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Kinnaur172109

क्या किन्नौर में गुर्जरों का मवेशियों का अवैध व्यापार बढ़ रहा है?

BNBISHESHWAR NEGI
Jul 13, 2025 14:05:51
Dhar Chhiling Khola, Himachal Pradesh
किन्नौर जिला के प्रवेश द्वार चौरा और तरंडा पंचायत के जंगलो और कंडो में बाहरी क्षेत्रों से मवेशियों के अवैध रूप से लाए जाने पर स्थानीय पशु पालक और परमिट धारी गुर्जरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । क्षेत्र के पशु पालकों व गुर्जरों का आरोप है कि कुछ गुर्जर समुदाय के लोग बाहरी राज्यों एवं शिमला जिले के विभिन्न हिस्सों से घोड़े व अन्य मवेशी तरंडा और चौरा की ऊंची चोटियों पर ले जाते हैं, और वहां छोड़कर वे चले जाते हैं। ऐसे लोग बदले में उन पशु पालकों से देखभाल के नाम पर मोटा पैसा वसूल रहे हैं। इस शिकायत पर वन विभाग की टीम, पुलिस व स्थानीय पंचायत ने इलाके का दौरा किया और कुछ पशु अवैध पाए गए । लेकिन उनके मलिक क्षेत्र से नादर थे। स्थानीय पंचायत के नुमाइंदों ने मांग की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो ताकि क्षेत्र के लोगों को पहाड़ों पर पशु चारे की कमी ना हो । भविष्य में अवैध रूप से पशु उनके क्षेत्र में ना आए। बाइट थाच गांव के भेड़ पालक जियालाल ने बताया पशुपालन उनका व्यवसाय है। सर्दियों में पशुओं को नीचे की ओर रखते हैं और गर्मियों में ऊंचाई वाले पहाड़ों पर। लेकिन गर्मियों में गुर्जरों को उनके चरांद क्षेत्र में ग्रेजिंग परमिट देने के कारण दिक्कतें आ रही है। बाइट। निगुलसरी के भेड़ पालक बालक राम ने बताया कि गुर्जरों को परमिट देने के कारण उन्हें अपने पशु पथरीली जगह में चुगाना पड़ता है, जबकि अच्छी जगह पर गुर्जरों की भैंसे चुगती है। जिस से उन्हें समस्या उत्पन्न हो रही है। बाइट। गुर्जर मीर हमजा ने बताया कि वे पहाड़ों पर गर्मियों में अपनी भैंसो को लेकर के आते हैं। लेकिन यहां पर स्थानीय लोगों के साथ विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसका प्रमुख कारण यह है कि कुछ गुर्जर समुदाय व अन्य लोग अवैध रूप से पशुओं को चोरी छुपे यहां पर छोड़ जाते हैं और वे चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे पशुओं पर रोक लगनी चाहिए ताकि उन्हें भी समस्या ना हो। बाइट तरंडा पंचायत के उप प्रधान गोविंद मोयान ने बताया बीते माह खंड स्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक में इस समस्या को मंत्री के समक्ष उठाया था, की उन के इलाके में गुज्जर जिन्हे ग्रेजिंग परमिट दिया जाता है वे परमिट से अधिक पशु ले कर आ रहे है या किसी अन्य के परमिट पर आ रहे है। इस लिए एक टीम गठित कर वन, राजस्व, पुलिस, पशुपालन पंचायत और स्थानीय लोगो की टीम ने दौरा किया तो इस तरह की समस्याएं पाई गई। ऐसे लोगो को हिदायद दी जा रही है।
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