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Agar Malwa465441

आगर मालवा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर राधा कृष्ण मंदिर में हुआ भव्य श्रृंगार

Aug 26, 2024 11:56:56
Agar, Madhya Pradesh

आगर मालवा के नलखेड़ा में माँ बगलामुखी मंदिर परिसर के श्रीपारदेश्वर राधा कृष्ण मंदिर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आकर्षक श्रृंगार किया गया। मंदिर को फूलों से सजाया गया और श्रद्धालु सुबह से दर्शन के लिए जुटे रहे।

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KJKamran Jalili
Dec 19, 2025 05:15:48
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Dec 19, 2025 05:15:38
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SJSantosh Jaiswal
Dec 19, 2025 05:15:22
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Dec 19, 2025 05:11:59
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VCVikash Choudhary
Dec 19, 2025 05:05:23
Noida, Uttar Pradesh:ये भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तथा हम पार्टी के संरक्षक श्री जीतन राम मांझी जी है जो ठगеш कुमार जैसे पिद्दी पालतू आयुक्त के मुँह पर करारा तमाचा जड़ डंके की चोट पर खुले मंच से चुनाव नतीजों में हेरा-फेरी, मशीनरी और धांधली से चुनाव जितने का शाही फॉर्मूला बता रहे हैं। ये बता रहे है कि कैसे इनकी पार्टी ने 2020 में 2700 वोट से हारने के बाद भी टिकारी विधानसभा का चुनाव जीता था और कैसे त्रिपुरा कैडर के 2006 बैच के बिहार में डेप्युटेशन पर पदस्थापित तत्कालीन भ्रष्ट, जातिवादी, निकम्मे, नालायक व नाजायज जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने अपनी शपथ भूल बाबा साहेब के संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए अनैतिक रूप से चुनाव जिताने में उनकी मदद की थी। इसका उस भ्रष्ट अधिकारी को ईनाम भी मिलता रहा और वह बिहार में एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन प्राप्त करता रहा। केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी इस बार 2025 चुनाव में टिकारी विधानसभा क्षेत्र से का चुनाव हारने तथा पिछला कारनामा ना दोहरा पाने पर अफसोस जता रहे हैं। साथ ही त्रिपुरा में बैठा यह अधिकारी भी शोक मना रहा है। अब कहाँ है बिकाऊ चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग? क्या यही है लोकतंत्र? यही मोदी की कृत्रिम लोकप्रियता और बेईमानी के चाणक्य की सच्चाई है। इन लोगों ने मिलकर दोनों चुनाव में युवा जुझारू क्रांतिकारी नेता तेजस्वी यादव का राजनीतिक वध करने का असफल प्रयास किया। लेकिन सच को कब तक छुपाओगे? कब तक जनता को 41 हज़ार करोड़ बांटकर, बेईमानी कर, धांधली कर, मशीन की मदद से भ्रष्ट अधिकारी के काले कारनामों से झूठे चुनाव जीतते रहेंगे? तुम्हारा भांडा अवश्य फूटेगा।
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MDMahendra Dubey
Dec 19, 2025 05:05:05
Sagar, Madhya Pradesh:सुबह 9 बजे तक नहीं दिखी सूरज की रोशनी, छाया रहा कोहरा.. एंकर/ एमपी में जारी ठंड के प्रकोप के बीच अब सागर जिले में भी ठंड का सितम देखने को मिल रहा है। बीते तीन दिनों से लगातार पारा नीचे जा रहा है तो जिले के अधिकांश इलाकों में कोहरे का प्रकोप देखने को मिल रहा है। जिले के देवरी गौरझामर सहित आसपास के इलाकों में आज सुबह 9 बजे लोगों ने सूरज की किरणे देखी और पूरे इलाके में घना कोहरा छाया रहा। नेशनल हाइवे के साथ स्टेट हाइवे और सड़कों पर कोहरे की वजह से आवागमन बुरी तरह से प्रभावित रहा वहीं आम जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग की माने तो आने वाले दिनों में ठंड का असर और बढ़ेगा वहीं वातावरण में कोहरा छाने की उम्मीद भी है।
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PTPreeti Tanwar
Dec 19, 2025 05:04:53
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NPNavratan Prajapat
Dec 19, 2025 05:04:37
