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सोनीपत एनकाउंटर: दो बदमाश गोली से मरे, परिवार ने किया फर्जी का आरोप
JRJAIDEEP RATHEE
Sept 18, 2025 09:03:28
Sonipat, Haryana
सोनीपत न्यूज
गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र में बुधवार शाम पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में हरियाणा के दो कुख्यात अपराधी रविन्द्र और अरुण की गोली लगने से मौत हो गई। वहीं सोनीपत में अरुण के परिवार ने एनकाउंटर को फर्जी बताया है और मामले में जांच की मांग उठाई है। सोनीपत के मयूर विहार में रहने वाले राजेंद्र सिंह ने बताया कि उसके दो बेटे अरुण और अंकुर हैं। परिवार में चार बेटियों और एक बेटे अंकुर की शादी कर चुके हैं। अरुण छोटा बेटा था। वह पिछले 5 साल से शुगर कर रोगी रहा है और उसकी हालत ऐसी रहती थी कि 700 से 800 तक शुगर लेवल बढ़ जाता था। ऐसे में इंसुलिन और दवाइयां लेकर ही वह जी रहा था। उसने सोनीपत के इंडियन स्कूल से अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी की थी। उसके बाद वह अक्सर बीमार रहता था तो बाहर किसी फैक्ट्री में काम करने के लिए परिवार उसे नहीं भेजता था। हालांकि परिजनों ने बताया कि 1 साल पहले की उन्होंने डेयरी की शुरुआत की थी और उसमें तीन से चार पशु रखकर वह दूध का काम शुरू कर रहा था। मां सविता ने बताया कि उसका बेटा कल 3:00 बजे घर से हरिद्वार जाने के लिए कह कर निकाला था और इस दौरान उसकी मां ने उसे कहा था कि बेटा जल्दी आ जाना तेरे बगैर रहा नहीं जाता, सविता ने बताया कि उसका बेटा शुगर का पेटेंट था,इसलिए उसकी ज्यादा चिंता रहती थी। वही मां सविता रोते-रोते बोली की राम और लक्ष्मण की जोड़ी को अलग कर दिया है। उसका बेटा अब कभी भी नहीं आएगा एक बार उसके बेटे को दिखा दो। गोली चलाने के मामले में मां सविता ने कहा कि उसके बेटे ने कभी भी कोई गलत काम नहीं किया है। यहां तक की उनके बेटे ने कभी किसी के साथ लड़ाई तक नहीं की है। उन्होंने कहा है कि उसका बेटा बहुत ज्यादा दयाल था और किसी भी गरीब व्यक्ति को जब देखा था तो वह उसे उठाकर भी अपने पास बिठाकर खाना खिलाता था। वीरवार को करीबन 11:00 जब अरुण हरिद्वार के लिए जा रहा था तो उसकी मां ने पूछा कि किसी दोस्त के साथ जा रहा है तो उसने कहा कि मां यह बात मत पूछ कर आपको पता है मैं कोई गलत काम नहीं करता और कल सुबह तक घर आ जाऊंगा। 6 महीने पहले बनाया है नया मकान मां सविता ने बताया कि 10-12 रुपए का कर्ज लेकर 6महीने पहले ही उन्होंने मकान बनाया है और जिस पर अभी तक ना दरवाजे, न खिड़की चढ़ा पाएं हैं और सारा ही काम अधूरा पड़ा है। घर पर अभी तक के बिजली का कनेक्शन भी नहीं लिया है और वही फिटिंग भी नहीं की गई है। अरुण अपनी मां से कहता था कि हम सभी मेहनत करके कर्ज को उतार देंगे। वही गांव का मकान बेचकर शहर में प्लाट खरीदा था। वहीं उन्होंने कुछ भैंस भी बेची थी। इतना ही नहीं अपनी सभी बेटियों के गहने गिरवी रखे हुए हैं। वहीं उसकी मां सविता ने बताया कि उसका बड़ा बेटा अंकुर अमेजॉन में नौकरी करता है और वह शादीशुदा है। अरुण के पिता राजेंद्र सिंह एक फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करते हैं। वही अरुण की मां सविता ने बताया कि वह पहले लोगों के घरों में बर्तन साफ करती थी और उसके बाद अब फैक्ट्री में काम कर रही है। तब जाकर उन्होंने अपने बच्चों का पालन पोषण किया है। मां ने बताया कि उसके बेटे को शुगर की बीमारी होने के चलते उसे कोई काम भी नहीं करवाते थे और कई बार सुबह के वक्त भी उसे कोई नहीं उठाता था, वह अपनी मर्जी से ही उठता था। अरुण को शुगर की वजह से कई बार चक्कर भी आते थे। रोते हुए मां ने कहा कि उसके बेटे के साथ धोखा हुआ है और उसके बेटे ने कोई भी गलत काम नहीं किया और उसके बेटे को गलत तरीके से मारा गया है। बेटे के साथ अन्याय हुआ है। पिता राजेंद्र बोले वही रात के ही समय दो पुलिसकर्मी घर आए थे। उन्होंने परिजनों से परिवार के बारे में जानकारी हासिल की, परिवार ने पूछा तो पुलिसकर्मियों ने कहा था कि उनके बेटे की नौकरी की वेरिफिकेशन के लिए आए हैं। उसके बाद डिटेल लेकर पुलिसकर्मी वापस लौट गए लेकिन रात को करीबन 11:30 बजे बेटे की मौत की जानकारी लगी तो परिवार में मातम मच ग़या। पिता को जैसे ही पता लगा तो उसने रोटी खानी छोड़ दी। बेटे की मौत की खबर सुनकर मुंह का निवाला भी नीचे गिर गया। कुछ देर तक के पिता और माता ने कहा की खबर झूठ है और उनका बेटा तो हरिद्वार गया हुआ है और हरिद्वार से कल लौट कर आ जाएगा। लेकिन मोबाइल फोन में जैसे ही एनकाउंटर की तस्वीर देखी तो पिता बोले हां यही मेरा बेटा है, लेकिन पिता ने एक बार भी यह नहीं कहा कि उसका बेटा कोई गलत काम कर सकता है,केवल रोते-रोते यही बोलता रहा कि उसका बेटा कभी भी जिंदगी में कोई गलत काम नहीं कर सकता,इस बात का उन्हें पूर्ण विश्वास है। उसके बाद परिवार में उसकी 4 बहन, भाभी और भतीजे रोते रहे। पिता राजेंद्र ने कहा कि करीबन 25 साल पहले हुए उत्तर प्रदेश के बड़ौत के गांव को छोड़कर सोनीपत में आकर रहने लगे थे। पिता रोते-रोते बोले कि उसका कोई दोस्त उसे बुलाकर लेकर गया था और हरिद्वार जाने की बात कर रहे थे।
byte - राजेंद्र अरुण का पिता बाइट - सविता अरुण की मां
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