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Aurangabad431001

व्यवसाइयों की सुरक्षा के लिए औरंगाबाद पुलिस ने बनाया नया फोरम!

MKMANISH KUMAR
Jul 22, 2025 04:36:11
Chhatrapati Sambhajinagar, Maharashtra
राज्य में व्यवसायियों पर लगातार हो रहे हमले से सरकार की जहां साख गिरी है वहीं पुलिस से भी व्यवसायियों का विश्वास धीरे धीरे उठता जा रहा है।इसी साख और विश्वास को कायम रखने के उद्देश्य से औरंगाबाद पुलिस ने जिले भर के व्यवसायियों के साथ एक बैठक की और उनकी समस्याओं को जाना।पुलिस द्वारा इन समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तर पर एक फोरम का गठन किया गया जहां व्यवसाई अपनी समस्याओं को रख सकेंगे।फोरम में दर्ज समस्याओं पर पुलिस क्विक एक्शन लेगी ताकि व्यवसाई खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।पुलिस की इस पहल से व्यवसाई खुश नज़र आ रहे हैं और उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर निश्चिंत हैं । बाइट- 1 - संजय कुमार पांडेय, एसडीपीओ सदर बाइट- 2 - मुकेश कुमार,व्यवसाई
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ASABHISHEK SHARMA1
Jul 22, 2025 11:45:10
Chittorgarh, Rajasthan:
#चित्तौड़गढ़ - एंकर - चित्तौड़गढ़ में पुलिस अधीक्षक के रूप में आईपीएस मनीष त्रिपाठी ने मंगलवार को पदभार ग्रहण कर लिया है। 2013 बैच के अधिकारी त्रिपाठी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कानून व्यवस्था उनकी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने NDPS एक्ट से जुड़े मामलों को जिले की सबसे गंभीर चुनौती मानते हुए इस दिशा में जल्द सख्त रणनीति अपनाने की बात कही। त्रिपाठी ने पूर्ववर्ती अधिकारियों द्वारा शुरू किए गए लेकिन अधूरे रह गए कार्यों को आगे बढ़ाने की मंशा भी जताई। उन्होंने कहा कि जिले की भौगोलिक और सामाजिक परिस्थिति को समझकर ही नवाचारों की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे। साथ ही, जनता से सहयोग की अपील करते हुए टीम भावना से बेहतर पुलिसिंग का भरोसा दिलाया। बाईट - मनीष त्रिपाठी .......... पुलिस अधीक्षक
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ADArvind Dubey
Jul 22, 2025 11:44:53
Lucknow, Uttar Pradesh:
Anchor: सोनभद्र के घोरावल से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मजदूर की सिर्फ इस बात पर लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई कि वो खेत में खाद डाल रहा था। वारदात विसुंधरी गांव की है, जहां आपसी विवाद में कुछ लोगों ने मिलकर मजदूर बाबूलाल की जान ले ली। VO - घोरावल कोतवाली क्षेत्र के विसुंधरी गांव में 45 वर्षीय बाबूलाल खेत में खाद डाल रहे थे। बताया गया कि खेत गांव के कयर नाम के व्यक्ति का है, जो उसने किसी सीताराम के पास गिरवी रखा था। बाबूलाल उसी सीताराम के कहने पर खेत में काम कर रहे थे। इसी बात को लेकर कहासुनी हो गई।जब बाबूलाल काम छोड़कर घर लौटने लगे, तभी गांव के ही कयर, उसके बेटे समेत अन्य ने रास्ते में रोककर उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। बाबूलाल को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। घायल बाबूलाल सड़क पर गिर पड़े। शोर सुनकर पहुंचे परिजन उन्हें अस्पताल ले गए जहां इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने जिला अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया। VO - वहीं इस मामले को लेकर सीओ घोरावल राहुल पांडेय ने बताया कि घोरावल पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि खेत में खाद डालने को लेकर थाना क्षेत्र के विसुंधरी गांव में जमीन मालिक कयर व उसके दो पुत्रों सुरेश व ओमप्रकाश के द्वारा बाबूलाल हरिजन को लाठी व डडों से पीट - पीटकर घायल कर दिया गया है। हालत गंभीर देखते हुए जिला अस्पताल ले जाया गया है। जहां इलाज के दौरान मृत्यु हो गई है। मृत्यु के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई कराई जा रही। मृतक के पुत्र की सूचना पर थाना घोरावल में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए टीमें रवाना की जा चुकी हैं आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही। byte: राहुल पांडेय - सीओ घोरावल
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SSSHARVAN SHARMA
Jul 22, 2025 11:44:23
Shamli, Uttar Pradesh:
