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प्रेम चंद की ड्रैगन फ्रूट खेती से आय संभव, सरकार की मदद से लाभ
NSNitesh Saini
Dec 28, 2025 09:17:08
Sundar Nagar, Himachal Pradesh
ड्रैगन फ्रूट की खेती से जुकैण के प्रेम चन्द बने प्रगतिशील किसान की मिसाल पहले ही सीजन में मिली सफलता, 50 हजार रुपये से अधिक की आय पारंपरिक खेती छोड़ अपनाई आधुनिक बागवानी तकनीक प्राकृतिक खेती पर जोर, रसायन मुक्त उत्पादन: सरकारी योजनाओं से मिला आर्थिक संबल, मिल रहा सब्सिडी का लाभ ड्रैगन फ्रूट खेती पर 3.37 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक मिल रहा अनुदान विषय विशेषज्ञ सरकाघाट डॉ. अनिल ठाकुर ने दी जानकारी। उदाहरण: प्रेम चन्द ने 2024 में हिमाचल प्रदेश उद्यान विभाग के तकनीकी सहयोग से 2.5 बीघा भूमि पर जम्बो रेड किस्म के ड्रैगन फ्रूट के करीब 800 पौधे लगाए। वर्ष 2025 में पहली ही फसल से उन्हें उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुए। अब तक वे लगभग 2 क्विंटल ड्रैगन फ्रूट 250 से 300 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेच चुके हैं, जिससे 50 हजार रुपये से अधिक की आय अर्जित हुई है। प्रेम चन्द के अनुसार उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती अपनाई क्योंकि पहले वे पारंपरिक खेती करते थे लेकिन लाभ नहीं मिल पाता था। उद्यान विभाग की प्रेरणा से उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती अपनाई। खेतों को समतल कर रेज्ड बेड तैयार किए गए तथा पौधों को सहारा देने के लिए ट्रालिस तकनीक का प्रयोग किया गया। पौधों की गुणवत्ता के लिए महाराष्ट्र से लाए गए प्रमाणित पौधों का उपयोग किया जा रहा है और भविष्य में इस खेती के विस्तार की योजना भी बना रहे हैं। प्राकृतिक खेती को प्राथमिकता देते हुए किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरक या कीटनाशक का प्रयोग नहीं करते। खेतों में ड्रैगन फ्रूट के साथ-साथ सीताफल और पपीता जैसे अन्य फलदार पौधे भी लगाए गए हैं। खेती कार्य में उनके पुत्र अर्जुन शर्मा भी सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं। वे लोगों को ड्रैगन फ्रूट के स्वास्थ्य लाभों के प्रति जागरूक कर रहे हैं, जो लंबे समय तक बिना फ्रिज के भी सुरक्षित रहता है। उद्यान विभाग द्वारा मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH) योजना के अंतर्गत प्रेम चन्द को 2.5 बीघा भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए कुल 62 हजार रुपये की सब्सिडी स्वीकृत की गई है, जिसमें से 38 हजार रुपये की पहली किस्त उनके खाते में जमा हो चुकी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप सिंचाई प्रणाली पर 25 हजार रुपये खर्च हुए, जिसमें 80 प्रतिशत यानी 20 हजार रुपये की सब्सिडी सरकार ने प्रदान की। विषय विशेषज्ञ सरकाघाट डॉ. अनिल ठाकुर ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट कैकटस प्रजाति की फसल है, जो गर्म क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है और कम समय में बेहतर उत्पादन देती है। क्षेत्र विस्तार योजना के तहत ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 3 लाख 37 हजार 500 रुपये तक का उपदान दो किस्तों में दिया जा रहा है। उद्यान विकास अधिकारी डॉ. विपिन ने कहा कि प्रेम चन्द जैसे प्रगतिशील किसान यह सिद्ध कर रहे हैं कि सरकारी योजनाओं, तकनीकी मार्गदर्शन और प्राकृतिक खेती से कम भूमि में भी टिकाऊ और लाभकारी आय संभव है।
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