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ग्रामीण डिपो की साझा छापामार कार्रवाई: ज़िले में खाद, केमिकल दुकानों की कड़ी निगरानी
WMWaqar Manzoor
Nov 16, 2025 08:34:13
In continuation of its efforts to prevent misuse of agricultural chemicals and to ensure strict compliance with safety regulations, Ganderbal Police today conducted a comprehensive inspection drive of fertilizer and chemical shops across the district. The surprise checking was carried out by teams from various Police Stations under the supervision of senior officers. The inspection aimed to verify stock records, sale registers, licenses, storage conditions, and adherence to safety protocols in order to curb any possibility of illegal diversion or misuse of fertilizers and chemicals for unlawful activities. During the drive, shopkeepers were sensitized about maintaining proper documentation, following mandatory guidelines, and cooperating with law-enforcement agencies in monitoring suspicious bulk purchases. Ganderbal Police also emphasized the importance of ensuring that restricted chemicals are sold strictly as per norms. Ganderbal Police reiterated its commitment to maintaining public safety, preventing misuse of regulated materials, and promoting lawful business practices. Such inspection drives will continue in the coming days to strengthen oversight and ensure compliance across all units dealing with sensitive materials. Ganderbal Police appeals to the public and traders to cooperate and report any suspicious activity to the nearest Police Station.
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AAANOOP AWASTHI
Nov 16, 2025 10:21:14
Jagdalpur, Kumhar Para, Chhattisgarh:जगदलपुर में युवाओं को नशे के दलदल की ओर धकेलने वाले नशे के सौदागरों पर बस्तर पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है, ऐसे ही एक मामले में बोधघाट थाने की पुलिस ने गांजा बेचने का प्रयास कर रहे एक आरोपी को जगदलपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है, पुलिस के अनुसार आरोपी देवेन्द्र वासवानी रेलवे स्टेशन के कार पार्किंग स्थल में ग्राहकों का इंतजार कर रहा था तभी मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को धर दबोचा, आरोपी के कब्जे से पुलिस ने तकरीबन 7 किलोग्राम गांजा बरामद किया, जब्त गांजे की कीमत 70 हजार रुपए बताई जा रही है फिलहाल आरोपी के खिलाफ बोधघाट थाने में NDPS एक्ट के धारा 20.b.ii.B के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को जेल भेजा गया है। बताया जा रहा है कि आरोपी पुलिस की नजर से बचने के लिए उड़ीसा से कम मात्रा में गांजा लेकर जगदलपुर आता था और यहां नशे के कारोबार को अंजाम देता था。
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AGAbhishek Gour
Nov 16, 2025 10:20:44
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RSR.B. Singh
Nov 16, 2025 10:19:57
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RKRaj Kishore Soni
Nov 16, 2025 10:19:08
Raisen, Madhya Pradesh:रायसेन जिले के बेगमगंज मड़देवरा गांव में डीपी पर चढ़कर बिजली जोड़ रहे हेल्पर की बिजली विभाग द्वारा बिना बताये बिजली चालू करने से करंट लगने से मौत हो गई। विद्युत विभाग की लापरवाही एवं दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्षेत्रीय विधायक देवेंद्र पटेल सहित ग्रामीण जनता चक्का जाम पर बैठे हुए हैं। पड़रिया राजाधार ग्राम पंचायत के मड़देरा गांव की बिजली बिल नहीं भरे होने से काटी हुई थी। ग्राम वासियों द्वारा बिल जमा किए जाने के बाद विद्युत विभाग ने गांव की बिजली सप्लाई चालू करने के निर्देश लाइनमैन बलराम रजक को दिए थे जिसने सहायक लाइनमैन संजय लोधी एवं हेल्पर अर्जुन सिंह को डीपी से गांव की लाइन जोड़ने के लिए भेजा था। लाइन जोड़ने समय उन्होंने बिजली बंद रखने का परमिट ले लिया था लेकिन समय से पहले ही बिजली चालू होने से एकाएक करंट प्रभावित हुआ और उसकी चपेट में लाइन जोड़ रहा हेल्पर अर्जुन सिंह आ गया जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। सवाल यह उठता है कि जब विद्युत कर्मियों ने बिजली बंद करने का परमिट लिया था तब बिना उनसे पूछे किस व्यक्ति द्वारा बिजली की सप्लाई चालू की गई जिसके कारण यह दर्दनाक हादसा हुआ। थानाप्रभारी राजीव उइके ने बताया की पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।
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MMMohammad Muzammil
Nov 16, 2025 10:18:33
Dehradun, Uttarakhand:रिपोर्ट मोo मुजम्मिल ( विकासनगर ) विकासनगर के शिमला बायपास रोड पर मौजूद शेरपुर गांव में आज एक बड़ा हादसा हो गया। नो एंट्री के बावजूद तेज रफ्तार डंपर एक घर में जा घुसा...इस भीषण हादसे में घर के भीतर पूजा कर रही एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। जानकारी के मुताबिक डंपर शिमला बायपास रोड से अचानक गांव की तरफ मुड़ते ही बेकाबू हो गया... इस तेज रफ्तार डंपर ने पहले खंबे को टक्कर मारी और फिर कई चीजों को रोंधता हुआ सीधा दीवार तोड़कर घर में जा घुसा। टक्कर इतनी जोरदार थी की डंपर का अगला हिस्सा मकान के भीतर घुस गया जिससे ये पूरा मकान बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया... मकान का बचा हुआ हिस्सा भी कभी भी गिर सकता है...घटना के वक्त घर मे एक महिला पूजा पाठ कर रही थी...जो घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई... घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया गया है... डंपर कुछ और आगे बढ़ा होता तो महिला की जान भी जा सकती थी... वही घटना के बाद सहसपुर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार की हर संभव मदद का भरोसा दिलाया... विधायक ने नो एंट्री में दौड़ रहे डंपर वाहनों के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए पुलिस को ऐसे वाहनों पर सख्त कार्यवाही की हिदायत दी है...
