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बिहार में शिक्षकों का पुतला जलाकर विरोध, ट्रांसफर पर गहराता आक्रोश!
Begusarai, Bihar
जितेन्द्र कुमार बेगूसराय
एंकर बिहार में शिक्षकों का ट्रांसफर का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। ट्रांसफर में मनमानी का आरोप लगाकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला बेगूसराय के शिक्षकों ने जलाकर विरोध प्रदर्शन किया है। साथ ही साथ शिक्षकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला पर लाठी बरसा कर अपना गुस्सा प्रकट किया है। आपको बताते चले कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न चरणों में शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है | कई प्राथमिक विद्यालयों में दर्जन से अधिक शिक्षकों को भेज दिया गया कहीं मध्य विद्यालयों से आधा दर्जन शिक्षकों को स्थानान्तरित कर दिया गया है | साथ-ही-साथ जिस विद्यालय से कुछ शिक्षकों का स्थानांतरण हो गया परन्तु वहां कोई शिक्षक पदस्थापित नहीं हो सके, वहां शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है| स्थानांतरण के वजह से विद्यालयों में रिक्त हुए पदों को भरने की चुनौती राज्य सरकार की हो गयी है। अबतक स्थानान्तरण के लिए स्वीकृत आवेदनों की सभी सूचि भी जारी नही की गई है। वही कक्षा छ: से बारह तक के अंतरजिला व समान जिला महिला पुरुष शिक्षकों के स्थानान्तरण की सूचि भी जारी नही की गई। कक्षा एक से पांच तक के शिक्षकों की अंतरजिला स्थानान्तरण भी पेंडिग है। इस बीच विभाग द्वारा म्युच्युअल ट्रांसफर की प्रक्रिया प्रारंभ करने का पत्र जारी किया गया। स्थानान्तरण की बाट जोह रहे शिक्षकों में इस बाबत काफी भ्रम और उहापोह की स्थिति है लिहाजा उनका आक्रोश गहराता जा रहा है | इसी क्रम में शनिवार शाम में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय बेगूसराय के समक्ष बिहार स्टेट टीचर्स एसोसिएशन बीएसटीए गोपगुट के बैनर तले सैकड़ों शिक्षकों ने प्रतिवाद मार्च निकाल मुख्यमंत्री का पुतला फूंका है। स्थानान्तरण सूचि अविलंब प्रकाशित करने की मांग पर शिक्षक जमकर नारेबाजी कर रहे थे। मौके पर आयोजित प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए बीएसटीए गोपगुट के जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार मिश्र ने कहा कि सरकार शिक्षकों के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया अपना रही है।एक तरफ छ: माह से विशिष्ट शिक्षकों के वेतन निर्धारण का कार्य लंबित है दूसरी तरफ स्थानान्तरण की उम्मीद में जी रहे शिक्षक शिक्षिकाओं को म्युच्युअल ट्रांसफर का लोलमा थमाया जा रहा है। छः माह बीत जाने के बावजूद अभी तक प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकी है। शिक्षकों ने तो अपर मुख्य सचिव महोदय के वक्तव्य पर भरोसा जताते हुए अपना रूम सब भी खाली कर दिया था। यहां तो उनके वक्तव्य का भी कोई महत्व नहीं रह गया दिखता। शिक्षक विभागीय अराजकता और शिथिलता से मानसिक रूप से परेशान हो रहे है। विभाग स्थानांतरण के नाम बस खानापूर्ति कर रही है | विशिष्ट शिक्षकों को तो सक्षमता परीक्षा के समय जिला भी आवंटित कर दिया गया था किंतु इसके बाबजूद उन्हें स्थानांतरण से वंचित रखा गया है। विभाग को म्युच्युअल ट्रांसफर से पहले कक्षा एक से बारह तक के विभाग द्वारा स्वीकृत आवेदन पर लंबित स्थानान्तरण सूचि अविलंब प्रकाशित करनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा है कि स्थानांतरण, प्रधान शिक्षक पदस्थापन, सक्षमता पास शिक्षकों का सेवा निरंतरता सहित समस्थानिक इंडेक्स में फिक्सेशन व अन्य सभी प्रमुख समस्याओं पर विभाग का शिथिल रवैया शिक्षकों को हतोत्साहित करने जैसा है। स्थानान्तरण को प्राप्त आवेदनों में कुछ श्रेणियों की सूचि जारी कर बाकी छ: से बारह के अंतर जिला एवं समान जिला महिला एवं पुरुषों की सूचि एवं कक्षा एक से पांच तक की अंतरजिला महिला पुरुष शिक्षकों की सूचि को लंबित रखा जाना विभागीय भेदभाव और मनमानेपन को दिखा रहा है। शिक्षकों का धैर्य अब जवाब दे रहा है तथा वह कभी फूट सकता हैं।और एक बड़े लोकतांत्रिक आंदोलन का रूप ले सकती हैं। विभाग अविलंब ठोस पहल लेते हुए स्थानान्तरण की लंबित सूचियों को जारी करने का काम करे।
बाइट शिक्षक
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