Back
विंध्याचल में नवरात्र: मां विंध्यवासिनी का विशाल मेले का आकर्षण
RMRAJESH MISHRA
Sept 21, 2025 14:17:31
Danti, Uttar Pradesh
News
Attn.: न्यूज़ डेस्क
Slug :-2109ZUP_MZP_1STDAY_MAA_R
Date :- 21.09.25
Place :- मीरजापुर
Report : राजेश मिश्र
Anchor :- आदिशक्ति जगतम्बा का परम धाम विन्ध्याचल केवल एक तीर्थ नहीं बल्कि प्रमुख शक्तिपीठ है । वर्ष में पड़ने वाले नवरात्र में लगने वाले विशाल मेले में दूर दूर से भक्त माँ के दर्शन के लिए आते हैं । सोमवार को उदया तिथि में शारदीय नवरात्र भोर की मंगला आरती से आरम्भ हो गया । नवरात्र में आदिशक्ति के नौ रूपों की आराधना की जाती है । पहले दिन हिमालय की पुत्री पार्वती अर्थात शैलपुत्री के रूप में आदिशक्ति का सविधि पूजन अर्चन करने का विधान है । प्रत्येक प्राणी को सदमार्ग पर प्रेरित वाली माँ का यह स्वरूप सभी के लिए वन्दनीय है । विन्ध्यपर्वत और पापनाशिनी माँ गंगा के संगम तट पर विराजमान माँ विंध्यवासिनी शैलपुत्री के रूप में दर्शन देकर अपने सभी भक्तों का कष्ट दूर करती है । नवरात्र के पहले दिन श्रधालुओं ने पूरी श्रद्धा के साथ आदिशक्ति माँ विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन किया । घंटी घडियालों से पूरा विन्ध्य क्षेत्र गुंजायमान रहा । एक रिपोर्ट-
Vo 1:- अनादिकाल से भक्तो के आस्था का केंद्र बने विन्ध्य पर्वत व पतित पावनी माँ भागीरथी के संगम तट पर श्रीयंत्र पर विराजमान माँ विंध्यवासिनी का प्रथम दिन शैलपुत्री के रूप में पूजन व अर्चन किया जाता है । शैल का अर्थ पहाड़ होता है कथाओं के अनुसार पार्वती पहाड़ो के राजा हिमालय की पुत्री थी । पर्वत राज हिमालय की पुत्री को शैलपुत्री भी कहा जाता है उनके एक हाँथ में त्रिशूल और दूसरे हाँथ में कमल का फूल है । भारत के मानक समय के लिए विन्दु के रूप में स्थापित विन्ध्यक्षेत्र में माँ को विन्दुवासिनी अर्थात विंध्यवासिनी के नाम से भक्तों के कष्ट को दूर करने वाला माना जाता है । प्रत्येक प्राणी को सदमार्ग पर प्रेरित वाली माँ शैलपुत्री सभी के लिए आराध्य है । घर के ईशान कोंण में कलश स्थापना के साथ ही माता भक्त साधना में जुट गए है । आठ दिन माँ दुर्गा मन, वचन, कर्म सहित इस शरीर के नौ द्वार से माँ सभी भक्तों की मनोकामना को पूरा करती है । भक्त को जिस - जिस वस्तुओं की जरूरत होता है वह सभी माता रानी प्रदान करती है । विद्वान आचार्य बताते हैं समूचे ब्रम्हांड में इससे आज के दिन साधक के मूलाधार चक्र का जागरण होता है -
Bite 1 :- पं० अनुपम द्विवेदी (विद्वान पुरोहित - विंध्याचल)
Fvo :- नवरात्र में माँ के अलग - अलग रूपों की पूजा कर भक्त सभी कष्टों से छुटकारा पाते हैं । माता के किसी भी रूप में दर्शन करने मात्र से प्राणी के शरीर में नयी उर्जा, नया उत्साह व सदविचार का संचार होता है और माँ अपने भक्तो के सारे कष्टों का हरण कर लेती है । नवरात्र भर विंध्य क्षेत्र में लाखों भक्त माँ का दर्शन पाने के लिए आते रहेगें ।
0
Report
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|
Advertisement
BPBHUPESH PRATAP
FollowSept 21, 2025 16:02:510
Report
VKVIKRANT KUMAR
FollowSept 21, 2025 16:02:410
Report
WJWalmik Joshi
FollowSept 21, 2025 16:02:310
Report
PKPrashant Kumar
FollowSept 21, 2025 16:02:240
Report
MKMANTUN KUMAR ROY
FollowSept 21, 2025 16:01:510
Report
NMNitesh Mishra
FollowSept 21, 2025 16:01:400
Report
VSVISHAL SINGH
FollowSept 21, 2025 16:01:130
Report
RSRavi sharma
FollowSept 21, 2025 16:01:020
Report
VKVIKRANT KUMAR
FollowSept 21, 2025 16:00:450
Report
VKVishal Kumar
FollowSept 21, 2025 16:00:340
Report
AYAMARJEET YADAV
FollowSept 21, 2025 16:00:240
Report
JAJhulan Agrawal
FollowSept 21, 2025 16:00:110
Report
APAVINASH PATEL
FollowSept 21, 2025 15:48:003
Report
MVManish Vani
FollowSept 21, 2025 15:47:49Jobat, Madhya Pradesh:पुलिस विभाग को ज्ञापन देते हुए विजुअल भेजा है
3
Report
RMRoshan Mishra
FollowSept 21, 2025 15:47:40Noida, Uttar Pradesh:शारदीय नवरात्रि से लागू होने जा रहे NextGenGST Reforms से युवा, महिला और किसान सहित सभी वर्गों के जीवन में बेहतरी आएगी : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
0
Report