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क्या संविधान में धर्मनिरपेक्षता नासूर बन गया है? बृजभूषण का बयान!
Gonda, Uttar Pradesh
एंकर- खबर गोंडा से है। जहां बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने उप राष्ट्रपति जगदीश धनखड़ के बयान संविधान में धर्मनिरपेक्षता और समाजवादी दो शब्द नासूर बन गए है पर बृजभूषण ने कहा कि जिस समय देश में आपातकाल लगा उस समय देश तुष्टीकरण की राजनीति चल रही थी और वहीं कारण जो संविधान में यह धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़ा गया जो संविधान की मूल प्रस्तावना है जिसको बाबा साहब अंबेडकर के देखरेख में बनाया गया था उसमें यह नहीं है और कांग्रेस ने कई बार तुष्टीकरण के आधार पर संविधान में छेड़छाड़ करने का कार्य किया है। जिसके कारण आज नई-नई विवाद हो रहे है और मैं भी आवश्यकता महसूस करता हूं कि जहां-जहां जिसके कारण समाज में तनाव पैदा होता हो या पैदा हो रहा है उन शब्दों को हटाया जाना चाहिए राहुल। वही राहुल गांधी के ट्वीट संविधान BJP और RSS को चुभता है बीजेपी को संविधान नहीं मनु स्मृति चाहिए जिससे देश के गरीबों को दोबारा गुलाम बनाया जा सके पर बृजभूषण ने कहा कि राहुल गांधी को मनु स्मृति पढ़ना चाहिए। सवाल मनु स्मृति का नहीं है तमाम महापुरुषों ने जब राज चलाया है तो समाज को एक व्यवस्था देने का काम किया है मनुस्मृति पढ़ना चाहिए जन्म के आधार पर ना कोई शूद्र था ना जन्म के आधार पर कोई वैश्य था ना जन्म के आधार पर कोई क्षत्रिय था उनको यह भी पढ़ना चाहिए की वेदब व्यास को जो सम्मान द्वापर में प्राप्त है बेदब व्यास कौन थे। तो यानी कर्म के आधार पर घटने और बढ़ने की व्यवस्था थी तो मनु स्मृति हम सबके लिए गर्व करने का विषय है और उस समय उन्होंने एक व्यवस्था दी थी कि समाज का संतुलन कैसे बना रहे किस आधार पर समाज चले उसे समय का नियम था जिसको मनु स्मृति में लिखा गया है और बाद में मनुस्मृति में कुछ छेड़छाड़ की गई है और इसको जो है केवल देश के अंदर विवाद पैदा करने के लिए उसमें छेड़छाड़ की गई है अगर मूल जो मनुस्मृति है उसको अगर राहुल गांधी पढ़ लेते तो अच्छा होता। वही टीएमसी नेता मदन मित्रा का बयान कि अगर स्कूल बंद है और इस तरीके से अगर वहां किसी महिला को बुलाया जा रहा है तो कुछ ना कुछ ऐसी घटना घट सकती है अगर वह किसी को बता के या बुला के ले गई होती तो ऐसी घटना न घटती और सुवेंदु अधिकारी के बयान की जबतक सेना नहीं लगाई जाएगी ऐसी घटनाएं घटती रहेंगी पर बृजभूषण ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जिस समय कम्युनिस्ट का शासन था उस समय भी कानून का सम्मान नहीं था यहां तक की केंद्र सरकार को भी कभी-कभी वह मानने से इनकार करते हैं अब उसका इलाज क्या है यह भारत सरकार को सोचना पड़ेगा।
बाइट- बृजभूषण शरण सिंह- बीजेपी नेता।
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