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पाकुड़ का मार्टिर्लो टावर: हुल दिवस की ऐतिहासिक गवाह!
Pakur, Jharkhand
हुल दिवस पर विशेष--
स्पेशल स्टोरी ----
सलग – मार्टिर्लो / 30 JUNE
एरिया - पाकुड़
रिपोटर - सोहन प्रमाणिक
फॉर्मेट - PKG
एंकर इंट्रो--पाकुड़ में मार्टिर्लो टावर एक एतिहासिक किला है...जो संथाल हुल की गवाह है...हर साल 30 जून को पुरे झारखण्ड में धूमधाम से हूल दिवस मनाया जाता है... मार्टिर्लो टावर को जिला प्रशासन ने पर्यटन स्थल के रूप से विकसित करने का प्रयास किया है...जो आज सिदो - कान्हो मुर्मू के नाम से पार्क का नाम रखा गया है....इसी पार्क के परिसर में मार्टिर्लो टावर है...मार्टिर्लो टावर का अपना एक अलग इतिहास है...मार्टिर्लो टावर प्रतिरक्षातम्क किला के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के विभिन्न देशो में 19वी सदी में बनाया गया था...इसकी उचाई 40 फिट हुआ करती थी... मार्टिर्लो टावर इटली स्थित जेनेवा के एक गोलाकार पर आधारित है...और उसका निर्माण कार्य 1856 में कराया गया था...पाकुड़ के वर्तमान मार्टिर्लो टावर की उचाई 27 फिट और उसका बाहरी व्यास 17 फिट है... जिसमे कुल 52 छिद्र है...दो खिड़की और एक दरवाजा है...इसे पाकुड़ के पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी सर मार्टिन ने सन 1856 में बनवाया था....इसका मुख्य उद्देश्य संथाल विद्रोहियों पर नजर रखना और उनका प्रतिरोध करना था...जब संथाल विद्रोहियों ने ब्रिटिश शासन के पदाधिकारियो को घेर लिया था तभी यह किला एक रात में बनाया गया था....किला में ईट के सहारे नुकीला छेद बनाया गया था...जिसमे बन्दुक रखकर विद्रोहियो को मारा जाता था...आज हुल दिवस पर यह मुख्य समारोह स्थल बन गया है...मार्टिर्लो टावर परिसर में पार्क के अन्दर सिदो – कान्हो मुर्मु की प्रतिमा बनाई है...जिसमे 30 जून को सभी राजनीतिक पार्टी के लोग ,जिला प्रसासन , छात्र संघठन माल्यार्प्रण कर हुल दिवस मनाते है....
बाइट-1-रामसिंह टुडू, पूर्व प्रमुख
बाइट-2-सनत कुमार सोरेन, सामाजिक कार्यकर्ता
बाईट-3-दुर्गा मरांडी,भाजपा नेता
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