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Gautam Buddha Nagar201304
भाजपा के यूपी प्रभारियों की गहरी रफ्तार, 1980 से 2022 तक का इतिहास
VSVISHAL SINGH
Dec 14, 2025 02:45:51
Noida, Uttar Pradesh
1980 में पार्टी बनने के बाद वह पार्टी के 16वें अध्यक्ष बन रहे हैं प्रदेश में सात बार ब्राह्मणों को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इसमें से कलराज मिश्र दो बार प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। अगर चेहरों के दृष्टिकोण से देखें तो छह ब्राहाण्ण चेहरों को पार्टी ने प्रदेश का मुखिया बनाया। पार्टी के इतिहास में दो बार ऐसा हुआ है कि प्रदेश अध्यक्ष को मुख्यमंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ हो। 1982 से 1984 के बीच प्रदेश अध्यक्ष रहने वाले कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। उन्होंने दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और एक बार सांसद के रूप में कार्य किया। दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। दो बार अध्यक्ष बनने वाले राजनाथ सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वह 2000 से 2002 तक मुख्यमंत्री रहे। इस तरह से बने भाजपा अध्यक्ष 1. माधो प्रसाद त्रिपाठी- पार्टी बनने के बाद यह पहले भाजपा अध्यक्ष रहे। 1980 में बीजेपी के अध्यक्ष बने माधो प्रसाद 1984 तक इस पद पर बने रहे। माधव प्रसाद लोकसभा सदस्य भी रहे। 2. कल्याण सिंहः माधव प्रसाद त्रिपाठी के बाद कल्याण सिंह पार्टी अध्यक्ष बने। वह छह वर्षों तक पार्टी के अध्यक्ष रहे। कल्याण सिंह दो बार यूपी के मुख्यमंत्री भी रहे। कल्याण बीच में कुछ वर्षों के लिए भाजपा से अलग हुए। 2014 में उनकी पार्टी में फिर से वापसी हुई। 3. राजेंद्र कुमार गुप्ता- कल्याण सिंह के बाद राजेंद्र कुमार गुप्ता एक साल के लिए पार्टी अध्यक्ष रहे। 4. कलराज मिश्रः राजेंद्र गुप्ता के बाद कलराज मिश्रा को पार्टी को जिम्मेदारी सौंपी। वह सन् 1991 से 1997 तक अध्यक्ष पद रहे। वह अब तक सबसे लंबे समय तक पार्टी अध्यक्ष रहे। 5. राजनाथ सिंहः कलराज मिश्रा के बाद बीजेपी ने राजनाथ सिंह पर भरोसा जताया। वह लगभग तीन वर्षों के लिए पार्टी के मुखिया रहे। मार्च 1997 से जनवरी 2000 तक यूपी भाजपा प्रमुख रहे। बाद में राजनाथ सिंह सन 2000 से 2002 तक लगभग दो वर्षो के लिए मुख्यमंत्री रहे। 6. ओमप्रकाश सिंहः राजनाथ सिंह के बाद ओम प्रकाश सिंह यूपी भाजपा के प्रमुख बने। वह जनवरी 2000 से अगस्त 2000 तक सिर्फ 7 महीने के लिए अध्यक्ष रहे। वह कुर्मी समाज से आते हैं। 7. फिर से कलराज मिश्रः ओम प्रकाश के बाद एक बार फिर से कलराज मिश्रा के हाथ में कमान आई। वह 2000 से 2002 तक पार्टी के प्रमुख रहे। 