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असम के बुलडोजर एक्शन पर फिर बवाल, मुस्लिम समूहों और राजनीतिक दल ने कड़ी निंदा की
SASARIFUDDIN AHMED
Oct 22, 2025 10:11:13
Guwahati, Assam
असम सरकार के बुलडोजर एक्शन असम में फिर से शुरू होने के बाद असम के विभिन्न लोगों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. असम सरकार के बुलडोजर एक्शन के खिलाफ मुस्लिम स्टूडेंट यूनियन ऑफ़ आसाम MUSA के प्रमुख आशिक रब्बानी ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए असम सरकार के बुलडोजर एक्शन के खिलाफ तीव्र भाषा से निंदा जाहिर की उन्होंने कहा कि असम के गौरव जुबीन गर्ग के मौत के बाद असम में भाईचारा देख असम सरकार का बुलडोजर में रोक लगा दी गई थी परंतु अभी फिर से बुलडोजर एक्शन चला रहे हैं असम सरकार इसे असम सरकार जल्द से जल्द बंद करें नहीं तो असम की जनता इस पर जरूर हंगामा करेंगे. वही असम के इंडीजीनस मुस्लिम गोरिया समुदाय के एक लीडर अशरफ अली ने भी असम सरकार के बुलडोजर एक्शन पर करी निंदा जाहिर करते हुए कहा कि असम सरकार ने जुबीन गर्ग के मौत के बाद बुलडोजर क्रिया को रोक लगा दिया था क्योंकि तब से आज तक हिंदू मुस्लिम एक हो चुके हैं और अभी फिर से बुलडोजर एक्शन जो चला रहे हैं इसका खामियाजा जल्द से जल्द असम सरकार को भुगतना होगा. वही असम सरकार के बुलडोजर एक्शन के खिलाफ असम के स्थानीय राजनीतिक दल जातीय पार्टी के तरफ से भी एडवोकेट Razaul Karim ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए असम सरकार के बुलडोजर क्रिया को रोक लगाने के लिए कानून का सहारा असम के जनता को लेना होगा और कानून के जरिए इस बुलडोजर क्रिया को बंद करना होगा नहीं तो यह बुलडोजर असम के मुसलमान के घर में चलता ही रहेगा और उन्होंने असम सरकार के बुलडोजर एक्शन के खिलाफ करी भाषा से निंदा जाहिर की.
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ACAshish Chaturvedi
Oct 24, 2025 06:33:17
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MKMohammad Khan
Oct 24, 2025 06:32:54
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FWFAROOQ WANI
Oct 24, 2025 06:32:31
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RRRakesh Ranjan
Oct 24, 2025 06:31:15
Noida, Uttar Pradesh:मुख्यमंत्री योगी का बड़ा निर्णय, 30 वर्ष बाद बढ़ेंगे पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के वित्तीय अधिकार पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पांच गुना तक वृद्धि का निर्णय वर्ष 1995 में तय सीमाएं अब पुरानी, लागत बढ़ने के अनुरूप अब हो रहा वित्तीय अधिकारों का पुनर्निर्धारण मुख्य अभियंता को अब ₹10 करोड़, अधीक्षण अभियंता को ₹5 करोड़ तक कार्य स्वीकृति का अधिकार अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता के अधिकारों में भी बढ़ोतरी से निर्णय प्रक्रिया होगी त्वरित मुख्यमंत्री के निर्णय से निविदा, अनुबंध व कार्यारंभ प्रक्रिया में तेजी, प्रशासनिक दक्षता व पारदर्शिता में वृद्धि होगी उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) (उच्चतर) नियमावली, 1990 में होगा संशोधन विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग में पहली बार मुख्य अभियंता (स्तर-एक) का नया पद शामिल मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या बढ़ी, पदोन्नति प्रक्रिया स्पष्ट होगी लखनऊ, 24 अक्टूबर:- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोक निर्माण विभाग के विभागीय अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पाँच गुना तक की वृद्धि किए जाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बदलावों से विभागीय अधिकारियों को निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता प्राप्त होगी। उच्च स्तर पर अनुमोदन की आवश्यकता घटने से निविदा, अनुबंध गठन एवं कार्यारम्भ की प्रक्रिया में गति आएगी। यह सुधार वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाने में सहायक होगा。 शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग की बैठक में यह तथ्य सामने आया कि विभाग के अधिकारियों के वित्तीय अधिकार वर्ष 1995 में निर्धारित किए गए थे। इस बीच निर्माण कार्यों की लागत में पाँच गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के अनुसार वर्ष 1995 की तुलना में वर्ष 2025 तक लगभग 5.52 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में वित्तीय अधिकारों का पुनर्निर्धारण आवश्यक है, जिससे निर्णय प्रक्रिया में तेज़ी आए और परियोजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध रूप से किया जा सके। अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग ने मुख्यमंत्री को सिविल, विद्युत एवं यांत्रिक कार्यों के लिए वित्तीय अधिकारों की वर्तमान व्यवस्था की जानकारी दी। विमर्श के उपरांत निर्णय लिया गया कि सिविल कार्यों के लिए अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों की सीमा अधिकतम पाँच गुना तक तथा विद्युत एवं यांत्रिक कार्यों के लिए कम से कम दो गुना तक बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्णय के अनुसार मुख्य अभियंता को अब ₹2 करोड़ के स्थान पर ₹10 करोड़ तक के कार्यों की स्वीकृति का अधिकार होगा। अधीक्षण अभियंता को ₹1 करोड़ से बढ़ाकर ₹5 करोड़ तक के कार्यों की स्वीकृति का अधिकार दिया जाएगा। अधिशासी अभियंता के वित्तीय अधिकार ₹40 लाख से बढ़ाकर ₹2 करोड़ किए जाएंगे। सहायक अभियंता को भी सीमित दायरे में टेंडर स्वीकृति एवं छोटे कार्यों की अनुमति देने के अधिकार बढ़ाए जाएंगे। बता दें कि यह पुनर्निर्धारण तीन दशकों के बाद होने जा रहा है。 