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अलवर में 100 करोड़ का दवा घोटाला: डॉक्टरों की मिलीभगत का खुलासा!
SKSwadesh Kapil
FollowJul 17, 2025 14:35:41
Alwar, Rajasthan
एंकर ,विजुअल ,बाइट
आरजीएचएस योजना में डॉक्टर-मेडिकल स्टोरों की मिलीभगत से अलवर में 100 करोड़ से अधिक की दवा घोटाले की पोल खुली. रामगढ़, राजगढ़, शिवाजी पार्क और पहाड़गंज पीएचसी के 11 डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस. बिना जांच के फर्जी पर्चियां बनाकर मरीजों को महंगी और अनावश्यक दवाई दी गई.
जानकारी के अनुसार आरजीएचएस योजना में डॉक्टर व मेडिकल स्टोर वालों ने मिलकर करोड़ों रुपए कमाए हैं.
विभाग की ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया कि अलवर के शिवाजीपार्क पीएचसी के डॉक्टरों ने तो गर्भवती महिला को बांझपन की दवाएं दे दी. पहाड़गंज पीएचसी में जिसकी आंखें पूरी तरह सही हैं .उसको आई ड्रॉप लिख दी.
__सीएचसी रामगढ़ में तो पति-पत्नी को हूबहू दवाएं लिखी.
जो मरीज डायबिटिक ही नहीं उसे शुगर की दवाएं दी.
जिसका हार्ट पूरी तरह दुरुस्त उसे तीन-तीन ब्रांड की महंगी दवाएं थमा कर मोटे बिल बनाए गए.
एक-एक जगह से करीब 10 से 20 करोड़ रुपए के घोटाले हैं. अकेले अलवर जिले में करीब 100 करोड़ रुपए से अधिक दवाओं में डॉक्टर व मेडिकल स्टोर संचालक मिलकर खा गए. कई जगहों पर डुप्लीकेट पर्चियां मिली हैं.
अब सीएमएचओ अलवर ने जयपुर से क्वालिटी सेल से प्राप्त सूचना के बाद रामगढ़, राजगढ़, अलवर के 11 डॉक्टरों को नोटिस थमा दिए. उनसे रिकवरी हो सकती है. आगे विभागीय कार्यवाही भी संभव है. बुधवार व गुरुवार को नोटिस देने के बाद डॉक्टरों के बीच में हड़कंप मचा है. उससे पहले जब जांच करने टीम आई तब भी यह हाल था. लेकिन अब जांच के बाद रिपोर्ट ने सबको चौका दिया है.
अलवर के सीएमएचओ खुद मान रहे है. कि यहां करोड़ा का घोटाला हुआ है. जो अब सामने आ गया है. कई डॉक्टरों की नौकरी भी जा सकती है.
सीएमएचओ डॉ योगेंद्र शर्मा व जारी नोटिस के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में इलाज के नाम पर लापरवाही नहीं, बल्कि सुनियोजित घोटाला सामने आया है. RSPAA QC & SPA सेल द्वारा की गई ऑडिट जांच में खुलासा हुआ है. कि यहां के डॉक्टरों ने बिना किसी जांच के मरीजों को महंगी दवाएं दीं, रिकॉर्ड में झूठी एंट्रियां कीं और फार्मेसी से तय मात्रा से अधिक दवा बंटवाई.
रिपोर्ट के आधार पर अब तक 11 डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए गए हैं. और मामला स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों तक पहुंच चुका है.
अलवर के पीएचसी पहाड़गंज में पति-पत्नी को हूबहू दवाएं___कुछ मरीजों को ऐसी दवाएं दी गई उस बीमारी के उनमें लक्षण नहीं है. 1_जैसे जो डायबिटिक नहीं है उसे शुगर की दवाएं दी गई.
2__बिना टू-डी इको रिपोर्ट कराए बिना हार्ट फ्लयोर की दवांए दी.
3__बिना आंख की कोई बीमारी के बावजूद आई ड्रॉप दी गई.
