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Hamirpur177001

शिमला-मटौर फोरलेन पर जंगल की बर्बादी का मामला, वन विभाग ने लिया एक्शन!

ASARVINDER SINGH
Jul 18, 2025 10:05:33
Hamirpur, Himachal Pradesh
हमीरपुर। निर्माणाधीन शिमला-मटौर फोरलेन के चीलबाहल से कोहली टू लेन पैच में मसयाणा जंगल में मनमाने तरीके से काटे जा रहे पहाड़ी का मामला उजागर होने के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने यहां पर 90 डिग्री की सीध में काटी गई पहाड़ी और कुणाह खड्ड में डपिंग पर एक्शन लिया है। यहां पर डैमेज रिपोर्ट (डीआर) काटी गई है। हालांकि विभाग की सूचना और निर्देशों के बाद भी एनएचएआई और कंपनी के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। महज सुपरवाइजर स्तर और मजदूर यहां पर मौजूद रहे। कंपनी के कर्मचारियों ने यह दावा किया उन्होंन ब्लास्टिंग की अनुमति ले रखी है हालांकि वन विभाग ने इसे लेकर अनभिज्ञता जाहिर की।  बीते कुद दिनों से यहां पर ब्लास्टिंग का सिलसिला लगातार जारी है। यहा 90 डिग्री की सीध में मसयाणा जंगल की पहाड़ी को काटा गया है। वन विभाग मंडल हमीरपुर का तर्क है कि ब्लासटिंग की अनुमति नहीं दी गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते कुछ दिनों से लगातार यहां पर ब्लास्टिंग से मसयाणा जंगल की पहाड़ी थर्रा उठी है जिससे लोग भी दहश्त में हैं। वहीं मसयाणा चौक तक गहरी खाई के रूप में एक झील बारिश के पानी से बन गई है। यहां पर पहाड़ी के मलबे को सीधा कुणाह खड्ड में फेंका जा रहा है।  शिमला-मटौर फोरलेने के इस टूलेन पैच को ग्रीन फील्ड का तमगा देकर यहां पर न तो डपिंग साइट विकसित की गई और न ही अब निर्माण के मानकों की पालना हो रही है। कुणाह खड्ड पर टूलेन पुल का निर्माण भी किया जा रहा है। इस पुल के निर्माण के लिए खड्ड में भारी मलबा डाला गया है। ऐसे में पानी की निकासी थम गई है, हालांकि पाइपें डालकर इसे कुछ हद तक बहाल किया गया लेकिन बरसात में बारिश के पानी से काफी क्षेत्र तक पानी जमा हो गया है। ऐसे में निर्माण कार्य करने वाली कंपनी और एनएचएआई के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। बाइट  अशोक कुमार ने कहा कि कई दफा प्रशासन, एनएचएआई को सूचित किया गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। मसयाणा के जंगल को पूरा काट दिया गया है। सैकड़ों पेड़ मलबे में दफन कर दिए गए है। मलबा खड्ड में डाला जा रहा है। मसयाण का जंगल आज नहीं तो कल तबाह हो जाएगा। अब इसे बचाना बड़ा मुश्किल है। कंपनी और एनएचएआई की मनमानी रोकने वाला कोई नहीं है।  विजय शर्मा ने कहा कि दुकानों में पहाड़ी से कटा मलबा घुसा है। कई दफा इस बारे में प्रशासन को बताया गया। कंपनी अधिकारी सुनवाई नहीं रहे हैं। मुख्यमंत्री हेल्फलाइन पर शिकायत की गई है लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है।  बाइट यहां पर सड़क निर्माण के लिए कटिंग सही ढंग से नहीं की गई है। जंगल में कई जगह पर लैंडस्लाइड हुआ है। यहां पर पेड़ों का नुकसान भी हुआ है। इसे पहले भी डंपिग की गई है। यहां पर डैमेज रिपोर्ट पहले भी काटी गई है। अब फिर डैमेज रिपोर्ट काटने का निर्णय लिया गया है। यहां खड्ड किनारे लगाई क्रेटवाल नाकाफी है।  ------नितीन नेगी, एसीएफ वन विभाग हमीरपुर
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