श्रवण पंडित शामली स्लग .... भाई के लिए दंडवत कावड़ एंकर ....हरिद्वार से गंगाजल लेकर दंडवत प्रणाम करते हुए सातवीं क्लास का छात्र बोला शामली पहुंचा जहां उसने अपने भाई की बीमारी से ठीक हालत होने पर कावड़ लेकर आने के लिए मन्नत मांगी थी जिसके चलते करीब 12 तारीख से हरिद्वार से जल लेकर आज वह शामली पहुंचा. जो उसने बताया कि उसके भाई को ब्लड कैंसर था और ठीक होने पर वह भोले शंकर से मांगी गई मुराद को पूरी होने पर कावड़ चढ़ा रहा है। .... आपको बता दे।कि देश में एक भाई दूसरे भाई को मारने काटने पर तुला हुआ है वहीं शामली जनपद में एक 7 क्लास का छात्र कृष्णा के अपने बड़े भाई के लिए सैकड़ो किलोमीटर लेट लेट कर सफर करने में खुश नजर आ रहा है। दरसल आप को बता दे 0।कि मामला शामली जनपद के आदर्श मंडी थाना क्षेत्र के गांव कसेरवा कल का है जहां का रहने वाला संजय के 6 बच्चे(4 बेटे 2बेटी) हैं जिसमें संजय के घर मे कृष्णा चौथे नम्बर का है और दूसरे नमबर है।जब अभिनव को कैंसर हुआ तो संजय ने अपने बेटे के उपचार के लिए सब जगह दिखा कुछ जगह महंगा उपचार होने की वजह से वह दिखा नहीं पाया । वही उसने जनवरी 2024 में भोले शंकर की कावड़ बोल दी जिसमें मार्च में उसके टेस्ट कराए गए तो सभी टेस्ट नॉरमल थे। संजय ने बताया कि उसके बेटे अभिनव को ब्लड कैंसर का जिसका उपचार के लिए व कई हॉस्पिटलों के चक्कर लगा चुका था वही उपचार महंगा होने के चलते कुछ जगह उसने उपचार भी नहीं कराया।वही संजय के बेटे कृष्ण ने भोले शंकर से मन्नत मांगी कि उसके भाई अभिनव को ब्लड कैंसर से ठीक होने पर वह दंडवत होते हुए हरिद्वार से जल लेकर शामली आया। जहां अब उसका भाई अभिनव ठीक है वहीं संजय का छोटा पुत्र कृष्णा बीती 13 तारीख को हरिद्वार से जल लेकर शामली की ओर आते हुए आज शामली पहुंच गया।वहीं भोला कृष्णा सातवीं क्लास का छात्र है और करीब 10 वर्ष उसकी उम्र वहीं बोला कृष्ण ने बताया कि उसके भाई को ब्लड कैंसर था भगवान बोले से ठीक होने की मन्नत मांगी थी जिसके लिए अब भाई की ठीक होने की खुशी में दंडवत होते हुए कावड़ ला रहा हूं यह पहले कावड़ है एक कावड़ और लाई जाएगी।। बाइट .... संजय कृष्ण भोले का पिता बाइट.... कृष्ण सातवीं क्लास का छात्र बोला
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PGPiyush Gaur
Jul 22, 2025 11:44:13
Ghaziabad, Uttar Pradesh:
एंकर - जब मौजूदा दौर में देशभर में पति-पत्नी जैसे पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं, तब गाजियाबाद के मोदीनगर की एक साधारण महिला आशा देवी ने अपने समर्पण और आस्था से साबित कर दिया है कि यह रिश्ता आज भी उतना ही मजबूत और श्रद्धा से भरा हो सकता है जितना सात फेरों के समय होता है। जहां मुंबई की सोनम रघुवंशी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर शव को घर की टाइलों के नीचे दफना दिया, वहीं एक अन्य घटना में मुस्कान नाम की महिला ने पति को मौत के घाट उतार कर उसका शव सीमेंट में नीले ड्रम में चुनवा दिया । ऐसे समय में आशा देवी की यह कांवड़ यात्रा उन सभी कहानियों के बीच एक उजली मिसाल बनकर सामने आई है, जिसमें न रिश्तों की हत्या है, न स्वार्थ है । यहां इस रिश्ते में सिर्फ प्रेम, सेवा और आस्था है। वी ओ - दरअसल मोदीनगर के बखरवा गांव की रहने वाली आशा देवी ने 14 जुलाई को हरिद्वार की हर की पौड़ी से कांवड़ यात्रा की शुरुआत की, लेकिन यह यात्रा साधारण नहीं थी। उनके पति सचिन कुमार, जिनके पैरों ने एक साल पहले हुए स्पाइन ऑपरेशन के बाद साथ देना बंद कर दिया है, उन्हें आशा देवी ने अपनी पीठ पर बैठाकर इस संपूर्ण यात्रा को तय किया। करीब 180 किलोमीटर लंबी यह यात्रा आशा देवी ने नौ दिनों में पूरी की और जब वह मोदीनगर पहुंचीं, तो राह चलते लोग उन्हें देखकर ठहर गए। किसी ने सिर झुकाया, किसी की आंखें नम हुईं और हर किसी ने उनके इस समर्पण को प्रणाम किया। महिला आशा देवी के पति सचिन कुमार कभी एक कॉन्ट्रैक्टर थे, लेकिन बीमारी ने उन्हें लाचार कर दिया। अब वे चलने-फिरने में असमर्थ हैं और घर की जिम्मेदारी पूरी तरह आशा देवी के कंधों पर आ चुकी है। आशा देवी खुद सिलाई और कपड़े के थैले बनाने का छोटा सा काम करती हैं, लेकिन उस दिन जब वे और उनके पति हर की पौड़ी में स्नान कर रहे थे, तब उनके मन में विचार आया कि वे इस बार कांवड़ यात्रा कुछ अलग रूप में करेंगी। उन्होंने प्रण लिया कि इस बार वे अपने पति को कांवड़ के रूप में पीठ पर बैठाकर भोलेनाथ के दर पर जाएंगी और यही करके दिखाया। आशा देवी कहती हैं कि जीवन में कठिनाइयों का सामना हर किसी को करना पड़ता है, लेकिन अगर मन में श्रद्धा और रिश्तों के लिए सच्चा समर्पण हो, तो कोई भी रास्ता लंबा नहीं लगता। उन्होंने भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना