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कर्नल शमशेर सिंह को अंतिम विदाई: वीरता और बलिदान को किया गया याद
Bhiwani, Haryana
वीर सपूत कर्नल शमशेर सिंह का राजकीय सम्मान के साथ भिवानी के लोहारू के पैतृक गांव रहीमपुर में अंतिम संस्कार
कर्नल शमशेर सिंह अमर रहे के नारो के साथ नम आंखों से दी अंतिम विदाई
सेना के अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों और क्षेत्र के हजारों गणमान्य नागरिको ने दी कर्नल को श्रद्धांजलि
कर्नल के इकलौते पुत्र शुभम ने दी पिता की चिता को मुखाग्नि
भिवानी के लोहारू के वीर सपूत कर्नल शमशेर सिंह का राजकीय सम्मान के साथ सोमवार को उनके पैतृक गांव रहीमपुर में अंतिम संस्कार किया गया।कर्नल शमशेर सिंह अमर रहे के नारो के साथ नम आंखों से उनको अंतिम विदाई दी।सेना के अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों और क्षेत्र के हजारों गणमान्य नागरिको ने कर्नल को श्रद्धांजलि दी। कर्नल के इकलौते पुत्र शुभम ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।
गौरतलब है कि विगत दिवस अहमदाबाद से दिल्ली स्थित सेना भवन में उनके पार्थिव शरीर को लाया गया जहां सम्मान के साथ सेना के अधिकारियों द्वारा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ वीर सपूत को अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर सेना के अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारियों ने नम आंखों से उनको अंतिम विदाई दी।
आपको बता दे कि कोलाबा मुंबई में कर्नल की पोस्ट पर तैनात थे। 35 वर्षों तक उन्होंने भारत माता की सेवा की है। शमशेर सिंह 1990 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और 22 जुलाई को सेना से उनका रिटायरमेंट था। उन्होंने बताया कि विगत दिवस अहमदाबाद अपने बेटे शुभम का एडमिशन कराने के लिए माईका कॉलेज में गए थे। उन्होंने एडमिशन की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली थी इसी दौरान उनको अचानक से हार्ट अटैक हो गया। जिसके बाद उनको प्राथमिक उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां उनको मृत घोषित कर दिया। कर्नल शमशेर सिंह बिजारणियां के एक ही बेटा शुभम है। कर्नल शमशेर सिंह ने कर्नल रैंक तक पहुंचकर गांव का नाम रोशन किया है उनकी वीरता और बहादुरी को हमेशा याद रखा जाएगा।
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