथवा पैसा नहीं लेते हैं, वह लोगों का उपचार और समाधान बिल्कुल निशुल्क करते हैं, हां यह बात अलग है और कोई मंदिर में कुछ दान दक्षिणा अथवा चढ़ावा चढाना चाहता है तो उसके लिए मनाही नहीं है, जी मीडिया ने बातचीत करते हुए उनसे कई सवाल पूछे जिसमें पूछा कि क्या वह पाखंड करते हैं, उनका कहना था कि यह पाखंड नहीं है लोगों की आस्था और श्रद्धा है जिसके चलते उनकी समस्याओं का वह निदान निशुल्क करते हैं, ऐसा नहीं है कि तांत्रिक के पास आने वाले भोले वाले ग्रामीण अथवा कम पढे लिखे लोग ही आते है, उच्च शिक्षित और ऊंची नौकरी वाले भी लोगों के पास समस्या समाधान के लिए पहुंचते हैं,बीते चार साल से लगातार प्रति माह हर सोमबार परिक्रमा करने बाले ऐसे ही एक एक्साइज इंस्पेक्टर की भी जी मीडिया से बातचीत हुई तो उन्होंने बताया कि उन्हें काफी परेशानियां थी और वह एमपी यूपी राजस्थान तक कई ओझाओं के चक्कर लगाए कई तांत्रिको ने उनसे परिक्रमा लगवाई तो कई लोगों ने उनसे पैसा भी ठगा, उनका कहना था कि ऐसे बाबा और ओझाओं में अधिकतर ठगी और पैसा लूटने के लिए दरबार सजाते है, लेकिन 4 साल पहले जब वह ओझा मुकेश कुमार के दरबार में पहुंचे थे तब से उन्हें 90% लाभ मिला है और यहां पर एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ है।
बाइट-1- लखपत सिंह, एक्साइज इंस्पेक्टर।
बाइट-2-लोकेन्द्र,भूत व्याधा से पीड़ितयुवक।
बाइट-3- परमानंद जोशी, गृहक्लेश से पीड़ित।
बाइट-4- शिशुपाल, एपिलेप्सी बीमारी से पीड़ित बच्चों के पिता।
बाइट-5- हरेंद्र सिंह नरवरिया, बीमारी से पीड़ित बच्ची के पिता।
बाइट-6-ग्याप्रसाद कुशवाहा, पेट दर्द से पीडित बच्ची के पिता।
बाइट-7-भागवती देवी, पितृ नाराजगी से पीड़िता
बाइट-8-कमला देवी,बच्चे की चाहत।
बाइट-9-ढ़केली बाई, एपिलेप्सी से पीड़ित युवती की मां।
बाइट-10-कुसमा देवी, मानसिक रोगी पति की पत्नी।
बाइट-11- मुकेश कुमार, तांत्रिक, कुंवर बाबा मंदिर भगवासा।
प्रदीप शर्मा जी मीडिया भिंड
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