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Sagar - खुरई में जमीनी विवाद को लेकर परिवारों के बीच हुई मारपीट
Khurai, Madhya Pradesh
खुरई ग्रामीण थाना क्षेत्र के कुलवाई गांव में जमीनी विवाद को लेकर परिवार के दो पक्षों में मारपीट हो गई। दोनों पक्षों से चार लोगों को चोटें आई हैं। पुलिस ने दोनों पक्षों पर मामला दर्ज कर लिया है।
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Kushinagar, Uttar Pradesh:
Breaking कुशीनगर
- मुहर्रम के जलूस में नारेबाजी को लेकर भिड़े हिंदू मुस्लिम
- दोनो पक्षों में नोंकझोंक के बाद जमकर हुई नारेबाजी
- भगदड़ में कई गाड़ियां गिरी, एक बच्चे को भी लगी सिर में चोट
- सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की मुस्तैदी से टला बवाल
- पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर किया शांत
- रामकोला थानाक्षेत्र के टेकुआ टार बाजार का मामला
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Kurukshetra, Haryana:
कुरुक्षेत्र :बैल वाले कोल्हू से तेल निकाल आचार बना रही उषा रानी , आचार की डिमांड विदेशों तक,300 से अधिक महिलाओं को दे रही रोजगार, 450 रुपए से काम किया शुरू अब लाखो है टर्नओवर
हरियाणा में आज भी पर्दा प्रथा का चलन है लेकिन हरियाणा की ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जिन्होंने प्रदा प्रथा के दौरान भी विपरीत परिस्थितियों में घर से बाहर निकल कर अपनी आजीविका स्थापित की उन्होंने खुद के लिए तो अपनी अलग राह बनाई ही है। इसके साथ-साथ दूसरी महिलाओं को भी रोजगार देने का काम किया है ऐसी ही एक महिला के संगौर गांव की है जिसका नाम उषा देवी है उषा रानी ने 2018 में आचार का काम शुरू किया था। उन्होंने हर साल लाखों रुपए कमा रही है उसके साथ-साथ अन्य 300 से ज्यादा महिलाओं को भी काम दिया हुआ है।
आजीविका मिशन से जुड़ी हुई है ऊषा रानी , पर्दा प्रथा में रहकर पूरे भारत में क्या नाम
उषा रानी ने बताया कि वह महिला हरियाणा आजीविका मिशन से जुड़ी है । जो सन 2018 से अचार बनाने का काम कर रही है। एक छोटे से गांव की बहू उषा रानी ने जब यह काम शुरू किया तब कहीं मुश्किलों का सामना करना पड़ा। गांव में पर्दा प्रथा थी इस कारण महिलाओं को गांव से बाहर काम करने के लिए जाना आसान नहीं था। उषा रानी ने गांव वालों में परिवार वालों के विरोध के बावजूद कृषि विज्ञान केंद्र संस्थान से ट्रेनिंग के लिए और अपने काम की शुरुआत की। जिसके चलते अब उनका लाखों रुपए में टर्नओवर है।
करीब 2 दर्जन प्रकार का बनाती है आचार, विदेश में भी होता है सप्लाई
उषा ने बताया कि उन्होंने जब आचार की शुरुआत की छोटे से स्तर से उन्होंने शुरुआत की थी आज वह करीब दो दर्जन प्रकार का आचार बना रही है। उन्होंने कहा कि जो भी यहां से विदेश में रहते हैं वह विदेश में भी उनके आचार मंगवाते हैं उनके आचार जो एक बार खा लेता है वह बार-बार खाना चाहता है। कुछ साल पहले जिंबॉब्वे सूडान जैसी एंबेसी के साथ उनकी मीटिंग हुई। जहां पर उनको आचार विदेश में भेजने के लिए डील तय हुई। लेकिन जो बीच में एंबेसडर था वह उषा के साथ पार्टनरशिप करना चाहता था जिसके चलते उषा को नुकसान हो सकता था और इसी के चलते उसने यह डील कैंसिल कर दी।
450 रुपए से काम क्या शुरू अब लाखों में है टर्नओवर
