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नकली दवा माफिया का भंडाफोड़: पुलिस ने दर्ज किया मामला!

BSBhushan Sharma
Jul 18, 2025 11:32:24
Nurpur, Himachal Pradesh
लोकेशन नूरपुर भूषण शर्मा * नकली दवा निर्माण मामला- औद्योगिक क्षेत्र संसार टैरस में फैक्ट्री प्रबंधकों के खिलाफ मामला दर्ज तफ्तीश की तेज - एसपी मंयक चौधरी पंजीकृत दवा कंपनी की शिकायत पर की गई कार्यबाही पुलिस इन पेहलुओ पर कर रही है जांच नकली दवाओं से खतरे में जान, माफिया हो रहे मालामाल एंकर - पुलिस जिला देहरा के तहत पड़ते पुलिस थाना संसारपुर टैरेस के औद्योगिक क्षेत्र की एक निजी फैक्ट्री में नकली दवाइयों के निर्माण और कॉपीराइट उल्लंघन के मामले में देहरा पुलिस ने फैक्ट्री प्रबंधकों के खिलाफ मामला दर्ज, जांच तेज कर दी है। वहीं, औषधि नियंत्रण विभाग ने जब्त की गई दवाइयों और अन्य सामग्री को न्यायालय में पेश कर दिया है। पुलिस जिला देहरा के एसपी मंयक चौधरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया की यह सामग्री जांच के लिए प्रयोगशाला भेजी गई है, जिसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है। उन्होंने बताया की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होगा कि दवाओं में किस तत्व की मात्रा कितनी थी और क्या वे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं या नहीं। इसी के साथ यह रिपोर्ट मामले की अगली कार्रवाई की दिशा तय करेगी। पुलिस इस मामले पर गहना से जांच कर रही है । हर पहलुओं पर नजर दौडा़ई जा रही है! एसपी मंयक चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्रवाई एक पंजीकृत दवा कंपनी की शिकायत पर की गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि संसारपुर टैरेस स्थित एक निजी फैक्ट्री में उनके ब्रांड नाम से नकली कामराज कैप्सूल तैयार किए जा रहे हैं जिसको लेकर पुलिस इस मामले पर नजर बनाए हुए थी । कुछ अहम सुराख हाथ लगते ही बीते मंगलवार को पुलिस, औषधि विभाग और स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों की टीम ने फैक्ट्री में छापा मारा और बड़ी मात्रा में नकली दवाइयों और सामग्री को जब्त किया गया। एसपी मंयक चौधरी ने बताया कि नकली दवा निर्माण और कॉपीराइट उल्लंघन के आरोप में फैक्ट्री से जुड़े तीन प्रबंधकों के खिलाफ जांच जारी है। एसपी मंयक चौधरी कहा कि जांच की जा रही है कि इस अवैध गतिविधि के लिए कच्चा माल कहां से लाया जा रहा था और तैयार दवाइयों को कहां सप्लाई किया जा रहा था , दवाओं में किस तत्व की मात्रा कितनी थी और क्या वे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नकली दवा बनाने के मामले में प्रदेश में यह पहली कार्रवाई नहीं है। इससे पहले भी सोलन के बद्दी के साथ अन्य औद्योगिक क्षेत्रो मे कई बार नकली दवाएं पकड़ी जा चुकी हैं। यहां से देशभर के विभिन्न राज्यों में नकली दवाओं की सप्लाई होती है। मामूली लागत में मोटे मुनाफे का यह धंधा माफियाओं को मालामाल कर रहा है। वहीं कठोर कार्रवाई न होने से इस धंधे में लिप्त लोग यदि पकड़े भी जाते हैं तो वह इस धंधे को नहीं छोड़ रहे हैं। इस धंधे में कुछ माफियाओं के आ जाने से दवा कंपनी के इस हब को बट्टा लग गया है। कार्रवाई की जद में अभी कुछ और कंपनियों के भी आने की आशंका है। करीब पांच साल पहले राजस्थान व जम्मू कश्मीर में दवाओं के सैंपल फेल हुए थे। यह सारी दवाएं भी हिमाचल के इन औद्योगिक क्षेत्रो की थी। राजस्थान ड्रग विभाग और पुलिस ने इस मामले में छापमार कार्रवाई कर कुछ गिरफ्तारियां भी की थी। बड़ी बात यह है कि कुछ आरोपी ऐसे हैं जो नकली दवा के मामले में दो-तीन बार पकड़े जा चुके हैं, लेकिन वह इस धंधे को नहीं छोड़ रहे हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि इस धंधे में लागत बेहद कम है। जबकि मुनाफा ही मुनाफा है। जानकारों के अनुसार नकली दवाओं में सेलखड़ी का इस्तेमाल ज्यादा होता है। जिसकी कीमत बेहद कम होती है। लेकिन, जब उसे नकली दवा का रूप दे देते हैं तो बहुत महंगी बिकती है। बाइट -एसपी मंयक चौधरी
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