4_गेस्ट्राइटिस, डिप्रेशन व फंगल इंफेक्शन बीमारियों का उपचार बिना एंडोस्कोपी कराए महंगी दवाएं दी गई.
बिना जांच के दवाएं भी दी गई.कई पति-पत्नी को हूबहू दवाएं दी गई. यह सब बिल बढ़ाने का खेल पकड़ा है.
पीएचसी शिवाजी पार्क अलवर__
यहां अधिकतर प्रिस्क्रिप्शन में रिकॉर्ड में एलर्जी या वर्तमान लक्षण नहीं था. उसके बावजूद मनमर्जी से दवाएं लिखी.
एचबीए1सी ,आरएफटी जैसी आवश्यक जांच रिपोर्ट नहीं थी. कई बार डॉक्टर की जांच सलाह दिए बिना उपचार किए जा रहे थे. जिससे इलाज का औचित्य सिद्ध नहीं हो सका.
गर्भवती महिला को बांझपन की दवा दी गई. जो क्लिनिकल मूल्यांकन की साफ कमी दर्शाता है.
एक ही वर्ग की बीपी दवाएं जैसे एम्लोडिपाइन, मेटोप्रोलोल, सिलनिडिपाइन एक साथ लिखी है. बिना बीपी वाले मरीजों को तीन ब्रांड महंगी दंवाए लिख दी.
इंसुलिन व एंटी डायबिटिक दवाओं का अत्यधिक व अनियंत्रित प्रयोग किया गया.
कई बार मौखिक दवाओं से इलाज संभव होते हुए भी जानबूझकर इंसुलिन दिए गए. ताकि बिल बढ़े.
पीएचसी शिवाजी पार्क रामगढ़ अलवर में बिना बीमार के दवाएं__
यहां डायबिटिज व हाइपरटेंशन बीमारी का इलाज बिना जांच के मनमर्जी से दवाएं लिखकर किया गया. उससे सवाल खड़े हुए हैं.
कई एंटीबायोटिक एजीथ्रोमाइसिन, फॉसिरोल बिना संक्रमण की पुष्टि या रेडियोलॉजिकल जांच के लंबे समय तक दिए. जो तर्कहीन इलाज दर्शाता है.
पेंटोप्राइजोल, डोमपेरिडोन, कॉम्बीनेशन एंटीडायबिटिक दवाएं जैसे टीआरआईपीआरईडीई, एजेएडीयूओ, जीएलयूसीओआरवाईएल - एमवी आदि बिना ब्लड शुगर रिपोर्ट के दी गई.
सीएचसी राजगढ़ अलवर में डुप्लीकेट डाटा खूब मिला है. मतलब फर्जी रिपोर्ट बनाकर दवाएं दी.
30 मेडिकल स्टोर की जांच के तहत नोटिस
जयपुर से शिकायत के बाद कलेक्टर के आदेश पर कारण बताओ नोटिस दिया गया है. जिसमें राजगढ़ के 7 डॉक्टर, रामगढ़ के 2 और अलवर शहर के पीएचसी पहाड़गंज व सीएचसी शिवाजी पार्क के डॉक्टर को नोटिस दिया है. इन डॉक्टरों ने बिना जांच कराए पर्चियां पर महंगी दवाएं लिखी. ये दवाएं कहां गई. जांच का विषय है. इस मामले में प्रारंभिक तौर पर दोषी पाए जाने पर नोटिस दिया हैं.
एडीसी महेंद्र जूनवाल को नोटिस दिया है. 30 मेडिकल की जांच की जाए. इन मेडिकल से फर्जी तरीके से दवाए जारी हुई है. गलत है. तो लाइसेंस निरस्त किए जाएं.
अधिकांश केस में बिना रोग के दवाएं__
अधिकांश केस में मरीजों की शिकायत व रोग का निदान ही दर्ज नहीं किया गया. बीपी, शुगर व आरबीएस की जांच के बिना, डाइबिटीज, हाइपरटेंशन की दवाएं दे दी गई. महिलाओं की मेडिकल जानकारी जैसे एलएमपी तक दर्ज नहीं की. एक ही मरीज का दिन में दो बार दिखाने की डुप्लीकेट एंट्री की गई. फार्मेसी से कई मामलों में दो यूनिट दवा दे दी. जबकि एक यूनिट की दवा देने की अनुमति ही है. रिकॉर्ड में एक डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर दूसरे डॉक्टर का नाम मेडिकल स्टोर में मिला है.
