Back
जेएनयू चुनाव: लेफ्ट की जीत, ABVP बनाम प्रगतिशील विचारों की बहस तेज
TCTanya chugh
Nov 08, 2025 08:37:17
Delhi, Delhi
One to one with winners of jnu election, central panelists in chaupal format
Talk points- win, abvp's vote share is increasing, left will still rule in future, issues and manifesto, politics, sloganeering of aanti infians amd tukde tukde gang and kanhaiya kumar, women empowerment, safety of women, crime, delhi government.....
अदिति मिश्रा- यह जीत जेएनयू के आइडिया की जीत है यह जीत है नफरत हिंसा और मारपीट के खिलाफ और यह जीत है सस्ती अफॉर्डेबल शिक्षा की बेहतर शिक्षा के पक्ष में और जीत है उन तमाम मुद्दों के लिए जिनके लिए लिफ्ट सालों साल से लड़ता आया है और यह जेएनयू के स्टूडेंट का विश्वास दिखता है स्ट्रगल में रेजिस्टेंस में जो जेएनयू हमेशा से दमनकारी नीतियां रही हैं सरकार की शिक्षा पर शिक्षा का जो मोडिफिकेशन करने की कोशिश की जा रही है और कई महीने में सफल भी रहा है देश के तमाम हिस्सों में लेकिन जेएनयू एक रजिस्टेंस का मॉडल बनाकर स्ट्रांग्ली डटकर खड़ा रहा है और हमेशा खड़ा रहेगा
जो पैनल है जितने भी कैंडीडेट्स है उसमें सिर्फ एबीपी या लेफ्ट यूनिट नहीं था उसमें तमाम और भी प्रोग्रेसिव इतिहास रखने वाले कैंडिडेट्स थे एक तरफ आधा वोट एबीवीपी को गया हो यह नहीं कह सकते हम और भी लोगों को भारी संख्या में मिली है जो एबीवीपी को हमारे साथियों की औकात न सिर्फ केंद्रीय पैनल में तमाम सेंटर में उनको दिखा दिया है कि आपकी जो राजनीति है यहां से रिजेक्ट करी जाती है हमेशा ही की जाएगी सालों साल से की गई है आगे भी की जाएगी
Gopika K Babu- एक डायरेक्ट आईडियोलॉजिकल साइट RSS आईडियोलॉजी और लेफ्ट क्या सोचती है उसके बीच जेएनयू का इलेक्शन एक ऐसा इलेक्शन है जिस पर पूरे देश की नजर होती है सारी यूनिवर्सिटी की होती है यह जीत लेफ्ट के प्रोग्रेसिव थॉट की जीत है जो जेएनयू में है सोशल जस्टिस की जीत हुई है यह जेएनयू की legacy जो जानी जाती है और स्टूडेंट का फैसला था इलेक्शन से पहले ही की वायलेंस मनोवाद की पॉलिटिक्स और इस्लामोफोबिया की पॉलिटिक्स जो RSS करती है और उनकी बॉडी ABVP वह हारेगी स्टूडेंट की आवाज ही उठाई जाएगी
सुनील यादव- जब हम लड़ाई लड़ रहे थे तो कुछ उतार-चढ़ाव जरूर थे लेकिन हमें विश्वास था क्योंकि जो कैंपस का स्टूडेंट है उसने बार-बार लेफ्ट यूनिट के जो संगठन है प्रोग्रेसिव पॉलिटिक्स है उसे पर बार-बार विश्वास जताया है तो जरूर उतार चढ़ते तो विश्वास था कि हमें जीतेंगे लेकिन जो यहां पर लिगसी रही है कैंपस में लिफ्ट यूनिट रहा है और जो मजबूत तरीके से उठाने की लड़ने की जो स्टूडेंट है यहां पर वह कभी धन बलिया पॉलिटिक्स को स्वीकार नहीं करेगा हम इस जीत को तमाम मेहनत का क का जो छात्र सपना देखते हैं इस विद्यालय में आकर पढ़ने का तो यह उसकी जीत है कि जेएनयू अभी भी एक अफॉर्डेबल जगह है जहां तमाम वर्जित वर्गों से बच्चे आगे पढ़ सके यह उसे सपना की जीते हैं
