Back
बिहार पुलिस की मुठभेड़: 2 अपराधी घायल, बड़ा खुलासा!
MSManish Singh
FollowJul 22, 2025 05:02:14
Mumbai, Maharashtra
date/-22.07.25
report)-manish kumar singh ara bihar
anchor)-एस०टी०एफ०, बिहार एवं भोजपुर पुलिस की बड़ी उपलब्धि बिहियाँ थानान्तर्गत पुलिस मुठभेड़ में 02 अपराधी जख्मी। > घटना/कार्रवाई का विवरण:- आज को सुबह करीब 05:00 बजे थानाध्यक्ष बिहियों, थाना के पुलिस पदाधिकारी एवं बल तथा एस०टी०एस० द्वारा कठिया रोड के पास अपराधी जो हथियार के साथ था उसे चिन्हित कर घेरा गया तथा पुलिस द्वारा अपराधी को आम्तसमर्पण करने के लिए बोला गया तब अपराधी द्वारा पुलिस बल पर फायरिंग किया जाने लगा फिर आत्मरक्षार्थ पुलिस द्वारा की गयी फायरिंग 02 अपराधी (1) बलवन्त कुमार सिंह एवं (2) रविरंजन कुमार सिंह को हाथ पैर में गोली लगी है। जो पुलिस हिरासत में ईलाजरत है तथा (3) अभियुक्त अभिषेक कुमार को गिरफ्तार किया गया है। इस संबंध में विधि-सम्मत अग्रतर कार्रवाई की जा रही है। अपराधी से पूछताछ के दौरान बताया गया कि पटना के पारस हॉस्पिटल में हुई हत्या के घटना में अन्य अपराधी के साथ ये लोग शामिल थे। बलवन्त कुमार सिंह, पित्ता जगबहादुर सिंह, सा० लिलाधरपुर, थाना चक्की, जिला-बक्सर। रविरंजन कुमार सिंह, पिता केश्वर सिंह, सा० चकड़छी, थाना बिहियों, जिला-भोजपुर। अभिषेक कुमार, पिता गोपाल प्रसाद, सा० परसिया, थाना चक्की, जिला बक्सर। हालांकि पुलिस ने इस मामले पर तत्काल कुछ भी कहने से इन्कार किया है।सभी घायलों को पुलिस अभिरक्षा में आरा सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पिस्टल-02: देशी कट्टा-01, मैग्जीन-02 कारतूस-04
0
Report
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|
Advertisement
VKVishwas Kumar
FollowJul 22, 2025 12:01:06Hanumangarh, Rajasthan:
पुलिस का इक़बाल,आमजन मे विश्वास और अपराधियों मे भय बना रहे इसी कि तर्ज पर हनुमानगढ़ कि रावतसर पुलिस ने कस्बे के एक व्यापारी से लाखों रूपये लूट कि वारदात को अंजाम देने वाले 4 आरोपियों जगदीप सिह,प्रमोद,मदन लाल निवासी रावतसर और सुखविन्द्र सिह उर्फ निका निवासी संगरिया को जेल से प्रोडेक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर लाई और इनकी रावतसर कस्बे के मुख्य बजार मे जमकर परेड करवा गईं,इस दौरान चारों आरोपी कान पकड़ कर चोरी करना पाप है बोलते नजर आये,वही परेड देखने वालों का जमावड़ा लग गया,बता दे कि 29 जून को रावतसर कस्बे के व्यापारी रायसिंह अपनी पत्नी के साथ कार पर दुकान से घर जा रहे थे तभी अचानक से कुछ लोग उनकी कार के आगे अपनी गाड़ी लगा देते है, और इससे पहले व्यापारी और उनकी पत्नी को कुछ समझ आता,उनकी आँखों मे मिर्ची झोंक दी जाती है और 4 लाख कैश और मोबाईल लूटकर आरोपी फरार हो जाते है,हलाँकि पुलिस ने इन चारों को 10 जुलाई को ही गिरफ्तार कर लिया था लेकिन आज पुलिस इन् चारों आरोपियों को जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर लाई और इनकी रावतसर कस्बे के मुख्य बजार मे परेड करवाई गई,इस लूट कि वारदात मे चौकाने वाली बात सामने आई थी,पुलिस ने व्यापारी कि दुकान ही पर काम करने वाले एक आरोपी मदन लाल को अपने व्यापारी मालिक कि रेकी करने और लुटेरों को मालिक के घर वापसी के समय कि सूचना देने के आरोप मे गिरफ्तार किया था।
0
Report
PCPUSHPENDRA CHATURVEDI
FollowJul 22, 2025 12:00:50Shahdol, Madhya Pradesh:
जनपद पंचायत ब्यौहारी के ग्राम पंचायत सर्वाही कला में पुल टूटने से ग्रामीणों की आवाजाही पूरी तरह प्रभावित
एंकर - ग्राम पंचायत सर्वाही कला के अंतर्गत भाटाकछार में सिंचाई विभाग द्वारा निर्मित पुल हाल ही में टूट जाने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह पुल ग्रामीणों के लिए आवागमन का एकमात्र मुख्य मार्ग था, जिसके क्षतिग्रस्त होने से गाँव पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गया है।
पुल टूटने के कारण स्कूली बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और कामकाजी लोगों की आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है। सबसे अधिक परेशानी आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँचने में हो रही है, जिससे जनजीवन संकट में पड़ गया है।
भाटाकछार का कच्चा रास्ता भी भारी बारिश के कारण बह गया है। पहले यहाँ पाइप लाइन डाली गई थी, लेकिन वह कार्य सही ढंग से नहीं किया गया, जिसके चलते वह भी बह गई और रास्ता पूरी तरह से समाप्त हो गया।
ग्रामीणों ने संबंधित विभागों से अपील की है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए और स्थायी व सुरक्षित आवागमन के लिए पुल और सड़क का पुनर्निर्माण करवाया जाए।
ग्रामीणों की मांगें:
पुल का त्वरित पुनर्निर्माण
स्थायी सड़क निर्माण
पाइपलाइन कार्य की जाँच और सही पुनःस्थापना
प्रशासन द्वारा स्थलीय निरीक्षण
बाइट01-पुष्पेंद्र पटेल (ग्रामीण एवं जिला पंचायत सदस्य व्यौहारी)