8. विनय कटियारः कलराज मिश्र के दूसरे कार्यकाल के बाद बीजेपी ने विनय कटियार को पार्टी में यूपी का जिम्मा सौंपा। विनय कटियार को राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में गिना जाता रहा है। वह लगभग दो साल तक पार्टी प्रमुख रहे। 9. केशरीनाथ त्रिपाठीः कटियार के बाद पार्टी ने केशरीनाथ त्रिपाठी को अध्यक्ष चुना। जुलाई 2004 से सितंबर 2007 तक अध्यक्ष रहे केशरीनाथ त्रिपाठी बाद में यूपी विधानसभा के स्पीकर रहे और कुछ राज्यों में राज्यपाल भी रहे। 10. रमापति राम त्रिपाठीः केशरीनाथ त्रिपाठी के बाद बीजेपी ने डॉ. रमापति राम त्रिपाठी को अध्यक्ष चुना। वह वर्ष 2007 से 2010 तक यूपी भाजपा प्रमुख रहे। राम पति राम त्रिपाठी देवरिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद भी रह चुके हैं। 11. सूर्य प्रताप शाहीः रमापति राम त्रिपाठी के बाद बीजेपी ने सूर्य प्रताप शाही के कंधों पर यूपी की जिम्मेदारी सौंपी। मई 2010 से 2012 के अप्रैल तक यूपी बीजेपी अध्यक्ष रहे सूर्य प्रताप शाही इस समय योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। 12. लक्ष्मीकांत वाजपेयीः सूर्य प्रताप शाही के बाद बीजेपी ने लक्ष्मीकांत वाजपेयी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया। वाजपेयी 2012 से 2016 तक करीब चार वर्षों तक बीजेपी के अध्यक्ष रहे। 13. केशव प्रसाद मौर्यः लक्ष्मीकांत वाजपेयी के बाद केशव प्रसाद मौर्य पार्टी के अध्यक्ष बनाए गए। अप्रैल 2016 से अगस्त 2017 तक वह पार्टी के अध्यक्ष रहे। 14. महेंद्र नाथ पांडेयः केशव के बाद बीजेपी ने महेंद्र नाथ पांडेय को अध्यक्ष बनाया था। महेंद्र नाथ पांडेय 2 बार सांसद रहे और केंद्र सरकार में मंत्री भी थे। वह अगस्त 2017 से जुलाई 2019 तक यूपी बीजेपी के अध्यक्ष रहे। 15. स्वतंत्र देव सिंहः पांडेय के बाद बीजेपी ने यूपी में स्वतंत्र देव सिंह को पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। कुर्मी समाज से आने वाले स्वतंत्र देव सिंह जुलाई 2019 से अगस्त 2022 तक अध्यक्ष रहे। बाद में वह योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। 16. चौधरी भूपेंद्र सिंहः चौधरी भूपेंद्र सिंह वर्ष 2022 में बीजेपी अध्यक्ष बने। अब तक के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष 1. माधव प्रसाद त्रिपाठी- 1980-1984 (4 वर्ष) 2. कल्याण सिंह- 1984-1990 (6 वर्ष) 3. राजेंद्र कुमार गुप्ता- 1990-1991 (1 वर्ष) 4. कलराज मिश्र-1991-1997 (6 वर्ष) 5. राजनाथ सिंह- 25 मार्च 1997- 3 जनवरी 2000 (2 वर्ष 10 माह) 6. ओमप्रकाश सिंह- 3 जनवरी 2000-17 अगस्त 2000 (7 माह) 7. कलराज मिश्र- 17 अगस्त 2000-24 जून 2002 (1 वर्ष 10 माह ) 8. विनय कटियार- 24 जून-2002-18 जुलाई 2004 (2 वर्ष) 9. केशरीनाथ त्रिपाठी- 18 जुलाई 2004- सितंबर2007 (3 वर्ष 2 माह) 10. रमापति राम त्रिपाठी- सितंबर 2007-12 मई 2010 (2 वर्ष 8 माह) 11. सूर्य प्रताप शाही- 12 मई 2010 - 13 अप्रैल 2012 ( 1 वर्ष 11 माह) 12. लक्ष्मीकांत वाजपेयी- 13 अप्रैल 2012 - 8 अप्रैल 2016 (4 वर्ष) 13. केशव प्रसाद मौर्य- 8 अप्रैल 2016-31अगस्त 2017 (1 वर्ष 5 माह) 14. महेंद्र नाथ पांडेय- 31 अगस्त 2017- जुलाई 2019 (1 वर्ष 11 माह) 15. स्वतंत्र देव सिंह- जुलाई 2019- 25 अगस्त 2022 (3 वर्ष 1 माह) 16. चौधरी भूपेंद्र सिंहः 25 अगस्त 2022- 2025 दिसंबर (तीन वर्ष से अधिक)
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SKSundram Kumar
Dec 14, 2025 06:51:11
Patna, Bihar:कांग्रेस के द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में SIR को लेकर के बड़ी रैली हो रही है जिस पर बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को पूरी तरीके से देश की जनता ने रिजेक्ट कर दिया है जिसके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी 95 बार इस देश में हार चुकी हो अब वह किसी तरह का रैली करें उसका कोई इंपैक्ट होना है यह बिल्कुल नहीं है. राहुल गांधी और अप्रासंगिक हो चुके हैं पूरी तरीके से और कांग्रेस भी अप्रासंगिक होते जा रही है. राहुल गांधी ने बहुत आके बिहार मे SIR के मुद्दों को लेकर के घूमने का काम किया था. बिहार की जनता ने उनको 6 सीटों पर लाकर के सिमटा दिया. अब देश में भी किसी तरीके से जहां कुछ बचे हैं वह सिमट जाएंगे. लालू यादव के संपत्ति जप्त करने की बात कही जा रही है सम्राट चौधरी के द्वारा जिस पर मंगल पांडे ने कहा किसी भी न्यायालय से जुड़े हुए किसी भी मामले का विषय है तो न्यायालय का जो निर्णय होता है और न्यायिक निर्णय सबको मानना पड़ता है. इस प्रकार की जो भी संपत्तियां हैं उन संपत्तियों का उपयोग जनहित में होना चाहिए. जनता के काम के लिए होना चाहिए स्कूल खुले अस्पताल खुले तो लोगों को उस पर लाभ मिल जाएगा. राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर कहा कि वह मेरे सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे उनके हाथ कापते हैं जिस पर मंगल पांडे ने कहा कि यही बेतुकी बात और बुद्धजुबानी बात ने राहुल गांधी को राजनीतिक रूप से इस स्थिति में लाकर के खड़ा कर दिया है जो उनके राजनीतिक पद है और जो पद है उस पद और पद की उन्होंने कभी भी चिंता नहीं की और کبھی समझे नहीं कि मैं क्या हूं और इस प्रकार के अनरगल भाषा का प्रयोग वह हमेशा और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते रहे हैं जिसके कारण उनकी दुर्गति होती जा रही है . अमित शाह जी आज के समय में एक ऐसे शेर है जिस देश के अंदर ही नहीं देश के बाहर भी जो अपराधी है आतंकवादी है राष्ट्र विरोधी है घुसपैठिए हैं वो थराते है.