उसने बताया कि जब उसने काम की शुरुआत की थी मात्र ₹450 में शुरू किया था। और देखते ही देखते हैं वह इतनी प्रसिद्ध होती गई कि उन्होंने 450 रुपए से काम की शुरुआत करके उसको लाखों रुपए का बड़ा बिज़नेस खड़ा किया जिसमें उसके साथ बहुत सी महिलाओं ने और कृषि विज्ञान केंद्र ने साथ दिया जिसकी बदौलत अब वह है लखपति दीदी में भी शामिल है और हर साल लाखों रुपए का व्यापार करती है।
गांव की 300 से ज्यादा महिलाओं को दिया रोजगार
उन्होंने कहा कि जब उसने काम की शुरुआत की तब कृषि विज्ञान केंद्र ने उनको कहा कि गांव की महिलाओं को इकट्ठा करो ताकि हम उनको रोजगार के बारे में बता सके लेकिन गांव में पर्दा प्रथा थी। जिसके चलते उन्होंने बड़ी मुश्किल से शुरू में महिलाओं को जोड़ना शुरु किया वह ऐसा समय था जब महिलाएं चौपाल में नहीं जाती थी जबकि कार्यक्रम चौपाल में रखा जाता था लेकिन धीरे-धीरे वह आगे बढ़ती गई और अब उनके साथ 300 से ज्यादा महिलाएं काम कर रही हैं उन्होंने खुद के लिए तो रोजगार स्थापित किया ही है उसके साथ सैकड़ो महिलाओं को भी रोजगार देने का काम किया है।
ग्राहकों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए अब लगाया बैल वाला तेल निकालने का कोहलू
उषा रानी का खुद का परिवार जैविक खेती करता है वह जैविक खेती से लिए गए उत्पादों का सेवन करता है इसलिए उनकी सोच थी कि वह अपने ग्राहकों को भी स्वस्थ रखने के लिए अच्छी क्वालिटी के उत्पाद बेचे जिस कारण उन्होंने बैल वाले कोलू की शुरुआत की। उषा रानी के मुताबिक बैल से चलने वाला कोहलू नीम और शीशम की लकड़ी का बना है जिससे कि नीम के गुण भी तेल में मिल जाते हैं और स्वास्थ्य के उपयोगी रहते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ ग्राहकों की मांग रहती थी कि उनको कोहलू वाले तेल का आचार चाहिए । जिसके चलते वह है साउथ से तेल मंगवाया करती थी लेकिन वह काफी महंगा पड़ता था ₹1000 का 1 लीटर तेल मिलता था जिसके चलते उसने अपना यह कोहलू लगाने का विचार आया और इस पर काम किया।
क्या होती है इसकी खासियत
उषा रानी का कहना है कि आजकल जिस तेल का प्रयोग घरों में किया जा रहा है वह तेल जब निकाला जाता है वह लोहे से बनी मशीन होती हैं और बिजली पर चलते हैं जब लोहे के बनी मशीन से तेल निकाला जाता है तो तेल गर्म हो जाता है जिस कारण उसके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार सरसों के तेल को एक बार ही गरम करना चाहिए । जिसके चलते उन्होंने इस कोहलू की शुरुआत की है उन्होंने कहा कि इसमें जितने भी पोस्टों तत्व और मिनरल होते हैं वह तेल में बने रहते हैं क्योंकि कोहलू में ठंडी तासीर में लकड़ी से बने हुए कोहलू से यह निकलता है। और उसके बाद जब यह घरों में सप्लाई होगा तब एक बार ही गर्म होगा जिसके चलते इसके सपोज होता तब है वह नष्ट नहीं होंगे और यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी होता है।
सरसों के तेल सहित और तेल भी निकलेंगे
उषा ने बताया कि इस काम की शुरुआत उन्होंने तीन-चार दिन पहले ही की है अभी वह इसमें सरसों का तेल निकाल रहे हैं लेकिन इसमें वह सरसों के तेल के साथ-साथ नारियल का तेल ,सूरजमुखी, तिल इत्यादि का तेल भी आसानी से निकाल सकते हैं।
आचार के लिए की शुरुआत लेकिन ज्यादा प्रोडक्शन पर सेल का करेंगे काम
