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जोधपुर में साइक्लोनर टीम ने 25,000 के इनामी दुर्गा राम को पकड़ा!
Jodhpur, Rajasthan
जोधपुर
साइक्लोनर टीम को मिली एक और कामयाबी
₹25000 के इनामी आरोपी को किया गिरफ्तार
आरोपी दुर्गा राम को किया गिरफ्तार
वह तस्करों को देखकर उनकी ऐसो आराम की जिंदगी को देखकर तस्करी के गोरख धंधे में फस तो गया लेकिन पुलिस में वांछित हो गया पुलिस से बचने के लिए वह मोबाइल का प्रयोग भी नहीं करता था लेकिन कहते हैं कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और आखिरकार दुर्गाराम पकड़ा गया
जोधपुर रेंज आईजी की साइक्लोनर टीम को एक और कामयाबी मिली है टीम ने ₹25000 के इनामी आरोपी दुर्गाराम को पकड़ा है
कार्रवाई के बारे में बताते हुए जोधपुर पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया की रेंज की साइक्लोनर टीम ने लंबे समय से फरार चल रहे इनामी और मादक पदार्थों की तस्करी में वांछित आरोपी को दबोचने में सफलता पाई है टीम ने ऑपरेशन फोर्टरेस्ट चलाकर ₹25000 ईनामी आरोपी दुर्गाराम को गिरफ्तार किया है दुर्गाराम बरसींगों का बास मतोड़ा फलोदी का रहने वाला है आरोपी आठवीं कक्षा तक पढ़ा है शुरुआत में पिता की मदद के लिए पत्थरो की खदानों में काम करने लगा पड़ोस में रहने वाली तस्करों के आराम और लग्जरी गाड़ियों में घूमते देखा दुर्गाराम का भी मन विचलित हुआ और पड़ोसी कालू के साथ अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में लग गया और आखिरकार कालूराम के साथ ड्राइविंग में दक्ष दुर्गाराम डोडा पोस्त से भरे ट्रक मेवाड़ से लेकर मारवाड़ से मंडली तक पहुंचाने लगा पुलिस ने ट्रक पकड़ भी लिया पर दुर्गाराम ट्रक छोड़कर भागने में सफल हुआ दुर्गा राम ने तो पैसे कमा सका और न हीं आसाराम की जिंदगी पा सका उल्टा 2 साल की फरारी के दौरान पुलिस से बचने के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो गया दुर्गाराम के विरुद्ध मादक पदार्थों की तस्करी का प्रकरण दर्ज होने के पश्चात पिता ने भी पुत्र से दूरी बना ली इस प्रकार आरोपी दुर्गा राम अपने एक गलत फैसले के चलते अपनों से दूर हो गया और गलत दोस्ती के संगत में पुलिस में वांछित हो गया दुर्गाराम पुलिस से बचने के लिए भागता रहा पुलिस को चकमा देता रहा
कुछ इस तरीके से पकड़ा गया दुर्गाराम
साइक्लोनर टीम को जानकारी मिली कि दुर्गाराम अपनी पत्नी से मिलने के लिए अपने दूर के रिश्तेदार के यहां आता है और पत्नी को भी वही बुला लेता है साइक्लोनर टीम ने दुर्गाराम के परिवार पर नजर रखनी शुरू की दुर्गाराम को पकड़ने के लिए साइक्लोनर टीम ने दो से तीन बार असफल कोशिश की और आखिरकार दुर्गाराम पकड़ा ही गया दुर्गाराम इतना शातिर था कि फरारी के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता पत्नी से सीधे बात न करके एक करीबी पड़ोसी को किसी से अनजान नंबरों से फोन करके उसे संदेश भिजवाता था और पड़ोसी खुद जाकर उसकी पत्नी को यह बात बता देता था
बाईट विकास कुमार आईजी रेंज जोधपुर
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