कामखेड़ा में 23 किलो अफीम तस्करी का भंडाफोड़, तस्कर गिरफ्तार!
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एक ओर जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लोगों के काम को आसान बना रहा है, वहीं कुछ शातिर दिमाग इसका दुरुपयोग कर सरकारी राजस्व को भारी क्षति पहुँचा रहे हैं। ऐसा ही मामला महोबा जिले से सामने आया है। एआई कोर्स कर चुका एक युवक अपने साथियों के साथ मिलकर प्रदेश की सबसे बड़ी क्रेशर मंडी में फर्जी रॉयल्टी तैयार कर बेच रहा था। जालसाजों ने खनिज विभाग की आधिकारिक वेबसाइट upmines.updsc.gov.in से मिलती-जुलती नकली वेबसाइट www.upmines-upsdc.gov.ink तैयार कर लंबे समय से ई-ट्रांजिट पास जारी करने का धंधा शुरू कर दिया था। पुलिस ने छापेमारी कर तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से खनिज के जाली प्रपत्र, लैपटॉप, प्रिंटर और एक लाख दस हजार रुपये नकद बरामद किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी खनिज विभाग के ऑनलाइन सिस्टम को हैक करने की तैयारी में लगा हुआ था मगर इससे पहले वह अपने दो नए साथियों के साथ धर दबोचा गया। गिरफ्तार आरोपियों के 6 अन्य साथी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।
मामला महोबा जिले की कबरई थाना स्थित क्रेशर मंडी का है। जहां पहाड़ों में खनन से गिट्टी प्रदेश के विभिन्न जनपदों और सरकारी कार्यों में प्रयोग की जाती है। जिस पर रॉयल्टी प्रपत्र होना अनिवार्य है। रॉयल्टी प्रपत्र की बढ़ती मांग को देखते हुए कबरई थाना क्षेत्र के एक शातिर नवयुवक विजय सैनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कोर्स किया और उसी के माध्यम से फर्जी रॉयल्टी का गोरखधंधा अपने साथियों के साथ मिलकर शुरू कर दिया। इन शातिर दिमाग बदमाशों ने न केवल सरकार के नाम से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाई बल्कि फर्जी प्रपत्र और ट्रक की फोटो भी तैयार कर ठेकेदारों को रॉयल्टी बेचकर विभागों में लगवा दी। पुलिस अधीक्षक प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि खनन कारोबारी रामकिशोर सिंह ने उन्हें शिकायती पत्र दिया कि उनके यहां से दस हजार प्रपत्र गायब हुए हैं । स्थानीय पुलिस, स्वाट, साइबर एवं सर्विलांस पुलिस टीम ने जांच की तो पता चला की कबरई के ही विजय सैनी, बिंदादीन कुशवाहा और विकास राजौलिया फर्जी रॉयल्टी ग्रुप का संचालन करते हुए ठेकेदारों को प्रपत्र जारी कर रहे हैं। पुलिस ने जब दबिश दी तो तीनों शातिर दिमाग़ पुलिस के हत्थे चढ़ गए । पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से 1206 बिना प्रिंटेड खनिज परिवहन प्रपत्र 11 जाली सिक्योरिटी पेपर, 1532 फर्जी रॉयल्टी, एक लैपटॉप, चार एंड्राइड मोबाइल, एक प्रिंटर सहित एक लाख दस हजार रुपए की नगदी बरामद की है । पुलिस ने जब लैपटॉप को खंगाला तो उसमें 10 हज़ार से अधिक फोल्डर मिले हैं जिसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। उनका ठेकेदार एवं बिचौलियों के माध्यम से कार्यदायी संस्थाओ में बिल भुगतान के लिए प्रयोग करते थे। एसपी प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि इन सभी के द्वारा खनिज विभाग से मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट बनाकर उस पर गाड़ी नंबर उनकी फोटो व अन्य सूचनाओं भरकर अपलोड कर दी जाती थी तथा बारकोड जनरेट कर फर्जी रॉयल्टी तैयार की जा रही थी। जिससे सरकारी राजस्व को भारी क्षति हो रही है। बड़ी बात है कि ये शातिर AI कोर्स की मदद से 5 से 10 मिनट के अंदर ऐसी रॉयल्टी चेक कर लेते थे जो कार्यदाई संस्थाओं में इस्तेमाल नहीं हुए फिर उन्हीं की हूबहू नकली फर्जी रॉयल्टी बनाकर उन्हें देते थे जिन्हें कार्यदाई संस्था के ठेकेदार सरकारी बिलों में लगाकर अपना भुगतान करवाते थे। ऐसी कार्यदाई संस्थाओं की भी जानकारी मिली है जिन्हें डीएम ने नोटिस दिए है।
BYTE- प्रबल प्रताप सिंह (एसपी महोबा)