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KCKULDEEP CHAUHAN
Nov 16, 2025 10:18:17
Baghpat, Uttar Pradesh:कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय राय बागपत के बड़ौत पहुंचे, जहाँ उन्होंने भाजपा और एनडीए सरकार पर सीधा हमला बोला। पत्रकारों से बातचीत के दौरान अजय राय ने बिहार विधानसभा चुनाव, दिल्ली धमाके, सोनभद्र हादसे और प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए। अजय राय का दावा है कि बिहार में एनडीए की जीत “वोट चोरी” का नतीजा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और भाजपा पूरे देश में वोट कटवाकर चुनाव जीतने की साजिश कर रहे हैं। उनका आरोप है कि बिहार चुनाव में 65 लाख वोट काटे गए और गुजरात के ऑब्जर्वर को खास तौर पर चुनाव ड्यूटी दी गई ताकि मनमाफिक परिणाम लिए जा सकें। राय ने इसे “बेइमानी से जीता गया चुनाव” बताया।उन्होंने कहा कि 2027 में यूपी चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अभी से तैयारी शुरू कर चुकी है और जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी। साथ ही दावा किया कि यूपी में थाने, तहसील, ब्लॉक और बिजली विभाग दलाली के अड्डे बन गए हैं, जिससे जनता परेशान है। दिल्ली धमाके पर बोलते हुए अजय राय ने इसे चुनावी टाइमिंग से जोड़ दिया। उन्होंने कहा — 10 नवंबर को हमला और 11 नवंबर को बिहार चुनाव… यह संयोग नहीं हो सकता। पुलवामा हमले का उदाहरण देते हुए उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। सोनभद्र की घटना पर भी उन्होंने सरकार को घेरा। कहा कि मुख्यमंत्री योगी वहीं मौजूद थे, फिर भी चट्टान धँसने से श्रमिकों की मौत हो गई, जो गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की।
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ASAkash Sharma
Nov 16, 2025 10:18:06
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UCUmesh Chouhan
Nov 16, 2025 10:17:49
Jhabua, Madhya Pradesh:झाबुआ जिले के भोले-भाले आदिवासी मजदूरों की मजबूरी और उनकी पीड़ा एक बार फिर पूरे प्रदेश को हिला देने वाली घटना के रूप में सामने आई है। मंडियों में मजदूरी खत्म, पंचायतों में मनरेगा में काम बंद… ऐसे माहौल में झाबुआ के आदिवासी मजदूर घर में बैठे-ब Bots भूखे मरने की कगार पर पहुँच जाते हैं और यही मजबूरी उन्हें गुजरात जैसे महानगरों में धक्के खाने पर मजबूर कर देती है। ऐसा ही एक दर्दनाक और तीखा मामला झाबुआ जिले के ग्राम मालखंडवी में सामने आया, जिसने जिले की व्यवस्था पर कई कटु प्रश्न खड़े कर दिए हैं। वेतन नहीं, PF नहीं… उल्टा नौकरी से निकालने की तैयारी — मजदूरों का फूटा गुस्सा अहमदाबाद के बेहरमपुरा क्षेत्र में कचरा वाहनों पर काम कर रहे थांदला तहसील के मालखंडवी और आसपास के गांवों के दर्जनों आदिवासी ड्राइवर महीनों से वेतन और PF के इंतजार में थे। इनका आरोप है कि किसी का 3 महीने, किसी का 4 महीने का वेतन नहीं दिया गया। PF का एक रुपया तक नहीं मिला। वादा किया था—“सब मिलेगा, सिर्फ काम करो।” अब ठेकेदार नए ड्राइवर रख रहा था, पुराने को निकालने की तैयारी में था।