की है कि उनके पति एक बार फिर अपने पैरों पर खड़े हो सकें और उनका परिवार पहले की तरह सामान्य जीवन जी सके। इस यात्रा में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा — थकान, मौसम, और शारीरिक बोझ — लेकिन आशा कहती हैं कि शिव की कृपा और मन की शक्ति ने उन्हें कभी रुकने नहीं दिया। कल आशा देवी बखरवा गांव स्थित भगवान शिव के मंदिर में हरिद्वार से लाया गया गंगाजल चढ़ाकर अपनी कांवड़ यात्रा पूर्ण करेंगी। बाइट - आशा देवी, अपने पति को पीठ पर बैठाकर कावड़ के रूप में लाने वाली महिला वी ओ - वहीं महिला के पति सचिन कुमार भी इस सफर से बेहद भावुक हैं। सचिन कुमार का कहना है कि यह उसकी पत्नी की हिम्मत का ही वजह है कि वह उसे अपनी पीठ पर बैठकर कावड यात्रा पूरी करके लाई है। महिला के पति सचिन का कहना है कि वह 1 साल से चल नहीं पा रहे है और लाचार हो गए है , उनका है कि जैसा उसके साथ हुआ वैसा किसी के साथ ना हो क्योंकि पति ही पत्नी की जिम्मेदारी उठाता है जबकि वह वह 1 साल से चल नहीं पा रहे और इस वजह से पति , पत्नी पर बोझ बन गए। उसकी पत्नी को उसकी जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है। पहले वह कॉन्ट्रेटर का काम करता था जबकि पिछले 1 साल से अपने पैरों पर ना चल पाने की वजह से कोई काम नहीं कर पा रहे है । बाइट - सचिन कुमार, महिला आशा देवी के पति वी ओ - जहां एक तरफ देश के अलग-अलग हिस्सों में कुछ पत्नियां अपने पतियों की हत्या कर उस रिश्ते को कलंकित कर रही हैं, वहीं आशा देवी ने यह साबित कर दिया कि आज भी यह बंधन उतना ही पवित्र, मजबूत और भरोसेमंद हो सकता है। उनकी यह कांवड़ यात्रा एक उदाहरण है , उन सभी लोगों के लिए जो रिश्तों में सिर्फ स्वार्थ ढूंढते हैं। आशा देवी ने अपने कंधों पर सिर्फ अपने पति को नहीं उठाया, बल्कि पूरे समाज को यह संदेश दिया कि जब साथ निभाने की नीयत सच्ची हो, तो कोई भी रास्ता कठिन नहीं होता।
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PSPramod Sinha
Jul 22, 2025 11:44:05
Khandwa, Madhya Pradesh:
एंकर... मध्य प्रदेश में शराब खोरी एक बड़ी समस्या बनने जा रही है । शहर से लेकर गांव तक महिलाएं आए दिन शराब बंद करने की मांग को लेकर शिकायत करने पहुंच रही है।  खंडवा में भी पीड़ित महिलाएं अपने भाई, बेटे और पति की शराब खोरी की आदतों से परेशान होकर शराब बंद करने की मांग लेकर जिला मुख्यालय पहुंची। महिलाओं का कहना है कि घर-घर शराब बनाई और बेची जा रही है। घर के युवा और पति शराब पीने के लिए घर का अनाज और मजदूरी का पैसा भी छीन कर ले जाते हैं। नहीं देने पर मारपीट करते हैं। महिलाओं ने बताया की लाडली बहनों को दिए जाने वाला पैसा भी शराब खोरी के लिए छीन लिया जाता है । वी ओ,खंडवा के बलवाड़ा गांव की महिलाएं बड़ी संख्या में आज शराब खोरी की आदतों से परेशान होकर शराब बंद करने की मांग को लेकर खंडवा मुख्यालय पहुंची। इन महिलाओं ने बताया कि गांव में घर-घर शराब उपलब्ध है कोई देखने वाला और कार्रवाई करने वाला नहीं है। देसी और अवैध शराबी खूब बनाई और बेची जा रही है। गांव की महिलाओं ने बताया कि उनके घर के युवा बेटे भाई और पति सभी  शराबखोरी में मस्त है। शराब के लिए जब पैसा नहीं मिलता है तो वह सरकार द्वारा दिए जाने वाला अनाज और मजदूरी का नगद पैसा भी छीन कर ले जाते हैं। नहीं देने पर मारपीट भी करते हैं। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री की ओर से लाडली बहनों को दिए जाने वाला पैसा भी  शराब पीने के लिए छीन लिया जाता है। शराबखोरी की आदतों के कारण युवाओं की शादी भी नहीं हो पा रही है। बाइट,किरण दंगोडे वी ओ,  बेटे की शराबखोरी  की आदत से पीड़ित एक बुजुर्ग महिला ने अपनी आपबीती सुनाई। वृद्ध महिला ने बताया कि जब शराब के लिए उसे पैसे नहीं मिलते हैं तो वह बाल पकड़ पकड़ कर उसे पिटता है । उसे बचाने के लिए कोई भी नहीं आता है, क्योंकि हर घर में यही हालत है। गांव में अवैध शराब बिक्री की शिकायत कई बार पुलिस और आबकारी विभाग से की है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होती।  बुजुर्ग महिला ने पूछा कि वह अब अपनी सुरक्षा कैसे करें। बाइट, लीला बाई  वी ओ, इधर आबकारी विभाग के अफसरो का कहना है कि समय-समय पर वह शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में  अवैध शराब बिक्री को लेकर कार्यवाही करते हैं। सवाल उठता है कि यह कैसी  कार्रवाई है जो समय के साथ समस्या कम करने के बजाय बढ़ा देती है। उन्होंने कहा कि इस गांव की शिकायत प्राप्त हुई है वह गांव में जाकर कार्रवाई करेंगे।  बाइट, सी एच मीणा सहायक आबकारी अधिकारी  