Churu, Rajasthan:सरदारशहर।सरदारशहर का पापड़ उद्योगमहिलाओं की मेहनत से आत्मनिर्भरता की मिसाल,देश-विदेश में है सरदारशहर के पापड़ के स्वाद की पहचानकरीब 70 छोटी-बड़ी पापड़ मिले शहर में संचालितमहिलाओं के दम पर चलता है उद्योगसरदारशहर में करीब 70 छोटी-बड़ी पापड़ मिलें संचालित हैं, जिनसे लगभग 10 हजार महिलाएं प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई हैं। इन मिलों के माध्यम से महिलाएं न सिर्फ अपनी आजीविका चला रही हैं, बल्कि अपने परिवारों को भी आर्थिक संबल दे रही हैं। सरदारशहर का पापड़ अपने खास स्वाद और गुणवत्ता के कारण प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लोकप्रिय है।देश-विदेश तक सरदारशहर के पापड़ की मांगशहर के पूनमचंद तिवाड़ी कहना हैं कि सरदारशहर के पापड़ विशेष रूप से मारवाड़ी समाज में बेहद पसंद किए जाते हैं। देश के कोने-कोने में बसे मारवाड़ी समाज के कारण यहां के पापड़ की मांग हर राज्य तक पहुंच चुकी है। शादी-विवाह, पार्टियों और रोजमर्रा के भोजन में पापड़ का खास स्थान है। पापड़ की सब्जी भी लोगों की पसंदीदा डिशों में शामिल है। देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ इटली, दुबई जैसे देशों में भी सरदारशहर के पापड़ की सप्लाई की जा रही है। सरदारशहर आने वाले लोग यहां के पापड़ अपने साथ ले जाना नहीं भूलते, वहीं कई लोग कोरियर के माध्यम से भी इसे मंगवाते हैं।महिलाओं के दम पर चलता है उद्योगशहर की समाजसेविका मोनिका सैनी ने बताया कि पापड़ उद्योग की असली ताकत महिलाएं हैं। Modern मशीनों के दौर में भी हाथ से बेले गए पापड़ की गुणवत्ता और स्वाद अलग ही पहचान बनाता है। मिलों में पुरुषों के साथ-साथ करीब 10 हजार महिलाएं कार्यरत हैं, जो अपने घरों में पापड़ बेलने का काम करती हैं।ऐसे बनते हैं सरदारशहर के पापड़मुख्य रूप से मूंग और मोठ से विभिन्न प्रकार के पापड़ तैयार किए जाते हैं, जिनमें कम और ज्यादा मसालेदार दोनों तरह के पापड़ शामिल हैं।देव पापड़ मिल के संचालक मोहित आंचलिया के अनुसार, पापड़ बनाने की प्रक्रिया सुबह 4 बजे शुरू हो जाती है। मसालों के साथ मूंग और मोठ के आटे को साजी के पानी से गूंथा जाता है, जिसमें हींग मिलाई जाती है। इसके बाद मशीनों से लोइयां तैयार कर महिलाओं को वितरित की जाती हैं। महिलाएं अपने घरों में पापड़ बेलकर शाम तक वापस जमा करा देती हैं। इस काम से एक महिला को प्रतिदिन करीब 300 से 500 रुपये तक की आमदनी हो जाती है।टैक्स बना उद्योग की राह में रोड़ासरदारशहर व्यापार एवं उद्योग संघ के मंत्री अशोक हरचंदानी ने बताया कि सरकार ने पापड़ को तो टैक्स मुक्त कर दिया है, लेकिन पापड़ बनाने में उपयोग होने वाली सामग्री पर भारी टैक्स लगा हुआ है। साजी और हींग पर 18 प्रतिशत जीएसटी होने से लागत बढ़ जाती है, जिससे मिल मालिकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि पापड़ बनाने की सामग्री को भी टैक्स मुक्त किया जाए और निर्यात के लिए बेहतर व्यवस्था की जाए, तो यह उद्योग और तेजी से आगे बढ़ सकता है तथा महिलाओं की आय दोगुनी तक हो सकती है।व्यापारी एवं उद्योग संघ अध्यक्ष शिवरतन सराफ ने बताया कि पूर्व मंत्री चंदनमल बैद के कार्यकाल में पापड़ को टैक्स मुक्त किया गया था, लेकिन कच्चे माल पर टैक्स के कारण आज भी परेशानी बनी हुई है। सरकार की उदासीनता के चलते पापड़ बेलने वाली महिलाओं को मेहनताना भी अपेक्षा के अनुरूप नहीं मिल पा रहा है, जिससे महिलाओं का रुझान धीरे-धीरे इस उद्योग से कम होने लगा हैआत्मनिर्भरता की मजबूत नींवयदि सरकार इस कुटीर उद्योग की ओर विशेष ध्यान दे, कच्चे माल पर टैक्स में राहत दे और निर्यात की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करे, तो सरदारशहर का पापड़ उद्योग न केवल और मजबूत होगा, बल्कि इससे जुड़ी हजारों महिलाएं और अधिक आत्मनिर्भर बन सकेंगी। सरदारशहर का पापड़ उद्योग आज महिलाओं की मेहनत, स्वाद और स्वावलंबन की सशक्त मिसाल बन चुका है—जिसे आगे बढ़ाने के लिए सरकारी सहयोग की सख्त जरूरत है। जी राजस्थान के लिए चूरू के सरदारशहर से मनोज कुमार प्रजापत की रिपोर्टबाइट 1 - मोहित आंचलिया, संचालक, पापड़ मिलबाइट- 2 मोनिका सैनी, समाजसेविकाबाइट 3 - अशोक हरचंदानी, मंत्री, व्यापार एवं उद्योग संघबाइट 4- शिवरतन सराफ, अध्यक्ष, व्यापार एवं उद्योग संघबाइट - 5 पूनमचंद तिवाड़ी, शहरवासीबाइट- 6 तरुण कुमार, स्थानीय व्यापारीबाइट- 7 रामनिवास सारण, शहरवासीबाइट- 8 सुनील मीणा, सामाजिक कार्यकर्ता
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