बैठक में उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) (उच्चतर) नियमावली, 1990 में संशोधन के माध्यम से विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग की सेवा संरचना, पदोन्नति व्यवस्था तथा वेतनमान के पुनर्गठन से जुड़े प्रस्तावों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि नियमावली में किया जा रहा यह संशोधन विभागीय अभियंताओं की सेवा संरचना को वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के उद्देश्य से किया गया है। संशोधित नियमावली में विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग में पहली बार मुख्य अभियंता (स्तर-एक) का नया पद सम्मिलित किया गया है। इसके साथ मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या में वृद्धि की गई है। नवसृजित पदों को नियमावली में समाहित करते हुए उनके पदोन्नति स्रोत, प्रक्रिया और वेतनमान को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जिससे सेवा संरचना अधिक पारदर्शी और संगठित हो सके। बैठक में यह भी बताया गया कि मुख्य अभियंता (स्तर-एक) के पद पर पदोन्नति अब मुख्य अभियंता (स्तर-दो) से वरिष्ठता के आधार पर की जाएगी। इसी प्रकार मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों पर भी पदोन्नति की प्रक्रिया को नियमावली में स्पष्ट किया गया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप अधिशासी अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता (स्तर-एक) तक के पदों के वेतनमान और मैट्रिक्स पे लेवल भी निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ चयन समिति की संरचना को अद्यतन किया गया है, ताकि पदोन्नति और नियुक्ति की कार्यवाही अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ की जा सके。 मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग राज्य की विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में एक प्रमुख विभाग है, इसलिए अभियंताओं की सेवा नियमावली को समयानुकूल, व्यावहारिक और पारदर्शी बनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि योग्यता, अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति व्यवस्था से विभाग की कार्यकुशलता, तकनीकी गुणवत्ता और सेवा भावना को नई दिशा मिलेगी。
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JPJai Pal
Oct 24, 2025 06:30:13
Haldwani, Uttar Pradesh:Anchor:-लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा,l अब अपने चरम पर है। सूर्य देव की उपासना के इस महान पर्व के लिए पूरे देश में तैयारी शुरू हो गई है। लेकिन आज हम आपको ले चलते हैं महादेव की नगरी काशी, जहां छठ को लेकर एक अद्भुत उत्साह देखने को मिल रहा है। काशी के सभी 84 घाटों पर छठ व्रतियों के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। घाटों पर जगह घेरने का काम शुरू हो चुका है, तो वहीं प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधा के लिए कमर कस ली है。 VO:-1- गंगा किनारे बसी धर्म नगरी काशी पूरी तरह छठ के रंग में रंग चुकी है। अस्सी से राजघाट तक, सभी 84 घाटों पर आस्था का महापर्व छठ मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। लोगों ने अभी से अपने घाटों पर जगह घेरनी शुरू कर दी है। अस्सी घाट जैसे प्रमुख स्थानों पर, व्रती परिवार बेदी (अस्थायी वेदी/चौकी) बनाकर अपनी जगह सुनिश्चित कर रहे हैं। | VO:-2- जिला प्रशासन भी छठ व्रतियों की सुविधा के लिए पूरी तरह मुस्तैद है। महिलाओं की सुविधा को देखते हुए सभी प्रमुख घाटों पर अस्थायी चेंजिंग रूम बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही, पूरे घाट क्षेत्र को एलईडी लाइटों से सजाया जा रहा है, ताकि रात में अर्घ्य के समय रोशनी की कोई कमी न रहे। | VO:-3- सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। छठ के दौरान गंगा नदी में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें तैनात रहेंगी। ये टीमें अर्घ्य के समय गहरे पानी में जाने वाले श्रद्धालुओं पर नजर रखेंगी और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहेंगी। | WKT- अस्सी घाट से तैयारियां दिखाते हुए बाइट-1- बिहार से आए श्रद्धालु , अस्सी घाट बाइट-2- शिवानी पाण्डेय, सिवान, बिहार , अस्सी घाट बाइट- 3- छठ व्रत करने वाली महिला, बिहार, अस्सी घाट
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