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ASASHISH SHRIVAS
Jul 22, 2025 11:43:56
Balaghat, Madhya Pradesh:
एंकर– नक्सलवाद के खात्मे के लिए जहां एक ओर पुलिस लगातार नक्सलियों पर प्रहार कर रही है तो वही बालाघाट जिले के कलेक्टर मृणाल मीना द्वारा भी नक्सलवाद के खात्मे के लिए एक अनोखी पहल शुरू की गई है जिसकी चर्चा अब खूब हो रही है,,, वाइस ओवर 01 – नक्सलवाद को खत्म करने पुलिस द्वारा कई बड़े ऑपरेशन चलाए जा रहे है जिसके चलते उन्हें सफलता भी हाथ लग रही है और धीरे धीरे नक्सलवाद कमजोर होते जा रहा है,, अब नक्सलियों द्वारा अपने आप को मजबूत करने का एक मात्र यही जरिया है कि वे आदिवासी युवाओं ग्रामीणों को बहला फुसलाकर अपने दलम में शामिल करे,,, ऐसे में इन सब बातों को ध्यान में रखकर बालाघाट कलेक्टर मृणाल मीना ने एक बड़ा ही सराहनीय प्रयास किया है जिससे कि अब ग्रामीण न तो नक्सलियों का सहयोग करेंगे और न ही उनके बहकावे में आयेंगे,,,, ऐसा पहली बार होगा कि एक ओर पुलिस तो पूरी तरह से नक्सलवाद के खात्मे में प्रयास कर ही रही है वहीं दूसरी ओर कलेक्टर भी नक्सलवाद के खात्मे के लिए अपने तरफ से नए नए आइडिया के तहत भरपूर सहयोग कर रहे है,,, द्वारा अब तक 100 से अधिक बैगा आदिवासियों को उनके 300 से अधिक पारंपरकी वाद्ययंत्र निःशुल्क बांटे गए है जिसमें मांदर, नगाड़ा, टिस्की, करताल, पैजना,चटकुलिया, टिमकी, बांसुरी आदि है इतना ही नहीं वाद्ययंत्र को बजाते समय पहने जाने वाले उनके पारंपरिक परिधान भी दिया गया है और आने वाले समय में और भी बांटे जाएंगे,,, इसके साथ साथ मोटे अनाजों के उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ाने के लिए भी नीति बनाई गई है जिससे कि आदिवासियों की आय बढ़ेगी,,,, कलेक्टर मृणाल मीना द्वारा ये सब बांटने का मुख्य उद्देश्य यही है कि आदिवासी ग्रामीण और युवा अपनी संस्कृति से जुड़े रहे,,साथ ही आदिवासियों को माओवादी यह बोलकर बिल्कुल भी बहका न सके कि सरकार उनकी संस्कृति पर ध्यान नहीं दे रही है उसे सहज कर रखने का काम नहीं कर रही है,,,जैसे जैसे पुलिस के द्वारा नक्सलवाद पर प्रहार किया जा रहा है वे अब ग्रामीणों को बहकाने का कोई तरीका नहीं छोड़ रहे है,,, अगर नक्सली खुद ग्रामीणों से संपर्क में नहीं आते तो बीच के माध्यमों से उन तक अपनी बात पहुंचाते है और सरकार की आलोचना करते है जिससे ग्रामीण उनकी बात में आकर नक्सलीयो का सहयोग करने लगते है,,,, प्रदेश से 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने की डेड लाइन तय है और उस पर बालाघाट जिले के कलेक्टर भी अपने तरफ से भरपूर प्रयास कर रहे है वाइस ओवर 03– बालाघाट जिला मध्यप्रदेश का सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिला है ऐसे में जिले के कलेक्टर मृणाल मीना द्वारा नक्सलवाद के खात्मे में के लिए अलग अलग तरह से प्रयास किए जा रहे है,,, कलेक्टर मृणाल मीना द्वारा पहले एक प्रयास किया गया था कि जो भी नक्सली सरेंडर करना चाहते है और उन्हें पुलिस से किसी प्रकार का डर है तो मुझसे सीधा संपर्क कर सकते है जिसके लिए बकायदा एक नंबर भी जारी किया गया था जिसकी खूब चर्चिका हुई थी क्योंकि मृणाल मीना पहले ऐसे कलेक्टर थे जिन्होंने इस तरह का प्रयास किया था,,अब एक और अच्छी पहल कलेक्टर द्वारा शुरू की गई है,,, आदिवासी क्षेत्रों में मृणाल मीना द्वारा शिविर लगाकर आदिवासियों को उनके परंपरागत वाद्ययंत्र बांटे जा रहे है,, जिसके की वे अपनी संस्कृति से जुड़े रहे है और मोटे अनाजों के उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ाने के लिए भी नीति बनाई गई है जिससे कि इन आदिवासियों की आय बढ़ सके। (आदिवासी ग्रामीण)– यह जो हमे सामग्री मिली है जो हमारे परंपरागत वाद्य यंत्र है और हमारी पोषक भी है उससे हम बहुत ही खुश है इससे हमारी संस्कृति बची रहेगी,,आने वाली पीढ़ी भी हमारी संस्कृति नहीं भूलेगी,,, पहले हमारे पारम्परिक वाद्य यंत्रों से ही शादी होती थी पहले टेंट और बाजे नहीं होते थे जिससे शादियों में खर्चा कम होता था,,और हमे जो ये वाद्य यंत्र दिए गए है इससे हम बजाकर पैसे भी कमाएंगे और संस्कृति भी बची रहेगी। बाइट-1- मृणाल मीना (कलेक्टर बालाघाट) बाइट-2- राम सिंह तिलगाम (ग्रामीण)
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BKBRAJESH KUMAR
Jul 22, 2025 11:43:18
Khunti, Jharkhand:
रिपोर्ट - ब्रजेश कुमार क्षेत्र - खूँटी स्लग - बाबा आम्रेश्वर धाम की खासियत सभी के लिए स्पर्श दर्शन। एंकर - खूँटी जिले के बाबा आम्रेश्वर धाम झारखंड में शिव नगरी के बड़े धामों में देवघर के बाद दूसरा स्थान आता है। जहाँ स्वयंभू महादेव की पूजा अर्चना करने देश भर के लोग आते हैं। भोलेनाथ की पावन भूमि बाबा आम्रेश्वर धाम खूँटी जिला केंद्र से 11 किमी दूर खूँटी सिमडेगा रोड पर है। वहीं स्वयंभू महादेव की आराधना व साक्षात दर्शन कर स्पर्श पूजन करने का भक्तों को सौभाग्य मिलता है। वहीं इस धाम में श्रावण माह में लगनेवाला इस धार्मिक मेला में लाखों कांवरिया बोल बम और हर-हर महादेव का नारा लगाते हुए धाम पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं। भोलेनाथ की इस नगरी में बाबा आम्रेश्वर भोलेनाथ के गर्भगृह के साथ पार्वती मंदिर, गणेश मंदिर, श्रीराम जानकी मंदिर, हनुमान मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर, माँ दुर्गा मंदिर, काली मंदिर, शनि मंदिर अनेक सहित अनेक देवी देवताओं के आकर्षक मंदिर है। जहाँ श्रावण माह में लाखों श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव से आराधना करने आते हैं। बाबा आम्रेश्वर धाम में प्रबंध समिति की अगुवाई में विशेष प्रथम पूजा, श्रृंगार पूजन होता है। फिर भोलेनाथ का दर्शन व स्पर्श पूजन सारे भक्त पंक्तिबद्ध होकर प्रवेश द्वार से प्रवेश करते हैं। वहीं भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रबंध समिति प्रत्येक जगह अपने कार्यकर्ता वोलेंटियर लगाए हुए हैं। वहीं स्वयंभू महादेव की आराधना के साथ सुबह दोपहर और शाम के समय विशेष भोग चढ़ता है। जिसमें जल , दूध , घी, मधु , हल्दी, भभूत , पंचामृत आदि से स्नान कराकर फूल बेलपत्र, फल, पकवान का भोग लगाया जाता है। वहीं पट खुलते ही भोलेनाथ स्वयंभू महादेव का स्पर्श दर्शन करते हैं। वहीं भोलेनाथ के नाम परिसर में तालाब, कुआँ, चिल्ड्रेन पार्क, शौचालय, स्नानागार, आराम गृह की सुविधा के लिए निर्माण किया गया है। वहीं एलइडी लाइव दर्शन के लिए भी व्यवस्था किया गया है। जिसके माध्यम से गर्भगृह के बाहर से लोग एलईडी के माध्यम से पूजन का दर्शन आसानी से कर सकते हैं। बाबा आम्रेश्वर धाम में किसी प्रकार की भी कष्ट समस्या होने पर संप्रभुत समिति से संपर्क कर उनका सुविधा प्राप्त कर सकते हैं वही निशुल्क पारिवारिक व सामुहिक रूप से यहां आने वाले लोगों को कमरे भी व्यवस्था किया जाता है। बाबा आम्रेश्वर धाम में सुरक्षा के दृष्टिकोण से पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी से कैमरे से निगरानी की जाती है। नदी परिसर में भी बैठने व वस्त्र बदलने के लिए भवन का निर्माण किया गया है जहाँ लोग बैठ सकते हैं। इसके अलावा महिलाओं के लिए शौचालय निर्माण किया गया है। जहाँ वालेंटियर तैनात रहते हैं इसके अलावा बने नदी से लेकर धाम परिसर तक सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगाया गया है ताकि पैदल चलने वालों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो। बाबा आम्रेश्वर धाम के महामंत्री मनोज कुमार ने बताया कि झारखंड में यह वर्तमान समय में यही एक ऐसा धाम है। जहाँ पर स्वयंभू महादेव को स्पर्श दर्शन के साथ पूजा अर्चना किया जा सकता है। खूँटी से 11 किलोमीटर दूर सिमडेगा रोड पर अवस्थित बाबा आम्रेश्वर धाम में प्रत्येक वर्ष श्रावणी महिला धूमधाम से लगता है। जहाँ लाखों श्रद्धालु पूजा अर्चना करने देशभर की कोने-कोने से आते हैं। वही भक्तों की सुविधा के लिए भी प्रबंध समिति व्यवस्था करके रखी है। धाम परिसर से 3 किलोमीटर दूर बनई नदी से लोग जल उठते हैं और स्वयंभू महादेव भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं। धाम परिसर में अनेक मंदिरें हैं साथ ही तालाब , कुआं, स्नानागार, शौचालय, चिल्ड्रन पार्क आदि हैं। भक्तों को विशेष सुविधा के लिए जो शारीरिक रुप से लाचार हैं उन्हें विशेष द्वार से प्रवेश कराया जाता है। अगर कोई परिवार अथवा जब था एक साथ कोई आम्रेश्वर धाम आते हैं तो उन्हें निशुल्क कमरा मुहैया कराया जाता है। सुरक्षा की दृष्टि कौन से जगह-जगह सीसीटीवी लगाए गए हैं जिससे निगरानी की जाती है। प्रबंध समिति धाम में आने वाले लोगों को जितना हो सके सुविधा प्रदान किया जा सके। बाईट ‌- मनोज कुमार, महामंत्री, खूँटी । वाक् थ्रू - ब्रजेश कुमार, जी-मिडिया खूँटी।
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DIDamodar Inaniya
Jul 22, 2025 11:43:01
Nagaur, Rajasthan:
#रियाँबड़ी (नागौर) आठ वर्षीय बच्चे के साथ कुकर्म का मामला , बाल कल्याण समिति नागौर के निर्देश पर हुई कार्यवाही, आरोपी युवक के खिलाफ, पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज, पिछले दो माह से बच्चे के साथ हो रहा था यौन शोषण, एक धार्मिक स्थान पर बुलाकर किया जा रहा था दुष्कर्म, ,समिति अध्यक्ष मनोज सोनी को मिली थी शिकायत, चाइल्ड हेल्प लाइन पर दर्ज शिकायत को अध्यक्ष मनोज सोनी ने लिया गंभीरता से, शिकायत पर तत्काल संज्ञान लेकर जारी किए निर्देश, पादुकलां थाना क्षेत्र का मामला, बाइट - मनोज सोनी अध्यक्ष बाल कल्याण समिति नागौर
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VSVIPIN SHARMA
Jul 22, 2025 11:42:36
Kaithal, Haryana:
कैथल से कावड़ पर स्पेशल कवरेज रिपोर्टर विपिन शर्मा 2207ZDN_KTH_KAVAD_R कावड़ियों की भक्ति और उत्साह के रंग: सावन में हरिद्वार से शुरू हुआ गंगाजल का पवित्र सफर पहुंचने लगा है अपने गंतव्य के नजदीक, कावड़ यात्रा: भगवान शिव की भक्ति में डूबा सावन का पवित्र उत्सवसावन का पवित्र महीना आते ही हरिद्वार की पावन धरती 'बम बम भोले' के जयकारों से गूंज उठी है। कावड़ियों की टोलियां, भगवान शिव के प्रति अटूट श्रद्धा और उत्साह के साथ, गंगाजल से भरी कावड़ लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रही हैं। सावन का यह महीना भगवान शिव की पूजा-अर्चना और साधना के लिए विशेष माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस चातुर्मास में भगवान विष्णु विश्राम पर चले जाते हैं और सृष्टि का प्रभार भगवान शिव के पास आ जाता हैं। इस पवित्र समय में की गई पूजा और साधना अत्यंत फलदायी मानी जाती है। इसी विश्वास के साथ लाखों कावड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गांव-शहर के शिव मंदिरों में शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए कावड़ यात्रा पर निकल पड़ते हैं। यह यात्रा न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि हठयोगी साधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है, जिसके कठिन नियमों का पालन कर श्रद्धालु मनवांछित फल प्राप्त करते हैं ।कावड़ यात्रा का महत्व और परंपराकावड़ यात्रा हिंदू धर्म की एक प्राचीन परंपरा है, जो सावन मास में विशेष रूप से प्रचलित है। इस दौरान श्रद्धालु हरिद्वार, गंगोत्री, गोमुख या अन्य पवित्र स्थानों से गंगाजल लेकर पैदल यात्रा करते हैं और इसे अपने स्थानीय शिव मंदिरों में शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को अर्पित करते हैं। मान्यता है कि गंगाजल अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। यह यात्रा हठयोग का एक रूप है, जिसमें कावड़िए शारीरिक और मानसिक कठिनाइयों को सहते हुए अपनी भक्ति और समर्पण का परिचय देते हैं। कावड़ यात्रा का धार्मिक महत्व पुराणों से भी जुड़ा है। कहते हैं कि रावण ने भी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कावड़ यात्रा की थी। इसके अलावा, श्रवण कुमार की माता-पिता के प्रति भक्ति और समर्पण की कहानी भी कावड़ यात्रा से प्रेरित मानी जाती है। यह यात्रा भक्तों को आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती है।कावड़ के प्रकार और नियमकावड़ यात्रा में विभिन्न प्रकार की कावड़ शामिल होती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशेष महत्व और नियम हैं। कावड़ियों से बातचीत के दौरान पता चला कि कावड़ कई प्रकार की होती हैं: झूला कावड़: यह कावड़ बांस या लकड़ी के डंडे पर लटकाई जाती है, जिसमें गंगाजल से भरे दो बर्तन बंधे होते हैं। इसे कंधों पर रखकर ले जाया जाता है। खड़ी कावड़: इसमें गंगाजल के बर्तन सीधे बांस पर बंधे होते हैं और इसे खड़े रहकर ले जाया जाता है। यह कावड़ हमेशा कंधे पर रहती है जब कांवरिया रास्ते में आराम करता है तो दूसरा कोई सेवादार इस कार्ड को लेकर हर समय खड़ा रहता है बैठी कावड़: इस प्रकार की कावड़ में कावड़िया जल ले जाता है, इसमें जमीन पर रखने का स्टैंड बना होता है और इस जमीन पर रखा जा सकता है डाक कावड़: यह सबसे कठिन कावड़ होती है, जिसमें कावड़िए बिना रुके तेजी से अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। डाक कावड़िए रास्ते में विश्राम नहीं करते और गंगाजल को बिना जमीन पर रखे मंदिर तक ले जाते हैं। कावड़ यात्रा के नियम अत्यंत सख्त हैं। कावड़ को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जाता, और कावड़िए शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हैं। वे मांस-मदिरा से दूर रहते हैं, सात्विक भोजन करते हैं और पूरी यात्रा के दौरान भक्ति भाव बनाए रखते हैं। कुछ कावड़िए नंगे पांव यात्रा करते हैं, तो कुछ मौन व्रत धारण करते हैं। यह साधना