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INS माहे भारतीय नौसेना में शामिल, उथले पानी में पनडुब्बी सुरक्षा के लिए सक्षम
APAshwini Pandey
Nov 20, 2025 09:02:39
Navi Mumbai, Maharashtra
बेहद महत्वपूर्ण सूचना -
भारतीय नौसेना ने आज अत्याधुनिक हथियारों और पूर्णतः स्वदेशी प्रणालियों से सुसज्जित आईएनएस माहे को औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल किया। यह जहाज़ ASW-SWC कार्यक्रम के तहत निर्मित नवीनतम प्लेटफ़ॉर्म है। उसे महे नाम के ऐतिहासिक तटीय शहर पर रखा गया है, जो केरल के मलाबार तटी पर स्थित फ्रांसीसी-कालीन बस्ती है। इसके नाम का इतिहास INS Mahe (M 83) से जुड़ा है, जिसने 1983 में भारतीय नौसेना के कोस्टल माइनस्वीपर के रूप में शामिल होना शुरू किया और 2006 में सेवामुक्त हुआ। नौसेना की परंपरा के अनुसार डिकमीशन हुए जहाज़ के नाम को नए जहाज़ को दिया जाना है, और इसी परंपरा के अनुसार नयी INS माहे को आधुनिक तकनीक और नई भूमिका के साथ पुनर्जीवित किया गया है।
तटीय समुद्री क्षेत्रों में बढ़ते खतरों और स्टेल्थ क्षमताओं वाली डीज़ल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की चुनौतियों को देखते हुए भारतीय नौसेना को कम गहरे पानी में संचालन करने वाले तेज, लो-नॉइज़, उच्च-सटीकता वाले प्लेटफ़ॉर्म की आवश्यकता थी। पुरानी अभय-श्रेणी की कॉर्वेट्स इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थीं, पर समय के साथ तकनीकी उन्नयन अनिवार्य हो गया। ASW–SWC कार्यक्रम ने इसे जन्म दिया, जिसमें INS माहे एक प्रमुख जहाज़ है।
INS माहे के स्वदेशी हथियार प्रणाली और सेंसर भी शामिल हैं: लाइट वेट टॉरपीडो, एंटी-सबमरीन रॉकेट, एक्टिव टॉरपीडो डिकॉय, स्टेबलाइज्ड रिमोट-कंट्रोल गन; अभय सोनार, लो-फ्रीक्वेंसी वैरिएबल डेप्थ सोनार, MARICH ATDS, वरुणा इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेज़र, रुक्मणी COMINT सिस्टम आदि।
आईएनएस माहे 78.8 मीटर लंबा, 1150 टन विस्थापन वाला है, 25 नॉट की गति से operates करता है, 3×4000 kW इंजन, CODAD प्रणोदन प्रणाली और तीन बड़े स्वदेशी वॉटरजेट से सुसज्जित है, जिससे रडार, अकॉस्टिक और इन्फ्रारेड सिग्नेचर में भारी कमी होती है। एक समय में 80 से ज़्यादा नौसेना के जवान रह सकते हैं। यह भारतीय नौसेना की उस नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करता है जो उथले समुद्री क्षेत्रों में छिपी पनडुब्बियों का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए उन्नत है।
INS माहे क्लास की 8 एंटी सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट हैं, जिनमें से पहला जहाज़ है और आने वाले समय में अन्य सात भी नौसेना में शामिल किये जायेंगे। यह जहाज़ पश्चिमी तट की सुरक्षा को और मजबूत करेगा, 80 प्रतिशत स्वदेशी रक्षा निर्माण, तकनीकी आत्मनिर्भरता और आधुनिक युद्ध क्षमता का जीवंत प्रतीक है।
ग्राफ़िक्स: इस परियोजना के साथ नेवी के भीतर कई कदम और विवरण जारी किए गए हैं, जिसमें बनावट, परीक्षण और डिलीवरी शामिल हैं।
अश्विनी कुमार पांडेय, ज़ी मीडिया मुंबई
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