बांटी गई महंगी आयुर्वेद दवाएं__
चतुर्मुख रस, ब्रह्मी वटी, स्वास्कस चिंतामण रस, यकृत रसायन, अभ्रकमासिक भषम.
इन दवाओं की कीमत अधिक होती है. ये विशेष श्रेणी की दवाएं हैं. जो खास बीमारी में ही दी जाती है. लेकिन जांच में सामने आया कि इन्हें बिना जरूरत के अनुमान के आधार बांट दी.
इन डॉक्टर को मिला कारण बताओ नोटिस
1__राजगढ़ क्षेत्र में डॉ जितेंद्र मीना, डॉ गोविंद सहाय, दिनेश जैन, डॉ एसपी मीना, डॉ मीना, डॉ सिद्धार्थ, डॉ कमलेश हैं.
2__ अलवर शहर में पहाड़गंज में डॉ सुधांशु व शिवाजीपार्क पीएचसी में डॉ रतनलाल को नोटिस दिया.
3__ रामगढ सीएचसी में डॉ विश्वेंद्र (जिनका ट्रांसफर हो गया) व डॉ बाबूलाल को नोटिस दिया है.
नोटिस भेजकर सात दिन में जवाब मांगे हैं. संतोषजन जवाब नहीं मिलने पर सस्पेंड करने के अलावा रिकवरी व विभागीय जांच की कार्यवाही की जा सकती है.
रिपोर्ट में क्या लिखा___
आरएसपीएएक्वीसी की रिपोर्ट में कहा गया कि ये अनियमितताएं सिस्टेमिक एंड रिपेटिटिव है।.यानी यह एक दो बार की गलती नहीं है. पूरे सिस्टम में फैली लापरवाही के संकेत हैं.
अलवर सीएमएचओ डॉ योगेंद्र ने कहा
जयपुर से क्वालिटी सेल से सूचना मिली थी. जिले में चार रामगढ, पहाड़गंज, शिवाजी पार्क व राजगढ़ में मरीजों के महंगी दवाएं अनावश्यक लिखी गई. महंगी दवाओं के साथ बिना जांच कराए उपचार कराया गया. जयपुर की जांच में पाया गया है. इसके बाद 11 डॉक्टर को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है. बिना बीमारी के उपचार देना सामने आया है. उसके बाद कार्यवाही की जाएगी. इसके साथ ही मेडिकल स्टोर से पूछा जाएगा.
उपभोक्ता भंडार के जीएम ने कहा__सहकारी उपभोक्ता भंडार के महाप्रबंधक प्रकाश नारायण झा का कहना कि प्राइवेट दुकानें हमारे अधीन नहीं हैं. कुछ के लाइसेंस कैंसिल किए हैं. लेकिन भंडार की दो दुकानों की जांच चल रही थी. दो नंबर व शिवाजी पार्क की दुकानों पर कोई कर्मी मिलती है. तो कार्यवाही होगी. यहां का फर्जीवाड़ा सामने आया तो रिकवरी की जाएगी. हमारे यहां बिना एनओसी के दो-तीन ने ज्वाइन किया है. उनके खिलाफ एफआईआर कराएंगे.
प्राइवेट दुकानों पर उनकी सेल व खरीद. यानी माल खरीद. 1 लाख रुपए का और बिक्री दिखा दी करीब 5 लाख रुपए. लेकिन भंडार की दुकान की सेल में अंतर नहीं है.
बाइट__डॉ योगेंद्र शर्मा,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अलवर
(सफेद शर्ट में चश्मा लगाए हुए)
बाइट__प्रकाश नारायण झा ,महाप्रबंधक उपभोक्ता भंडार.
(मूंछों में ऑफिस में बैठे हुए सहायक कर्मचारी के साथ)
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