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Jaipur302006
महाराष्ट्र में प्रवासी राजस्थानी दिवस: निवेश के लिए अनुकूल माहौल
BDBabulal Dhayal
Oct 09, 2025 10:20:42
Jaipur, Rajasthan
CM से मिला महाराष्ट्र का प्रवासी समुदाय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा राज्य में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। प्रचुर मात्रा में सौर ऊर्जा, खनिज सम्पदा का भंडार, बिजली-पानी की पर्याप्त उपलब्धता और निवेश के लिए है अनुकूल नीतियां सीएम ने प्रवासी राजस्थानियों से इस निवेश-परक वातावरण का लाभ उठाते हुए प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश की अपील की। राज्य सरकार निवेशकों को उद्यम स्थापित करने में हरसंभव मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने ‘प्रवासी राजस्थानी दिवस’ के लिए किया आमंत्रित सामाजिक एवं आर्थिक एक्सचेंज प्रोग्राम सहित अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा राजस्थान प्रकोष्ठ’ अध्यक्ष संजय मंत्री, नंदकिशोर मालपानी सहित कई प्रवासी रहे मौजूद
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ACAshish Chauhan
Nov 10, 2025 10:51:29
Jaipur, Rajasthan:पंचायत चुनाव से पहले गांव की सरकार में बजट का संकट,प्रशासक बने सरपंचों का दावा-5500 करोड का फंड अटका\n\nजयपुर- पंचायत चुनाव से पहले गांव की सरकार में बजट का संकट देखने को मिल रहा है.केंद्र और राज्य का बजट अटकने के बाद सरपंचों यानी प्रशासकों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द बजट जारी हो,ताकि गांवों का रूका विकास फिर से शुरू हो सके.गांवों में सफाई और पेयजल कार्य रुके हुए है,जिससे प्रशासकों को दिक्कतों का सामना करना पड रहा है,आखिरकार पंचायतों में बजट का कितना संकट,देखे इस रिपोर्ट में!\n\nचुनाव से पहले गांव की सरकार में बजट के संकट से जूझ रही है.प्रशासक बने सरपंचों का दावा है कि केंद्र और राज्य सरकार का करीब 5500 करोड का बजट अटका है.जिसमें केंद्र सरकार से Fifteenth Finance Commission की 1400-1400 करोड की 2 किश्ते रुकी है.जिससे गांवों में सफाई कार्य और पेयजल का काम बाधित है.वहीं राज्य वित्त यानी SFC की 1300-1300 करोड की 2 किश्ते अटकी है.बजट के संकट से गांव में विकास की रफ्तार कमजोर हो गई है.राष्ट्रीय सरपंच संघ ने की सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द बजट का संकट दूर किया जा सके.राष्ट्रीय सरपंच संघ अध्यक्ष जयराम पलसानिया का कहना है कि जब से सरपंच प्रशासक लगे है तब से बजट नहीं मिला.\n\nबाइट- जयराम पलसानिया,अध्यक्ष,राष्ट्रीय सरपंच संघ\n\nकब होंगे पंचायत चुनाव?\n\nबजट संकट के बीच अब सवाल ये भी है कि राजस्थान में कब पंचायत चुनाव होंगे? क्योंकि पंचायतों में तो सरपंचों को ही प्रशासकों की जिम्मेदारी दे दी,लेकिन अभी भी पंचायत समितियों,जिला परिषदों,पंचायत समितियों में कार्यकाल खत्म नहीं हुआ है.ऐसे में क्या पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्य, प्रधान और जिला प्रमुख चुनाव की घोषणा बाद में होगी? 21 जिला परिषदों और 222 पंचायत समितियों के सदस्यों और प्रधान, जिला प्रमुखों का कार्यकाल नवंबर, दिसंबर में खत्म होगा.6 जिला परिषदों और 78 पंचायत समितियों का कार्यकाल अगस्त-सितंबर 2026 में खत्म होगा. 4 जिला परिषदों और 30 पंचायत समितियों का कार्यकाल नवंबर-दिसंबर 2026 में खत्म होगा.\n\nकब तक अटका रहेगा बजट?\n\nअब सरपंचों के बीच यही कश्मकश की स्थिति बनी हुई है कि क्या पंचायत चुनाव के बाद ही बजट जारी होगा? चर्चा ये भी है कि प्रशासकों को FFC की राशि जारी नहीं होती.जिस कारण पंचायतों में बजट का संकट देखने को मिल रहा है.यानि जब चुनाव होंगे तब ही गांव की सरकार में बजट आएगा?\n\nनोट-इस खबर की फीड OFC से PANCAHYAT_R स्लग से भेजी गई है.बाइट 2 सी में अटैच है।
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ADArjun Devda
Nov 10, 2025 10:50:43
