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क्या एआरटीओ ऑफिस में बाहरी लोग कर रहे हैं काम? जानिए सच!
RSRahul shukla
FollowJul 17, 2025 13:34:35
Amethi, Uttar Pradesh
ANCHOR- ये तस्वीर है अमेठी के सहायक संभागीय परिवहन ऑफिस की। जहां अमेठी के एआरटीओ ऑफिस में अब विभागीय कर्मचारी नहीं बल्कि एआरटीओ साहब के खास की मर्जी से संचालित होता दिख रहा है। अभी तक ये कहा जाता था कि एआरटीओ ऑफिस में दलालों के बिना कोई काम संभव नही है लेकिन इस उदाहरण को भी अमेठी के नए एआरटीओ ने पीछे छोड़ दिया। आलम ये है की एआरटीओ के रेस्ट रूम में लगाए गए सिस्टम पर दो बाहरी कर्मचारी फ़ाइलों को अप्रूवल देते नजर आए वो भी बाहर से कमरे को बंद करके। एआरटीओ से जब सवाल पूछा गया तो ये एआरटीओ ने कहा कि एक मेरा खास आदमी है और एक मेरा ड्राइवर है। फिलहाल एआरटीओ के कारनामों की चर्चा विभागीय कर्मचारियों के साथ क्षेत्र में खूब हो रही है।
वी0ओ0- दरअसल अमेठी का एआरटीओ ऑफिस पिछले कई दिनों से चर्चा में बना हुआ है। हाल ही में एआरटीओ ऑफिस की कुर्सी संभालने के बाद विवादों में फंस गया है। आरोप लग रहा है कि एआरटीओ के आने के बाद हर काम के लिए एक फिक्स रेट तय हो गया और एआरटीओ के खासमखास पूरे आफिस को चलाने लगे। आज मीडिया की टीम जब एआरटीओ ऑफिस पहुँची तो वहां हलचल मच गया। एआरटीओ महेश बाबू गुप्ता ने निचले तल पर मौजूद मीडियाकर्मियों को नसीहत देते हुए वीडियो बनाने से रोक दिया। कुछ देर बाद मीडियाकर्मी जब एआरटीओ के कमरे में पहुँचे तो एआरटीओ तो वहां नही मिले लेकिन उनके रेस्ट रूम में लगाये गए सिस्टम पर दो बाहरी व्यक्ति फाइलों को अप्रूवल लगाते नजर आए।मीडिया का कैमरा देख दोनो हक्के बक्के रह गए और जब उनसे पूछा गया कि आप किस पद पर है तो उन्होंने अपने आप को विभाग का कर्मचारी बताया लेकिन बाद में पता चला कि एक व्यक्ति का नाम रेहान है जो लखनऊ के रहने वाला है और साहब का खास आदमी है। वही कम्प्यूटर चला रहे व्यक्ति की पहचान रोनित के रूप में हुई जो गाजीपुर जिले का रहने वाला है। मामला फंसने के बाद एआरटीओ महेश बाबू भी सफाई देने लगे और कहा कि जो व्यक्ति कमरे में था वो हमारा ड्राइवर है और गर्मी के कारण उसे बाहर नही बैठाया गया।कम्प्यूटर पर कोई काम नही हो रहा था।हमारे ऑफिस में सब कुछ नियमो के अनुसार चल रहा है। अमेठी एआरटीओ प्रशासन महेंद्र बाबू ने कहा कि जो व्यक्ति कमरे में था वो मेरा चालक है। गर्मी के चलते उसे बाहर नहीं बैठाया गया। कंप्यूटर पर कोई कार्य नहीं हो रहा था। जब उनसे पूछा गया कि दूसरा युवक कौन था और क्यों फाइल लेकर सीधे कमरे में जा रहे हैं तो स्पष्ट जवाब देने के बजाय सिर्फ इतना कहा गया कि कोई बाहरी नहीं है।
बाइट- महेश बाबू- एआरटीओ-अमेठी
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