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फर्जी CBI अधिकारी बनकर 35 लाख की ठगी, साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी!
Azamgarh, Uttar Pradesh
रिपोर्ट - वेदेन्द्र प्रताप शर्मा
स्थान - Azamgarh
फर्जी CBI अधिकारी बनकर रिटायर्ड पुलिस निरीक्षक को बनाया शिकार, साइबर पुलिस ने 35 लाख के फ्रॉड में गुजरात से 2 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार।
Anchor :- जनपद आजमगढ़ की साइबर थाना पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गुजरात के भावनगर से 2 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों ने फर्जी CBI और एंटी-करप्शन अधिकारी बनकर एक रिटायर्ड पुलिस निरीक्षक से करीब 35 लाख रुपये की ठगी की। पुलिस की कार्रवाई में दो अभियुक्त गुजरात के निवासी सरवैया कौशिक और भगीरथ सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
V.O. 1 :- पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर यह सफलता हासिल की गई है। अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा सं. 08/2025 के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज है, जिसमें BNS की धारा 318(4), 319(2), 204, 351(4), 337, 338 और IT एक्ट की धारा 66C, 66D शामिल हैं। घटना का खुलासा तब हुआ जब 23 फरवरी 2025 को पीड़ित ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज की कि अज्ञात व्यक्ति ने फोन पर खुद को CBI अधिकारी बताकर डराया-धमकाया और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर उनके खातों में 35 लाख रुपये जमा करवा लिया। गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वे साइबर अपराधियों के साथ मिलकर फर्जी बैंक खातों में पैसे मंगवाते थे और फिर ATM व चेक के जरिए निकासी कर कमीशन के लिए अंगड़िया केंद्रों/जनसेवा केन्द्र की तरह एक प्रकार की संस्था के माध्यम से पैसे भेजते थे, जिसके बदले में मोटी रकम कमीशन के तौर मिलती थी। एसपी ग्रामीण ने बताया कि इस मामले में आगे और भी जांच की जा रही है, जो भी मास्टरमाइंड है उनकी भी विवेचना की जा रही है। पैसे को रिकवर करने का प्रयास किया जा रहे हैं, अब तक डेढ़ लाख रुपये को होल्ड पर किया गया है। इनके द्वारा विभिन्न बैंकों से पैसे के लेनदेन को लेकर भी जांच की जा रही है। जांच के आधार पर जो भी तथ्य प्रकाश में आएंगे कार्रवाई की जायेगी।
Bite :- चिराग जैन, अपर पुलिस अधीक्षक-ग्रामीण, आजमगढ़
V.O. 2 :- इस घटना को लेकर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि साइबर अपराध से बचने के लिए अज्ञात कॉल्स, संदिग्ध लिंक्स और व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें। किसी भी साइबर फ्रॉड की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं है, और ऐसे कॉल्स साइबर ठगों द्वारा किए जाते हैं।
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