2
Report
KSKISHORE SHILLEDAR
FollowJul 22, 2025 12:00:37Raj Nandgaon, Chhattisgarh:
2207ZMP _RJN _CHAKKAJAM _R
एंकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की आव्हान पर राजनादगांव जिका कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं नेताओं ने राजनादगांव में मुंबई हावड़ा नेशनल हाइवे पर चक्का जाम कर आंदोलन किया।पूर्व मुख्य मंत्री भूपेश बघेल के बेट चैतन्य बघेल की ई डी द्वारा गिरोतारी के खिलाफ सड़क पर उतरी कांग्रेस ने आज आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान किया है।चक्काजाम में राजनादगांव लोकसभा क्षेत्र के चार विधायकों सहित काग्रेस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल रहे।कांग्रेसियों ने हाइवे को जाम कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ।इस दौरान हाइवे पर लंबी दूरी की वाहनों का लम्बा जाम लगा रहा।कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की एजेंसी ई डी के माध्यम से कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।छत्तीसगढ़ के संसाधनों को अदानी को देने के लिए षडयंत्र के तहत काम किया जा रहा है छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा को लूटा जा रहा है।प्रदेश में अराजकता का माहौल बना हुआ है। उनका कहना है कि कांग्रेस राज्य सरकार और केंद्र द्वारा कांग्रेस नेताओं के खिलाफ की जा रही कार्यवाहियों का विरोध सदन और सड़क पर करती रहेगी।
बाइट। इंद्रशाह मंडावी विधायक मोहला मानपुर
किशोर शिल्लेदार
ZEE मीडिया राजनादगांव
3
Report
HSHITESH SHARMA
FollowJul 22, 2025 12:00:30Durg, Chhattisgarh:
एंकर-दुर्ग जिले के भिलाई 3 व्यवहार न्यायालय में कोर्ट के क्लर्क की कोर्ट रूम में ही फांसी फंदे पर लाश झूलती मिली लाश मिलने से कोर्ट में सनसनी फैल गई जिसके बारिश की सूचना को दी गई थाने के पुलिस मौके पर पहुंची और लाश को नीचे उतार कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है फिलहाल इस पूरे मामले पर भिलाई तीन पुलिस विवेचना कर रही है.वी/ओ-1 दरअसल सोमनाथ ठाकुर भिलाई 3 के व्यवहार न्यायालय में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे और रोजाना सबसे पहले कोर्ट पहुंच जाया करते थे लेकिन आज सुबह सोमनाथ ठाकुर ने पहुचकर फांसी के फंदे में झूलकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली सोमनाथ ठाकुर ने मजिस्ट्रेट अभिनव डहरिया के कोर्ट रूम में ही फांसी लगाई तो वही मृतक के पास से किसी प्रकार का कोई सुसाइडल नोट बरामद नहीं हुआ है तो वहीं पुलिस तमाम बिन्दुओ की बारीकी से जांच कर रही है.
1
Report
DPDharmendra Pathak
FollowJul 22, 2025 12:00:22Chatra, Jharkhand:
पोल्ट्री फार्म की आड़ में चल रही नकली शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़ – 598 बोतल विदेशी शराब बरामद
चतरा : उपायुक्त कीर्तिश्री के निर्देश पर वशिष्ठ नगर थाना अंतर्गत कटैया में उत्पाद विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक पोल्ट्री फार्म की आड़ में चल रही अवैध विदेशी शराब की मिनी फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। गुप्त सूचना पर वशिष्ठ नगर थाना पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर यह कार्रवाई की गई। फैक्ट्री में मुन्ना साव, छोटू साव एवं अशोक साव नकली शराब तैयार कर ब्रांडेड बोतलों में भरने का काम कर रहे थे। आरोपी मौके से फरार हो गए हैं, जिनकी तलाश जारी है। छापेमारी के दौरान बोतलबंद विदेशी शराब: 598 बोतल (291.015 लीटर, तैयार रंगीन शराब: 20 लीटर, स्पिरिट: 90 लीटर, 8 PM व Iconiq White Whisky के नकली लेबल व होलोग्राम, शराब पैकिंग उपकरण बरामद किए गए हैं। वहीं आरोपियों के खिलाफ उत्पाद अधिनियम की सुसंगत धाराओं में केस दर्ज किया गया है। छापेमारी दल में उत्पाद अवर निरीक्षक – आशीष कुमार पांडेय, अभिषेक आनंद, उत्पाद आरक्षी, गृहरक्षक बल व वशिष्ठ नगर थाना की टीम। अधीक्षक उत्पाद ने बताया कि यह अभियान उपायुक्त महोदया के निर्देश पर चलाया गया, और आगे भी ऐसे अवैध धंधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
बाइट : उत्पाद अधीक्षक
3
Report
DSDeepesh shah
FollowJul 22, 2025 12:00:15Vidisha, Madhya Pradesh:
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के रायल सिटी कालोनी निवासी 13 वर्षीय किशोरी ने आज सुवह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, पुलिस ने शव का पीएम करा कर शव परिजनों को सौंप दिया, एएसपी ने बताया कि किशोरी द्वारा इस प्रकार का कदम उठाना कई सवाल खडे कर रहा है, मामले की जांच की जा रही है, कुछ महत्वपूर्ण सुबूत मिले है।
बाइट - डॉ प्रशांत चौबे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विदिशा
3
Report
ASABHISHEK SHARMA1
FollowJul 22, 2025 11:45:10Chittorgarh, Rajasthan:
#चित्तौड़गढ़ -
एंकर - चित्तौड़गढ़ में पुलिस अधीक्षक के रूप में आईपीएस मनीष त्रिपाठी ने मंगलवार को पदभार ग्रहण कर लिया है। 2013 बैच के अधिकारी त्रिपाठी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कानून व्यवस्था उनकी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने NDPS एक्ट से जुड़े मामलों को जिले की सबसे गंभीर चुनौती मानते हुए इस दिशा में जल्द सख्त रणनीति अपनाने की बात कही। त्रिपाठी ने पूर्ववर्ती अधिकारियों द्वारा शुरू किए गए लेकिन अधूरे रह गए कार्यों को आगे बढ़ाने की मंशा भी जताई। उन्होंने कहा कि जिले की भौगोलिक और सामाजिक परिस्थिति को समझकर ही नवाचारों की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे। साथ ही, जनता से सहयोग की अपील करते हुए टीम भावना से बेहतर पुलिसिंग का भरोसा दिलाया।
बाईट - मनीष त्रिपाठी .......... पुलिस अधीक्षक
18
Report
ADArvind Dubey
FollowJul 22, 2025 11:44:53Lucknow, Uttar Pradesh:
Anchor: सोनभद्र के घोरावल से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मजदूर की सिर्फ इस बात पर लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई कि वो खेत में खाद डाल रहा था।
वारदात विसुंधरी गांव की है, जहां आपसी विवाद में कुछ लोगों ने मिलकर मजदूर बाबूलाल की जान ले ली।
VO - घोरावल कोतवाली क्षेत्र के विसुंधरी गांव में 45 वर्षीय बाबूलाल खेत में खाद डाल रहे थे। बताया गया कि खेत गांव के कयर नाम के व्यक्ति का है, जो उसने किसी सीताराम के पास गिरवी रखा था। बाबूलाल उसी सीताराम के कहने पर खेत में काम कर रहे थे। इसी बात को लेकर कहासुनी हो गई।जब बाबूलाल काम छोड़कर घर लौटने लगे, तभी गांव के ही कयर, उसके बेटे समेत अन्य ने रास्ते में रोककर उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
बाबूलाल को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। घायल बाबूलाल सड़क पर गिर पड़े। शोर सुनकर पहुंचे परिजन उन्हें अस्पताल ले गए जहां इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने जिला अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया।
VO - वहीं इस मामले को लेकर सीओ घोरावल राहुल पांडेय ने बताया कि घोरावल पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि खेत में खाद डालने को लेकर थाना क्षेत्र के विसुंधरी गांव में जमीन मालिक कयर व उसके दो पुत्रों सुरेश व ओमप्रकाश के द्वारा बाबूलाल हरिजन को लाठी व डडों से पीट - पीटकर घायल कर दिया गया है। हालत गंभीर देखते हुए जिला अस्पताल ले जाया गया है। जहां इलाज के दौरान मृत्यु हो गई है। मृत्यु के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई कराई जा रही। मृतक के पुत्र की सूचना पर थाना घोरावल में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए टीमें रवाना की जा चुकी हैं आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही।
byte: राहुल पांडेय - सीओ घोरावल
15
Report
SSSHARVAN SHARMA
FollowJul 22, 2025 11:44:23Shamli, Uttar Pradesh:
श्रवण पंडित
शामली
स्लग .... भाई के लिए दंडवत कावड़
एंकर ....हरिद्वार से गंगाजल लेकर दंडवत प्रणाम करते हुए सातवीं क्लास का छात्र बोला शामली पहुंचा जहां उसने अपने भाई की बीमारी से ठीक हालत होने पर कावड़ लेकर आने के लिए मन्नत मांगी थी जिसके चलते करीब 12 तारीख से हरिद्वार से जल लेकर आज वह शामली पहुंचा. जो उसने बताया कि उसके भाई को ब्लड कैंसर था और ठीक होने पर वह भोले शंकर से मांगी गई मुराद को पूरी होने पर कावड़ चढ़ा रहा है।
.... आपको बता दे।कि देश में एक भाई दूसरे भाई को मारने काटने पर तुला हुआ है वहीं शामली जनपद में एक 7 क्लास का छात्र कृष्णा के अपने बड़े भाई के लिए सैकड़ो किलोमीटर लेट लेट कर सफर करने में खुश नजर आ रहा है।
दरसल आप को बता दे 0।कि मामला शामली जनपद के आदर्श मंडी थाना क्षेत्र के गांव कसेरवा कल का है जहां का रहने वाला संजय के 6 बच्चे(4 बेटे 2बेटी) हैं जिसमें संजय के घर मे कृष्णा चौथे नम्बर का है और दूसरे नमबर है।जब अभिनव को कैंसर हुआ तो संजय ने अपने बेटे के उपचार के लिए सब जगह दिखा कुछ जगह महंगा उपचार होने की वजह से वह दिखा नहीं पाया । वही उसने जनवरी 2024 में भोले शंकर की कावड़ बोल दी जिसमें मार्च में उसके टेस्ट कराए गए तो सभी टेस्ट नॉरमल थे।
संजय ने बताया कि उसके बेटे अभिनव को ब्लड कैंसर का जिसका उपचार के लिए व कई हॉस्पिटलों के चक्कर लगा चुका था वही उपचार महंगा होने के चलते कुछ जगह उसने उपचार भी नहीं कराया।वही संजय के बेटे कृष्ण ने भोले शंकर से मन्नत मांगी कि उसके भाई अभिनव को ब्लड कैंसर से ठीक होने पर वह दंडवत होते हुए हरिद्वार से जल लेकर शामली आया। जहां अब उसका भाई अभिनव ठीक है वहीं संजय का छोटा पुत्र कृष्णा बीती 13 तारीख को हरिद्वार से जल लेकर शामली की ओर आते हुए आज शामली पहुंच गया।वहीं भोला कृष्णा सातवीं क्लास का छात्र है और करीब 10 वर्ष उसकी उम्र वहीं बोला कृष्ण ने बताया कि उसके भाई को ब्लड कैंसर था भगवान बोले से ठीक होने की मन्नत मांगी थी जिसके लिए अब भाई की ठीक होने की खुशी में दंडवत होते हुए कावड़ ला रहा हूं यह पहले कावड़ है एक कावड़ और लाई जाएगी।।