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AMANIL MOHANIA
Dec 14, 2025 06:49:08
Nalhar, Haryana:नूंह जिले में मौसम ने अचानक तीखे तेवर दिखा दिए हैं। तड़के सुबह से ही घने कोहरे ने पूरे नूंह जिले को अपनी आगोश में ले लिया, वहीं हाड़ कंपा देने वाली ठंड ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया। रविवार को गलियों, चौक-चौराहों और बाजारों में लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेते नजर आए। कोहरे की मोटी चादर के कारण सड़कों पर दृश्यता बेहद कम रही, जिससे वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई। हाईवे से लेकर ग्रामीण सड़कों तक वाहन रेंगते दिखाई दिए। चालकों ने हेडलाइट जलाकर सावधानीपूर्वक वाहन चलाए, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके। सुबह-सुबह काम पर निकलने वाले मजदूरों, बुजुर्गों और बच्चों पर ठंड का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। ठंड के इस मौसम में चाय की दुकानों पर खासा जमावड़ा नजर आया, जहां लोग गरमागरम चाय की चुस्कियां लेते हुए ठंड से राहत लेते दिखे। हालांकि यह मौसम किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक घना कोहरा और ठंड रबी फसलों के लिए बेहद फायदेमंद मानी जा रही है। इससे गेहूं, सरसों सहित अन्य फसलों में नमी बनी रहेगी, जिससे पैदावार बेहतर होने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी ठंड और कोहरे के बने रहने की संभावना जताई है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने, सुबह और देर रात अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। बाइट :- डॉ, मनोज गोयल बाइट :- हरिराम मास्टर बाइट :- उमर बाइट :- आस मोहम्मद किसान。
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ACAshish Chauhan
Dec 14, 2025 06:48:15
Jaipur, Rajasthan:झालाना के बाद आमागढ़ सफारी सैलानियों की पसंद बन गई है. वजह लेपर्ड की अच्छी साइटिंग. जिसके कारण सैलानी लगातार आमागढ़ के जंगलों में पहुँच रहे हैं. झालाना की लैपर्ड सफारी के बाद आमागढ़ में रोमांचक नजारे दिख रहे हैं. आमागढ़ जंगलों से देखें... यह खास रिपोर्ट! आमागढ़ का बढ़ता क्रेज- पर्यटन सीजन के बीच झालाना के जंगलों में आमागढ़ की सफारी का रोमांच बढ़ गया है. लैपर्ड की अच्छी साइटिंग के लिए सैलानियों में आमागढ़ का क्रेज देखा जा रहा है. वैसे तो जयपुर की तीन सफारी में झालाना सैलानियों की पहली पसंद है, लेकिन अब सैलानियों की नजर आमागढ़ पर भी है, क्योंकि जंगल के बीच पर्यटकों को रोमांचक नजारे दिखाई दे रहे. कुछ समय पहले एक साथ चार लैपर्ड एक साथ दिखाई दिए थे. आमागढ़ लैपर्ड सफारी में इस सीजन में 3,856 सैलानी पहुंच चुके हैं. इससे वन विभाग को 32,75,000 का राजस्व मिला है. आमागढ़ में लैपर्ड की अच्छी साइटिंग के चलते लगातार सैलानियों का क्रेज बढ़ रहा है. बाइट- जितेंद्र सिंह शेखावत, रेंजर वॉकथू-आमागढ़ सफारी से आमागढ़ में साल दर साल बढ़ रहे सैलानी- साल ........... सैलानियों की संख्या ........ इनकम 2022-23 ......... 8517 ........ 62 लाख 80 हजार 2023-24 ......... 12373 ........ 98 लाख 75 हजार 2024-25.......... 13331 ......... 1 करोड 16 लाख 2025 में अब तक.... 3856 .......... 32 लाख 75 हजार बाइट- जितेंद्र सिंह शेखावत, रेंजर बाइट- सैलानी आमागढ़ में साल दर साल सैलानियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. रेंजर जितेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि झालाना के साथ ही आमागढ़ में लेपर्ड की अच्छी साइटिंग होने के चलते यहाँ भी पर्यटकों की अच्छी बुकिंग आ रही है. ऐसे में जयपुर के जंगलों में सफारी का रोमांच बढ़ गया है. क्लोजिंग वॉकथू-आमागढ़ सफारी से इस खबर की फीड OFC से JPR_SAFARI_R स्लग से भेजी गई है। बाइट और लैपर्ड के शॉट 2 सी में अटैच है
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DGDeepak Goyal
Dec 14, 2025 06:47:52
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VSVaibhav Sharma
Dec 14, 2025 06:46:52
Ghaziabad, Uttar Pradesh:गाजियाबाद के लोनी इलाके के मीरपुर हिंदू गांव में प्रशासन और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली दवाइयां की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने भी छापेमारी की, जहां पर भारी संख्या में नकली दवाइयां को कब्जे में लेकर उनकी जांच की जा रही है। यहां से यूपी दिल्ली और अलग-अलग राज्यों में नकली दवाइयां की सप्लाई होती थी। पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है, इनमें एक दवाई सप्लायर है। इससे पहले 3 नवंबर को गाजियाबाद पुलिस ने 3 करोड रुपए का कफ़ सिरप पकड़ा था। इसके तार अलग-अलग राज्यों और बांग्लादेश से जुड़े थे। यह फैक्ट्री सितंबर महीने से संचालित की जा रही थी और गोपनीय सूचना के आधार पर यहाँ छापेमारी की कार्रवाई की गई। भारी मात्रा में नकली दवाइयां, कच्चा माल, पैकिंग मशीन और लेबल बरामद किए है। बरामद दवाइयां के सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए है, जिससे उनकी गुणवत्ता और रासायनिक संरचना की पुष्टि की जा सके.