दानिश अली- हर बार इलेक्शन का टाइम हम देखते हैं कि जब वोटिंग होती है फिर वैलेट पेपर खुलता है तमाम तरीके के सब लोग चलाना शुरु कर देते हैं कि इस बार तो जेएनयू में भगवा लहरा गया पिछली दो बार से मैं यह देख रही हूं लेकिन होता यह है जो उनकी कोशिश होती है यहां पर जितने की उसमें जो यहां का स्टूडेंट है जो एक्टिविस्ट छात्र है उन्हें मार देते हैं और उन्हें बता देते हैं कि जो आपकी यह नफरत की राजनीति है जो कास्टीस्ट आपकी सोच है मैं सोचनी है जो इस्लामोफोबिया है उसे तरह की राजनीति आप देश में भले ही बाकी जगह चमक रहे हैं लेकिन जेएनयू ऐसा कैंपस है जो आपके छात्र है समझने वाले हैं पढ़ने वाले और सवाल करने वाले हैं वह सरकार से डर के रहने वाले नहीं है तो यहां पर उनकी इस तरह की राजनीति नहीं चलेगी
अदिति मिश्रा- वह हर समय कॉन्फिडेंट रहते हैं क्योंकि उनकी सरकार है उनका एडमिनिस्ट्रेशन है दिल्ली में उनकी सरकार है इनके पास कॉन्फिडेंस की पैसे की कोई कमी नहीं है हम देखते हैं कि वह लोग मरते हैं और जो लोग मार खाते हैं वह जाते हैं फिर करने तो जो शिकायत कर रहा है जो उनके साथ छात्र जाते हैं उनके पीछे उनके साथ खड़े होकर ताकि एक प्रेशर क्रिएट हो और पुलिस जो हिंसा उसे समय कामरेड नीतीश मार खा रहे थे पुलिस सिर्फ 10 मीटर की दूरी पर है पर कुछ नहीं कर रही थी और जब शिकायत करने जाते हैं तो उल्टे मार खाते हैं और detain होते हैं
जब तक पढ़ने लिखने वाले सोचने समझने वाले छात्र जेएनयू में रहेंगे जो है कितना भी प्रोपेगेंडा यह फैला ले बाहर स्टूडेंट जेएनयू में जब आते हैं तो उनके प्रोपेगेंडा को सोचकर नहीं आते वह जेएनयू के बारे में जो उन्होंने सालों साल जेएनयू की बेहतरीन शिक्षा के बारे में बेहतरीन पॉलिटिकल एटमॉस्फेयर के बारे में सुनकर आते हैं और यहां पर पार्टिसिपेट करते हैं सवाल पूछते हैं और क्लास के अंदर भी ऐसे प्रोफेसर मिलते हैं जो उनके साथ बैठकर बराबरी में उनके सवालों के जवाब देते हैं बातें करते हैं इस माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है ऐसे रिक्रूटमेंट हो रहे हैं जहां उनका कोई दिक्कत नहीं है कोई प्रॉब्लम नहीं है कि वह क्लास में एक-दो घंटा पढ़ नहीं पा रहे हैं जो हमारे प्रोफेसर थे काफी रिटायर होने वाले हैं जिनकी क्लास में सीट्स भर जाते थे हम लोग नीचे बैठ बैठ कर पढ़ते थे और अब ऐसे प्रोफेसर जा रहे हैं उनकी क्लास में सीट्स भरने के लिए इन लोगों को ऐसी पॉलिसी लानी पड़ती है पहले आप कर कोर्स के अलावा बाकी सेंटर्स में आपकी मर्जी हो वहां पर कोर्स कर सकते थे उसे पॉलिसी को खत्म किया जा रहा है ताकि ऐसे प्रोफेसर जिनमें स्टूडेंट को कोई इंटरेस्ट नहीं है उनकी क्लास में स्टूडेंट्स रहे इसलिए फोर्स किया जा रहा है कि आप दूसरे सेंटर का कोर्स नहीं कर सकते
गोपीका- एबीपी हमेशा यही कहता है कि लेफ्ट अलायंस में लड़ रही है और एबीवीपी एक सबसे बड़ी आवाज है लेकिन इस नेगेटिव को हराना है एबीवीपी के पास सारी सरकार सब पावर सब कुछ है उनके पास आरएसएस और केंद्रीय सरकार का सपोर्ट है बी ने खुद कहा है कि वह बाल सेविका रहे हैं और चाय डायरेक्टर हो या प्रॉक्टर हो दिल्ली पुलिस तो उनका एलाइंस काफी बड़ा है और हम तीन स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन है जिन्होंने यहां पर स्ट्रगल किया है और यह जो एबीवीपी का माइंडेड है कि हम सबसे बड़ी आवाज है कि नहीं ऐसा नहीं है