न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक दृढ़ता की भी परीक्षा लेती है। कैथल में कावड़ियों की रौनक: कैथल के कुरुक्षेत्र रोड पर कावड़ियों की चहल-पहल और भक्ति का अनूठा नजारा देखने को मिला। भगवान शिव के भजनों और 'बम बम भोले' के जयकारों के साथ नाचते-गाते कावड़िए अपने सफर को आनंदमय बनाए हुए हैं। कैमरे में कैद इन पलों में कावड़ियों का उत्साह और भक्ति साफ झलक रही थी। कावड़ियों ने बताया कि गंगाजल लाने में उन्हें कोई कष्ट नहीं, बल्कि भगवान भोलेनाथ का प्रेम और आशीर्वाद उन्हें हर कदम पर प्रेरित करता है। वे पूरे जोश के साथ अपने गंतव्य तक पहुंचकर शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करेंगे। राहत शिविर: कावड़ियों का सहारा ,कैथल में कावड़ियों की सुविधा के लिए प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने जगह-जगह राहत सेवा शिविर लगाए हैं। इन शिविरों में कावड़ियों के लिए विश्राम की व्यवस्था, सात्विक भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। यदि कोई कावड़िया चोटिल हो जाता है या उसे कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या होती है, तो तुरंत दवाइयों और प्राथमिक उपचार का प्रबंध किया जाता है। ये शिविर कावड़ियों के लिए एक बड़ा सहारा हैं, जो लंबी और कठिन यात्रा के दौरान उनकी थकान मिटाने और उत्साह बढ़ाने में मदद करते हैं। स्थानीय लोग भी इन शिविरों में सेवा भाव से सहयोग करते हैं, जो इस यात्रा को और भी खास बनाता है। कावड़ियों की भक्ति और उत्साहकावड़ियों से बातचीत में उनकी भक्ति और समर्पण की गहराई स्पष्ट झलकती है। एक कावड़िया ने बताया, "यह यात्रा मेरे लिए केवल गंगाजल लाने का माध्यम नहीं, बल्कि भगवान शिव के प्रति मेरी श्रद्धा और आत्मिक शांति का मार्ग है।" कई कावड़िए इस यात्रा को हर साल करते हैं और इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मानते हैं। नाचते-गाते, भजनों में डूबे ये श्रद्धालु अपने कठिन नियमों और साधना के बावजूद थकान को भूलकर भक्ति के रंग में रंगे नजर आते हैं। सावन की कावड़ यात्रा भगवान शिव की भक्ति, साधना और समर्पण का एक अनूठा संगम है। हरिद्वार से शुरू होकर देश के कोने-कोने तक पहुंचने वाली यह यात्रा कावड़ियों के दृढ़ संकल्प और आस्था की मिसाल है। कैथल जैसे शहरों में कावड़ियों का उत्साह और स्थानीय लोगों की सेवा भावना इस यात्रा को और भी विशेष बनाती है। जैसे-जैसे शिवरात्रि नजदीक आ रही है, कावड़ियों का जोश चरम पर है। वे गंगाजल अर्पित कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने को तैयार हैं। यह यात्रा न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक जीवंत प्रतीक भी है। रिपोर्टर विपिन शर्मा वॉकथ्रू और कांवड़ियों से बातचीत
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LCLAXMI CHAND NAGAR
Jul 22, 2025 11:42:11
Baran, Rajasthan:
एंकर _इंट्रो। किशनगंज पुलिस थाना क्षेत्र के रानी बडोद रामगढ़ रोड कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के पास जंगल में सुबह पुलिस को एक व्यक्ति का शव पड़ा होने की सूचना पर इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना पर बारा से एडिशनल एसपी राजेश चौधरी, बारां पुलिस उपाधीक्षक ओमेंद्र ,किशनगंज पुलिस ,थाना भंवरगढ़ पुलिस पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल स्थल की जांच कर युवक का शव बरामद कर किशनगंज चिकित्सालय में लाया गया। परिजनों ने हत्या कर शव फेंकने की आशंका जताई है। पुलिस उपधीक्षक ओमेंद्र ने बताया कि मंगलवार सुबह सूचना मिली कि किशनगंज के कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के पास जंगल में एक युवक का शव पड़ा हुआ है। मौके पर पहुंचकर शव बरामद कर पोस्टमार्टम हेतु किशनगंज चिकित्सालय में लाया गया। मृतक की पहचान करने हेतु परिजनों को सूचना देने पर मृतक का भाई भूपेंद्र मीणा ने बबलू मीणा उम्र 40 वर्ष पुत्र घनश्याम मीणा निवासी बैंगनी हाल मुकाम तेल फैक्ट्रीके रूप में पहचान की गई। पुलिस ने आशंका का जताई कि युवक की हत्या कर शव को जंगल में पटकने के बाद उसके ऊपर पत्थर डाला गया सर खून से सना हुआ पत्थर भी मौके पर पड़ा मिला। पुलिस इस मामले में गहनता से जांच में जुट गई है और एफएसएल की टीम को बुलाकर जांच की जा रही है। पुलिस ने मृतक के भाई भूपेंद्र मीणा की रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज किया है। बाइट _1डीएसपी ओमेंद्र सिंह।
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BBBhupendra Bishnoi
Jul 22, 2025 11:42:04