बाइट .... संजय कृष्ण भोले का पिता
बाइट.... कृष्ण सातवीं क्लास का छात्र बोला
6
Report
PGPiyush Gaur
FollowJul 22, 2025 11:44:13Ghaziabad, Uttar Pradesh:
एंकर - जब मौजूदा दौर में देशभर में पति-पत्नी जैसे पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं, तब गाजियाबाद के मोदीनगर की एक साधारण महिला आशा देवी ने अपने समर्पण और आस्था से साबित कर दिया है कि यह रिश्ता आज भी उतना ही मजबूत और श्रद्धा से भरा हो सकता है जितना सात फेरों के समय होता है। जहां मुंबई की सोनम रघुवंशी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर शव को घर की टाइलों के नीचे दफना दिया, वहीं एक अन्य घटना में मुस्कान नाम की महिला ने पति को मौत के घाट उतार कर उसका शव सीमेंट में नीले ड्रम में चुनवा दिया । ऐसे समय में आशा देवी की यह कांवड़ यात्रा उन सभी कहानियों के बीच एक उजली मिसाल बनकर सामने आई है, जिसमें न रिश्तों की हत्या है, न स्वार्थ है । यहां इस रिश्ते में सिर्फ प्रेम, सेवा और आस्था है।
वी ओ - दरअसल मोदीनगर के बखरवा गांव की रहने वाली आशा देवी ने 14 जुलाई को हरिद्वार की हर की पौड़ी से कांवड़ यात्रा की शुरुआत की, लेकिन यह यात्रा साधारण नहीं थी। उनके पति सचिन कुमार, जिनके पैरों ने एक साल पहले हुए स्पाइन ऑपरेशन के बाद साथ देना बंद कर दिया है, उन्हें आशा देवी ने अपनी पीठ पर बैठाकर इस संपूर्ण यात्रा को तय किया। करीब 180 किलोमीटर लंबी यह यात्रा आशा देवी ने नौ दिनों में पूरी की और जब वह मोदीनगर पहुंचीं, तो राह चलते लोग उन्हें देखकर ठहर गए। किसी ने सिर झुकाया, किसी की आंखें नम हुईं और हर किसी ने उनके इस समर्पण को प्रणाम किया।
महिला आशा देवी के पति सचिन कुमार कभी एक कॉन्ट्रैक्टर थे, लेकिन बीमारी ने उन्हें लाचार कर दिया। अब वे चलने-फिरने में असमर्थ हैं और घर की जिम्मेदारी पूरी तरह आशा देवी के कंधों पर आ चुकी है। आशा देवी खुद सिलाई और कपड़े के थैले बनाने का छोटा सा काम करती हैं, लेकिन उस दिन जब वे और उनके पति हर की पौड़ी में स्नान कर रहे थे, तब उनके मन में विचार आया कि वे इस बार कांवड़ यात्रा कुछ अलग रूप में करेंगी। उन्होंने प्रण लिया कि इस बार वे अपने पति को कांवड़ के रूप में पीठ पर बैठाकर भोलेनाथ के दर पर जाएंगी और यही करके दिखाया।
आशा देवी कहती हैं कि जीवन में कठिनाइयों का सामना हर किसी को करना पड़ता है, लेकिन अगर मन में श्रद्धा और रिश्तों के लिए सच्चा समर्पण हो, तो कोई भी रास्ता लंबा नहीं लगता। उन्होंने भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना की है कि उनके पति एक बार फिर अपने पैरों पर खड़े हो सकें और उनका परिवार पहले की तरह सामान्य जीवन जी सके। इस यात्रा में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा — थकान, मौसम, और शारीरिक बोझ — लेकिन आशा कहती हैं कि शिव की कृपा और मन की शक्ति ने उन्हें कभी रुकने नहीं दिया।
कल आशा देवी बखरवा गांव स्थित भगवान शिव के मंदिर में हरिद्वार से लाया गया गंगाजल चढ़ाकर अपनी कांवड़ यात्रा पूर्ण करेंगी।
बाइट - आशा देवी, अपने पति को पीठ पर बैठाकर कावड़ के रूप में लाने वाली महिला
वी ओ - वहीं महिला के पति सचिन कुमार भी इस सफर से बेहद भावुक हैं। सचिन कुमार का कहना है कि यह उसकी पत्नी की हिम्मत का ही वजह है कि वह उसे अपनी पीठ पर बैठकर कावड यात्रा पूरी करके लाई है। महिला के पति सचिन का कहना है कि वह 1 साल से चल नहीं पा रहे है और लाचार हो गए है , उनका है कि जैसा उसके साथ हुआ वैसा किसी के साथ ना हो क्योंकि पति ही पत्नी की जिम्मेदारी उठाता है जबकि वह वह 1 साल से चल नहीं पा रहे और इस वजह से पति , पत्नी पर बोझ बन गए। उसकी पत्नी को उसकी जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है। पहले वह कॉन्ट्रेटर का काम करता था जबकि पिछले 1 साल से अपने पैरों पर ना चल पाने की वजह से कोई काम नहीं कर पा रहे है ।
बाइट - सचिन कुमार, महिला आशा देवी के पति
वी ओ - जहां एक तरफ देश के अलग-अलग हिस्सों में कुछ पत्नियां अपने पतियों की हत्या कर उस रिश्ते को कलंकित कर रही हैं, वहीं आशा देवी ने यह साबित कर दिया कि आज भी यह बंधन उतना ही पवित्र, मजबूत और भरोसेमंद हो सकता है। उनकी यह कांवड़ यात्रा एक उदाहरण है , उन सभी लोगों के लिए जो रिश्तों में सिर्फ स्वार्थ ढूंढते हैं। आशा देवी ने अपने कंधों पर सिर्फ अपने पति को नहीं उठाया, बल्कि पूरे समाज को यह संदेश दिया कि जब साथ निभाने की नीयत सच्ची हो, तो कोई भी रास्ता कठिन नहीं होता।
6
Report
PSPramod Sinha
FollowJul 22, 2025 11:44:05Khandwa, Madhya Pradesh:
एंकर...