उसने बताया कि उन्होंने इसकी शुरुआत फिलहाल अपने अचार की पूर्ति के लिए की है क्योंकि उसमें तेल की आवश्यकता होती है लेकिन धीरे-धीरे वह जब ज्यादा प्रोडक्शन लेंगे तब वह इसको ग्राहकों को बेचने का काम करेंगे और उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से हमने आचार में महारत हासिल की है उसी प्रकार हम इसमें भी अच्छा नाम काम करेंगे।
हरियाणा ही नहीं भारत में है अब पहचान
उसने बताया कि जब उन्होंने इस काम की शुरुआत की थी तब उनको उनके गांव के लोग तक भी नहीं जानते थे लेकिन जैसे ही वह आचार बनाने वाले काम में आई उसे उनकी पहचान हरियाणा ही नहीं भारत में भी बनी है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव सहित जितने भी भारत में बड़े-बड़े इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं उनको हरियाणा आजीविका मिशन के द्वारा फ्री में स्टॉल देकर वहां पर भेजा जाता है और वहां पर वह जाकर अपने अचार को बेचते हैं और अपनी आमदनी कमाते हैं उन्होंने कहा कि अब मुझसे हजारों लोग जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपने साथ-साथ सैकड़ो महिलाओं को भी रोजगार देने का काम किया है और अगर इंसान कुछ भी ठान ली तो कुछ भी मुश्किल नहीं है मैंने सिर्फ आठवीं तक की पढ़ाई की है लेकिन बचपन से ही मेरा सपना था कि मैं कुछ बड़ा काम करो और अब मुझे इस काम से बहुत ज्यादा संतुष्टि है जिसे मैं खुद की पहचान भी बनाई है और अपने परिवार को भी आजीविका देने का काम किया है।
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Haridwar, Uttarakhand:
कांवड़ मेले को लेकर कई हाई लेवल मीटिंग के बाद जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री से मिले निर्देशों के मुताबिक तैयारी शुरू कर दी है। रोशनाबाद स्थित कलेक्ट्रेट में डीएम एसएसपी की मौजूदगी में सभी विभागों की मीटिंग हुई। जिसमें डीएम ने कांवड़ मेले के लिए अधूरे सभी कामों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। डीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत ग्रीन एंड क्लीन कावड़ यात्रा संपन्न करने के उद्देश्य के साथ जिला प्रशासन काम कर रहा है।
बाइट - मयूर दीक्षित, डीएम हरिद्वार
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Almora, Uttarakhand:
Devendra Singh
Almora
Anchor - प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में मंदिर प्रांगण में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) द्वारा बनाए गए पिलरों को हटाने का कार्य शुरू हो गया है। ये पिलर विभाग द्वारा मंदिर की पुरानी छत और धूनी को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से लगाए गए थे, लेकिन गलत स्थान पर निर्माण के कारण मंदिर में आवाजाही बाधित हो रही थी जिससे पुजारियों और स्थानीय लोगों में नाराजगी बनी थी।
विभाग ने दो वर्ष पूर्व मंदिर के इस पर मंदिर के पुजारियों ने पिलरों के स्थान बदलने अथवा हटाने की मांग की थी। अब विभाग ने जिला प्रशासन को इन पिलरों को हटाने की सिफारिश की है और जल्द पीलर हटा दिये जायेंगे।
बाइट - कैलाश भट्ट, पुजारी जागेश्वर
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Jhalawar, Rajasthan:
झालावाड़
झालावाड़ शहर मे पीपाधाम सेवा समिति द्वारा संत झंकारेश्वर जी के सानिध्य में आज प्रभात फेरी निकली गई। प्रभात फेरी के बाद लाइन पुलिस बालाजी मंदिर परिसर में कीर्तन महाआरती और प्रसादी वितरण भी किया गया
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Bokaro Steel City, Jharkhand:
Bokaro,,
Mrityunjai Mishra ---
बोकारो के चास सहित अन्य जगहों पर निकला मोहर्रम का जुलूस जहां चास धर्मशाला मोड पर चांस थाना शांति समिति की सदस्यों सहित चास एसडीपीओ, चास वीडिओ सहित अन्य लोगो ने हिस्सा लिया। जुलूस चास के अंसारी मोहल्ला होते हुए चास चेकपोस्ट की और निकला जहां सभी रजिस्टर्ड समितियो के खिलाड़ियों ने अपना अपना करतब दिखाया। इस जुलूस में चास डीएसपी प्रवीण कुमार सिंह सहित चास शांति समिति के सदस्य गोपाल मुरार का रितु रानी सिंह, देवेंद्र चौबे, अश्विनी झा सहित अन्य लोगो ने हिस्सा लिया। सभी ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया चास थाना प्रभारी के नेतृत्व में पूरा जुलुस शांतिपूर्वक अंसारी मोहल्ला चेक पोस्ट बाईपास होते हुए वापस अपने गंतव्य तक ले जाया गया। इस दौरान सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम किया गया था।
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Kanpur, Uttar Pradesh:
उन्नाव । देर रात मोहर्रम की 9 तारीख़ को इमाम हुसैन की शहादत की याद में शिया समुदाय ने चौधराना स्थित शिया जामा मस्जिद के सामने दहकते अंगारों में चल कर आग पर मातम किया है। शिया समुदाय के लोग दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलकर या हुसैन की सदाओं के साथ मातम किया। बता दे कि यह मातम कर्बला की जंग में इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में किया जाता है। जब यजीद की सेना उनके खेमों में आग लगा दी थी। मोहर्रम के महीने में, शिया मुसलमान इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं, जो कर्बला की लड़ाई में शहीद हुए थे। इस जंग में यजीद की सेना ने इमाम हुसैन और उनके साथियों को घेर लिया था, और उन्हें पानी तक नसीब नहीं हुआ था, जिसके बाद वे शहीद हो गए थे। कर्बला की जंग में यजीद की सेना ने इमाम हुसैन के खेमों में आग भी लगा दी
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Kurukshetra, Haryana:
कुरुक्षेत्र के उपमंडल पिहोवा में सदर थाने के बाहर एक सब इंस्पेक्टर के साथ की गई मारपीट वीडियो हुआ वायरल,वीडियो में एक शख्स एक सब इंस्पेक्टर को मारते हुए दिखा, पति पत्नी का हुआ था झगड़ा,डीएसपी बोले-मामले में की जा रही है जांच
कुरुक्षेत्र:-कुरुक्षेत्र के उपमंडल पिहोवा में सदर थाने के बाहर एक सब इंस्पेक्टर के साथ की गई मारपीट का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक शख्स एक सब इंस्पेक्टर को मारते हुए दिखाई दे रहा है। पति पत्नी के झगड़ा की शिकायत पर पति-पत्नी को पुलिस सदर थाने दोनों को लेकर आई थी। मिली जानकारी के अनुसार पुलिसकर्मी नशे की हालत में बताया जा रहा है। वहीं पुलिस का कहना है अभी जांच चल रही है।
गांव असमानपुर के संजय कुमार ने बताया कि बीती रात उसकी पत्नी ने उसकी शिकायत दी थी। और पुलिस कर्मचारी उसको उठाकर थाने में ले आए थे। जिसके बाद एक सब इंस्पेक्टर शराब के नशे में था।जिसने उसके साथ मारपिटाई की है।
गांव असमानपुर की गीता ने बताया कि उसके और उसके पति की आपस की लड़ाई थी। जिसके बाद उन्होंने डायल 112 को मौके पर बुलाया था। और डायल 112 की टीम ने सदर थाने में लेकर आई थी और सदर थाने के पुलिस कर्मचारियों ने कहा कि आपका सुबह निपटारा कर दिया जाएगा। जैसे ही वह थाने से बाहर निकले तो उसी समय एक पुलिस कर्मचारियों शराब के नशे में थुत था और उसने आते ही उसके पति के साथ मारपिटाई की।
