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सरिस्का में खनन की तैयारी: क्या टाइगर की सुरक्षा खतरे में है?
Alwar, Rajasthan
एंकर ,विजुअल ,बाइट
अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व क्षेत्र में खनन को फिर से शुरू किए जाने की तैयारियों को लेकर सियासत गरमा गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को अपने अलवर स्थित फूलबाग निवास पर पत्रकारों से बातचीत में भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.
उन्होंने कहा, सरिस्का के आसपास खनन पर रोक लगाने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने लिया था. लेकिन अब बीजेपी सरकार इन खानों को दोबारा चालू करने की तैयारी कर रही है. यह निर्णय सरासर गलत है और टाइगर रिजर्व की सुरक्षा के खिलाफ है.
माफिया की नजर सरिस्का पर, मोटे पैसे से करवाई मंजूरी___.पूर्व मंत्री ने दावा किया कि खनन माफिया इस क्षेत्र पर गहरी नजर रखे हुए हैं. और सरकार की मिलीभगत से खनन की अनुमति ली गई है. उन्होंने कहा, अधिकारियों ने आनन-फानन में रिपोर्ट तैयार कर सेंट्रल बोर्ड से अनुमति ले ली. इतना जल्दी सब कैसे हो गया. लगता है मोटा पैसा चला है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएगी. यह सिर्फ सरिस्का ही नहीं, देश के पर्यावरण और कानून व्यवस्था का भी सवाल है.कांग्रेस पार्टी एकजुट होकर इस मुद्दे की लड़ाई लड़ेगी, उन्होंने कहा
जहां खनन की तैयारी, वहीं है टाइगर की आबादी___जितेंद्र सिंह ने चेताया कि जिन इलाकों में खनन फिर से शुरू करने की योजना है. वे इलाके टाइगर की मौजूदा आबादी वाले क्षेत्र हैं. देश में किसी भी नेशनल पार्क के 30 किलोमीटर के दायरे में खनन की इजाजत नहीं होती. सरिस्का में यह नियम ताक पर रख दिया गया है.
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 15 साल पहले सरिस्का से टाइगर पूरी तरह खत्म हो गए थे.लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने हेलिकॉप्टर से टाइगर लाकर यहां फिर से बसाए थे. सरिस्का मॉडल आज देशभर में टाइगर रिलोकेशन के लिए मिसाल है.
byte__जितेंद्र सिंह ,पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस महासचिव असम प्रभारी
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