Back
मोतीडूंगरी गणेश मंदिर: आस्था, कला और वैभव का संगम
DGDeepak Goyal
Dec 17, 2025 10:23:31
Jaipur, Rajasthan
आस्था की अपनी सीमा नहीं होती और इसका सबसे जीवंत उदाहरण राजधानी जयपुर का मोतीडूंगरी गणेश मंदिर है। अरावली की पहाड़ियों की तलहटी में स्थित यह मंदिर सिर्फ जयपुर या राजस्थान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब सात समंदर पार बसे भक्तों के लिए भी प्रथम पूज्य श्रीगणेश के दर्शन का बड़ा केंद्र बन चुका है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु هنا मन्नत मांगने, नए जीवन की शुरुआत से पहले आशीर्वाद लेने और विघ्नों के नाश की कामना के साथ शीश नवाने पहुंचते हैं। जयपुर स्थित मोतीडूंगरी गणेश मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यहां विराजमान दाहिनी सूंड़ वाले गणेशजी की विशाल प्रतिमा है, जिनका सिंदूर से चोला चढ़ाकर भव्य श्रृंगार किया जाता है। मंदिर के महंत कैलाश शर्मा बताते हैं कि यहां भगवान गणेश को प्रथम पूज्य मानकर हर शुभ कार्य से पहले स्मरण किया जाता है। यही कारण है कि नया वाहन खरीदने से लेकर विवाह जैसे मांगलिक अवसरों पर पहला निमंत्रण पत्र आज भी इसी मंदिर में चढ़ाने की परंपरा निभाई जाती है। यह परंपरा केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही सांस्कृतिक विरासत बन चुकी है। मोतीडूंगरी गणेश मंदिर का इतिहास भी उतना ही रोचक और आस्था से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि संवत 1818 में गणेश चतुर्थी के दिन यह प्रतिमा जयपुर लाई गई थी। जयपुर नरेश माधोसिंह प्रथम की पटरानी अपने पीहारि उदयपुर के मावली से इस प्रतिमा को लेकर आई थीं। जब प्रतिमा को बैलगाड़ियों से ले जाया जा रहा था, तभी मोतीडूंगरी की तलहटी में गाड़ी के पहिए फंस गए। इसका देवी संकेत मानते हुए यहीं गणेशजी को विराजमान करने का निर्णय लिया गया। इस प्रतिमा का संबंध और भी प्राचीन काल से जुड़ा है। मावली में यह मूर्ति महाराष्ट्र से लाई गई थी और उस पर मूषक के आसन से संबंधित शिलालेख भी विद्यमान है। मावली के पल्लीवाल ब्राह्मण यह प्रतिमा लेकर जयपुर आए और उन्हीं की देखरेख में मोतीडूंगरी की तलहटी में मंदिर का निर्माण कराया गया। अथर्ववेद के अथर्वशीर्ष में वर्णित गणपति स्वरूप के अनुसार यहां भगवान गणेश एकदंत, चतुरहस्त, पाश और अंकुश धारण किए हुए मूषक ध्वज के साथ विराजमान हैं। साथ ही रिद्धि-सिद्धि पत्नी स्वरूप और शुभ-लाभ पुत्र स्वरूप भी निज मंदिर में प्रतिष्ठित हैं। समय के साथ मंदिर केवल आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि स्थापत्य और सौंदर्य का भी प्रतीक बनता जा रहा है। महंत कैलाश शर्मा के अनुसार हाल के वर्षों में मंदिर में कई नवाचार किए गए हैं। गर्भगृह में भगवान गणेश के समक्ष सोने का कार्य कराया गया है, जिससे दर्शन करने पर मंदिर स्वर्ण आभा से दमकता नजर आता है। अब तक करीब सात किलो सोने का काम मंदिर में पूरा हो चुका है। मंदिर परिसर के खंभों पर भी स्वर्ण कलश और स्वास्तिक चिन्हों का काम किया जा रहा हैं। इस कार्य की एक खास बात यह भी है कि इसमें देश-विदेश के कलाकारों का योगदान रहा है। इटली की कलाकार कमला हैरिस इस स्वर्ण कार्य को आकार दिया है। जबकि पुरातत्व पद्धति से चांदी के पत्र को गर्म कर उस पर सोना चढ़ाने का कार्य मुस्लिम कलाकार इमरान खान ने किया है। यह अपने आप में गंगा-जमुनी तहजीब और साझा सांस्कृतिक विरासत का उदाहरण भी बनता है। मोतीडूंगरी गणेश मंदिर आज सिर्फ पूजा-अर्चना का स्थान नहीं, बल्कि जयपुर की पहचान और आस्था का प्रतीक बन चुका है। यहां आने वाला हर श्रद्धालु यही महसूस करता है कि विघ्नहर्ता के दरबार में दूरियां मायने नहीं रखतीं। शायद यही वजह है कि जयपुर से लेकर विदेशों तक बसे भक्तों के दिलों में मोतीडूंगरी गणेश मंदिर की गहरी छाप है और प्रथम पूज्य के प्रति यह आस्था दिन-ब-दिन और मजबूत होती जा रही है। मोतीडूंगरी गणेश मंदिर की पहचान अब केवल जयपुर तक सीमित नहीं रह गई है। आस्था की यह परिक्रमा शहर की सीमाओं को लांघकर विदेशों तक पहुंच चुकी है। कोई नई गाड़ी लेने से पहले यहां माथा टेकता है, तो कोई जीवन के सबसे बड़े फैसले से पहले पहला निमंत्रण पत्र गणपति चरणों में अर्पित करता है। सदियों पुरानी प्रतिमा, परंपराओं की निरंतरता और स्वर्ण आभा से सजा गर्भगृह यह सब मिलकर मोतीडूंगरी को सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि विश्वास का ऐसा केंद्र बनाता है, जहां हर शुरुआत से पहले लोग आज भी वही कहते हैं—प्रथम पूज्य के दर पर हाजिरी के बिना कोई शुभ कार्य पूरा नहीं माना जाता।
0
Report
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|
Advertisement
SLSanjay Lohani
FollowDec 17, 2025 11:54:070
Report
PSPradeep Sharma
FollowDec 17, 2025 11:53:540
Report
JSJitendra Soni
FollowDec 17, 2025 11:53:280
Report
MKMUKESH KUMAR
FollowDec 17, 2025 11:53:160
Report
ASArvind Singh
FollowDec 17, 2025 11:53:000
Report
PSPramod Sharma
FollowDec 17, 2025 11:52:490
Report
NJNitish Jha
FollowDec 17, 2025 11:52:300
Report
PSPramod Sharma
FollowDec 17, 2025 11:52:120
Report
ATANKUR TYAGI
FollowDec 17, 2025 11:51:530
Report
AYAMARJEET YADAV
FollowDec 17, 2025 11:51:310
Report
MSManish Singh
FollowDec 17, 2025 11:51:120
Report
NMNitesh Mishra
FollowDec 17, 2025 11:50:530
Report
DBDEBASHISH BHARATI
FollowDec 17, 2025 11:50:270
Report
AOAjay Ojha
FollowDec 17, 2025 11:49:470
Report
SASHAKIL AHMAD
FollowDec 17, 2025 11:49:280
Report