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नीलकंठ महादेव मंदिर: पांडवों का 5000 साल पुराना रहस्य!

ASABHISHEK SHARMA1
Jul 14, 2025 12:36:42
Chittorgarh, Rajasthan
#चित्तौड़गढ़ एंकर - चित्तौड़गढ़ का किला सिर्फ युद्धों और वीर गाथाओं के लिए नहीं, बल्कि आस्था के प्रतीकों के लिए भी जाना जाता है। सावन के पावन मास में यहां स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र बन जाता है। कहा जाता है कि यह मंदिर पांच हजार साल पुराना है, और इसका सीधा संबंध पाण्डवों से जुड़ा है। भीम द्वारा स्थापित इस विशाल शिवलिंग का अभिषेक आज भी उसी श्रद्धा और ऊर्जा से किया जाता है, जैसे प्राचीन काल में होता था। वीओ - 1 चित्तौड़गढ़ किले की पहाड़ियों पर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर का इतिहास जितना पुराना है, उतनी ही गहराई इसकी मान्यताओं में है। यह शिवलिंग करीब 10 टन वजनी और 4.5 फीट ऊंचा है, जिसकी 10 फीट परिक्रमा है। मान्यता है कि पाण्डवों के अज्ञातवास के दौरान भीम ने इसे अपने बाजू पर बांधा और प्रतिदिन अभिषेक किया। बाद में भीम ने इसे यहीं स्थापित कर दिया। श्रद्धालुओं का मानना है कि मंदिर की स्थापना पाण्डव काल के चित्रकूट नगर में हुई, जो अब चित्तौड़गढ़ कहलाता है। बाईट - महंत जगन्नाथ भारती ......... मन्दिर मुख्य पुजारी बाईट - पं. अरविंद भट्ट ........ मन्दिर भक्त वीओ - 2 नीलकंठ महादेव मंदिर की महिमा सावन मास में अपने चरम पर होती है। प्रतिदिन तड़के सुबह 5 बजे ही श्रद्धालुओं की कतार लग जाती है। खास तौर पर श्रावण सोमवार को यहां विशेष श्रृंगार, रुद्राभिषेक और भव्य पूजन होता है। मंदिर का प्राकृतिक सौंदर्य इसकी भक्ति में चार चांद लगाता है, क्योंकि यह किले की ऊंचाई पर स्थित है और वहां से पूरे चित्तौड़ का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। बाईट - उमेश अग्रवाल ......... भक्त बाईट - रेणु मिश्रा .......... भक्त वीओ - 3 इतिहासकारों के अनुसार चित्तौड़गढ़ का यह शिव मंदिर गुप्तकाल से पहले का हो सकता है, क्योंकि इसकी स्थापत्य शैली व शिल्प, पाण्डवकालीन चिह्नों से मेल खाती है। हालांकि इसका कोई लिखित प्रमाण उपलब्ध नहीं है, परन्तु जनश्रुतियों और पुरातात्विक संकेतों के आधार पर इसे पांच हजार साल पुराना माना जाता है। यह मंदिर एक बार फिर चर्चा में है, क्योंकि हर वर्ष यहां आने वाले भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे पर्यटन और धार्मिक यात्रा दोनों को बढ़ावा मिल रहा है। बाईट - रामप्रसाद चाष्टा ......... भक्त वीओ - 4 पांच हजार साल पुरानी मान्यताओं और पाण्डवों से जुड़े गौरवशाली इतिहास को संजोए नीलकंठ महादेव मंदिर आज भी शिवभक्तों की सबसे बड़ी आस्था का केन्द्र बना हुआ है। सावन में यहां की भक्ति, प्रकृति और इतिहास तीनों का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। पिटीसी - अभिषेक शर्मा........... जी मीडिया चित्तौड़गढ़
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