Jodhpur, Rajasthan:
जोधपुर ऑपरेषन धरकरभर के तहत साइबर टीम जोधपुर ग्रामीण की कार्यवाही। पुलिस थाना शेरगढ़ में वांछित 25,000 रूपये का ईनामी गिरफ्तार। वांछित ईनामी गुलाबसिंह फलसूण्ड थाने का हिस्ट्रीषीटर जिसके विरू़द्व विभिन्न थानों में 20 मुकदमें दर्ज। फरारी के दौरान आरोपी लगातार बदल रहा था ठिकाने।
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PSPradeep Soni
Jul 22, 2025 11:41:54
Jaipur, Rajasthan:
चौमूं अपहरण और दुष्कर्म के मामले में फरार आरोपी गिरफ्तार आरोपी ओमप्रकाश निवासी गुढ़ा सुर्जन को किया गिरफ्तार कालाडेरा पुलिस थाने में एक माह पहले दर्ज हुआ था मामला आरोपी ने महिला का विडियो व फोटो वायरल करने की दी थी धमकी महिला के पति व भाई को भी जान से मारने की दी थी धमकी ASP रजनीश पूनिया के सुपरविजन मे हुई कार्रवाई SHO बाबूलाल मीणा ने कार्रवाई को दिया अंजाम एंकर-जयपुर जिले की कालाडेरा थाना पुलिस ने अपहरण और दुष्कर्म के मामले में फरार चल रहे आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं.....कालाडेरा पुलिस थाने में अपहरण का मामला 18 जून को दर्ज हुआ था, एक महिला ने आरोपी पर अपहरण कर दुष्कर्म करने और वीडियो व फोटो वायरल करने की धमकी देने का आरोप लगाया था। साथ ही महिला के पति और भाई को जान से मारने की भी धमकी देने का मामला दर्ज करवाया था... प्रकरण में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजनीश पूनिया के निर्देशन में कालाडेरा थाना प्रभारी बाबूलाल मीणा ने कार्रवाई करते हुए आरोपी ओमप्रकाश यादव निवासी गुढा सुर्जन को गिरफ्तार किया। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ करने मे जुटी है।
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Jul 22, 2025 11:41:50
Khalispur, Uttar Pradesh:
पूरे हिन्दु मजरे सरवन के निवासी श्याम लाल वा उनकी पत्नी को किसी बात को लेकर गांव के ही चन्दर वा उनकी पत्नी दो अन्य लोगो ने जमकर मारा पीटा जिससे गंभीर रूप से घायल हो गये घायलो को उपचार के लिये सामुदायिक स्वास्थ केद फुरसतगंज लाया गया वही श्याम लाल ने थाने मे चंदर वा उनकी पत्नी दो अन्य लोगो के खिलाफ तहरीर दे दी है वही थाने के प्रभारी निरिक्षक श्री राम पाण्डेय ने बताया कि तहरीर मिल गई है मामले की जांच कर कार्यवाही की जा रही है
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PGPiyush Gaur
Jul 22, 2025 11:41:45
Ghaziabad, Uttar Pradesh:
ग़ाज़ियाबाद के नन्हे-नन्हे शिवभक्तों ने इस सावन कुछ ऐसा कर दिखाया जिसे देख हर कोई दंग रह गया। 9 साल की नंदनी और 11 साल के युग ने स्केटिंग करते हुए पूरी 200 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा पूरी कर डाली। हरिद्वार से ग़ाज़ियाबाद तक पांच दिनों में हर दिन 40 किलोमीटर का सफर तय कर इन बच्चों ने शिवभक्ति और फिटनेस दोनों का ज़बरदस्त उदाहरण पेश किया। नंदनी और युग की इस अनोखी यात्रा के पीछे उनके पिता की महीनों की मेहनत छिपी है, जिन्होंने कांवड़ यात्रा से एक महीना पहले ही बच्चों को स्केटिंग की विशेष ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। यात्रा के दौरान परिवार के 15 सदस्य उनके साथ साए की तरह मौजूद रहे और हर पल बच्चों का हौसला बढ़ाते रहे। इस थकाऊ और चुनौतीपूर्ण यात्रा का समापन ग़ाज़ियाबाद के प्रसिद्ध दूदेश्वरनाथ मंदिर में होगा, जहां ये नन्हे कांवड़िए भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे। सोशल मीडिया पर नंदनी और युग की यह रोमांचक स्केटिंग कांवड़ यात्रा वायरल हो रही है और लोग इसे "स्केटिंग में सवार शिवभक्ति" का नाम दे रहे हैं। बाइट स्केटिंग करके कावड़ लाए बच्चों के पिता बाइट युग
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AJAvinash Jagnawat
Jul 22, 2025 11:41:29
Udaipur, Rajasthan:
संजय खेरवाड़ा कोड-411775 मोबाइल-9636701527 Xid-@SanjayS38955204 उदयपुर के खेरवाड़ा से बड़ी खबर, न्यायायिक कर्मचारियों का पांचवें दिन भी धरना प्रदर्शन अनवरत, खेरवाड़ा उपखंड मुख्यालय के चारों न्यायालयों में लगातार पांचवें दिन भी सन्नाटा छाया रहा, प्रकरणों में भी पीठासीन अधिकारियों को सुनवाई टालनी पड़ी, जिससे न्यायालयों का न्यायायिक कार्य काफी हद तक बाधित रहा, कर्मचारियों ने जे एम कोर्ट के बहार प्रदर्शन कर, राज्य सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए, सभा कर संघर्ष को तेज करने की चेतावनी दी। बाईट- राजेन्द्र नायक, न्यायिक कर्मचारी
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