सुनील यादव- सबसे बड़ा मुद्दा है की लगातार फंड कट जो हो रहा है पिछले कुछ समय में जब से नहीं सरकार आई है और वह जो न्यू एजुकेशन पॉलिसी लाई गई है उसके तहत लगातार जितनी पब्लिक यूनिवर्सिटी है उनका प्राइवेटाइजेशन की तरफ धकेला जा रहा है उसी के तहत उन्हें सब यूनिवर्सिटी का फंड कट हो रहा है
जेएनयू एक डेमोक्रेटिक और सैफ स्पेस के लिए जाना जाता है लेकिन पिछले समय में जो यहां पर संगठन है अखिल भारतीय वायलेंस परिषद उसने किस तरीके से पूरे कैंपस में मारपीट की छात्रों के साथ कास्टीज्म फैलाया गया इस्लामोफोबिया बातें हुई एक लड़ाई थी कि ऐसे फोर्सज इस कैंपस से उनकी जगह दिखाई जाए हम अपना डेमोक्रेटिक स्पेस बचाने के लिए भी लड़ाई लड़ रहे थे और एक जो लिगसी है लड़ाई और पढ़ाई की जेनू में और रेजिस्टेंस की जहां पर भी अन्य होता है हम उसकी बात करते हैं और उसके खिलाफ लड़ने के कुछ भी संभव नहीं है और लड़ाई के बाद ही हम एश्योर करेंगे कि आने वाली पीढ़ी पर बेहतर जेएनयू मिलेगा
जो आरएसएस बीजेपी और एबीवीपी है उनका लगातार एक अटैक रहा है जेएनयू पर रस की मैगजीन है जो लिखती है कि जेएनयू जैसी संस्थाओं पर बम गिरा देना चाहिए क्योंकि जो जेएनयू का छात्र है वह हमेशा उनकी आंखों में देखकर सवाल पूछता रहा है अगर इस देश भर में वह छात्रों पर लाठी चार्ज करते हैं या लद्दाख पर हो रहे प्रोटेस्ट पर सरेआम गोलियां चलाते हैं पहलवान सड़कों पर घसीटे जाते हैं या रेप की घटना होती है तो जेएनयू में तमाम घटनाओं के खिलाफ बोलता रहा है इसलिए जेएनयू उनकी आंखों में चुभता है
दानिश अली- जेएनयू पर तमाम तरीके के अटैक होते रहे हैं हमें हमेशा से बदनाम किया गया है अलग-अलग टैग लगाए जाते हैं कि आप देशद्रोही हैं नक्सलवादी हैं आप मुक्त हो रहे तो इसलिए मैं सिर्फ यह कहूंगी सबसे पहले यह सवाल पूछना है कि यह होता क्यों है सरकार दमनकारी नीतियां लाती है की जो भी सवाल करेगा उसे जेल में डाला जाएगा उसे पर तमाम तरह के टैग लगा दिए जाएंगे और यह सिर्फ जेएनयू की बातें अब देखिए जब किसान आते हैं सड़कों पर निकलते हैं जो कश्मीर के साथियों पर वह उन्हें आतंकवादी कहा जब नॉर्थ ईस्ट के साथ ही कुछ बोलते तो उनके साथ भी ऐसा ही होता है सरकार की जो पॉलिसी है कि जो भी सवाल उठेगा जो आईडियोलॉजी का नहीं मानेगा उसे पर यह इस तरह के टैग लगा देंगे
गोपीका- पहले के मुकाबले इस यूनिवर्सिटी में फीमेल रिसर्च स्कॉलर के नंबर की संख्या काफी कम हो गई है सेक्सुअल हैरेसमेंट के केसेस काफी बढ़ गए हैं प्रोफेसर की तरफ से भी यहां तक की पर एडमिनिस्ट्रेशन फीमेल स्टूडेंट्स के बारे में कुछ नहीं सोच रही है कैंपस में वॉशरूम में हाइजीन भी नहीं है साफ सफाई नहीं है फीमेल स्टूडेंट्स को इंफेक्शन हो रहा है इस यूनिवर्सिटी में फंड भी नहीं है फीमेल स्टूडेंट को यह भी फोर्स किया जाता है कि एक सर्टिफिकेट हो गया बस अब छोड़ दो और शादी कर लो
अदिति मिश्रा- टुकड़े-टुकड़े गैंग से लेकर जो भी हमें इतना इंटरेस्ट दिखाया जा रहा है की लिफ्ट जीता है और जो भी जेएनयू के बारे में और जो चीज फ्लाइट जाती है उसमें मीडिया सबसे आगे होता है