ड्राइवरों को जब यह पता लगा, तो दर्द और गुस्से में उन्होंने गुजरात से एक साथ 12 कचरा वाहन लेकर सीधे अपने गांव वापस आने का फैसला कर किया। सुपरवाइजर भी गुजरात से पीछे-पीछे पहुंचा — GPS काटने से चली पकड़ जैसे ही ड्राइवर गाड़ियां लेकर निकल पड़े, वाहनों की GPS लोकेशन गायब हो गई। बेहरमपुरा के सुपरवाइजर ने बताया “दो गाड़ियों का GPS नहीं चल रहा था। इंक्वायरी की तो पता चला कि सभी गाड़ियां गांव की तरफ जा चुकी हैं। हम गुजरात से सीधे झाबुआ तक आए, तो मालखंडवी में 12 गाड़ियां खड़ी मिलीं।” सोकड़िया नामक ठेकेदार के अंडर में काम करते थे सभी ड्राइवरों का कहना है कि वे सोकड़िया नाम के ठेकेदार के अंडर में कचरा वाहन चलाते थे। वहीं गांव पहुँचने वाले सुखराम गरवाल ने बताया मेरे अंडर 35 गाड़ियां काम करती थीं। अब इन सबका करीब 55 लाख रुपए वेतन और PF बन रहा है। मैं गरीब इंसान हूं, ये रकम कहां से दूं? ठेकेदार इनकी पूरी रकम दे, तब गाड़ियां वापस ले जाए। उन्होंने यह भी बताया कि सभी गाड़ियों की चाबियाँ उनके पास रख दी गई हैं, जब तक मजदूरी नहीं मिलेगी वाहन वापस नहीं होंगे। गांव में सरपंच, पटेल, तड़वी को भी सूचना — पुलिस को भी मामला बताया गया ड्राइवरों ने गांव पहुँचकर सबसे पहले इस स्थिति की जानकारी सरपंच, तड़वी, पटेल और ग्रामीणों को दी। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को भी दी गई। गांव के लोग भी मजदूरों के साथ खड़े दिखाई दिए। झाबुआ के आदिवासियों की सबसे बड़ी समस्या — काम नहीं, मजबूरी अधिक 1. मंडी पूरी तरह ठप पहले मंडी में मजदूरों को भरपूर काम मिलता था। आज स्थिति यह है कि न दुकाने लगती हैं, न मंडी में खरीदी होती है, न मजदूरी मिलती है。 2. पंचायतों में मनरेगा बंद जैसा हाल मनरेगा सिर्फ कागजों में चल रही है। गांवों में महीनों से एक भी मजदूरी का काम नहीं खुला। 3. मजबूरी में गुजरात जाना पड़ता है काम नहीं → भूख भूख → पलायन और पलायन → शोषण गुजरात की कंपनियों में इन्हें, कम वेतन, देर से भुगतान, PF न देना, रात-दिन काम करना, ऊपर से नौकरी से निकालने की धमकी, यह सब इन भोलेभाले लोगों को सहना पड़ता है。 क्यों उठाना पड़ता है इतना बड़ा कदम? छोटे-छोटे गांवों के भोलेभाले आदिवासी गुजरात जाते हैं सिर्फ पेट पालने के लिए。 लेकिन जब वहां महीनों की मेहनत का पैसा न मिले…, काम से निकालने की धमकी मिले…, वादा करके PF तक न दिया जाए, तो फिर उनके पास कोई रास्ता नहीं बचता। मालखंडवी के मजदूरों ने भी यही किया— न्याय न मिला, तो 12 गाड़ियां उठाकर गांव ले आए। अब वे साफ-साफ कह रहे हैं, कि हमारी पगार दो… और गाड़ी ले जाओ!” गुजरात में प्रताड़ना, झाबुआ में बेरोजगारी — किसकी जिम्मेदारी? इस घटना ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं, क्या झाबुआ के मजदूर सिर्फ शोषण के लिए पैदा हुए हैं? मंडी, मनरेगा, रोजगार सभी बंद… सरकार किसका भला कर रही है..?आदिवासियों पर गुजरात में बढ़ता अत्याचार किसकी चिंता है? झाबुआ से रोज़गार खत्म करने वाले अधिकारी–जनप्रतिनिधि मौन क्यों हैं?
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