मध्य प्रदेश में शराब खोरी एक बड़ी समस्या बनने जा रही है । शहर से लेकर गांव तक महिलाएं आए दिन शराब बंद करने की मांग को लेकर शिकायत करने पहुंच रही है। खंडवा में भी पीड़ित महिलाएं अपने भाई, बेटे और पति की शराब खोरी की आदतों से परेशान होकर शराब बंद करने की मांग लेकर जिला मुख्यालय पहुंची। महिलाओं का कहना है कि घर-घर शराब बनाई और बेची जा रही है। घर के युवा और पति शराब पीने के लिए घर का अनाज और मजदूरी का पैसा भी छीन कर ले जाते हैं। नहीं देने पर मारपीट करते हैं। महिलाओं ने बताया की लाडली बहनों को दिए जाने वाला पैसा भी शराब खोरी के लिए छीन लिया जाता है ।
वी ओ,खंडवा के बलवाड़ा गांव की महिलाएं बड़ी संख्या में आज शराब खोरी की आदतों से परेशान होकर शराब बंद करने की मांग को लेकर खंडवा मुख्यालय पहुंची। इन महिलाओं ने बताया कि गांव में घर-घर शराब उपलब्ध है कोई देखने वाला और कार्रवाई करने वाला नहीं है। देसी और अवैध शराबी खूब बनाई और बेची जा रही है। गांव की महिलाओं ने बताया कि उनके घर के युवा बेटे भाई और पति सभी शराबखोरी में मस्त है। शराब के लिए जब पैसा नहीं मिलता है तो वह सरकार द्वारा दिए जाने वाला अनाज और मजदूरी का नगद पैसा भी छीन कर ले जाते हैं। नहीं देने पर मारपीट भी करते हैं। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री की ओर से लाडली बहनों को दिए जाने वाला पैसा भी शराब पीने के लिए छीन लिया जाता है। शराबखोरी की आदतों के कारण युवाओं की शादी भी नहीं हो पा रही है।
बाइट,किरण दंगोडे
वी ओ, बेटे की शराबखोरी की आदत से पीड़ित एक बुजुर्ग महिला ने अपनी आपबीती सुनाई। वृद्ध महिला ने बताया कि जब शराब के लिए उसे पैसे नहीं मिलते हैं तो वह बाल पकड़ पकड़ कर उसे पिटता है । उसे बचाने के लिए कोई भी नहीं आता है, क्योंकि हर घर में यही हालत है। गांव में अवैध शराब बिक्री की शिकायत कई बार पुलिस और आबकारी विभाग से की है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होती। बुजुर्ग महिला ने पूछा कि वह अब अपनी सुरक्षा कैसे करें।
बाइट, लीला बाई
वी ओ, इधर आबकारी विभाग के अफसरो का कहना है कि समय-समय पर वह शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब बिक्री को लेकर कार्यवाही करते हैं। सवाल उठता है कि यह कैसी कार्रवाई है जो समय के साथ समस्या कम करने के बजाय बढ़ा देती है। उन्होंने कहा कि इस गांव की शिकायत प्राप्त हुई है वह गांव में जाकर कार्रवाई करेंगे।
बाइट, सी एच मीणा सहायक आबकारी अधिकारी
3
Report
ASASHISH SHRIVAS
FollowJul 22, 2025 11:43:56Balaghat, Madhya Pradesh:
एंकर– नक्सलवाद के खात्मे के लिए जहां एक ओर पुलिस लगातार नक्सलियों पर प्रहार कर रही है तो वही बालाघाट जिले के कलेक्टर मृणाल मीना द्वारा भी नक्सलवाद के खात्मे के लिए एक अनोखी पहल शुरू की गई है जिसकी चर्चा अब खूब हो रही है,,,
वाइस ओवर 01 – नक्सलवाद को खत्म करने पुलिस द्वारा कई बड़े ऑपरेशन चलाए जा रहे है जिसके चलते उन्हें सफलता भी हाथ लग रही है और धीरे धीरे नक्सलवाद कमजोर होते जा रहा है,, अब नक्सलियों द्वारा अपने आप को मजबूत करने का एक मात्र यही जरिया है कि वे आदिवासी युवाओं ग्रामीणों को बहला फुसलाकर अपने दलम में शामिल करे,,, ऐसे में इन सब बातों को ध्यान में रखकर बालाघाट कलेक्टर मृणाल मीना ने एक बड़ा ही सराहनीय प्रयास किया है जिससे कि अब ग्रामीण न तो नक्सलियों का सहयोग करेंगे और न ही उनके बहकावे में आयेंगे,,,, ऐसा पहली बार होगा कि एक ओर पुलिस तो पूरी तरह से नक्सलवाद के खात्मे में प्रयास कर ही रही है वहीं दूसरी ओर कलेक्टर भी नक्सलवाद के खात्मे के लिए अपने तरफ से नए नए आइडिया के तहत भरपूर सहयोग कर रहे है,,,
द्वारा अब तक 100 से अधिक बैगा आदिवासियों को उनके 300 से अधिक पारंपरकी वाद्ययंत्र निःशुल्क बांटे गए है जिसमें मांदर, नगाड़ा, टिस्की, करताल, पैजना,चटकुलिया, टिमकी, बांसुरी आदि है इतना ही नहीं वाद्ययंत्र को बजाते समय पहने जाने वाले उनके पारंपरिक परिधान भी दिया गया है और आने वाले समय में और भी बांटे जाएंगे,,, इसके साथ साथ मोटे अनाजों के उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ाने के लिए भी नीति बनाई गई है जिससे कि आदिवासियों की आय बढ़ेगी,,,, कलेक्टर मृणाल मीना द्वारा ये सब बांटने का मुख्य उद्देश्य यही है कि आदिवासी ग्रामीण और युवा अपनी संस्कृति से जुड़े रहे,,साथ ही आदिवासियों को माओवादी यह बोलकर बिल्कुल भी बहका न सके कि सरकार उनकी संस्कृति पर ध्यान नहीं दे रही है उसे सहज कर रखने का काम नहीं कर रही है,,,जैसे जैसे पुलिस के द्वारा नक्सलवाद पर प्रहार किया जा रहा है वे अब ग्रामीणों को बहकाने का कोई तरीका नहीं छोड़ रहे है,,, अगर नक्सली खुद ग्रामीणों से संपर्क में नहीं आते तो बीच के माध्यमों से उन तक अपनी बात पहुंचाते है और सरकार की आलोचना करते है जिससे ग्रामीण उनकी बात में आकर नक्सलीयो का सहयोग करने लगते है,,,, प्रदेश से 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने की डेड लाइन तय है और उस पर बालाघाट जिले के कलेक्टर भी अपने तरफ से भरपूर प्रयास कर रहे है
