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बांदा में बाढ़ का खतरा: ग्रामीणों को तैरकर करना पड़ रहा है आवागमन!
Banda, Uttar Pradesh
*Report-* ATUL MISHRA
*Center-* BANDA
*Anchor-* यूपी के बांदा में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है, मध्य प्रदेश के पहाड़ों में हो रही जबरदस्त बारिश के चलते बांदा की केन नदी और छोटी सहायक नदियां भी विकराल रूप लेती जा रही है, पहाड़ों में बने गंगऊं और बरियारपुर बियर से भी पानी का लगातार डिस्चार्ज बांदा की केन नदी में जारी है जिसके चलते केन नदी भी उफान पर है और बांदा के निचले पैलानी तहसील क्षेत्र में कई गांव बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं, तकरीबन आधा दर्शन गांव का संपर्क मार्ग डूब गया है और यहां पर आवागमन के लिए ग्रामीण तैरने और जुगाड़ू नाव का सहारा लेने पर मजबूर हैं जो कभी भी बड़े हादसे की वजह बन सकती है, खास बात यह है कि जिला प्रशासन के दावों के मुताबिक फिलहाल यहां किसी भी तरह का बाढ़ से रेस्क्यू या राहत का इंतेजाम नजर नहीं आ रहा है हालांकि इस मामले में डीएम बांदा जे रीभा ने जल्द ही स्टीमर और राहत बचाव कार्य की व्यवस्था करने की बात कही है।
*Vo-* आपको बता दें कि यूपी का बांदा मध्य प्रदेश का सीमावर्ती जिला है जो विंध्याचल पर्वत श्रृंखला से लगा हुआ है मध्य प्रदेश के कटनी सतना और पन्ना क्षेत्र में पहाड़ों में लगातार बारिश हो रही है जिसके चलते बांदा छतरपुर और पन्ना सीमा पर बने वियर भी उफना गए हैं, गंगऊ और बरियारपुर बियर से तकरीबन 4000 क्यूसेक पानी केन नदी में डिस्चार्ज हो रहा है, जिसके चलते केन नदी बाढ़ की तरफ अग्रसर है तो वहीं महोबा के पहाड़ों से निकली चंद्रावल नदी भी उफान पर है जिससे पैलानी तहसील के अमारा, गौरी खपटिहा, पड़ोहरा समेत एक दर्जन गांवो का संपर्क मार्ग बाढ़ में डूब चुका है और इनमें से कुछ गांव पानी से घिरे हुए हैं, संपर्क मार्ग डूबने से ग्रामीण तैरकर या जुगाड़ की नाव से आवागमन कर रहे हैं जो कभी भी किसी खतरे का सबब बन सकता है, बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से ना तो स्टीमर की कोई व्यवस्था की गई है और ना ही किसी तरह का बचाव राहत कार्य किया जा रहा है बाढ़ से ग्रामीण अपने स्तर से दो-चार हो रहे हैं।
*Byte 1-* पूनम (स्कूली छात्रा)
*Byte 2-* हरिओम (ग्रामीण)
*Byte 3-* राजेश सिंह (ग्रामीण)
*Vo 2-* वही इस मामले में जिलाधिकारी जे रीभा का कहना है, कि अभी बाढ़ की शुरुआत हुई है और अभी बाढ़ इतनी विकराल नहीं है कि जिससे किसी बड़े नुकसान की संभावना हो लेकिन स्थिति को देखते हुए बाढ़ चौकिया को सतर्क किया जा रहा है इसके साथ ही स्टीमर के लिए पीडब्ल्यूडी ने टेंडर कर दिए हैं जल्द ही स्टीमर सेवा भी शुरू कर दी जाएगी, नावो को भी लगाया जा रहा है और ग्राम प्रधानों लेखपालों और राजस्व कर्मियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत के कामों और देखरेख के लिए निर्देशित किया गया है इसके साथ ही जो गांव ज्यादा संवेदनशील है उनको विशेष तौर पर निगरानी में रखा गया है।
*Byte 4-* जे रीभा (डीएम बांदा)
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