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कहलगांव का बटेश्वर: शिवलिंग के दर्शन से मिलती है अद्भुत शांति!
Bhagalpur, Bihar
INTRO - पहाड़ों से घिरे कहलगांव में गंगा किनारे वशिष्टेश्वर पहाड़ है जहाँ गुरु वशिष्ठ ने सबसे पहले तपस्या की थी यहीं पर बट वृक्ष के निचे एक शिवलिंग निकला जिसकी पूजा सबसे पहले गुरु वशिष्ट ने की थी । जो वशिष्टेश्वर महादेव फिर बटेश्वर स्थान के नाम से जाना जाने लगा। पुराणों के अनुसार कालांतर में यहाँ काशी धाम स्थापित होता लेकिन सवा हाथ जमीन कम पड़ जाने के कारण काशी धाम वाराणसी में स्थापित हुआ । जिसके बाद कहलगांव का बटेश्वर स्थान गुप्त काशी के नाम से जाना जाने लगा।
भागलपुर से 32 किलोमीटर दूर कहलगांव उत्तरवाहिनी गंगा तट पर बटेश्वर स्थान स्थापित है जिनके सन्मुख महाकाली है जो दक्षिण मुखे है यानी दक्षिणेश्वरी है। ऐसा पहला मन्दिर है जहाँ शिवलिंग के समक्ष माँ गौरी नहीं बल्कि माँ काली का मंदिर है। यह अपने आप मे खास है। समीप में श्मशान घाट है। इसका प्रमाण है कि यह स्थान तंत्र विधा का केंद्र हुआ करता था। 3 किलोमीटर दूर विक्रमशिला विश्विद्यालय है जहां आठवीं से बारहवीं शताब्दी तक तंत्र विद्या की पढ़ाई हुई जिसका केंद्र बटेश्वर स्थान ही बताया जाता है। दूर-दूर से लोग यहां तंत्र विद्या की सिद्धि प्राप्त करने के लिए आया करते थे इस मंदिर का पहली बार 1216 ईस्वी में जीर्णोद्धार हुआ।
मन्दिर परिसर में एक गुफा है जहाँ ऋषि वशिष्ठ ने तपस्या की थी दुर्वाशा ऋषि और कौव्हल ऋषि ने भी बाद में यहां तपस्या की थी तीन तपोस्थली इसके प्रमाण हैं। इस स्थान को आर्किलोजिकल साइट के रूप में सुरक्षित घोषित किया गया है। मन्दिर में एक से बढ़कर एक अति प्राचीन प्रतिमाएं हैं। बाबा बटेश्वर शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही मन को शांति मिलती है सुखद अनुभूति होती है।
ऐसे तो सैलानी और श्रद्दालु हर दिन यहाँ पहुँचते हैं लेकिन सावन के महीने में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है देश के अलग-अलग राज्यों से हजारों हजार की संख्या में श्रद्धालु बाबा बटेश्वर स्थान पहुंचते हैं और मनोकामनाएं मांगते हैं सच्चे मन से मांगी गई मनोकामनाएं भी पूरी होती है यहां सावन के महीने में केंद्रीय रेलवे रेल यात्री संघ की ओर से श्रद्धालुओं के लिए सभी तरह के खास इंतजाम मूलभूत सुविधाओं के इंतजाम किए जाते हैं वाराणसी के पंडितों द्वारा हर दिन संध्या में गंगा किनारे भव्य आरती का आयोजन होता है पूरे महीने भंडारे का आयोजन होता है पहाड़ की ऊंचाई पर बसे बाबा बटेश्वर नाथ की महिमा अपरंपार है शिव पुराण समिति कई पुराने और कहानियों में बाबा बटेश्वर वर्णित है।
Wt - अश्वनी कुमार, ज़ी मीडिया, भागलपुर / Byte- विष्णु खेतान, प्रबंधक ( अध्यक्ष, केंद्रीय रेलवे रेल यात्री संघ )
Byte - मनोज कुमार झा, पंडित
Byte - उषा देवी, श्रद्धालु
Byte- सुनील टेकरीवाल, श्रद्धालु
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