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संविधान पर विवाद: आरएसएस के बयान ने छेड़ी नई बहस!
Ranchi, Jharkhand
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव होश वालों ने बड़ा बयान देते हुए कहां की संविधान यह शब्द संविधान के मूल पाठ में नहीं 42वें संविधान समाजवाद और धर्मेंद्र निरपेक्षता शब्द संविधान के मूल प्रस्तावना का हिस्सा नहीं था इसे बाद में जोड़ा गया था. इस बयान के बाद बहस छिड़ गई है
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी को अगर समाजवाद पर आपत्ति है तो क्या मनुस्मृति लागू होगा । मनोज पांडे ने कहा कि संविधान को बदलने की साजिश कभी सफल नहीं हो पाएगी धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद संविधान की मूल आत्मा है। बीजेपी समाजवाद खत्म कर अधिनायक वाद लाना चाहते हैं। संविधान बदलने की उनकी इच्छा एक बार फिर सामने आई है लेकिन इस बार जनता इन्हें सबक सिखाएगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरएसएस के नेता द्वारा दिए गए बयान पर कार्रवाई की मांग की है
बाइट....मनोज पांडे,jmm
आज जो लोग भी बयान पर आपत्ति प्रकट कर रहे हैं और बीजेपी और आरएसएस पर संविधान बदलने का आरोप लगा रहे हैं उन लोगों को यह बतलाना चाहिए कि संविधान की मूल प्रस्तावना में क्या धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद शब्द थे बाबा साहब के संविधान की दुहाई देने वाले को बताना चाहिए आपातकाल के दौरान इस शब्द को संविधान में घुसाए गए क्योंकि उनकी मंशा गलत थी। इस विषय पर चर्चा तो होनी चाहिए
बाइट... प्रदीप सिन्हा,बीजेपी
बीजेपी के इस बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि यह वही लोग हैं जो कहते हैं कि भारत 2014 के बाद आजाद हुआ है बीजेपी और आरएसएस को संविधान से कोई लेना-देना नहीं है बराबर संविधान में दिए गए अधिकारों के बारे में गलत चर्चा करते हैं कांग्रेस में कहां की हम एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र हैं और हर व्यक्ति का एक समान अधिकार है क्योंकि संविधान ने इसका हक दिया है पर बीजेपी और आरएसएस संविधान को बदलने की बात करती है। यह लोग देश की आजादी को ही 2014 के बाद कहते हैं इसलिए कोई इनकी बातों पर भरोसा नहीं करेगा
बाइट... किशोर नाथ शाहदेव,कांग्रेस
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