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राजस्थान हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों पर उठाया बड़ा सवाल!
Jaipur, Rajasthan
District- jaipur
Reporter- mahesh pareek 9829793993
Location - jaipur
हाइकोर्ट के शॉट और न्याय मित्र प्रतीक कासलीवाल की बाईट
इंट्रो- राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर की सडक़ों पर आवारा कुत्तों की ओर से आए दिन राहगीरों को काटने के मामले में स्वायत्त शासन विभाग सहित हेरिटेज व ग्रेटर निगम से पूछा है कि इनका रोड पर विचरण रोकने के लिए क्या किया जा रहा है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस मनीष शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
बॉडी- सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि बध्याकरण से घटनाओं में कमी नहीं आती है। सरकार बताए कि ऐसे कौन से सेंटर हैं, जहां आवारा कुत्तों को रखा जाता है। हम चाहते हैं कि आवारा कुत्तों का वेलफेयर भी हो जाए और राहगीरों को भी ऐसी घटनाओं से मुक्ति मिले। न्यायमित्र प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि आए दिन समाचार पत्रों में आवारा कुत्तों के राहगीरों पर हमला करने की सूचना मिल रही हैं। शहर ऐसी घटनाओं की राजधानी बन गया है। साल 1997 में हाईकोर्ट ने सडक़ों को आवारा पशुओं से मुक्त करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए थे, लेकिन उनकी भी पालना नहीं की जा रही है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार और निगम से जवाब पेश करने को कहा है। गौरतलब है कि 25 सितंबर, 2024 को हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों के हमलों के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था। अदालत ने कहा था कि केरल में आवारा कुत्तों से निजात दिलाने के लिए कानून बना है। ऐसे में राज्य सरकार को मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए। छोटे बच्चों सहित राह पर चलने वाले इन आवारा कुत्तों के शिकार हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
BYTE- प्रतीक कासलीवाल, न्याय मित्र
महेश पारीक, ज़ी मीडिया
जयपुर।
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