वाइस ओवर 03– बालाघाट जिला मध्यप्रदेश का सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिला है ऐसे में जिले के कलेक्टर मृणाल मीना द्वारा नक्सलवाद के खात्मे में के लिए अलग अलग तरह से प्रयास किए जा रहे है,,, कलेक्टर मृणाल मीना द्वारा पहले एक प्रयास किया गया था कि जो भी नक्सली सरेंडर करना चाहते है और उन्हें पुलिस से किसी प्रकार का डर है तो मुझसे सीधा संपर्क कर सकते है जिसके लिए बकायदा एक नंबर भी जारी किया गया था जिसकी खूब चर्चिका हुई थी क्योंकि मृणाल मीना पहले ऐसे कलेक्टर थे जिन्होंने इस तरह का प्रयास किया था,,अब एक और अच्छी पहल कलेक्टर द्वारा शुरू की गई है,,, आदिवासी क्षेत्रों में मृणाल मीना द्वारा शिविर लगाकर आदिवासियों को उनके परंपरागत वाद्ययंत्र बांटे जा रहे है,, जिसके की वे अपनी संस्कृति से जुड़े रहे है और मोटे अनाजों के उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ाने के लिए भी नीति बनाई गई है जिससे कि इन आदिवासियों की आय बढ़ सके।
(आदिवासी ग्रामीण)– यह जो हमे सामग्री मिली है जो हमारे परंपरागत वाद्य यंत्र है और हमारी पोषक भी है उससे हम बहुत ही खुश है इससे हमारी संस्कृति बची रहेगी,,आने वाली पीढ़ी भी हमारी संस्कृति नहीं भूलेगी,,, पहले हमारे पारम्परिक वाद्य यंत्रों से ही शादी होती थी पहले टेंट और बाजे नहीं होते थे जिससे शादियों में खर्चा कम होता था,,और हमे जो ये वाद्य यंत्र दिए गए है इससे हम बजाकर पैसे भी कमाएंगे और संस्कृति भी बची रहेगी।
बाइट-1- मृणाल मीना (कलेक्टर बालाघाट)
बाइट-2- राम सिंह तिलगाम (ग्रामीण)
6
Report
BKBRAJESH KUMAR
FollowJul 22, 2025 11:43:18Khunti, Jharkhand:
रिपोर्ट - ब्रजेश कुमार
क्षेत्र - खूँटी
स्लग - बाबा आम्रेश्वर धाम की खासियत सभी के लिए स्पर्श दर्शन।
एंकर - खूँटी जिले के बाबा आम्रेश्वर धाम झारखंड में शिव नगरी के बड़े धामों में देवघर के बाद दूसरा स्थान आता है। जहाँ स्वयंभू महादेव की पूजा अर्चना करने देश भर के लोग आते हैं। भोलेनाथ की पावन भूमि बाबा आम्रेश्वर धाम खूँटी जिला केंद्र से 11 किमी दूर खूँटी सिमडेगा रोड पर है। वहीं स्वयंभू महादेव की आराधना व साक्षात दर्शन कर स्पर्श पूजन करने का भक्तों को सौभाग्य मिलता है। वहीं इस धाम में श्रावण माह में लगनेवाला इस धार्मिक मेला में लाखों कांवरिया बोल बम और हर-हर महादेव का नारा लगाते हुए धाम पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं। भोलेनाथ की इस नगरी में बाबा आम्रेश्वर भोलेनाथ के गर्भगृह के साथ पार्वती मंदिर, गणेश मंदिर, श्रीराम जानकी मंदिर, हनुमान मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर, माँ दुर्गा मंदिर, काली मंदिर, शनि मंदिर अनेक सहित अनेक देवी देवताओं के आकर्षक मंदिर है। जहाँ श्रावण माह में लाखों श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव से आराधना करने आते हैं। बाबा आम्रेश्वर धाम में प्रबंध समिति की अगुवाई में विशेष प्रथम पूजा, श्रृंगार पूजन होता है। फिर भोलेनाथ का दर्शन व स्पर्श पूजन सारे भक्त पंक्तिबद्ध होकर प्रवेश द्वार से प्रवेश करते हैं। वहीं भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रबंध समिति प्रत्येक जगह अपने कार्यकर्ता वोलेंटियर लगाए हुए हैं। वहीं स्वयंभू महादेव की आराधना के साथ सुबह दोपहर और शाम के समय विशेष भोग चढ़ता है। जिसमें जल , दूध , घी, मधु , हल्दी, भभूत , पंचामृत आदि से स्नान कराकर फूल बेलपत्र, फल, पकवान का भोग लगाया जाता है। वहीं पट खुलते ही भोलेनाथ स्वयंभू महादेव का स्पर्श दर्शन करते हैं। वहीं भोलेनाथ के नाम परिसर में तालाब, कुआँ, चिल्ड्रेन पार्क, शौचालय, स्नानागार, आराम गृह की सुविधा के लिए निर्माण किया गया है। वहीं एलइडी लाइव दर्शन के लिए भी व्यवस्था किया गया है। जिसके माध्यम से गर्भगृह के बाहर से लोग एलईडी के माध्यम से पूजन का दर्शन आसानी से कर सकते हैं। बाबा आम्रेश्वर धाम में किसी प्रकार की भी कष्ट समस्या होने पर संप्रभुत समिति से संपर्क कर उनका सुविधा प्राप्त कर सकते हैं वही निशुल्क पारिवारिक व सामुहिक रूप से यहां आने वाले लोगों को कमरे भी व्यवस्था किया जाता है। बाबा आम्रेश्वर धाम में सुरक्षा के दृष्टिकोण से पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी से कैमरे से निगरानी की जाती है। नदी परिसर में भी बैठने व वस्त्र बदलने के लिए भवन का निर्माण किया गया है जहाँ लोग बैठ सकते हैं। इसके अलावा महिलाओं के लिए शौचालय निर्माण किया गया है। जहाँ वालेंटियर तैनात रहते हैं इसके अलावा बने नदी से लेकर धाम परिसर तक सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगाया गया है ताकि पैदल चलने वालों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो।
