Back
MP खाद संकट: आगर मालवा में किसान अपने कागज़ों के भरोसे लाइन में
KYKaniram yadav
Nov 11, 2025 10:31:44
Agar, Madhya Pradesh
एंकर - मध्यप्रदेश में खाद संकट लगातार गहराता जा रहा है, और अब इस संकट की तस्वीरें पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर रही हैं। आगर मालवा से आई एक ऐसी अनोखी लेकिन दर्द भरी तस्वीर, जहाँ लाइन में अब इंसान नहीं, बल्कि उनके आधार कार्ड, बैंक पासबुक और यहाँ तक कि जमीन के कागज़ खड़े हैं। क्योंकि किसान अब खुद से ज़्यादा अपने दस्तावेज़ों पर भरोसा करने लगे हैं। हर रोज सूरज निकलने से पहले लगती है ये लाइन… और फिर शुरू होता है इंतज़ार, उम्मीद और नाराज़गी का सिलसिला।
वीओ - एमपी गजब है, सबसे अजब है, ये कहावत आज आगर मालवा में सच होती दिखी। जहाँ खाद के लिए सूरज निकलने से पहले ही किसान केंद्रों पर पहुंच जाते हैं। मगर हालात ऐसे कि अब उन्होंने खुद नहीं, बल्कि अपने कागज़ों को लाइन में खड़ा कर दिया है। कहीं जमीन के दस्तावेज़ धूप में रखे हैं, तो कहीं किसान की पहचान के दस्तावेज। ताकि नंबर न छूटे, और पहचान मिटे नहीं।
बाइट – किसान
वीओ - अब सिस्टम की सच्चाई देखिए… हर दिन सिर्फ 50 किसानों को ही कूपन दिए जा रहे हैं, जिनके आधार पर बाद में खाद मिलती है।जैसे ही कर्मचारी पहुँचता है, लाइन टूट जाती है, और शुरू हो जाती है अफरा-तफरी, नाराज़गी और धक्का-मुक्की। यहां तक कि कुछ किसान कई दिनों से लगातार नंबर का इंतजार कर रहे हैं।
बाइट – किसान
वीओ - महिलाएं भी इस संघर्ष से अछूती नहीं हैं। सुबह 7 बजे से घर-परिवार छोड़कर ये लाइन में जुट जाती हैं। कहीं आधार कार्ड, कहीं जमीन की कॉपी, कहीं बेंक पासबुक, सड़क पर सजे ये दस्तावेज़ किसी प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि किसानों की उम्मीदें बन गए हैं।
बाइट – महिला किसान
वीओ - दावे हैं कि गोदामों में खाद पर्याप्त मात्रा में है, लेकिन वितरण व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है।संबंधित अधिकारी ये नहीं बता पा रहे कि खाद गोदाम से किसानों तक क्यों नहीं पहुँच रही। मगर ज़मीनी हकीकत अब भी वही है, लंबी लाइनें और अधूरी उम्मीदें। आज भी कम टोकन दिए जाने से किसान नाराज हो गए तो कृषि विभाग के उपसंचालक मोके पर पहुंचे और किसानों को टोकन उपलब्ध कराए।
बाइट – विजय चौरसिया, DDA, आगर मालवा
वीओ- किसान कह रहे हैं कि सिंचाई का वक्त निकल रहा है, और बिना खाद के फसल पर असर पड़ रहा है।ये तस्वीर सिर्फ आगर मालवा की नहीं, बल्कि उस व्यवस्था की है, जहाँ किसान को अपनी पहचान तक ज़मीन पर रखनी पड़ रही है। खाद के लिए लाइन में खड़ा किसान अब सिर्फ इंतज़ार नहीं कर रहा, वो सिस्टम से जवाब भी मांग रहा है।सवाल ये है कि जब सरकार कहती है “खेत तक सुविधा पहुँच रही है”, तो फिर किसान अपनी पहचान तक सड़क पर क्यों बिछा रहा है? क्या ये लाइन कभी खत्म होगी… या उम्मीदें ऐसे ही पत्थरों पर लिखी जाती रहेंगी?
0
Report
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|
Advertisement
KSKartar Singh Rajput
FollowNov 11, 2025 12:07:450
Report
RSRahul shukla
FollowNov 11, 2025 12:07:260
Report
DSDanvir Sahu
FollowNov 11, 2025 12:07:100
Report
CSChandrashekhar Solanki
FollowNov 11, 2025 12:06:550
Report
RVRajat Vohra
FollowNov 11, 2025 12:06:370
Report
0
Report
DKDebojyoti Kahali
FollowNov 11, 2025 12:04:190
Report
NTNagendra Tripathi
FollowNov 11, 2025 12:03:450
Report
GZGAURAV ZEE
FollowNov 11, 2025 12:03:290
Report
ASAJEET SINGH
FollowNov 11, 2025 12:03:150
Report
KCKULDEEP CHAUHAN
FollowNov 11, 2025 12:03:020
Report
KCKULDEEP CHAUHAN
FollowNov 11, 2025 12:02:450
Report
AAANOOP AWASTHI
FollowNov 11, 2025 12:02:240
Report
ACAshish Chauhan
FollowNov 11, 2025 12:01:030
Report
BSBhanu Sharma
FollowNov 11, 2025 12:00:480
Report