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RNRajesh Nilshad
Dec 14, 2025 06:46:33
Chittorgarh, Rajasthan:रायपुर डिप्टी सीएम विजय शर्मा का विभिन्न मसलो पर बयान शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष के बहिष्कार पर कहा- क्या विजन 2047 को कांग्रेस BJP का समझाती है.. वो जन विजन है लोगों से चर्चा करके उसे बनाया गया है.. इसमें भाग नहीं लेना ये कैसी राजनीति है.? क्या वो नहीं चाहती छत्तीसगढ़ आगे बढ़े या रोड मैप तैयार हो.? उन्हें जो बोलना है वो बोले लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता से विमुख हो.. कांग्रेस की वोट चोर गद्दी छोड़ रैली पर कहा- वोट चोर कौन है सबको पता है.. सोनिया गांधी देश की नागरिक।नहीं थी, फिर भी उनका नाम वोटर लिस्ट में था.. ऐसी परिपाटी नहीं चलनी चाहिए.. हम भी नहीं चाहते कि जो देश का नागरिक नहीं है, उसे वोट देने का अधिकार हो.. बिहार में जनता ने या सबको दिखा दिया है पुलिस आरक्षक भर्ती में कांग्रेस द्वारा गड़बड़ी के आरोप पर कहा- मैंने विभाग से कहा है प्रत्यक्ष एसपी के यहां दिन भर बैठे.. चर्चा कीजिए , किसी पर आरोप भी लग रहा है तो चर्चा करना जरूरी है.. आरोप लगाकर भाग जाना ठीक नहीं है... मैं खुद भी रायपुर में एक दिन सभी के साथ बातचीत करूंगा जिसे जो परेशानी है उसे दूर करेंगे.. इस मामले को लेकर जिसे कोर्ट जाना है जा सकते हैं.. एप्लीकेशन नंबर को लेकर भी जो त्रुटि थी उसे पर सुधार किया जा रहा है. बाइट- विजय शर्मा, डिप्टी सीएम
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DBDURGESH BISEN
Dec 14, 2025 06:46:21
Pendra, Chhattisgarh:एंकर - आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावास में छात्रावासी छात्रों के साथ दुर्व्यवहार की बात सामने आई है छात्रों ने अधीक्षक पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने गाली गलौज करने सड़ी सब्जियों के साथ सड़ा फफूंद लगा भोजन कराने एवं छात्रावास में छात्रों की संख्या पूरा दिखाने के लिए दूसरे गांव से छात्रों को लाने का गंभीर आरोप लगाया है, अव्यवस्था की शिकायत करने दो माह पूर्व छात्रवासी छात्र पैदल सरपंच के घर भी गए थे... इस मामले ने आदिवासी विकास विभाग में छात्रावासों में व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है.... Vo 1-आदिवासी छात्रों को आवासीय व्यवस्था देते हुए शैक्षणिक माहौल में रखकर शिक्षा देने के लिए छात्रावासों की व्यवस्था की गई है, छात्रावास में रसोईया स्वीपर सफाई कर्मचारी अधीक्षक सहित कई कर्मचारियों की तैनाती भी होती है, प्रति छात्र प्रतिवर्ष thousands भोजन आवास एवं अन्य व्यवस्था के लिए खर्च किए जाने