बाबा आम्रेश्वर धाम के महामंत्री मनोज कुमार ने बताया कि झारखंड में यह वर्तमान समय में यही एक ऐसा धाम है। जहाँ पर स्वयंभू महादेव को स्पर्श दर्शन के साथ पूजा अर्चना किया जा सकता है। खूँटी से 11 किलोमीटर दूर सिमडेगा रोड पर अवस्थित बाबा आम्रेश्वर धाम में प्रत्येक वर्ष श्रावणी महिला धूमधाम से लगता है। जहाँ लाखों श्रद्धालु पूजा अर्चना करने देशभर की कोने-कोने से आते हैं। वही भक्तों की सुविधा के लिए भी प्रबंध समिति व्यवस्था करके रखी है। धाम परिसर से 3 किलोमीटर दूर बनई नदी से लोग जल उठते हैं और स्वयंभू महादेव भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं। धाम परिसर में अनेक मंदिरें हैं साथ ही तालाब , कुआं, स्नानागार, शौचालय, चिल्ड्रन पार्क आदि हैं। भक्तों को विशेष सुविधा के लिए जो शारीरिक रुप से लाचार हैं उन्हें विशेष द्वार से प्रवेश कराया जाता है। अगर कोई परिवार अथवा जब था एक साथ कोई आम्रेश्वर धाम आते हैं तो उन्हें निशुल्क कमरा मुहैया कराया जाता है। सुरक्षा की दृष्टि कौन से जगह-जगह सीसीटीवी लगाए गए हैं जिससे निगरानी की जाती है। प्रबंध समिति धाम में आने वाले लोगों को जितना हो सके सुविधा प्रदान किया जा सके।
बाईट - मनोज कुमार, महामंत्री, खूँटी ।
वाक् थ्रू - ब्रजेश कुमार, जी-मिडिया खूँटी।
9
Report
DIDamodar Inaniya
FollowJul 22, 2025 11:43:01Nagaur, Rajasthan:
#रियाँबड़ी (नागौर)
आठ वर्षीय बच्चे के साथ कुकर्म का मामला ,
बाल कल्याण समिति नागौर के निर्देश पर हुई कार्यवाही,
आरोपी युवक के खिलाफ, पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज,
पिछले दो माह से बच्चे के साथ हो रहा था यौन शोषण,
एक धार्मिक स्थान पर बुलाकर किया जा रहा था दुष्कर्म,
,समिति अध्यक्ष मनोज सोनी को मिली थी शिकायत,
चाइल्ड हेल्प लाइन पर दर्ज शिकायत को अध्यक्ष मनोज सोनी ने लिया गंभीरता से,
शिकायत पर तत्काल संज्ञान लेकर जारी किए निर्देश,
पादुकलां थाना क्षेत्र का मामला,
बाइट - मनोज सोनी अध्यक्ष बाल कल्याण समिति नागौर
7
Report
VSVIPIN SHARMA
FollowJul 22, 2025 11:42:36Kaithal, Haryana:
कैथल से कावड़ पर स्पेशल कवरेज
रिपोर्टर विपिन शर्मा
2207ZDN_KTH_KAVAD_R
कावड़ियों की भक्ति और उत्साह के रंग: सावन में हरिद्वार से शुरू हुआ गंगाजल का पवित्र सफर पहुंचने लगा है अपने गंतव्य के नजदीक,
कावड़ यात्रा: भगवान शिव की भक्ति में डूबा सावन का पवित्र उत्सवसावन का पवित्र महीना आते ही हरिद्वार की पावन धरती 'बम बम भोले' के जयकारों से गूंज उठी है। कावड़ियों की टोलियां, भगवान शिव के प्रति अटूट श्रद्धा और उत्साह के साथ, गंगाजल से भरी कावड़ लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रही हैं।
सावन का यह महीना भगवान शिव की पूजा-अर्चना और साधना के लिए विशेष माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस चातुर्मास में भगवान विष्णु विश्राम पर चले जाते हैं और सृष्टि का प्रभार भगवान शिव के पास आ जाता हैं। इस पवित्र समय में की गई पूजा और साधना अत्यंत फलदायी मानी जाती है। इसी विश्वास के साथ लाखों कावड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गांव-शहर के शिव मंदिरों में शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए कावड़ यात्रा पर निकल पड़ते हैं। यह यात्रा न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि हठयोगी साधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है, जिसके कठिन नियमों का पालन कर श्रद्धालु मनवांछित फल प्राप्त करते हैं
।कावड़ यात्रा का महत्व और परंपराकावड़ यात्रा हिंदू धर्म की एक प्राचीन परंपरा है, जो सावन मास में विशेष रूप से प्रचलित है। इस दौरान श्रद्धालु हरिद्वार, गंगोत्री, गोमुख या अन्य पवित्र स्थानों से गंगाजल लेकर पैदल यात्रा करते हैं और इसे अपने स्थानीय शिव मंदिरों में शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को अर्पित करते हैं।
