Back
महिला के पेट से निकला एक किलोग्राम बालों का गुच्छा, जानें कैसे!
Madhepura, Bihar
मधेपुरा मे एक महिला के पेट से निकला एक किलोग्राम बालों का गुच्छा, सफल ऑपरेशन मे हुआ मामले का बड़ा खुलासा। दरअसल मधेपुरा के JNKT मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बगल मे स्थित पटलीपुत्रा नामक एक निजी अस्पताल में चिकित्सकों की टीम ने एक महिला के पेट से करीब एक किलोग्राम बालों का गुच्छा सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर बाहर निकाला है।बताया जा रहा है कि महिला बीते तीन वर्षों से पेट दर्द से परेशान थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण सही इलाज नहीं करवा पा रही थी। जानकारी के अनुसार,सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के बलजोरा गांव निवासी 22 वर्षीय महिला को करीब तीन वर्षों से पेट में लगातार दर्द बना रहता था और भूख न लगना, उल्टी आना और पेट भारी रहने जैसी समस्याएं हो रही थीं। पहले तो लोग इसे मामूली दर्द समझकर नजरअंदाज करते रहे, लेकिन जब पिछले चार महीनों से महिला को तेज पेट दर्द होने लगा। जब जाकर परेशान होकर महिला के पति उसे त्रिवेणीगंज के एक चिकित्सक से इलाज करवाया जांच के बाद चिकित्सक ने दवाएं दीं और सीटी स्कैन कराने की सलाह दी। इसके बाद किसी के कहने पर परिजन उसे मधेपुरा के पथराहा स्थित JNKT मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बगल मे पाटलिपुत्रा हॉस्पिटल मे भर्ती करवाया। जहाँ अस्पताल के निदेशक व सर्जन डॉ. संतोष कुमार के नेतृत्व मे सबसे पहले महिला के पेट की सीटी स्कैन और एब्डोमिनल यूएसजी जांच करवाई गई, जिसमें पता चला कि उसके पेट के आमाशय (स्टमक) में बालों का बड़ा गुच्छा जमा हो गया है। इसे मेडिकल भाषा में ट्राइकोबेजोआर कहा जाता है, जो एक दुर्लभ मानसिक स्थिति के कारण होता है। वहीं पटलीपुत्रा अस्पताल के निदेशक व सर्जन डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि यह स्थिति तब बनती है जब किसी व्यक्ति को बाल खाने की आदत लग जाती है। पाचन तंत्र बालों को पचा नहीं पाता है जिससे बाल पेट में इकट्ठा होकर बड़ा और कठोर गुच्छा बना लेते हैं। समय रहते इलाज न होने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए सर्जन डॉ0 संतोष कुमार के नेतृत्व मे तत्काल ऑपरेशन करने का निर्णय लिया और सफल ऑपरेशन कर महिला के पेट से करीब एक किलोग्राम बालों का गुच्छा बाहर निकाला गया। चिकित्सक के अनुसार, यह ऑपरेशन जिले में प्रथम बार किया गया है। सर्जन डॉ0, संतोष ने बताया कि यदि कुछ और समय निकल जाता तो महिला की जान भी जा सकती थी। फिलहाल महिला की स्थिति समान्य है और वह रिकवरी की प्रक्रिया में है। वहीं चिकित्सकों ने महिला के परिजनों को तत्काल सलाह दी है कि महिला को मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से भी परामर्श दिलवाया जाए, ताकि वह दोबारा इस आदत का शिकार न हो सके। जरा आप खुद सुनिए क्या कुछ बता रहे हैं पटलीपुत्रा अस्पताल के निदेशक व सर्जन डॉ0, संतोष कुमार।
बाइट : डॉ0, संतोष कुमार, निदेशक सह सर्जन पटलीपुत्रा अस्पताल मधेपुरा।
0
Report
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|
Advertisement