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Kaithal136027

हरियाणा लिपिक वर्ग ने जिला मुख्यालयों पर शुरू किया धरना प्रदर्शन

Jul 15, 2024 12:05:45
Kaithal, Haryana

हरियाणा में लिपिक वर्ग ने आज से जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के आह्वान पर लिपिक वर्ग ने अपनी मांगों के प्रति सरकारी ढीलापन के खिलाफ इस कदम को उठाया है। इसी क्रम में कैंथल में जिला सचिवालय के सामने लिपिक वर्ग ने धरना प्रदर्शन की शुरुआत की है। एसोसिएशन के प्रतिनिधि ने बताया कि राज्य कार्यकारिणी के निर्देशानुसार लिपिक वर्ग ने अपनी मांगों को लेकर धरना शुरू किया है।

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VKVishal Kumar
Nov 27, 2025 11:46:50
Saharsa, Bihar:मधेपुरा शहर में बुडको अंतर्गत जेबी कंपनी द्वारा कराए जा रहे नाला निर्माण कार्य के एक मजदूर ने मधेपुरा के राजद विधायक प्रो. चंद्रशेखर के खिलाफ सदर थाना में मामला दर्ज कराया है। पीड़ित मजदूर सोनू निगम ने आरोप लगाया है कि विधायक ने न केवल उसके साथ मारपीट की, बल्कि गाली-गलौज भी किया। सदर थानाध्यक्ष विमलेंदु कुमार ने बताया कि अररिया जिले के पलासी थाना क्षेत्र के भीमा गांव निवासी मजदूर सोनू निगम के आवेदन पर केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। अपने आवेदन में सोनू निगम ने कहा है कि 23 नवंबर की रात करीब साढ़े नौ बजे वह पूर्णिया गोला चौक के पास चल रहे नाला निर्माण कार्य में काम कर रहा था। इसी दौरान राजद विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर करीब 10 लोगों के साथ मौके पर पहुंचे और उसे थप्पड़ मारते हुए भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे। मजदूर ने यह भी आरोप लगाया कि इससे पहले भी पूर्व मुखिया मुन्ना यादव द्वारा कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर से रुपये की मांग की गई थी। गौरतलब हो कि बीते दिनों राजद विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर के द्वारा सरेआम मजदूर को थप्पड़ मारने का वीडियो वायरल हुआ था जिसकी खबर जी मीडिया के द्वारा प्रमुखता से दिखाई गई और उसके बाद अब इस मामले में मजदूर ने प्राथमिक की दर्ज कराई है।
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ADAbhijeet Dave
Nov 27, 2025 11:46:07
Ajmer, Rajasthan:एंकर - किशनगढ़ की बजरंग कॉलोनी में हुई लूट की वारदात का पुलिस ने शानदार खुलासा कर दिया है। चौंकाने वाली बात यह रही कि फौजी के घर लूट का मास्टरमाइंड उसका पड़ोसी महेंद्र सिंह ही निकला। उसने अपने भांजे तेजप्रताप सिंह और दोस्त अजय पासवान के साथ मिलकर वारदात की योजना बनाई। इस योजना को अंजाम देने के लिए महेंद्र ने दिल्ली से मोहम्मद आशिक और उसकी पत्नी पूजा शर्मा को बुलाया। दोनों आरोपी बुजुर्ग महिला भंवर कंवर के घर में घुसे, उन्हें बंधक बनाया और लगभग दो लाख रुपये नकद व सोने-चांदी के आभूषण लूटकर फरार हो गए। मामले की जांच में साइबर सेल अजमेर के हेड कांस्टेबल देवेंद्र सिंह और एचसी आशीष गहलोत ने अहम भूमिका निभाई, वहीं गांधीनगर थाना पुलिस के कॉन्स्टेबल रामकमल और सुरेंद्र सिंह ने भी महत्वपूर्ण सुराग जुटाए। पुलिस टीम ने 500 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की जांच की और तकनीकी इनपुट के आधार पर पांचों आरोपियों को गिरफ्त में ले लिया। थाना प्रभारी संजय शर्मा के नेतृत्व और IPS अजेय सिंह के सुपरविजन में कार्रवाई को अंजाम दिया गया। पुलिस अब लूट की बरामदगी में लगी है। बाइट सहायक पुलिस अधीक्षक IPS अजेय सिंह
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RVRaunak Vyas
Nov 27, 2025 11:45:43
Bikaner, Rajasthan:बीकानेर से खबर यूटीबी नर्सिंग कर्मियों का धरना जारी, कर्मचारियों ने चिकित्सा मंत्री को लिखा रक्त से पत्र, नियमति भर्ती के बाद हटाए गए कर्मचारी कर रहे है विरोध, पूर्व प्राचार्य और नर्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष पर लगाये गए गम्भीर आरोप, कल से अनशन पर बैठने की चेतावनी बीकानेर में यूटीबी नर्सिंग कर्मियो का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है ऐसे में स्थाई कर्मियों की नियुक्ति के बाद इन नर्सिंग कर्मी को हटाने के मामले को लेकर पिछले पाँच महीनों से इनका विरोध देखने की मिल रहा है इनका आरोप है कि पूर्व प्रिंसिपल और नर्सिंग एसोसिएशन अध्यक्ष की मिलीभगत से 27 नर्सिंग ऑफिसर्स का फर्जी समायोजन किया गया, जबकि बाकी कर्मचारियों को बिना किसी कारण घर भेज दिया गया धरनार्थियों का कहना है कि समायोजन के लिए उनसे जयपुर से आदेश लाने की मांग की जा रही है, जबकि हटाते समय उनसे कोई निर्देश नहीं लिया गया। नर्सिंग ऑफिसर्स फर्जी समायोजन के सबूत एसओजी और संभागीय आयुक्त को सौंप चुके हैं, लेकिन कार्रवाई न होने से वे नाराज़ हैं। इसी के विरोध में उन्होंने तीन दिन का सांकेतिक धरना शुरू किया है और चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो इसके बाद आमरण अनशन पर उतरेंगे