मान्यता है कि गंगाजल अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। यह यात्रा हठयोग का एक रूप है, जिसमें कावड़िए शारीरिक और मानसिक कठिनाइयों को सहते हुए अपनी भक्ति और समर्पण का परिचय देते हैं। कावड़ यात्रा का धार्मिक महत्व पुराणों से भी जुड़ा है। कहते हैं कि रावण ने भी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कावड़ यात्रा की थी। इसके अलावा, श्रवण कुमार की माता-पिता के प्रति भक्ति और समर्पण की कहानी भी कावड़ यात्रा से प्रेरित मानी जाती है। यह यात्रा भक्तों को आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती है।कावड़ के प्रकार और नियमकावड़ यात्रा में विभिन्न प्रकार की कावड़ शामिल होती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशेष महत्व और नियम हैं।
कावड़ियों से बातचीत के दौरान पता चला कि कावड़ कई प्रकार की होती हैं:
झूला कावड़: यह कावड़ बांस या लकड़ी के डंडे पर लटकाई जाती है, जिसमें गंगाजल से भरे दो बर्तन बंधे होते हैं। इसे कंधों पर रखकर ले जाया जाता है।
खड़ी कावड़: इसमें गंगाजल के बर्तन सीधे बांस पर बंधे होते हैं और इसे खड़े रहकर ले जाया जाता है। यह कावड़ हमेशा कंधे पर रहती है जब कांवरिया रास्ते में आराम करता है तो दूसरा कोई सेवादार इस कार्ड को लेकर हर समय खड़ा रहता है
बैठी कावड़: इस प्रकार की कावड़ में कावड़िया जल ले जाता है, इसमें जमीन पर रखने का स्टैंड बना होता है और इस जमीन पर रखा जा सकता है
डाक कावड़: यह सबसे कठिन कावड़ होती है, जिसमें कावड़िए बिना रुके तेजी से अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। डाक कावड़िए रास्ते में विश्राम नहीं करते और गंगाजल को बिना जमीन पर रखे मंदिर तक ले जाते हैं।
कावड़ यात्रा के नियम अत्यंत सख्त हैं। कावड़ को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जाता, और कावड़िए शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हैं। वे मांस-मदिरा से दूर रहते हैं, सात्विक भोजन करते हैं और पूरी यात्रा के दौरान भक्ति भाव बनाए रखते हैं। कुछ कावड़िए नंगे पांव यात्रा करते हैं, तो कुछ मौन व्रत धारण करते हैं। यह साधना न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक दृढ़ता की भी परीक्षा लेती है।
कैथल में कावड़ियों की रौनक: कैथल के कुरुक्षेत्र रोड पर कावड़ियों की चहल-पहल और भक्ति का अनूठा नजारा देखने को मिला। भगवान शिव के भजनों और 'बम बम भोले' के जयकारों के साथ नाचते-गाते कावड़िए अपने सफर को आनंदमय बनाए हुए हैं। कैमरे में कैद इन पलों में कावड़ियों का उत्साह और भक्ति साफ झलक रही थी। कावड़ियों ने बताया कि गंगाजल लाने में उन्हें कोई कष्ट नहीं, बल्कि भगवान भोलेनाथ का प्रेम और आशीर्वाद उन्हें हर कदम पर प्रेरित करता है। वे पूरे जोश के साथ अपने गंतव्य तक पहुंचकर शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करेंगे।
राहत शिविर: कावड़ियों का सहारा ,कैथल में कावड़ियों की सुविधा के लिए प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने जगह-जगह राहत सेवा शिविर लगाए हैं। इन शिविरों में कावड़ियों के लिए विश्राम की व्यवस्था, सात्विक भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। यदि कोई कावड़िया चोटिल हो जाता है या उसे कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या होती है, तो तुरंत दवाइयों और प्राथमिक उपचार का प्रबंध किया जाता है। ये शिविर कावड़ियों के लिए एक बड़ा सहारा हैं, जो लंबी और कठिन यात्रा के दौरान उनकी थकान मिटाने और उत्साह बढ़ाने में मदद करते हैं। स्थानीय लोग भी इन शिविरों में सेवा भाव से सहयोग करते हैं, जो इस यात्रा को और भी खास बनाता है।
कावड़ियों की भक्ति और उत्साहकावड़ियों से बातचीत में उनकी भक्ति और समर्पण की गहराई स्पष्ट झलकती है। एक कावड़िया ने बताया, "यह यात्रा मेरे लिए केवल गंगाजल लाने का माध्यम नहीं, बल्कि भगवान शिव के प्रति मेरी श्रद्धा और आत्मिक शांति का मार्ग है।" कई कावड़िए इस यात्रा को हर साल करते हैं और इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मानते हैं। नाचते-गाते, भजनों में डूबे ये श्रद्धालु अपने कठिन नियमों और साधना के बावजूद थकान को भूलकर भक्ति के रंग में रंगे नजर आते हैं।
सावन की कावड़ यात्रा भगवान शिव की भक्ति, साधना और समर्पण का एक अनूठा संगम है। हरिद्वार से शुरू होकर देश के कोने-कोने तक पहुंचने वाली यह यात्रा कावड़ियों के दृढ़ संकल्प और आस्था की मिसाल है। कैथल जैसे शहरों में कावड़ियों का उत्साह और स्थानीय लोगों की सेवा भावना इस यात्रा को और भी विशेष बनाती है। जैसे-जैसे शिवरात्रि नजदीक आ रही है, कावड़ियों का जोश चरम पर है। वे गंगाजल अर्पित कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने को तैयार हैं। यह यात्रा न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक जीवंत प्रतीक भी है।
रिपोर्टर विपिन शर्मा
वॉकथ्रू और कांवड़ियों से बातचीत
5
Report