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सीकर के किसान ने पॉली हाउस से कमाए लाखों, जानें कैसे!
ASAshok Singh Shekhawat
FollowJul 10, 2025 04:34:44
Sikar, Rajasthan
सीकर
पारंपरिक खेती छोड़ नई टेक्नोलॉजी से खेती कर रहे हैं सीकर के किसान
किसान श्रवण महला खेत में पॉली हाउस और ड्रिप सिस्टम से खीरे, टमाटर मिर्ची सहित अन्य सब्जियों की उपज कर कमा रहा है लाखों रुपए
एंकर.....
सीकर जिले के कई किसान इन दिनों पोली हाउस से विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती कर ऑफ सीजन में भी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। सीकर जिले के दांतारामगढ़ इलाके के मंगलपुरा निवासी प्रगतिशील किसान श्रवण कुमार महला ने भी अपने खेत में चार पोली हाउस बनाकर खीरे, टमाटर, मिर्ची सहित अन्य सब्जियों की पैदावार कर सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं। किसान श्रवण कुमार महला का कहना है कि सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए काफी प्रयास किए हैं। उन्होंने भी 2016 में अपने खेत में पोली हाउस बनाया था। उसके बाद से वह साल भर में एक पॉलीहाउस में तीन फसल करते हैं। प्रत्येक पोली हाउस में एक फसल में करीब चार लाख रुपए का मुनाफा उन्हें होता है। उन्होंने कहा कि सभी किसानों को पोली हाउस और ड्रिप सिस्टम से खीरे, टमाटर, मिर्ची सहित अन्य सब्जियों की पैदावार करनी चाहिए ताकि उन्हें पारंपरिक खेती के मुनाफे की बजाय ज्यादा फायदा मिल सके। पॉली हाउस से फसल के अनुसार तापमान भी संतुलित रहता है और ड्रिप सिस्टम से पानी भी कम लगता है। जिस किसान को एक तरफ आर्थिक फायदा मिलता है तो वही पानी की बचत भी होती है। उन्होंने भी अलग-अलग चार पोली हाउस अपने खेत में बना रखे हैं। मैंने कहा कि बारिश का पानी पोली हाउस के ऊपर गिरता है जो पास ही बनाए गए एक पौंड में जाता है। जहां से ड्रिप सिस्टम के माध्यम से पानी पौधों में दिया जाता है और बूंद बूंद पानी से सिंचाई होती है। जिससे बाहर से पानी देने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती।
वहीं सहायक कृषि अधिकारी उदाराम अजमेरा ने जानकारी देते हुए बताया कि सीकर जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर खुड के नजदीक मंगलपुरा निवासी किसान श्रवण कुमार महला ने 2016 में पोली हाउस लगाया था। जहां किसान श्रवण कुमार महला पोली हाउस में खीरे, टमाटर, मिर्ची सहित अनेक प्रकार की खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय दुगनी करने के लिए पोली हाउस योजना लेकर आए हैं यह योजना बड़ी ही शानदार हैं। इस स्कीम से निश्चित रूप से किसानों की आय दुगनी होगी, क्योंकि इस योजना में कृषि विभाग भी स्कीम के अनुसार अनुदान दे रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से अलग-अलग स्कीम के अनुसार 50% से 95% तक अनुदान राशि दी जाती है। पॉलीहाउस से उपज के अनुसार तापमान को मेंटेन किया जा सकता है, क्यों पॉली हाउस में फोगर सिस्टम लगे हुए हैं और एक लगी हुई होती है जिससे बूंद बूंद सिस्टम से फसल अच्छे से तैयार हो जाती है। किसान की आय भी आसानी से दुगनी होने के साथ लागत भी कम आती है। कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि राजस्थान का क्लाइमेट काफी सुख रहता है और यहां पानी की कमी होती जा रही है। जिसको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार सीहोर से फॉर्म पॉइंट योजना चलाई गई है। इसके तहत किसान पोली हाउस और फॉर्म पौंड बनाकर ड्रिप सिस्टम से सिंचाई कर लेता है। इससे सरकार की मनसा अनुसार जल संरक्षण को बढ़ावा मिलता है और दूसरी बात जो प्राकृतिक बारिश का पानी आता है उसमें साल्ट की मात्रा व फ्लोराइड की मात्रा भी कम होती है जिससे किसान का ड्रिप सिस्टम चौक नहीं होता है। इसके साथ ही आसानी से कम लागत में अच्छा मुनाफा मिलता है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि खेतों में नई टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा फायदा ले और सरकार भी इसके लिए किसानों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है। इसके साथ ही सरकार की ओर से भी काफी अनुदान दिया जा रहा है, इसलिए किसान ज्यादा से ज्यादा नई टेक्नोलॉजी का फायदा उठाएं।
बाइट - श्रवण कुमार महला (सफेद शर्ट) प्रगतिशील किसान
बाइट - उदाराम अजमेरा (नीली शर्ट)
सहायक कृषि अधिकारी, खूड़।
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