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कुशवाहा परिवारवाद आरोप के बीच बिहार में नेतृत्व संकट बरकरार
RSRUPENDRA SHRIWASTVA
Dec 29, 2025 09:30:23
Patna, Bihar
RLM के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के लिए खड़ी हुई बड़ी मुसीबत पार्टी बचाये या परिवार राजनीति हुई शुरू अपने को समाजवादी नेता कहने वाले उपेंद्र कुशवाहा के लिए अब समाज से ज्यादा परिवार जरूरी है मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली राज्य नागरिक परिषद के उपाध्यक्ष पद पर अपने पार्टी की खाली जगह पर पार्टी का किसका नाम भेजा है अब इसको लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं दबे जुबान से जो सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही की अपने बहू का नाम भेजा है परिषद के गठन के वक्त कुशवाहा ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव माधव आनंद को उपाध्यक्ष बनाया था इसको लेकर राजनीति भी तेज होने लगी है
RJD के विधायक रणविजय साहू ने कहा उपेंद्र कुशवाहा जी, लगातार आपको याद होगा कि पानी पी-पी कर राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय लालू प्रसाद यादव के खिलाफ परिवारवाद पर बोलते थे। आज कैसे समाजवादी नेता हैं? एक तरफ पुत्र, जो किसी विधानमंडल का सदस्य नहीं है, उनको बिहार सरकार का मंत्री बनाया जाता है। जबकि उन्हीं के पार्टी में कई ऐसे विधायक हैं जिनमें प्रतिभा है, टैलेंट है, युवा हैं, नौजवान हैं, लेकिन उनको मंत्री नहीं बनाते हैं। दूसरी तरफ स्वयं सिंबल अपनी पत्नी को देते हैं। इससे बड़ा परिवारवाद का परिभाषा नहीं हो सकता है। उपेंद्र कुशवाहा जी वैसे लोगों को भी टिकट दिए हैं जो पार्टी में समर्पित था, इनके पार्टी को खड़ा किए, उनको टिकट नहीं देकर उन लोगों को भी टिकट देने का काम किया जो इनके आगे-पीछे 'गणेश परिक्रमा' करने का काम करते थे। तो बिहार की जनता देख रही है।
कुशवाहा के विधायक तो निश्चित तौर पर नाराज होंगे ही जो विधायक में प्रतिभा था, लंबे समय से उन्होंने पार्टी को सींचा, पार्टी को खड़ा किया। लेकिन उपेंद्र कुशवाहा जी का तो इतिहास रहा है, कभी इधर चला कभी उधर चला। कितने बार इन्होंने पार्टी को बदला, कितने बार नई पार्टियां बनाईं। तो बिहार की जनता देख रही है, अब उपेंद्र कुशवाहा पर बिहार की जनता भरोसा करने वाली नहीं है, जनता जवाब देगी
बीजेपी के प्रवक्ता कुंतल कृष्णा ने कहा की बिहार में जमीन से जुड़े कुछ नेताओं का अगर हम लोग नाम लें, उसमें उपेंद्र कुशवाहा जी का नाम शामिल है। एनडीए के हमारे घटक हैं, हमारे वरिष्ठ नेता हैं और पूरी जिंदगी उनका ट्रैक रिकॉर्ड रहा है कि वो जनता के लिए और जनता के मुद्दों के लिए समर्पित रहे। जो अखबार में आज निकला है, हमने भी पढ़ा है, उसपे तो उपेंद्र कुशवाहा जी का भी ट्वीट आ गया है। सच्चाई यह है कि अपने 'लापता राजकुमार' की खबर को दबाने के लिए RJD ये सब प्लांट करवा रहा है। बिहार के नेता प्रतिपक्ष बिहार से भागे हुए हैं, वो लापता हैं, इस पर चर्चा नहीं हो, इसलिए राजद की तरफ से ये सब फालतू चीजें मीडिया में प्लांट की जा रही हैं। इन बातों में कोई सच्चाई नहीं है।
RLM के विधायक सौ प्रतिशत उपेन्द्र कुशwahा के साथ हैं उनके साथ जितने विधायक हैं, आज भी, पिछले विधानसभा के सत्र में भी वो उनके साथ बैठे हुए थे, एनडीए के साथ बैठे हुए थे और आज भी उन्हीं के साथ हैं, उनके सिंबल पे जीते हैं
कुंतल कृष्णा बीजेपी प्रवक्ता
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा की एक वक्त आता है, या तो नेता पुत्र मोह में फंसता है या फिर पुत्र के दबाव में, संतान के दबाव में आ के वंशवाद का पुरोधा बन जाता है।
मुझे नहीं पता कि उपेंद्र कुशवाहा जी के सोच में परिवारवाद है या फिर संतान के दबाव में ऐसे कदम उठाने पे वे मजबूर होते हैं लेकिन दोनों परिस्थितियों में, कार्यकर्ताओं की हकमारी जरूर होती है
जेडयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा ऐसे तो हर पार्टी का अपना आंतरिक मामला होता है, लेकिन जिस तरह की भ्रामक खबर को प्लांट किया गया था साजिशन, उसका पटाक्षेप पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जी ने साफ तौर पर खुद कर दिया है। तो जब उन्होंने इसका पटाक्षेप खुद कर दिया है, तो हमें नहीं लगता है कि इस तरह की भ्रामक खबर का कोई औचित्य बनता है। रहा सवाल आप उनकी पार्टी के विधायकों के विषय में कह रहे हैं, तो हमें भी कई बार ताज्जुब होता है। सब लोग जानते हैं कि एक बड़ी संख्या में सीटें एनडीए ने जीतीं और मतदाता मालिकों का रुझान मोदी जी, नीतीश जी और गठबंधन के हमारे जितने वरिष्ठ नेता हैं, उनके नेतृत्व की तरफ रहा। भई, जिनको पार्टी ने, गठबंधन ने टिकट दिया वो चुनाव जीते। चुनाव जीतते हैं गठबंधन के वोट से, पार्टी के सिंबल पर, और जब जीत जाते हैं तो अलग राग अलापने लगते हैं। तो बड़ा ताज्जुब होता है कि जीतने के बाद राग क्यों बदल जाते हैं। हमें लगता है कि हर समर्पित कार्यकर्ता, नेता और विधायक को अपनी पार्टी के नेतृत्व के प्रति अपनी आस्था रखनी चाहिए।
इन तमाम खबरों के आने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने एक पर पोस्ट करके अपनी सफाई दी है तो वही उनके बेटे और बिहार सरकार के मंत्री दीपक प्रकाश ने कहा जो मीडिया में बात चल रही थी, बेबु नियाद बात चल रही थी। और इस मुद्दे पे आप पार्टी नेतृत्व से पूछेंगे तो आपको जवाब मिल पाएगा। इस मामले पे बात करने के लिए हम अधिकृत नहीं हैं
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