डीएसपी निर्मल सिंह ने बताया कि बीती रात उनके पास यह मामला आया था। जिसमें शिकायतकर्ता और पुलिस कर्मचारी दोनों को बुलाया गया है। और इसमें आगामी जांच किए जा रही है।
बाईट:-गांव असमानपुर के संजय कुमार
बाईट:-गांव आसमानपुर की गीता
बाईट:-डीएसपी निर्मल सिंह
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Patna, Bihar:
ब्रेकिंग पटना
गोपाल खेमका हत्याकांड में पुलिस को बड़ा सुराग!
चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका हत्याकांड की गुत्थी सुलझने की कगार पर है।
आईजी जितेंद्र राणा ने बताया हत्या के सिलसिले में कई संदिग्ध हिरासत में,पूछताछ जारी।
बेउर जेल में छापेमारी,3 मोबाइल और संदिग्ध सामान बरामद।
तीन कक्षपाल,एक सहायक और एक उप सहायक निलंबित।
SIT गठित,इनपुट के आधार पर लगातार छापेमारी।
आईजी का दावा जल्द होगा हत्याकांड का खुलासा,दोषी होंगे कानून के हवाले।
रिपोर्टर--प्रकाश सिन्हा
लोकेशन--पटना
एंकर--चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका हत्याकांड में पुलिस को बड़ा सुराग मिला है। इस मामले की जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है। आईजी जितेंद्र राणा ने रविवार को बताया कि हत्या के सिलसिले में कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
इससे पहले शनिवार को पटना के बेउर जेल में छापेमारी की गई, जहां से तीन मोबाइल फोन सहित कुछ अन्य सामान बरामद किए गए। छापेमारी के बाद जेल प्रशासन पर भी गाज गिरी है। तीन तकपाल, एक सहायक और एक उप सहायक को निलंबित कर दिया गया है।
आईजी ने बताया कि हत्याकांड की परतें खोलने के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया है। टीम को मिले इनपुट के आधार पर लगातार छापेमारी की जा रही है और संभावित आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है।
आईजी ने भरोसा जताया कि जल्द ही इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा किया जाएगा और दोषियों को कानून के कठघरे में लाया जाएगा।
बाइट--जितेंद्र राणा IG पटना
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Gonda, Uttar Pradesh:
स्टोरी हेडलाइन- योगी सरकार पहल पर अब गोण्डा में शुरू हुई मनोरमा नदी के पुनर्जीवन की मुहिम।
स्टोरी फीड स्लग- 0607ZUP_GND_RIVER_R1
स्टोरी लोकेशन- गोंडा
रिपोर्टर का नाम- अतुल कुमार यादव
एंकर- यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार न केवल अधुनातन विकास की राह पर अग्रसर है,बल्कि प्रदेश की प्राचीन सांस्कृतिक पहचान और प्राकृतिक धरोहरों को पुनर्जीवित करने की दिशा में भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसी संकल्प का जीवंत उदाहरण बना है प्रदेश का गोण्डा जिला, जहां मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के तहत जिला प्रशासन द्वारा मनोरमा नदी के पुनर्जीवन की एक ऐतिहासिक और जनभागीदारी आधारित पहल शुरू की गई है। यह महज एक नदी की सफाई नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक चेतना और पर्यावरणीय संतुलन की पुनर्स्थापना का संदेश है जिसे सरकार जन आंदोलन के रूप में आकार दे रही है। गौरतलब है कि मनोरमा नदी का अस्तित्व बीते वर्षों में लगभग समाप्तप्राय हो गया था। गाद,अतिक्रमण और जलस्रोतों के सूख जाने से इसका जल बहाव बाधित