सरकार के लिस्ट में जेएनयू सबसे ऊपर आता है और 10 साल से फंड कट कर करके फिर भी जेएनयू पर आता है लैब में इक्विपमेंट नहीं है स्टूडेंट पैसा इकट्ठा करके दीवार बनवेट हैं की ताकि एक्सपेरिमेंट कर सकें क्या पढ़ने लिखने वाले लोग सिर्फ मशीन की तरह काम करने के लिए जो यह पॉलिसी ली जाएगी उसका मकसद यही है कि के लेबर बनाई जाए उनकी फैक्ट्री में जाने के लिए सवाल कोई न पूछे
सारी चीज डाइल्यूट करी जा रही है ताकि लोग आवाज ना उठाएं अपने
जसा मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी कहती है कि चाय और दम या सीएम बन जाए पर सुबह काम पर जाने से पहले अपने पति के कपड़े आलमारी से निकाल कर ही जाना है और प्रज्ञा ठाकुर क्या कहती हैं की टांगे तोड़ दो बेटियों की अगर अपनी मर्जी करने लगे जब लड़कियां मेडल जीत गई तो देश की बेटी होती हैं और जब उन्होंने कंप्लेंट करी हरासमेंट के खिलाफ तो गलत हो जाता है जब कोई भी अपने खिलाफ अपराध हुए अपराध के बारे में आकर बोलता है तो बहुत हिम्मत करनी पड़ती है
जो इनकी इमेजिनेशन ऑफ़ इंडिया है उसमें महिलाओं का दर्जा हमेशा नीचे रहेगा
जो सामान नागरिक के अधिकार के बारे में बात करते हैं हमारे साथी उमर खालिद शारजेली इमाम वह जेल में 5 साल से बिना ट्रायल के बंद है यह कितना बड़ा मजाक चल रहा है
जो सब बाहर हो रहा है उसका रिफ्लेक्शन अंदर भी आएगा और जहां जेएनयू जहां पर हमेशा हलचल रहती थी वहां हमारी जिम्मेदारी थी दूसरे को महसूस रखना अभी पलट गया है अब सर्विलांस सिस्टम लग रहा है फैसियल रिकॉग्निशन सिस्टम लग रहा है क्या हम अपराधी हैं हमको आने से पहले ही अपराधी डिक्लेयर कर दिया है और वह डाटा कहां जा रहा है हमें नहीं बताया गया और उसके बाद यह लाइब्रेरी बोलेंगे 8:00 बजे तक खुली है फिर लाइब्रेरी ही नहीं खुली है तो सेफ्टी के लिए लड़कियों को अंदर रखो यह तमाम पॉलिसी आएंगे हम देख सकते हैं
महिला कौन सी कास्ट या लोकेशन से आती है उसे पूरी राजनीति बदल जाती है तो जब रेखा गुप्ता जी यह कहते हैं कि जो पिक टिकट है दिल्ली के महिलाओं को मिलेगी कुछ महिलाओं को मिलेगी
7
Report
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|
Advertisement
ATArun Tripathi
FollowNov 08, 2025 10:55:060
Report
DDDeepak Dwivedi
FollowNov 08, 2025 10:54:540
Report
SKSundram Kumar
FollowNov 08, 2025 10:54:370
Report
MKMANTUN KUMAR ROY
FollowNov 08, 2025 10:54:120
Report
AMABHAYA MOHANTY
FollowNov 08, 2025 10:53:590
Report
PCPranay Chakraborty
FollowNov 08, 2025 10:53:440
Report
HSHITESH SHARMA
FollowNov 08, 2025 10:53:340
Report
RKRampravesh Kumar
FollowNov 08, 2025 10:53:24Noida, Uttar Pradesh:RJD के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी बिहार में EVM Strongroom की तत्काल सुरक्षा बढ़ाने की मांग की
0
Report
VKVijay1 Kumar
FollowNov 08, 2025 10:53:170
Report
VKVijay1 Kumar
FollowNov 08, 2025 10:53:060
Report
ADAbhijeet Dave
FollowNov 08, 2025 10:52:520
Report
BSBHUPENDAR SINGH SOLANKI
FollowNov 08, 2025 10:52:350
Report
BSBHUPENDAR SINGH SOLANKI
FollowNov 08, 2025 10:52:280
Report
PSPradeep Soni
FollowNov 08, 2025 10:52:210
Report
MKMANTUN KUMAR ROY
FollowNov 08, 2025 10:52:100
Report