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Nov 27, 2025 11:45:19
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Nov 27, 2025 11:38:21
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RRRakesh Ranjan
Nov 27, 2025 11:36:26
Noida, Uttar Pradesh:एक भावनात्मक कहानी पढ़कर योगी आदित्यनाथ खुद आगे आए — ‘खुशी’ को दिया सुरक्षा, शिक्षा और सम्मान का भरोसा लखनऊ। 22 नवंबर को एक मूक-बधिर लड़की अपने मुख्यमंत्री से मिलने के लिए कानपुर से लखनऊ तक पहुँच गई। हाथ में योगी जी का बनाया हुआ चित्र और दिल में एक ही इच्छा—“मुख्यमंत्री जी से मिलना है。” जब यह संवेदनशील कहानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुँची, उन्होंने किसी अधिकारी को आगे नहीं बढ़ाया… वे स्वयं आगे आए। उन्होंने निर्देश दिया—“उस बच्ची और उसके परिवार को तुरंत मेरे आवास पर बुलाया जाए।” यहही वह मानवीय पहल थी जिसने इस पूरी घटना को प्रशासनिक कार्यवाही से आगे बढ़ाकर एक भावनात्मक अध्याय बना दिया। मुख्यमंत्री आवास पर योगी जी ने खुशी को पास बुलाकर उसके बनाए चित्र देखे—प्रधानमंत्री मोदी और स्वयं उनका चित्र। खुशी बोल नहीं सकती थी, पर योगी जी ने उसके भावों को पढ़ लिया। फिर उन्होंने एक-एक कर समाधान दिए— • मूक-बधिर कॉलेज में शिक्षा • स्किल डेवलपमेंट के लिए मोबाइल व टैबलेट • कानों के इलाज की व्यवस्था • परिवार के लिए आवास सहायता एक लड़की की छोटी-सी इच्छा को मुख्यमंत्री ने बड़े संकल्प में बदल दिया। घटना की शुरुआत 22 नवंबर को हुई थी खुशी बिना बताए अकेली घर से निकल पड़ी। उसका उद्देश्य था अपने मुख्यमंत्री को वह चित्र देना जिसे उसने स्वयं बनाया था। खुशी को चित्र बनाने का शौक है। वह कानपुर स्थित अपने घर से पैदल निकली। उसके पिता ने बताया कि वह न जाने कैसे लखनऊ पहुंची। वहां पहुंचने के बाद वह रास्ता भटक गई। मुख्यमंत्री से मिल पाने में असमर्थ होने पर खुशी लोकभवन के बाहर बैठकर रोने लगी। हजरतगंज पुलिस ने उसे संभाला। पुलिस की ओर से खुशी के परिवार को उसकी सूचना दी। हालांकि खुशी को घर में न देखकर उसके पिता ने अपने स्थानीय थाने में उसके मिसिंग की शिकायत दे दी थी। खुशी पढ़ी-लिखी नहीं है लेकिन वह अपने पिता का नाम उनका मोबाइल नंबर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिख लेती है। जब मुख्यमंत्री को खुशी की यह कहानी पता चली तो उन्होंने इसका संज्ञान लेते हुए तुरंत उसके परिवार को अपने आवास पर बुलाने के निर्देश दिए। योगी आदित्यनाथ ने उसके लिए कानपुर स्थित मूकबधिर कॉलेज में शिक्षा की व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया। साथ ही उसकी पढ़ाई और स्किल डेवलपमेंट में सहायक मोबाइल और टैबलेट भी उपलब्ध कराया गया। राज्य सरकार की ओर से खुशी के कान के इलाज की भी व्यवस्था की जा रही है। खुशी के परिवार के लिए आवास की व्यवस्था का भी आश्वासन प्रदेश सरकार की ओर से दिया गया है। सरकार द्वारा प्राप्त सहायता और सहायता के आश्वासन से पूरा परिवार प्रसन्नता से भर गया है। इस पूरी घटना में केंद्र बिंदु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वह स्नेह रहा जिसने इस परिवार को सम्मान, सुरक्षा और भविष्य की नई दिशा का एहसास कराया। उनके इस व्यवहार ने यह स्पष्ट किया कि सरकार केवल प्रशासनिक संस्थान नहीं बल्कि संवेदना और सीमातीत मानवीयता का आधार है। खुशी ने अपने सरल विश्वास से यह दिखाया कि प्रेम और सम्मान की भावना किसी बाधा में नहीं फंसती और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी संवेदना और व्यवहार से यह स्थापित किया कि, जनता और शासन के बीच संबंध केवल औपचारिक नहीं बल्कि आत्मीय हो सकता है। यह कहानी उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक संवेदनशील प्रशासन की मिसाल के रूप में याद रखी जाएगी।
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