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हाई कोर्ट ने पॉक्सो केस में आरोपी की अपील खारिज की!

SHAILENDAR SINGH THAKUR
Jun 28, 2025 07:06:35
Bilaspur, Chhattisgarh
बिलासपुर। हाई कोर्ट ने एक पॉक्सो केस में आरोपी की सजा को पूरी तरह सही ठहराते हुए उसकी अपील खारिज कर दी है। मामला बिलासपुर के तखतपुर का है। 59 साल के अधेड़ को 12 साल से कम उम्र की बच्ची से छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी। जस्टिस संजय के अग्रवाल की सिंगल बेंच ने फैसले में कहा है कि नाबालिग बच्ची ने कोर्ट में खुद बयान दिया है और उसके बयान में किसी तरह का संदेह नहीं है। तखतपुर के एक गांव में रहने वाली महिला ने जुलाई 2021 में पुलिस से लिखित शिकायत की थी। बताया था कि उस दिन उसके पति खेत गए हुए थे। दो दो बेटियां स्कूल गई थीं। एक बेटी मवेशियों को चराने गई थी। दोपहर में जब वह बेटी को लेने गई थी तो उसने बताया कि गांव में रहने वाले हिरवर नवरंग ने उसके साथ छेड़खानी और यौन उत्पीड़न किया है। पुलिस ने मामले में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। बिलासपुर के फास्ट ट्रैक कोर्ट (पॉक्सो) ने 29 नवंबर 2022 को आरोपी को दोषी ठहराते हुए आईपीसी की धारा 354 के तहत 3 वर्ष कठोर कारावास, दो हजार रुपए जुर्माना और पॉक्सो एक्ट की धारा 9 (एम) / 10 के तहत 5 वर्ष का कठोर कारावास, दो हजार जुर्माने की सजा सुनाई थी। सजाएं साथ-साथ चलनी थीं।ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। आरोपी की तरफ से तर्क दिया गया कि पीड़िता की उम्र साबित नहीं हुई है। इसके अलावा गंभीर यौन उत्पीड़न साबित किया जा सका है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि अभियोजन पक्ष ने पर्याप्त सबूत पेश किए हैं। पीड़िता ने स्पष्ट रूप से कोर्ट में बयान दिया है। हाई कोर्ट ने पाया कि स्कूल के रजिस्टर व आधार कार्ड के आधार पर पीड़िता की उम्र 12 साल से कम है। पीड़िता ने बयान में आरोपी पर स्पष्ट रूप से छेड़छाड़ और कपड़े उतारने की कोशिश का आरोप लगाया था। उसकी मां, बहन और पिता ने भी घटना की पुष्टि की है।दोषी की उम्र लगभग 60 वर्ष होने के आधार पर उसे परिवीक्षा अधिनियम के तहत रिहा करने की मांग की गई, लेकिन हाई कोर्ट ने इसे भी खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पॉक्सो एक्ट एक विशेष अधिनियम है जिसमें न्यूनतम सजा निर्धारित है, ऐसे मामलों में आरोपी को परिवीक्षा का लाभ नहीं दिया जा सकता।
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