Harda, Madhya Pradesh:जिला अस्पताल को जल्द मिलेगा नया रूप — 150 बेड की आधुनिक बिल्डिंग लगभग तैयार, निर्माण कार्य अंतिम चरण में हरदा। जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में अब बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। हरदा जिला चिकित्सालय की नई अत्याधुनिक 150 बेड की बिल्डिंग का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। अधिकारियों का कहना है कि करीब दो हफ्तों में भवन का काम पूरा होने की संभावना है, जिसके बाद अस्पताल को नए रूप में जनता के लिए खोला जाएगा। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एच. पी. सिंह ने बताया कि अब तक जिला अस्पताल में केवल 100 बेड की सुविधा थी, जिससे मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अक्सर भीड़भाड़ और बेड की कमी की स्थिति बन जाती थी। नई बिल्डिंग तैयार होने के बाद मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। हालांकि, निर्माण कार्य अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है, जिसके चलते लोगों को नई सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए कुछ और समय इंतजार करना होगा। निर्माण एजेंसी द्वारा भवन के फिनिशिंग और उपकरण स्थापना का कार्य जारी है।
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VMVimlesh Mishra
Nov 10, 2025 10:50:23
Mandla, Madhya Pradesh:मण्डला - पड़ोसी राज्य छग से मण्डला पहुंचे हाथियों का आतंक है । छग की सीमा से लगे जिले के विकासखंड मवई जनपद के ग्राम बिलाइखर, सूरजपुरा ओर परसेल में करीब एक दर्जन हाथियों का आतंक है । जंगली हाथियों ने बीती रात ग्राम बिलाईखार में न केवल 3 घरों को जमकर क्षतिग्रस्त किया है बल्कि ग्रामीणों के घरों में रखा अनाज व अन्य सामानों को भी नुकसान पहुंचाया है । ग्रामीण हाथियों के आतंक से जंहा नुकसान उठा रहे है वंही दहशत में है और वन विभाग पर आरोप लगा रहे है कि वन महकमा निष्क्रिय है जबकि वन अधिकारी जबाव देने से बचते नजर आ रहे है फोन पर चर्चा करने पर वन अधिकारियों का जबाव है कि वन अमला क्षेत्र में सक्रिय है ।
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PCPranay Chakraborty
Nov 10, 2025 10:50:12
Noida, Uttar Pradesh:
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KSKartar Singh Rajput
Nov 10, 2025 10:49:38
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VKVijay1 Kumar
Nov 10, 2025 10:48:22
Noida, Uttar Pradesh:थाना 113 पुलिस ने ऐसे दो शातिर चेन लुटेरों को गिरफ्तार किया है, जो बेहद चालाकी से वारदातों को अंजाम देते थे। पुलिस के मुताबिक आरोपी नोएडा और एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में दोपहिया वाहन से घूमकर राह चलते लोगों को निशाना बनाते थे। मौका मिलते ही गले से चेन झपट लेते और फरार हो जाते। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सौरभ यादव उर्फ गोली और रौनी उर्फ श्रेयस शुक्ला के रूप में हुई है। पुलिस जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी सौरभ यादव के खिलाफ पहले से ही 38 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और उस पर दो बार गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका है। वहीं उसके साथी रौनी उर्फ श्रेयस शुक्ला के खिलाफ भी 7 मुकदमे दर्ज हैं। दोनों अपराध की दुनिया में लंबे समय से सक्रिय हैं और कई बार पुलिस को चकमा दे चुके हैं। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक अपाचे मोटरसीकल, लूटी गई सोने की चेन, चेन के चार टुकड़े, एक गोल्ड सिक्का, एक तमंचा, चाकू और नकदी बरामद की है। एडीसीपी नोएडा सुमित शुक्ला ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की गई थी। लगातार ट्रैकिंग और निगरानी के बाद दोनों को धर दबोचा गया। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इन दोनों ने कितनी वारदातों को अंजाम दिया है और इनके अन्य साथियों की भी तलाश जारी है।
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BDBabulal Dhayal
Nov 10, 2025 10:47:51
Jaipur, Rajasthan:ANCHOR अंता उपचुनाव में मतदान की घड़ी नजदीक है। कल सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। इस उपचुनाव में दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। आखिरी वक्त तक बीजेपी और कांग्रेस ने मुकाबला अपने पक्ष में करने के लिए जी-तोड़ कोशिश की है। मतदान दल पोलिंग बूथों पर पहुँच चुके हैं, मतदान की तैयारी आखिरी दौर में है। कल अंता की जनता नया विधायक चुनेगी; दो लाख अठाईस हजार मतदाता पन्द्रह उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। अंता में त्रिकोणीय मुकाबला बताया जा रहा है, इसलिए सुबह से ही मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें लगने की अटकलें लगाई जा रही हैं। हर वर्ग का मतदाता लोकतंत्र के इस पवित्र यज्ञ में अपनी आहुति देने को बेकरार नजर आ रहा है। कल दिन भर एक-एक वोट को निर्णायक मानकर बीजेपी और कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा मतदान कराने की कोशिश करेंगे। भजनलाल सरकार के मंत्रियों को अंता में प्रचार की जिम्मेदारी दी गई है; भले ही प्रचार खत्म होने के बाद वे अंता से बाहर हों, पर मंत्री पल-पल की अपडेट ले रहे हैं और हर नेता से बराबर संपर्क साधा जा रहा है। बूथ से लेकर अपनी जाति समुदाय के नेताओं को भाजपा के पक्ष में मतदान कराने की अपील की जा रही है। BJP प्रत्याशी मोरपाल सुमन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधারা राजे की पसंद माने जाते हैं; राजे ने सप्ताहभर अंता के गांव-गली, कस्बों में प्रचार किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजे के साथ दो बड़े रोड शो किए हैं, उनसे वन-टू-वन संवाद कर समर्थकों से उम्मीदवार को जिताने की अपील की गई है। कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया गहलोत की पसंद हैं; सचिन पायलट को भी भाया ने प्रचार में बुलाकर गुर्जर मतदाताओं को अपने साथ जोड़े रखने की कोशिश की है। गहलोत के सहारे भाया माली मतदाताओं के वोट मिलने की आस लगा रहे हैं, लेकिन भाया को माली वोट मिलना मुश्किल लग रहा है क्योंकि भाजपा उम्मीदवार के माली समाज से होने के कारण। सबसे ज्यादा माली मतदाता होने का फायदा भाजपा को मिल सकता है, तो धाकड़ मतदाता परंपरागत रूप से भाजपा का वोट बैंक हैं। सामान्य वर्ग का झुकाव भाजपा के पक्ष में ज्यादा नजर आता है, अल्पसंख्यक मतदाता भी निर्णायक भूमिका अदा कर सकते हैं, पर दलित मतदाताओं के वोट अगर नहीं बंटे तो मुकाबला बेहद नजदीकी हो सकता है। मतदान से पहले विकास जैसे मुद्दे कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं; पूरा चुनाव जातीय गणित में उलझकर रह गया है। भाजपा का जनबल बनाम धनबल का मुद्दा जरूर लोगों की जुबान पर है; प्रमोद भाया पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप भी आम जनता के बीच इस उपचुनाव में खूब सुनाई पड़े हैं। भाया-रे भाया खूब खाया का नारा अभी भी बना हुआ है। गौण बयानों के बीच बहस और चुनावी प्रचार में जुटे नेताओं की भीड़ अब खत्म हो चुकी है और अंता के मतदाता तय करेंगे कि जनता किसे जिताती है।
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BKBRAJESH KUMAR
Nov 10, 2025 10:47:39
Khunti, Jharkhand:क्षेत्र खूँटी स्लग - उलिहातु के पड़ोसी तीन गाँव गसर, तुबिद और लुपुंगडीह में बिजली, पानी और सड़क की व्यवस्था का अभाव। खूँटी जिले के अड़की प्रखंड अंतर्गत बाड़ीनिजकेल पंचायत के तीन गाँव गसर, तुबिद और लुपुंगडीह गाँव में झारखण्ड और निर्माण के 25वें वर्ष में भी वहाँ के ग्रामीण ढिबरी युग में जीवन यापन कर रहे हैं। उलिहातु से महज तीन किलोमीटर दूर तीनों गाँव में या तो सोलर लाइट के सहारे रात में रौशनी का व्यवस्था किया जाता है या किरासन तेल से ढिबरी जलाकर उजाला किया जाता है। एक वर्ष पहले भी उक्त गाँवों की दशा समाचार में प्रकाशित हो चुकी थी। लेकिन उसके बाद आजतक केवल बिजली का खम्भा खड़ा हुआ और अब वर्तमान में तार खींचा जा रहा है। बिजली का खम्भा गांव तक तब आया जब ग्रामीणों ने चंदा करके खम्भा लेकर गाँव तक लाए और गाढ़ा गया। फिर ग्रामीणों ने उपभोक्ता बनने के लिए बिजली विभाग को अपना आधार कार्ड और आवेदन दिया। लेकिन देखने के लिए केवल तार खींचाया हुआ है। पर किसी ग्रामीणों को बिजली का लाभ अबतक नहीं मिल पाया है। बाईट - ग्रामीण। वहीं गसर गाँव में पेयजल संसाधन का कोई उचित व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण लोगों को खेत में बने डाड़ी का पानी पीने को मजबूर हो गये हैं। गर्मी में पानी सूख जाता है और बरसात में खेतों का बहता गंदा पानी पीना पड़ता है。 बाईट - ग्रामीण महिला , गसर। इन गसर , तुबिद और लुपुंगडीह गाँवों के सड़कों का भी हाल बहुत बूरा है। इन गांवों के सड़क जर्जर हो चुके हैं। विगत कई वर्षों पहले सड़क बना था जो कब बना था ग्रामीणों को भी याद नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि हमलोग बिजली पानी सड़क कै लिए विभाग के अधिकारियों को जानकारी दे चुके हैं लेकिन केवल सांत्वना मिलता है। जनप्रतिनिधि भी इसपर कभी ध्यान नहीं दिया । जिसके कारण भुक्तभोगी बने हुए हैं। वहीं लोग 15 नवम्बर को नेतागण उलिहातु आते हैं । वहां का चिंता करते हैं पर बगल के गांव होने के बावजूद हमारे गाँव आज भी विकास का बाट जोह रहा है। ग्रामीण चाहते हैं कि बिजली पानी और सड़कों का व्यवस्था है जाए तो जीवन जीना कुछ आसान हो जाएगा। बाईट - ग्रामीण गसर।
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