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90 करोड़ का एलिवेटेड कॉरिडोर: भ्रष्टाचार और लापरवाही का प्रतीक!

PSPiyush Sahu
Jul 17, 2025 10:32:43
Sagar, Madhya Pradesh
एंकर - शहर के बीचों-बीच लाखा बंजारा झील पर 90 करोड़ की लागत से बने एलिवेटेड कॉरिडोर की स्थिति महज दो वर्षों में ही बदहाल हो गई है। करीब 1.25 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज अब अपनी खूबसूरती और उद्देश्य से भटक कर घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है। जगह-जगह उभरे गड्ढे, दोनों ओर जलभराव, और अवैध रूप से खड़े वाहन इसकी दुर्दशा बयां कर रहे हैं। VO - भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा विकास कार्य शहरवासियों की आवागमन सुविधा और झील की सुंदरता बढ़ाने के उद्देश्य से बनाए गए इस कॉरिडोर का अक्टूबर 2023 में लोकार्पण हुआ था। परंतु महज एक वर्ष भी नहीं बीता और ब्रिज पर गड्ढों की भरमार हो गई। प्रशासन ने कुछ जगहों पर केवल ऊपरी सतह भरने की खानापूर्ति की, लेकिन दो साल बीतते-बीतते अब यह पूरी संरचना जर्जर हो चुकी है। सुरक्षा व्यवस्था में भी भारी लापरवाही ब्रिज की सबसे चिंताजनक स्थिति इसकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर है। बीते दो वर्षों में करीब 15 से 17 लोग इस ब्रिज से कूदकर आत्महत्या का प्रयास कर चुके हैं, जिनमें से कुछ की मृत्यु भी हो चुकी है। कई दुर्घटनाएं भी इस पुल पर घट चुकी हैं, बावजूद इसके सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की तीखी प्रतिक्रिया चकराघाट वार्ड निवासी ज्योतिष सोनी ने बातचीत में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि "जब यह ब्रिज शहरवासियों के लिए बनाया गया है, तो उनकी सुरक्षा भी सरकार की जिम्मेदारी है। फिर सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं किए जा रहे?" पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चौधरी ने इस पूरे मामले में नगर पालिक निगम और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि "जनता के साथ विश्वासघात हुआ है। निर्माण कार्य की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।" नगर पालिक निगम का आश्वासन नगर पालिक निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार ने कहा कि "निर्माण कार्य में जो भी खामियां पाई जा रही हैं, उनके आधार पर संबंधित निर्माण एजेंसियों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को भी शीघ्र दुरुस्त किया जाएगा।" सागर का यह एलिवेटेड कॉरिडोर फिलहाल भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ा प्रतीत हो रहा है। जनता ने जिस उम्मीद के साथ इस ब्रिज का स्वागत किया था, वह उम्मीदें अब टूटती नजर आ रही हैं। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से अब इस मामले में ठोस कार्यवाही और पारदर्शिता की अपेक्षा की जा रही है। बाइट - सुरेन्द्र चौधरी, पूर्व मंत्री कांग्रेस बाइट - वृंदावन अहिरवार, अध्यक्ष, नगर पालिक निगम बाइट - ज्योतिष सोनी, राहगीर
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