हो गया था। मनोरमा नदी का पुनर्जीवन न केवल जल संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर होगा। बल्कि यह जनपद की सांस्कृतिक और पारिस्थितिक पहचान को फिर से स्थापित करने का माध्यम भी बनेगा। ये मनोरमा नदी उत्तर प्रदेश की एक 115 किलोमीटर लंबी पौराणिक नदी है,जो गोण्डा और बस्ती जिलों से होकर बहती है। इसका उद्गम गोण्डा जिले के तिर्रे ताल से होता है और यह बस्ती के परशुरामपुर क्षेत्र से गुजरते हुए महुली के पास कुआनो नदी में मिल जाती है। इस नदी का नाम महर्षि उद्दालक की पुत्री मनोरमा के नाम पर पड़ा और इसका उल्लेख प्राचीन पुराणों में भी मिलता है, जिससे इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व स्थापित होता है। मखौड़ा धाम के निकट बहने वाली इस नदी को पवित्र माना जाता है और इसे अनेक धार्मिक अनुष्ठानों से भी जोड़ा जाता है।
वीओ- गोण्डा जिले सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान रही मनोरमा नदी अब एक बार फिर जीवनदायिनी बनने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने नदी के पुनर्जीवन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत नदी की सफाई, गाद हटाने,वृक्षारोपण और जनसहभागिता के माध्यम से नदी को फिर से बहाल करने की दिशा में ठोस कार्यवाही की जा रही है।जिलाधिकारी ने मनोरमा सरोवर से निकलने वाली मनोरमा नदी के पूरे प्रवाह पथ का स्थल निरीक्षण करते हुए संबंधित विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए। मनोरमा नदी के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा,"मनोरमा नदी केवल जलस्रोत नहीं,हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इसका पुनर्जीवन जनपदवासियों के लिए एक गौरव का विषय होगा। यह पहल जिले में एक समग्र पर्यावरणीय और सामाजिक पुनर्जागरण की शुरुआत है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि मनोरमा नदी की दोनों तरफ वृक्षारोपण की योजना बनाई जाए। जिससे नदी तट पर हरियाली बढ़े और जैव विविधता को संरक्षण मिले। इसके अंतर्गत पीपल, नीम, पाकड़ जैसे देशी प्रजातियों के पौधों को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। वन विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। डीएम ने पोकलैंड और जेसीबी मशीनों से नदी की गाद और कचरे की सफाई का कार्य तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गोण्डा-बलरामपुर रोड से लेकर ताड़ी लाल गांव तक नदी के प्रवाह को पूर्ण रूप से साफ किया जाए और जलधारा को पुनः प्रवाहित किया जाए। इस पूरी प्रक्रिया में विभिन्न विभागों के समन्वय से कार्य किया जा रहा है। डीसी मनरेगा को श्रमिकों की व्यवस्था और योजनाबद्ध कार्यान्वयन की जिम्मेदारी दी गई है,जबकि वन विभाग को वृक्षारोपण की कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है। सिंचाई विभाग को नदी की दिशा और संरचना का तकनीकी आंकलन करने का कार्य सौंपा गया है। जिलाधिकारी ने इस पहल को केवल सरकारी योजना नहीं,बल्कि जन आंदोलन के रूप में विकसित करने की बात कही। ग्राम पंचायतों और स्थानीय समाजसेवियों को जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं ताकि लोग इस पुनर्जीवन कार्य को अपने स्वाभिमान और सांस्कृतिक गौरव से जोड़ें।
बाइट- नेहा शर्मा- जिला अधिकारी गोंडा।
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