का प्रावधान है पर इन छात्रावास के बंद कमरों में छात्रों के साथ यदि दुर्व्यवहार हो रहा हो, सड़ा हुआ भोजन खिलाया जाए तो शासन प्रशासन पर सवालिया निशान उठना लाजिमी है, ऐसा ही हो रहा है मरवाही विकासखंड के धोबहर छात्रावास में , 20 सीटर इस छात्रावास में सिर्फ 16 छात्रों का ही एडमिशन हुआ है, बीच-बीच में दूसरे गांव से चार बच्चे लाकर 20 की संख्या दिखाई जाती है.. इन 16 छात्र वास छात्रों को भी क्या व्यवस्था दी जा रही है यह छात्रों की जबानी ही सुना जा सकता है, छात्रों का कहना है कि अधीक्षक उन्हें सड़ा टमाटर सड़ी सब्जियां खिलाते हैं, बिस्कुट, साबुन सोडा उन्हें फेंक कर दिया जाता है जैसे वो कुत्ते हो, किसी के मृत्यु भोज से लाई गई रोटी और फफूंद लगा लड्डू खाने को देते हैं, कुछ कहो तो ''बे'' बोलकर अपशब्द का प्रयोग करते हैं और मारने के लिए हाथ भी उठाते हैं... बाइट अनिल (ब्ल्यू हुडी) -सड़ा टमाटर, मृत्यभोज की रोटी और फफूंद लगा लड्डू, 4 बच्चे दूसरे गांव से बाइट सागर कुमार _ रेड हुडी -सड़ी बरबट्टी बाइट साहिल ऑरेंज हुडी -मारने केलिए हाथ उठाया और बे बोलते है बाइट सन्नी (सफेद हुडी) सड़ा टमाटर Vo 2- छात्रावास में व्यवस्था बनाने के नाम पर बाहरी हस्तक्षेप रोकने के अपने नियम बनाकर बंद कमरों में छात्रों के साथ दुर्व्यवहार और घटिया व्यवस्था करना आम बात है... अधीक्षक के दुर्व्यवहार और भोजन व्यवस्था की शिकायत करने दो माह पूर्व छात्रावास के सभी छात्र सरपंच के पास भी गए थे , इसके बाद अधीक्षक ने व्यवस्था सुधारने की बात की थी, ग्रामीण क्षेत्र में संचालित छात्रावास की की व्यवस्था की पोल खोलने के बाद हमने जब अधीक्षक से बात करने की कोशिश की तो वे कैमरा आईडी देखकर हॉस्टल से ही बाहर निकल गए, काफी देर के बाद जब उन्होंने बात की तब यही कहा कि व्यवस्था सुधार लेंगे... पर जुलाई माह से अब तक 6 की माह फर्जी संख्या दिखा कर छात्रों को मिलने वाली शिष्यवृत्ति की राशि हजम करने में विभाग के कितने सहभागी है इसका जवाब नहीं मिला... बाइट ओम प्रकाश अंचल -अधीक्षक आदिवासी विकास विभाग में पूर्णकालिक अधीक्षकों के अलावा शिक्षकों से छात्रावास संचालित कराया जा रहे हैं, इनमें से अधिकांश वे शिक्षक हैं जो 10-10 वर्षों से अधिक समय से सिर्फ छात्रावास अधीक्षक बने हुए हैं, वह सिर्फ इसलिए कि छात्रावास में छात्रों की व्यवस्था के लिए मिलने वाली राशि पर गफलत करके वह पैसा हजम कर सके, पर इतना बड़ा प्रशासनिक अमला होने के बावजूद यदि यही अव्यवस्था है तो आदिवासी विकास विभाग के साथ प्रशासन पर भी सवालिया निशान खड़े होना लाज़मी है... दुर्गेश सिंह बिसेन जी मीडिया पेंड्रा
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