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राकेश कुमार: कैसे बने 'नागराज' के रक्षक, जानें उनकी अनोखी कहानी!
Begusarai, Bihar
जितेन्द्र कुमार बेगूसराय
पैकेज स्टोरी
एंकर बेगूसराय के सुदूर गांव के रहने वाले राकेश कुमार जो कभी इंजीनियर बनने का सपना रखा था। लेकिन राकेश कुमार की जिंदगी में मोर ऐसा आया कि इंजीनियर बनने की जगह वह अब नागों की दुनिया में इतना रम गया है कि लोग उसे ‘नागराज’ रक्षक कहने लगे हैं। वही राकेश कुमार नागराज के रक्षक के नाम से पूरे गांव में वह फेमस हो चुके हैं। ITI पास राकेश के घर में 100 जिंदा सांप पकड़ कर रखे हुई है।जिनमें कोई विषधर नागहै। और कोई अजगर और कोबरा भी शामिल है। जब कभी बेगूसराय, खगड़िया या मुंगेर में कहीं सांप निकलता है, तो लोग डॉक्टर को नहीं, बल्कि राकेश को कॉल करते हैं। राकेश की कहानी इच्छाधारी नाग जैसा लग रहा है जो कभी लोग फिल्मों में देखा करते है। इस कहानी को सुनने के लिए लोग उसके गांव पहुंचते हैं जहां राकेश लोगों को खुद अपने जुबानी से बात बताते हैं। आपको बताते चले कि बेगूसराय जिले के डंडारी प्रखंड के महिपाटोल हरदिया गांव के रहने वाले राकेश कुमार को लोग ‘जहरीला नाग रक्षक’ या ‘राकेश भगत’ के नाम से काफी जानते हैं। इस दौरान राकेश कुमार ने बताया कि उनकी पढ़ाई ITI तक हुई है। और पढ़ाई के दौरान एक दिन उन्हें लगा कि कोई अदृश्य ताकत उनके साथ है। उनके चाचा की तबियत खराब थी। और इलाज के लिए लोग भगत के पास जाते थे। तो लोग कहते थे कि आपके घर में ही भगत हैं। धीरे-धीरे राकेश को एहसास हुआ कि वह खुद भगत हैं। यह कहानी थोड़ी अलग जरूरी लगती है। लेकिन राकेश के शब्दों पर विश्वास करने पर यह अधूरी हकीकत और आधी फसाना लगती है। लोगों का कहना है कि राकेश सांपों से बातें करते हैं। उन्हें छूते हैं. उनके साथ बिना किसी डर के खेलते हैं। गांव के बच्चों के लिए यह रोमांच से कम नहीं है। बुज़ुर्गों के लिए आस्था और बाकी लोगों के लिए एक रहस्य है। राकेश ने अपने गांव के कुछ साथियों को भी सांप पकड़ने और अपने सपेरा कार्यों में मदद करना सिखा दिया है। राकेश का दावा है कि वह 100 जहरीले सांपों को पाल रखे हैं। हालांकि इस बात की गांव वाले भी पुष्टि करते हैं। हालांकि उन्होंने कैमरे के सामने एक दर्जन सांपों के साथ प्रदर्शन किया। और कर्तव्य को दिखाया।।राकेश ने बताया कि सांप पकड़ते समय कई बार सांप काट भी लेते हैं, लेकिन देवी का आशीर्वाद है कि उन्हें कुछ नहीं होता है. बेगूसराय, खगड़िया और मुंगेर जिले में भी जब कहीं सांप दिखाई देता है, तो राकेश को बुलाया जाता है. वह न केवल सांपों को सुरक्षित पकड़ते हैं. बल्कि उन्हें जंगल में छोड़ भी देते हैं. इसके बाद भी वह खुद को सपेरा नहीं मानते हैं। राकेश का लक्ष्य सांपों को इंसानों से बचाना है। उन्होंने कहा कि लोग सांपों से जितना डरते हैं. सांप भी उतना ही लोगों से डरते हैं। कोई राकेश का गाना है कि अगर वन विभाग के द्वारा हम लोगों को मदद किया जाए तो हम और ज्यादा सांप पकड़ कर जंगलों में छोड़ने का काम करेंगे क्योंकि सांप भी एक जीव है लोग सांप को देखते हैं तो मरने के लिए उतारू हो जाते हैं लेकिन लोगों से मैं अपील करूंगा कि सांप को अगर देखे तो उसको मार नहीं और हम लोगों को जानकारी दें ताकि उसे सांप को पकड़ कर जंगल में छोड़ने का काम करेंगे। वही उसके साथ रह रहे हैं युवक भी बताते हैं कि पिछले कई सालों से राकेश सांप को पकड़ता है और सांप के साथ खेलता है इसलिए लोग उसको नाराज रक्षक गांव के लोग मानते हैं।
बाइट राकेश कुमार नागराज रक्षक
बाइट नीतीश कुमार दोस्त
बाइट बीरचंद कुमार दोस्त
बाइट अजीत कुमार दोस्त
बाइट रामसेवक कुमार ग्रामीण
बाइट पवन कुमार ग्रामीण
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